Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

अमलभाठा के महत्व, फायदे और नुकसान

अमलभाठा के महत्व, फायदे और नुकसान

2022-05-24 16:54:27

अमलभाठा एक सदाबहार पौधा है। जो गार्सीनिया पेंडंकुलता (Garcinia Pendunculata) प्रजाति से संबंधित हैं। इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। अमलभाठा के सूखे फल स्वास्थ्य के लिए बेहतर लाभकारी होते हैं। इसी कारण इसे आहार में शामिल किया जाता है। अमलभाठा के पेड़ का तना सीधा और शाखाएं छोटी होती है। इसकी पत्तियां हल्के हरे रंग की और फल गोल होते हैं, जिसका व्यास 8 से 12 सेमी के बीच होता है।

 
आयुर्वेद में अमलभाठा का महत्व-

औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से आयुर्वेद में अमलभाठा को उत्तम दर्जे का माना गया है। इसका उपयोग सदियों से कई समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। अमलभाठा पाचन, श्वसन, मधुमेह, लिवर और गुर्दे से संबंधित समस्याओं को ठीक करता है। यह तासीर से उष्ण (गर्म) और स्वाद में खट्टा होता है। इसलिए यह कफ और वात दोष को कम करके और पित्त को बढ़ाकर त्रिदोषों को संतुलित करने में मदद करता है। इस प्रकार यह संतुलित त्रिदोष कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है।

 
अमलभाठा के फायदे;
डायबिटीज (मधुमेह) की समस्या में-

अमलभाठा को डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाना जाता है। अमलभाठा लिपिड का अच्छा स्रोत होता है। आयुर्वेद के अनुसार ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें लिपिड की पर्याप्त मात्रा होती है, उनका सेवन करना डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

 
पाचन क्रिया को सुधार करने में-

अमलभाठा एक प्रभावी उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देता है और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में सहायता करता है। यह फल चयापचय को गति देता है और सिस्टम से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। इसमें सक्रिय यौगिक गैस निर्माण और पेट फूलने का इलाज करने में मदद करते हैं।

 
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में-

इसका उपयोग बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में किया जाता है। इसके बीज में एंटीहाइपरलिपिडेमिक पाया जाता है। जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल,ट्राइग्लिसराइड्स और लिपिड को कम करने में मदद करता है।

 
वजन को कम करने में लाभप्रद-

अमलभाठा में अधिक मात्रा में फाइबर होता है। जो पेट के मोटापे को नियंत्रित रखने का काम करता है। दरअसल अमलभाठा शरीर में फैट को जमने नहीं देता। परिणामस्वरूप मोटापा नहीं बढ़ पाता।

 
अस्थमा में लाभदायक-

एनसीबीआई की रिसर्च के अनुसार, अमलभाठा में एंटीअस्थमा प्रभाव होता है। जिसका सकारात्मक प्रभाव श्वसन प्रणाली पर पड़ता है। जो अस्थमा जैसी समस्याओं को रोकता है इसलिए अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति द्वारा इसका सेवन किया जाए तो उन्हें इसमें आराम मिलता है।

 
स्वास्थ्य लिवर और किडनी के लिए लाभकारी-

अमलभाठा हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों के कारण लिवर के लिए अच्छा होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट यकृत कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इसके अलावा यह लिवर में पाए जाने वाला एंजाइमों (SGPT, SGOT) के स्तर को भी कम करता है। जो यकृत की चोट में वृद्धि करता है।

किडनी के लिए भी अमलभाठा बहुत अच्छा होता है। क्योंकि इसमें गार्सिनोल होता है, जो किडनी में क्रिस्टल के जमाव को रोकता है। साथ ही यह एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण सूजन को भी कम करता है।

 
तंत्रिका तंत्र के संरक्षण में फायदेमंद-

अमलभाठा के फल में न्यूरोप्रोटेक्टिव गतिविधि होती है। इसमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और तंत्रिका कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाते हैं।

 
कैसे करें इस्तेमाल?
1. पाउडर के रूप में-
  • अमलभाठा के कुछ सूखे मेवे लें।
  • इसको पाउडर बनाने के लिए मेवे को पीस लें।
  • अपच जैसी पाचन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से (चिकित्सक परामर्शानुसार) इस पाउडर का गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
2. जूस के रूप में-
  • कुछ पके हुए अमलभाठा के फल लें और उसके गूदे को निकाल लें।
  • अब इसे जूसर में डालकर रस बना लें।
  • अस्थमा के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए इस रस के 5-10 मिलीलीटर (चिकित्सक परामर्शानुसार) का सेवन करें।
 
अमलभाठा के नुकसान-
  • अमलभाठा का अधिक सेवन करने से लिवर, किडनी और अन्य तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकते हैं।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अमलभाठा के सेवन से बचना चाहिए।
  • अतिसंवेदनशीलता (हाइपर-सेंसिटिविटी) की समस्या वाले व्यक्ति को अमलभाठा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार की दवाइयों का सेवन करते समय चिकित्सक के परामर्शानुसार अमलभाठा का सेवन करें।
  • अमलभाठा के सेवन के बाद किसी भी तरह का शारीरिक या मानसिक परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अमलभाठा कहां पाया जाता है?

अमलभाठा मुख्य रूप से एशिया के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अलावा अमलभाठा म्यांमार के कुछ क्षेत्रों और भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में भी पाया जाता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: