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क्या होता है बाबची एसेंशियल ऑयल?

क्या होता है बाबची एसेंशियल ऑयल?

2022-05-24 18:54:33

बाबची एसेंशियल ऑयल सोरायली सोरिलिफोलिया पौधे के बीज और पत्तियों से निकाला जाता है। बकुची (बाबची) का पौधा एक औषधीय जड़ी-बूटी है। जो आकार में छोटा होता है। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 3 से 4 फुट तक होती है। इस पौधे के बीज तिरछे, सपाट और भूरे रंग के होते हैं। जिनमें कड़वा स्‍वाद और अप्रिय गंध होती है। बाकुची या बकुची पूरे भारत में उगता है और इसे आमतौर पर बाबची के रूप में जाना जाता है।

 
आयुर्वेद में बाबची एसेंशियल तेल का महत्व-
 

आयुर्वेद के अनुसार बाबची एसेंशियल तेल कड़वा, प्रकृति में गर्म, वात-कफ नाशक, रुचिकारक, पित्तजनक, रक्त पित का नाश करने वाली, हृदय के लिए हितकारी होता है। यह ज्वर, क्रमी, कुष्ठ स्वास, बवासीर, खांसी, सूजन, पाण्डुरोग (पीलिया) और दांत के कीड़े में लाभप्रद साबित होता है। बाबची प्रकृति में एंटी-माइक्रोबियल है। इसके अतिरिक्त बाबची एसेंशियल ऑयल में कीमो-प्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्‍सीडेंट आदि तत्व मौजूद हैं। इस पौधे की सबसे प्रभावी विशेषता यह है कि इसके औषधीय गुणों के कारण इसका हर हिस्‍सा उपयोगी है। लेकिन अधिकांश विकारों को दूर करने के लिए इसके बीजों से बने तेलों का इस्तेमाल किया जाता है।

 

वैज्ञानिक मतानुसार बाबची के रासायनिक संगठन का विश्लेषण करने पर पता चला है कि बाबची फल में उड़नशील तेल, स्थिर तेल, रवेदार पदार्थ सोरलेन और आइसो सीरलेन पाए जाते हैं। बाबची एसेंशियल ऑयल सफेद दाग, खाज, दाद, मुंहासों और झाइयां जैसे चर्म रोगों में बहुत गुणकारी पाया गया है। उपरोक्त तत्वों के मौजूदगी से बाबची जीवाणुनाशक और कृमिनाशक भी होता है। 

 
बाबची  एसेंशियल तेल के फायदे;
 
त्वचा के लिए लाभप्रद -
 

बाबची  एसेंशियल तेल प्रकृति से एंटी माइक्रोबियल होता है। जो मुख्‍य रूप से त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह सोरायसिस, ल्‍यूकोडर्मा, त्‍वचा संक्रमण, त्वचा के चकते और एलर्जी आदि को रोकने में सहायता करता है।

 
श्वसन रोगों में फायदेमंद -
 

बाबची  एसेंशियल तेल के फायदे इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण होते हैं। जो संक्रमण के दौरान श्वसन तंत्र की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। यह सर्दी, अस्‍थमा, डिस्‍पेनिया, नेफ्रैटिस, ब्रोंकाइटिस और अन्‍य विभिन्‍न प्रकार की श्वसन संबंधी बिमारियों में भी लाभकारी होता है।

 
कैंसर में सहायक -
 

बाकुची के बीजों में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इस एसेंशियल ऑयल में बावाचिनिन, सोरेलन और सोरिलिफोलिनिन होते हैं। यह तत्व ओस्टियोसारकोमा और फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं।

 
बालों के पोषण में सहायक -
 

बाबची एसेंशियल ऑयल एक बेहतरीन हेयर टॉनिक है। इसलिए इसका इस्तेमाल बालों के झड़ने, अलोपेसिया अरीटा, स्पॉट बाल्डनेस (सर के कुछ हिस्सों में बालों का नहीं होना) जैसे समस्याओं के उपचार में किया जाता है। साथ ही इस तेल के प्रयोग से बालों के रंग और गुणवत्ता में भी सुधार होता है।

 
दांतों के लिए लाभदायक-
 

दांत खराब होने और दांतों से संबंधी अन्‍य प्रकार की समस्‍या का इलाज करने के लिए बाबची एक प्रभावी औषधी है। बकुची चूर्ण या बाबची एसेंशियल ऑयल का प्रयोग दांतों के दर्द, सड़न और पायरिया जैसी समस्‍याओं का उत्‍कृष्‍ट उपाय है। यह दांतों की सड़न को रोकने में मदद करता है ।क्योंकि बाबची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैविटी से लड़ने में सहायक होता है।

 
रक्त को साफ करने में मददगार -
 

बाबची एसेंशियल ऑयल में प्राकृतिक रक्‍त शोधक का गुण पाया जाता है। जो शरीर से अशुद्धियों (विषाक्त पदार्थों) को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा बाबची के इस्तेमाल से इम्यूनिटी भी बूस्ट की जा सकती है। 

 
बाबची तेल के घरेलू उपचार -
 
  • सफेद दाग को दूर करने के लिए बाबची का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। बाबची और काले तिल के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से सुबह नियमित रूप से लेने और बाबची का तेल सुबह-शाम लगाते रहने से सफ़ेद दाग जैसी समस्याओं में लाभ होता है।
  • प्रतिदिन बाबची के तेल को दांत पर लगाने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं।
  • बाबची का तेल सुबह-शाम नियमित रूप से इस्तेमाल करने से मुंहासे, दाद, खाज और खुजली ठीक करने में कारगर साबित होता है।
  • माथे की बिंदियों का सफेद दाग हटाने में बाबची का तेल उपयोगी है।
  • शरीर के किसी हिस्से पर बनी गांठ, जिससे त्वचा खराब दिखती है। ऐसे में बाबची के बीजों को पीसकर उस गांठ पर बांधने से गांठ बैठ जाती है। इसके अतिरिक्त बाबची एसेंशियल ऑयल को नियमित प्रभावित हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है। 
बकुची के इस्तेमाल के दौरान बरतें यह सावधानियां -
 
  • बाकुची को उच्च खुराक और लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हाइपरसिटी और गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
  • कुछ खाद्य उत्पादों जैसे दही, अचार, मछली इत्यादि से बचना चाहिए। क्योंकि सफेद दाग (vitiligo treatment) जैसी समस्याओं के इलाज में बकुची चूर्ण के साथ इन उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। सर्वोत्तम परिणाम पाने के लिए बकुची चूर्ण के सेवन के साथ बाबची एसेंशियल ऑयल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
  • पीलिया के दौरान बकुची का अत्यधिक सेवन करने से उल्टी की समस्या पैदा हो सकती है।
  • बकुची का उपयोग स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिकित्सकीय देख-रेख में करना चाहिए।

Disclaimer

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