अकरकरा के फायदे
2022-05-24 16:56:51
दुनिया में तमाम ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो शरीर के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती हैं। उन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक अकरकरा भी है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी औषधि है। यह कई औषधीय और आयुर्वेदिक गुणों से समृद्ध होता है। इसी कारण आयुर्वेद में इसके चूर्ण का प्रयोग दवा के रूप में होता है। अकरकरा मुंह की बदबू, मसूड़ों का दर्द, दांतों का दर्द, सिर दर्द और हिचकी जैसी कई समस्याओं में फायदा करता है।
क्या है अकरकरा?
अकरकरा वर्ष-भर रहने वाली जड़ी-बूटी है। इसका साइंसटिफिकेट नेम एनासाइक्लस पाइरेथ्रम (Anacyclus Pyrethrum) है। इसकी जड़ें तीखी और थोड़ी सुगंधित होती हैं। जो अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं। इसलिए आयुर्वेद में अन्य भाग से ज्यादा इसकी जड़ का प्रयोग किया जाता है।
अकरकरा में उत्तेजक गुण पाए जाते हैं। इसलिए आयुर्वेद में इसको कामोत्तेजक औषधि कहा गया है। अकरकरा को समान गुण वाली दूसरी औषधि के साथ उपयोग में लाने से वीर्यवर्धक (शुक्राणु बढ़ाने) में मदद मिलती है। इसके अलावा यह कफ और शीत प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए भी विशेष औषधि है।
अकरकरा के फायदे;
अपच-
अकरकरा पाचन तंत्र को बेहतर बनाने का काम करता है। इसकी जड़ें लार और अन्य डाइजेस्टिव जूस के स्राव को उत्तेजित करके भोजन को पचाने में मदद करती हैं। साथ ही यह पेट में बनने वाली गैस से भी राहत दिलाता है।
अर्थराइटिस-
अकरकरा के चूर्ण में एंटी अर्थ रितिक प्रभाव होता है। जो गठिया रोग से राहत दिलाने में मदद करता है। अकरकरा रक्तचाप में सुधार करके गठिया के लक्षण को कम करता है। वहीं इसके एंटीनॉसिसेप्टिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया से होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
पैरालिसिस-
पैरालिसिस (लकवा मारना) से बचाव के लिए दुनियाभर में अकरकरा का प्रयोग वर्षों से होता आया है। दरअसल, अकरकरा मास्टिकेटरी (भोजन चबाने वाली प्रक्रिया) को सक्रिय करके जीभ और गले की मांसपेशियों को क्रियात्मक बनाने का काम करता है। इसलिए अकरकरा को पैरालिसिस का अच्छा टॉनिक माना जाता है।
बुखार-
अकरकरा चूर्ण में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होते हैं। जो बुखार उतारने में फायदा करते हैं। इसलिए हल्के और टाइफस जैसे बुखार में भी अकरकरा का प्रयोग किया जा सकता है।
याददाश्त-
अकरकरा में याददाश्त बढ़ाने वाला व्यवहार होता है। अकरकरा का इथेनॉलिक अर्क (Ethanolic extracts) मस्तिष्क के कोलिनेस्टरेज के स्तर में वृद्धि करके स्मरणशक्ति (Memory) में सुधार लाता है। इसी कारण अकरकरा का प्रयोग याददाश्त बढ़ाने के लिए किया जाता है।
हिचकी-
अकरकरा चूर्ण हिचकी को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आधा चम्मच अकरकरा चूर्ण और शहद के मिश्रण का सेवन करें।
दांतों की समस्या-
अकरकरा में सियालगॉग (लार बनाने वाला) प्रभाव पाया जाता है। जो दांतों के दर्द, दांतों का पीलापन, डेंटल कैरिज और पायरिया जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। इसके अतिरिक्त हर्बल टूथपेस्ट में अकरकरा चूर्ण का इस्तेमाल करना भी दांतों के लिए अच्छा होता है।
हल्के चक्कर और सुस्ती के लिए-
अकरकरा का सेवन करने से सुस्ती और हल्के चक्कर जैसी परेशानियां दूर होती हैं। इसके लिए अकरकरा चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करें।
मासिक धर्म की समस्या-
अकरकरा अनियमित और देरी से होने वाले पीरियड्स की समस्या को कम करता है। इसके अतिरिक्त यह रुके हुए मासिक धर्म को भी ठीक करने में सहायता करता है। दरअसल, अकरकरा एम्मेनागॉग (Emmenagogue) की तरह कार्य करता है। जिससे मेंस्ट्रुअल का फ्लो बढ़ जाता है।
यौन स्वास्थ्य-
अकरकरा का उपयोग अच्छे यौन स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है। दरअसल, अकरकरा में उत्तेजक गुण पाए जाते हैं। जो कामेच्छा को बढ़ाकर इजेकुलेशन (वीर्य स्खलन) को धीमा करते हैं।
अकरकरा के कुछ अन्य गुण-
- अकरकरा तनाव और सिरदर्द की परेशानी में लाभकारी सिद्ध होता है।
- जुकाम के कारण होने वाले सिर दर्द में अकरकरा के फूल को चबाने से लाभ मिलता है।
- अकरकरा की मूल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने और सीधे मूल को चबाने से दांतों का दर्द और दंतकृमि (दांत में कीड़ा लगना) रोग ठीक होते हैं।
- समान मात्रा में छोटी पिप्पली चूर्ण और अकरकरा चूर्ण को लेकर उसमें थोड़ी भुनी हुई सौंफ मिलाएं। इस मिश्रण का आधा चम्मच सुबह-शाम भोजन करने के बाद सेवन करें। इससे पेट संबंधी कई समस्याएं ठीक होती हैं।
- अकरकरा की जड़ या फूल को सिरके में पीसकर, उसमें शहद मिलाकर चाटने से मिर्गी की समस्या दूर होती है। इसके अलावा अकरकरा की जड़ का काढ़ा पीने से भी मिर्गी का वेग कम होता है।
कब न करें अकरकरा का सेवन?
- अकरकरा मुंह में लार बनाने का काम करता है। इसलिए रात के समय इसका सेवन न करें। अन्यथा सोते वक्त मुंह से लार छूट सकती है।
- अकरकरा मेंस्ट्रुअल फ्लो को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान इसका सेवन न करें। अन्यथा अधिक ब्लड लॉस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- चूंकि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान अकरकरा का सेवन करना सुरक्षित होता है या नहीं। इसलिए प्रेगनेंसी के समय इसका सेवन करना उचित नहीं होगा।
कहां पाया जाता है अकरकरा?
भारत में अकरकरा हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अलावा कुछ हिस्सों में इसकी खेती भी होती है। वहां वर्षा ऋतु की पहली बारिश पड़ते ही इसके छोटे-छोटे पौधे निकलने शुरू हो जाते हैं।