जानें, प्याज के अनदेखे और अनसुने प्रकार और फायदों के बारे में
2022-05-24 14:59:16
लगभग हर घर में प्याज का उपयोग सब्जी का स्वाद बढ़ाने, तड़का लगाने और सलाद के रूप में किया जाता है। हालांकि इसे काटते वक्त जिस तरह से यह लोगों को रुलाती है। ठीक उसी तरह इसके औषधीय गुण लोगों की सेहत को मुस्काने पर मजबूर कर देते हैं। प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी प्याज के गुण-धर्मों का वर्णन देखने को मिलता है। दरअसल प्याज का इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए दवा के रूप में किया जाता है। गर्मियों में इसका सेवन करने से लू नहीं लगती। इसके अलावा प्याज डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों से बचाने में भी सक्षम होती है।
क्या हैं प्याज?
प्याज शाक (सब्जी) के रूप में उगाई जाने वाली एक वनस्पति है। जिसे मूल रूप से सब्जी माना जाता है। जिसका उपयोग खाना, चटनी, आचार और सलाद के रूप में किया जाता है। इसका स्वाद तीखा और तेज होता है। प्याज को हर तरह के मौसम में उगाया जा सकता है। इसके पौधे की बात करें, तो वैज्ञानिक प्याज को एक तना मानते हैं। जो जमीन के अंदर रहता है और पौधे को अच्छे से बढ़ने में सहायता करता है। लेकिन प्याज का प्रयोग प्राचीनकाल से ही औषधि और भोजन के घटक के रूप में होता आया है। जो सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्वभर में होता आया है।
प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium Cepa) है। इसे तमाम भाषाओं में विभिन्न नामों से बुलाया जाता है। हिंदी में इसे प्याज, कांदा और डुंगरी कहते हैं। कन्नड़ में इसे उल्लिगड्डे, एरुल्ली और नीरुली कहा जाता है। गुजराती में इसे डुंगरी और कांदा कहते हैं। तेलुगू में इसे उल्लिपायालु, येरा गद्दालु और निरुल्ली बोलते हैं। मलयायलम में इसे सवाना, बंगाली में पिंयाज, तमिल में वैंगयम और मराठी में कंडा कहा जाता है।
प्याज के प्रकार-
प्याज की विश्वभर में तमाम प्रजातियां पाई जाती हैं। जिन्हें यहां बताना संभव नहीं है। इसलिए यहां बात करते हैं प्याज के कुछ खास प्रकारों के बारे में-
पीला प्याज-
इसका गूदा सफेद रंग का होता है और इसकी बाहरी परत भूरे रंग की होती है। इसकी सुगंध सल्फर जैसी होती है।
लाल प्याज-
इस प्याज की बाहरी परत मैजेंटा कलर की होती है। यह खाने में हल्की मीठी होती है। इसलिए इसके कच्चे रूप का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है।
सफेद प्याज-
यह प्याज को बाहर से देखने में यह थोड़ा सफेद लगता है। जिसका स्वाद अन्य प्याज के मुकाबले हल्का मीठा होता है।
हरा प्याज-
प्याज का यह रूप पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता।
मीठा प्याज-
यह प्याज थोड़ा मोटा होता है। जिसकी बाहरी परत हल्की और कम आपारदर्शी होती है।
लीक-
इस प्याज के नीचे का हिस्सा गोल और छोटा होता है। जबकि इसका तना थोड़ा लंबा होता है। इस प्याज का इस्तेमाल सॉस और सूप बनाने में किया जाता है।
शैलोट्स-
प्याज का यह आकार छोटा होता है। जिसकी बाहरी परत भूरे रंग और अंदर का गूदा बैंगनी रंग का होता है।
प्याज के फायदे:
रोग प्रतिरोधक प्रणाली के लिए-
अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए शरीर को विटामिन-सी की जरूरत पड़ती है। प्याज में फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं, जो शरीर में विटामिन-सी की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा प्याज में सेलेनियम भी होता है। जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर से और बेहतर बनाने का काम करता है।
पाचन तंत्र और कब्ज के लिए-
प्याज के औषधीय गुण कब्ज को ठीक कर, पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करते हैं। क्योंकि प्याज में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। जो पेट की कब्ज और गैस को दूर करने का काम करती हैं। जिससे पेट का पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है।
मुंह के स्वास्थ्य के लिए-
यह बात सच है कि कच्चा प्याज खाने से मुंह से बदबू आती है। लेकिन कच्चे प्याज का सेवन मुंह के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा साबित होता है। दरअसल प्याज में थियोसल्फोनेट्स और थायोसल्फ्रेट्स नाम के दो सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं। जो दांतों को सड़ाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करते हैं। इसके अलावा प्याज में विटामिन-सी भी पाया जाता है। जो दांतों की सेहत के लिए ज़रूरी होता है।
पेट का दर्द और कीड़ों के लिए-
प्याज में कुछ पाइथोकेमिकल्स नामक तत्व पाए जैते हैं। जो गैस्ट्रिक अल्सर और उसके असर को काफी हद तक कम कर देते हैं। इसके अलावा प्याज में कुछ प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स भी मौजूद होते हैं। जो कब्ज को दूर करने के अलावा पेट के दर्द और पेट में होने वाले कीड़े की समस्याओं को भी दूर करने में मदद करते हैं।
आतं और दस्त के लिए-
दरअसल प्याज में पाए जाने वाले फाइबर को ओलिगोफ्रुक्टोस कहते हैं। जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में सहायता करता है। जिससे आंत अपना कार्य ठीक से काम कर पाती हैं। इस रूप में प्याज का ओलिगोफ्रुक्टोस गुण दस्त की समस्या के लिए लाभदायक साबित होता है।