जानें, क्या हैं अजवाइन के फायदे और नुकसान
2022-05-25 17:53:59
सभी घरों में खाने का जायका बढ़ाने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रयोग घरो में मसाले, चूर्ण, काढ़े और पानी के रूप में किया जाता है। यह स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी मदद करती है। इसलिए आयुर्वेद में इसको उत्तम दर्जे की औषधि माना गया है।
क्या है अजवाइन
यह एक प्रकार का मसाला है। जो जीरा और सौंफ परिवार से संबंधित है। इसका पौधा हरे रंग का होता है। जिसकी पत्तियां पंख के समान और बीज अंडाकार होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रेकिस्पर्मम अम्मी (Trachyspermum ammi) है। यह स्वाद में कड़वी और तीखी होती है। इसे तमिल में ओमम, कन्नड़ में ओम कलुगलु, तेलुगु में वामु और मलयालम में अयोधमकम व हिंदी में अजवाइन के नाम से जाना जाता है।
आयुर्वेद में अजवाइन का महत्व-
इसमें थाइमोल, सक्रीय एन्ज़ाइम्स जैसे कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो पेट संबंधित बीमारियों में बेहद लाभदायक होते हैं। इसका सेवन करने से पेट दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार और एसिडिटी में आराम मिलता है। साथ ही यह वजन घटाने में भी मदद करती है। इसलिए रसोईघर के अलावा आयुर्वेद में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
अजवाइन के फायदे;
गैस की समस्या दूर करे-
इसमें थाइमोल की मात्रा ज्यादा होती है। जो गैस्टिक रस के स्राव को बढ़ाता है। साथ ही भोजन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में सहायता करता है। जिसके कारण मल को त्यागने में आसानी होता है। परिणामस्वरूप कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
गर्भावस्था में फायदेमंद-
मुख्य रूप से अजवाइन गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होती है। क्योंकि इस समय शरीर के हार्मोन्स में बदलाव होता है और गर्भाशय के कारण पाचन धीमा हो जाता है। जिससे पेट फूलना, आहार नली में गैस बनने जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे में अजवाइन का सेवन करना लाभदायक होता है। क्योंकि इसमें मौजूद सक्रीय एंजाइम पाचन गतिविधि में वृद्धि करते हैं। साथ ही आंत संबंधित समस्याओं को भी दूर करते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक-
अजवाइन का उपयोग बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने में किया जाता है। इसके बीज में एंटीहाइपरलिपिडेमिक गुण पाया जाता है। जो शरीर के खराब कोलेस्ट्रोल (एलडीएल), ट्राइग्लिसराइड्स और टोटल लिपिड को कम करने में मदद करता है।
अस्थमा में लाभदायक-
एनसीबीआई की रिसर्च के अनुसार, अजवाइन में एंटीअस्थमा प्रभाव होता है। जो श्वसन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और अस्थमा जैसी समस्याओं को कम करता है।
वायरल इन्फेक्शन में फायदेमंद-
अजवाइन में अधिक मात्रा में थाइमोल होता है। जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को भी बढ़ाने का काम करता है। जिससे जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल इन्फेक्शन दूर होते हैं। इसलिए थाइमोल को अजवाइन का एंटीबैक्टीरियल गुण भी कहा जाता है।
कान के दर्द में लाभप्रद-
अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेंटरी यौगिक तत्व होते हैं। जो कान में इकट्ठे जमाव को हटाने में सहायता करते हैं। साथ ही अजवाइन में एंटीसेप्टिक गुण भी होता है। जो फूंसी-फोड़े के कारण होने वाले दर्द में राहत प्रदान करता है।
स्तनपान के लिए फायदेमंद-
प्रसव (डिलीवरी) के बाद कुछ महिलाओं के स्तनों में ठीक तरह से दूध नहीं बन पाता है। जिस वजह से शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता। इस स्थिति में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अजवाइन का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि अजवाइन दूध स्राव को बेहतर करने में सहायता करती है।
उल्टी में लाभदायक-
उल्टी और मितली की समस्या होने पर अजवाइन का सेवन करना एक बेहतर विकल्प है। इससे उल्टी और मितली में आराम मिलता है।
जोड़ो के दर्द को कम करने में कारगर-
अजवाइन में मुख्यतः एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं। जो जोड़ों और गठिया दर्द को कम करने का काम करते हैं।
अजवाइन के नुकसान-
- तासीर से गर्म होने के कारण कभी-कभी यह स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा कर देती है। इसलिए गर्मियों के मौसम में इसका सेवन कम से कम मात्रा में करें।
- इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इसलिए अजवाइन का अधिक सेवन करने से पेट में गैस, मरोड़, पेट की सूजन (पेट फूलना) और एसिडिटी जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
- पेट में अल्सर, आतंरिक रक्तस्राव, अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) से पीड़ित लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।