मेथी के फायदे और नुकसान
2022-05-24 16:55:15
मेथी एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी है। पाचन तंत्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होने के कारण भारत के हर घर की रसोई में मेथी मौजूद होती है। इसका प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधि के रूप में भी किया जाता है। मेथी और इसके तेल में डायबिटीज को नियंत्रित करने और गांठ को बनने से रोकने वाले गुण होते हैं। मेथी की खेती के लिए पर्याप्त धूप और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है। इसीलिए भारत में सामान्य रूप से इसे उगाया जाता है। मेथी का पौधा साल में एक बार उगता है। इसके पौधे की लंबाई लगभग 2-3 फीट होती है। मेथी के पत्ते हल्के हरे और फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी फली मूंग दाल की जैसी होती है। इसके बीज बेहद छोटे और स्वाद में कड़वे होते हैं। इसकी फली में 10 से लेकर 20 छोटे, पीले-भूरे रंग के तेज गंध वाले बीज होते हैं। इन बीजों का उपयोग कई रोगों के उपचार हेतु किया जाता है। इसकी एक और प्रजाति होती है, जिसको वन मेथी कहते हैं। यह कम गुण वाली होती है। इसे जानवरों के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है।
मेथी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली और पंजाबी में इसे मेथी कहते हैं। वहीं संस्कृत में इसका नाम मेथिका है। कन्नड़ में इसे मेन्तिया, तेलुगु में मेंतुलु, तमिल में वेंडयम, मलयालम में वेन्तियम, अंग्रेजी में फेनुग्रीक और लेटिन में त्रायिगोनेल्ला फोएनम ग्रीकम (Trigonella Foenum-Graecum) के नाम से जाना जाता है।
मेथी के फायदे;
मधुमेह से राहत दिलाने में असरदार-
मेथी के बीज का सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही यह टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम करने का काम करती है। मेथी में पाए जाने वाले हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव के कारण मधुमेह पर इसका लाभदायक असर होता है। जिस कारण इसे रक्त में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए जाना जाता है।
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के लिए कारगर-
शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए मेथी का उपयोग अच्छा विकल्प साबित होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मेथी के दानों में नारिंगेनिन नामक फ्लेवोनोइड होता है। यह रक्त में लिपिड के स्तर को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण मरीज के बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य करने का काम करते हैं।
अर्थराइटिस का दर्द दूर करने में सहायक-
जोड़ों के दर्द अर्थात अर्थराइटिस से निपटने के लिए मेथी रामबाण नुस्खा है। जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। मेथी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह गुणकारी तत्व जोड़ों की सूजन को कम करके अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। मेथी में आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए मेथी के औषधीय गुण से हड्डियों व जोड़ों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और हड्डियां स्वस्थ व मजबूत होती हैं।
हृदय के लिए फायदेमंद-
हृदय बेहतर तरीके से काम कर सके, इसके लिए मेथी का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है। नियमित रूप से मेथी का सेवन करने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम होती है और अगर दौरा पड़ भी जाए, तो जानलेवा स्थिति से बचा जा सकता है। क्योंकि मेथी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को पैदा होने से रोकती है। अन्यथा हृदयाघात के दौरान ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। मेथी के बीज शरीर में रक्त प्रवाह को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। जिस कारण धमनियों में किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा होने की आशंका कम हो जाती है।
कैंसर को रोकने में सक्षम-
मेथी में एंटी कैंसर प्रभाव पाए जाते हैं। जो कैंसर की समस्या को दूर रखने का काम करते हैं
स्तन-दूध बढ़ाने का सरल उपाय-
प्रसव के बाद नवजात के लिए मां के दूध से बेहतर कुछ नहीं होता है। ऐसे में स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को मेथी या इसके बीज से बनी हर्बल चाय का सेवन करना चाहिए। क्योंकि एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध में भी कहा गया है कि स्तन दूध की गुणवत्ता व मात्रा को बढ़ाने के लिए मेथी का सेवन किया जा सकता है।
त्वचा के लिए लाभदायक-
मेथी को त्वचा के लिए भी लाभकारी माना जाता है। मेथी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीरिंकल, मॉइस्चराइजिंग और स्किन स्मूदिंग गुण पाए जाते हैं। इसलिए मेथी त्वचा के लिए बेहद लाभकारी होती है।
बालों के लिए गुणकारी-
मेथी के उपयोग से बालों का झड़ना रुक सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, मेथी के बीज में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो बालों के लिए जरूरी होती है। इससे गंजेपन, बालों का पतला होना और झड़ते बालों का इलाज करने में मदद मिलती है। इसके अलावा मेथी में लेसिथीन भी पाया जाता हैं, जो बालों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही मॉइस्चराइज करने का काम करता है और रूसी को भी दूर रखता है।
रक्तचाप में सुधार करने में सक्षम-
उच्च रक्तचाप कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। जिनमें हृदय की समस्या भी शामिल है। मेथी के औषधीय गुण इस समस्या को कम करने में मदद करते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, मेथी में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव पाया जाता है। जो रक्तचाप की समस्या को कम करने का काम करता है।
स्वस्थ किडनी के लिए फायदेमंद-
किडनी के लिए मेथी फायदेमंद होती है। मेथी को अपने भोजन में शामिल करने से किडनी अच्छी तरह काम करती है। मेथी के दानों में पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड पाया जाता है। जो किडनी को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है। साथ ही यह किडनी के आसपास एक रक्षा कवच का निर्माण करती है, जिससे इसके सेल नष्ट होने से बच जाते हैं।
सूजन को कम करने के लिए असरदार-
सूजन और इससे होने वाली समस्या को दूर करने में मेथी के बीज फायदेमंद साबित होते हैं। मेथी के बीज में लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इस एसिड के पेट्रोलियम ईथर के अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गतिविधि पाई जाती है। जो सूजन से छुटकारा दिलाने का काम करती है।
मेथी के नुकसान-
- ज्यादा मात्रा में मेथी का सेवन न करें। क्योंकि इससे उबकाई एवं दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- मेथी का सेवन करने पर अपच, सीने में जलन, गैस, सूजन और मूत्र गंध जैसी परेशानियां हो सकती है।
- लो ब्लड शुगर के मरीजों को मेथी के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इसमें हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव होता है।
- मेथी में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव पाया जाता है, जो रक्तचाप को कम कर सकता है। इसलिए निम्न रक्तचाप वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान मेथी का प्रयोग चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।