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मनुष्य के लिए चिरौंजी के फायदे

मनुष्य के लिए चिरौंजी के फायदे

2022-05-24 17:02:12

घरों में चिरौंजी का ज्यादातर इस्तेमाल सूखे मेवों के रूप में किया जाता है। कुछ लोग मिठाइयां बनाने में चिरौंजी का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग कोई मीठी डिश बनाने में। लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि दानों के रूप में दिखने वाली चिरौंजी सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में भी चिरौंजी के इन फायदों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि चिरौंजी पुष्टिकारक पदार्थ है। जो शरीर की ताकत और यौन क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।

 
क्या है चिरौंजी?

चिरौंजी का साइंटिफिक नेम बुकाननिया लानजान (buchanania lanzan) है। जो भारत के कई हिस्सों में पाई जाती है। चिरौंजी का पेड़ साल भर हरा रहता है। इसकी ऊंचाई लगभग 12-18 मी होती है। इसकी छाल मोटी और खुरदुरी होती है। चिरौंजी के इस पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। जिस कारण आयुर्वेद में इसकी पत्ती, फल, बीज, जड़ और गोंद का प्रयोग कई तरह रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। जिस फल या दाने को चिरौंजी के नाम से जाना जाता है दरअसल वह इसके पेड़ के फल के बीज का अंदरूनी हिस्सा होता है। जिसे इसके बीज को तोड़कर निकाला जाता है।

 
चिरौंजी के फायदे;
प्रतिरोधक क्षमता के लिए-

इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार चिरौंजी बीज के अर्क का प्रयोग श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करता है। और श्वेत रक्त कोशिकाएं इम्यून सिस्टम का मूल्यवान हिस्सा होती हैं। जो शरीर को बैक्टीरिया, पैरासाइट, फंगी (कवक) और वायरस के हानिकारक प्रभावों से बचाने का काम करती हैं। इस आधार पर चिरौंजी को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।

 
कब्ज के लिए-

कब्ज के लिए चिरौंजी का उपयोग करना बेहतर होता है। क्योंकि चिरौंजी में लैक्सेटिव गुण मौजूद होता है। जो मल को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए चिरौंजी का सेवन करना कब्ज की समस्या में राहत प्रदान करता है।

 
सिर दर्द के लिए-

सिर दर्द की समस्या में चिरौंजी के बीज का प्रयोग किया जाता है। दरअसल चिरौंजी में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण होता है। जो सिर दर्द से राहत पहुंचाने का काम करता है।

 
डायरिया के लिए-

डायरिया में चिरौंजी का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की रिसर्च रिपोट के अनुसार चिरौंजी की जड़ में एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला) प्रभाव होता है। जो दस्त की समस्या में राहत पहुंचाता है। इसके अतिरिक्त चिरौंजी पेड़ की छाल के चूर्ण को शहद के साथ लेने से डिसेंट्री (संक्रामक डायरिया) में भी आराम मिलता है।

 
डायबिटीज के लिए-

चिरौंजी से संबंधित शोध के अनुसार यह डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद साबित होती हैं। दरअसल चिरौंजी की पत्तियों के अर्क में एंटीडायबिटिक प्रभाव मौजूद होता है। जो इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त चिरौंजी के बीज को भी मधुमेह के लिए उपयोगी माना गया है।

 
बालों के लिए-

बालों के लिए भी चिरौंजी को काफी प्रभावशाली माना गया है। चिरौंजी में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं। जो बालों की कंडीशनिंग करके इस उन्हें नर्म, मुलायम और चमकदार बनाने का काम करते हैं। साथ ही पर्याप्त नमी भी प्रदान करते हैं। इसलिए चिरौंजी पत्तियों के अर्क को हर्बल कंडीशनर में तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है।

 
त्वचा के लिए-

चिरौंजी को त्वचा के लिए अच्छा माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार चिरौंजी बीज के पेस्ट को गुलाब जल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा में चमक आती है। जिससे स्किन स्मूथ और सॉफ्ट दिखती है। इसके अलावा चिरौंजी को चबाने से त्वचा की जलन कम होती है और इसके तेल का प्रयोग करने से त्वचा के दाग-धब्बे दूर होते हैं।

 
गठिया के दर्द और सूजन के लिए-

चिरौंजी, तिल, कमलनाल, मुलेठी और बेंत-मूल आदि को जरूर के हिसाब से बकरी के दूध में पीसकर लेप बना लें। अब इस लेप को जोड़ों के दर्द और सूजन वाले हिस्से पर लगाएं। इससे शीघ्र आराम मिलेगा।

 
यौन क्षमता बढ़ाने के लिए-

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कमजोर यौन क्षमता वाले लोगों के लिए चिरौंजी एक लाभदायक औषधि है। इसलिए 5-10 ग्राम चिरौंजी के बीजों को पीसकर उसे मिश्री युक्त दूध के साथ लेना चाहिए। ऐसा करने से वीर्य को जरूरी पोषण मिलते हैं और यौन क्षमता मजबूत होती है।

 
नाक-कान से खून बहने पर-

कई लोगों को गर्मियों में नाक, कान से खून निकलने की समस्या होती है। ऐसे में उन्हें चिरौंजी के साथ पकाए दूध का सेवन करना चाहिए। इससे रक्तपित्त (नाक, कान से खून बहने) की समस्या ठीक होती है।

 
चिरौंजी के नुकसान-
  • चिरौंजी की पत्तियों में एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। इसलिए लो ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों को इसके अर्क का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
  • चिरौंजी में लैक्सेटिव गुण अच्छे स्तर पर पाया जाता है। इसलिए इसका अधिक सेवन करने से दस्त की समस्या पैदा हो सकती है।
  • चिरौंजी बीज में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) प्रभाव होता है। इसलिए इसका अधिक इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। क्योंकि शरीर में एनाल्जेसिक की मात्रा बढ़ने से थकान, कमजोरी और मतली-उल्टी की शिकायत हो सकती है।
  • जिन लोगों को नट्स से एलर्जी होती है। उन्हें चिरौंजी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिरौंजी का सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करना चाहिए। क्योंकि उन्हें इसके सेवन से स्वास्थ्‍यकर दिक्कतें हो सकती है।

Disclaimer

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