करेला के फायदे और उपयोग
2022-05-24 16:32:59
करेले को सेहत के लिए सबसे लाभकारी सब्जियों में गिना जाता है। हालांकि कड़वे स्वाद के चलते इसको हर कोई खाना पसंद नहीं करता। लेकिन कुछ लोग इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के चलते इसका कई रूपों में सेवन करते हैं। करेले को आयुर्वेद में चिकित्सकीय औषधि का दर्जा प्राप्त है। जो कई रोगों के प्रभाव और उनके लक्षणों को कम करने की ताकत रखता है। करेले में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कॉपर, विटामिन ए, बी, सी और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। इसलिए इसका सेवन बुखार और संक्रामक जैसे रोगों से शरीर को बचाने का काम करता है। करेले में फास्फोरस भी अच्छी मात्रा मौजूद होता है। जो दांत, हड्डी, मस्तिष्क, ब्लड और अन्य शारीरिक अंगों के लिए पर्याप्त फास्फोरस की पूर्ति करता है। इसकी तासीर गर्म होती है।
क्या है करेला?
करेला स्क्वैश परिवार से संबंध रखने वाली एक हरी सब्जी है। कई लोग से बिटर मेलन (Bitter Melon) के नाम से जानते हैं। वहीं इसका वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चरैन्टिया (Momordica Charantia) है। इसके अलावा भी करेले को कई जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसको कन्नड़ में हगालाकायी, बंगाली में कॉरोला और हिंदी में करेला कहा जाता है। करेले का पौधा एक प्रकार की बेल होती है। जो विशेष रूप से ठंडी के मौसम में फूल और फल देती है। करेला भारत और इसके मध्य पूर्वी देशों के अलावा कैरिबियन और अफ्रीका जैसे देशों में भी बेहद लोकप्रिय सब्जी है।
करेले के फायदे;
वजन कम करने के लिए-
एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार करेले में एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला गुण) प्रभाव पाया जाता है। जो वजन को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसलिए करेले और इसके जूस का सेवन, वजन घटाने में कारगर साबित होता है।
आंखों के लिए-
आंखों के लिए करेले का सेवन लाभकारी होता है। इस बात की पुष्टि कर्नाटक के मुदिगेरे कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर की रिसर्च में भी की गई है। रिसर्च के अनुसार, करेले में बीटा कैरोटीन नामक तत्व मौजूद होता है। जो आंखों से संबंधित बीमारियों के जोखिमों को कम कर, रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के लिए-
करेला कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार, करेले के अर्क में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। इस आधार पर हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की स्थिति) के समय खाद्य पदार्थों के साथ करेले के अर्क उपयोग करना अच्छा होता है।
सूजन के लिए-
करेले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो सूजन के जोखिमों को कम करने का काम करते हैं। इसलिए सूजन संबंधी परेशानियों से बचने के लिए करेले का उपयोग करना एक अच्छा उपाय है।
मधुमेह के लिए-
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, करेले में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। जो मधुमेह को कम करने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा शोध में यह बात भी देखने को मिलती है कि करेला शरीर में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करना) प्रभाव भी प्रदर्शित करता है। इसलिए मधुमेह से बचाव के लिए करेले का सेवन करना अच्छा होता है।
कैंसर के लिए-
करेले के औषधीय गुण कैंसर के खतरों को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। क्योंकि करेले से संबंधित एक शोध से पता चलता है कि करेले में कैंसर के जोखिम को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। वहीं,आयुर्वेद के अनुसार भी करेले का इस्तेमाल कैंसर के उपचार में किया जा सकता है। क्योंकि करेला कैंसर कोशिकाओं के निर्माण में रुकावट पैदा करके कैंसर के जोखिमों को कम करने का काम करता है। इस प्रकार करेला पेट और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकता है।
लिवर के लिए-
करेले में हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर को सुरक्षित रखने का गुण) प्रभाव होता है। जो फैटी लिवर की बीमारी में फायदा करता है। दरअसल फैटी लिवर वह समस्या है, जिसमें लिवर में फैट जमा हो जाता है। लेकिन नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, करेले का अर्क ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम कर, अल्कोहलिक फैटी लिवर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे लिवर पर मौजूद फैट के जमाव को रोकने में मदद मिलती है। इसलिए करेला लिवर के लिए फायदेमंद साबित होता है।
कब्ज और बवासीर के लिए-
करेला कब्ज और बवासीर की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। क्योंकि करेले में भोजन को पचाने वाले और इसके पत्तों के अर्क में कब्ज से निजात दिलाने वाले गुण मौजूद होते हैं। जो मल त्याग को सरल बनाने में मदद करते हैं। चूंकि बवासीर का एक कारण कब्ज भी होता है। इसलिए करेले और इसके जूस का सेवन कब्ज के साथ बवासीर में भी लाभकारी सिद्ध होता है।
त्वचा के लिए-
त्वचा संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए करेले का उपयोग एक अच्छा घरेलू उपाय है। दरअसल करेले में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो त्वचा को पोषण देने का काम करते हैं। इसलिए करेले का सेवन एक्जिमा और सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में सकारात्मक प्रभाव डालता है। वहीं इसका जूस त्वचा के संक्रमण से निजात दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से भी त्वचा कोशिकाओं को बचाने का काम करते हैं।
करेले का उपयोग-
- करेले की सब्जी बनाकर खाई जाती है।
- करेले के जूस का सेवन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- कुछ लोग करेले के अचार का सेवन भी करते हैं।
- करेले के रस को बालों और त्वचा पर लगाया जाता है।
करेले के नुकसान-
- करेले का अधिक सेवन पेट में ऐंठन, दस्त और सिरदर्द का कारण बन सकता है। इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहे लोगों को करेले का सेवन डॉक्टर की सलाहानुसार करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में करेला ब्लड शुगर की मात्रा को ज्यादा कम कर सकता है।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी करेले के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि करेले में मौजूद कुछ विषाक्त तत्व मां से शिशु में जा सकते हैं।
- गर्भावस्था के समय करेले के अधिक सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि करेले में कुछ ऐसे तत्व होते हैं। जो गर्भपात का कारण बन सकते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी में करेले का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।