मखाने के औषधीय गुण और फायदे
2022-05-24 16:55:40
मखाना एक प्रकार का सूखा मेवा है। जिसका प्रयोग आज पूरी दुनिया करती है। कुछ लोग इसका प्रयोग किसी मीठे व्यंजन या मिठाई के लिए करते हैं, कुछ लोग इसका इस्तेमाल पनीर या छोले की सब्जी के लिए करते हैं, कुछ लोगों को इसकी खीर बेहद पसंद होती है तो कुछ लोगों को इसे हल्का भूनकर (roasted), दूध में डालकर खाना अच्छा लगता है। इस प्रकार लोग अपने-अपने स्वाद के अनुसार इसका लुत्फ उठाना पसंद करते हैं। भारत में मखाने को नवरात्रों और इसके जैसे दूसरे अवसरों में ‘उपवास पकवान’ और पूजा कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
क्या होता है मखाना?
मखाने को कुछ जगह कमल के बीज (Lotus Seeds) या फॉक्स-नट (Fox nut) कहा जाता है। यह एक पौष्टिक और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है। जो तालाबों के पानी में स्थित ईरियल फॉक्स नामक पौधे से प्राप्त होता है। देखने में यह सूखे और गोल-मटोल होते हैं। जिन्हें कई औषधीय गुणों से भरपूर और शरीर को तंदरुस्त रखने वाला माना जाता है। इसलिए इसका उपयोग कई प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों और ताकत बढ़ाने वाली दवा के रूप में किया जाता है। मखाने को फूल-मखाना और गोर्गन नट नामों से भी जाना जाता है।
मखाने में मौजूद औषधीय गुण-
मखाना में तमाम औषधीय गुण मौजूद होते हैं। जिन्हें हेल्थ के लिए जरूरी और फायदेमंद माना जाता हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (एनसीबीआई) की साइट पर पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक मखाने में कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, वसा के अलावा एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, कैरोटीन, निकोटिनिक अम्ल, लौह, विटामिन बी-1 और एंटी ट्यूमर आदि गुण पाए जाते हैं। जो बुखार, कब्ज, दस्त, किडनी, डायबिटीज, प्रजनन क्षमता, शुक्राणुओ की कमी, मूत्र-जननतंत्र सहित अनेक रोगों में चमत्कारिक लाभ पहुंचाते हैं।
मखाने के फायदे-
प्रोटीन का अच्छा स्रोत-
मखाने का नियमित सेवन करने पर शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम नहीं होती। क्योंकि मखाने में प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। 100 ग्राम मखाने में लगभग 10.71 ग्राम प्रोटीन होता है इसलिए कहा जाता है कि मखाना खाने से शरीर में प्रोटीन की आवश्यक मात्रा की पूर्ति होने के साथ, उसकी कमी से होने वाली परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है।
मसूड़ों के लिए-
मखाने में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। जो मसूड़ों की सूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण दांतों में होने वाली सड़न को रोकने में मदद करते हैं।
वजन कम करने के लिए-
मखाने का सेवन मोटापे से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मखाने का एथेनॉल अर्क शरीर में फैट सेल्स को नियंत्रित कर, उसके वजन को कम करने का काम करता है। इसलिए फॉक्स-नट (मखाना) का सही और नियमित इस्तेमाल वजन कम करने में मददगार साबित होता है।
डायबिटीज के लिए-
मखाने का उपयोग डायबिटीज से राहत पाने हेतु भी किया जाता है। एनसीबीआई की शोध रिपोर्ट के आधार पर मखाने में पाए जाने वाले रेसिस्टेंट स्टार्च में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। जो मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। इसके अतिरिक्त मखाने का प्रयोग इंसुलिन को नियंत्रित करने में भी सहायक साबित होता है।
ब्लड प्रेशर के लिए-
मखाने का नियमित इस्तेमाल ब्लड प्रेशर जैसी समस्या में राहत पहुंचाने का काम करता है दरअसल मखाने में मौजूद एल्कलॉइड नामक तत्व हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) की परेशानी को कम करने में मदद करता है। इसलिए मखाने का सेवन बीपी को नियंत्रित करने के लिए अच्छा होता है।
गर्भावस्था के लिए-
एनसीबीआई की शोध रिपोर्ट के अनुसार मखाने का सेवन गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के कारण होने वाली कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए मखाने का उपयोग कई प्रकार के पकवानों के रूप में किया जाता है। दरअसल मखाने में मैग्नीशियम, पोटैशियम, प्रोटीन और आयरन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। जो गर्भावस्था के समय महिला को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
एंटी-एजिंग के रूप में-
मखाने का इस्तेमाल त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है क्योंकि मखाने में एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रचुर में पाया जाता है। जो त्वचा पर झुर्रियों और एजिंग के प्रभावों को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
मखाने के नुकसान-
- मखाने का वैसे तो कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है। लेकिन फिर भी कब्ज के समय इसका सीमित इस्तेमाल ही करना चाहिए।
- मखाना में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। इसलिए इसके अधिक सेवन से कभी-कभी गैस और पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है।
- जिन लोगों को मखाने से एलर्जी होती है। उन्हें इसका सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार ही करना चाहिए।