लहसुन के लाभ, उपयोग और नुकसान
2021-12-15 16:48:38
लहसुन अपनी तेज गंध और अद्भुत स्वाद के लिए जाना जाता है। स्वास्थ्यवर्द्धक और औषधीय गुणों के साथ-साथ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी भोजन में लहसुन का उपयोग किया जाता है। प्राचीन भारत में लहसुन का इस्तेमाल औषधीय और भूख बढ़ाने वाले फायदों के लिए किया जाता था। आयुर्वेद में छ: स्वादों का वर्णन किया गया है जिसमें से पांच स्वाद लहसुन में मौजूद होते हैं। लहसुन में तीखा, नमकीन, मीठा, कड़वा और कसैला स्वाद होता है। इसमें सिर्फ खट्टा स्वाद नहीं मिलता है। लहसुन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलीसीन (Allicin) और सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (Ajoene) और एलीन (Allein) जैसे यौगिक भी मौजूद होते हैं। जो लहसुन को और ज्यादा असरदार औषधि बनाते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद कड़वा होता है। लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं।
संयुक्त राज्य कृषि विभाग के अनुसार खेती की जाने वाली सबसे पुरानी फसलों में लहसुन का नाम भी शामिल है। लहसुन को ‘प्राकृतिक एंटीबायोटिक’ भी कहा जाता है। इसके अलावा दुनियाभर के सेहत विशेषज्ञों ने इसे ‘प्लांट तलिस्मान और रशियन पेनिसिलिन (एक रोग नाशक औषधि) का नाम दिया है। मिस्र के शिलालेखों पर उल्लेख किया गया है कि प्राचीन मिस्र में पिरामिड का निर्माण करने वाले गुलामों के लिए लहसुन का इस्तेमाल सप्लीमेंट के रूप में किया जाता था। इतिहासकारों के अनुसार कई वर्षों पूर्व ग्रीस ओलंपिक खिलाड़ी अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए लहसुन का सेवन किया करते थे।
लहसुन की तासीर-
लहसुन की तासीर गर्म और खुश्क होती है। इसलिए सीमित मात्रा में इसका उपयोग करना चाहिए। कई बार इसका अत्यधिक उपयोग करने से पेट की कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। गर्मियों में भी इसका उपयोग कम ही करना चाहिए। क्योंकि यह गर्म होता है और गर्म तासीर की वजह से ही आम-तौर पर इसे सर्दियों में उपयोग करने की सलाह दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति पर इसका दुष्प्रभाव दिखता है तो उस व्यक्ति को धनिया, नींबू, पुदीना आदि लेने की सलाह दी जाती है। कई मामलों में देखा गया है कि इसमें मौजूद सल्फर की वजह से कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो जाती है। जिससे उन्हें कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जिन लोगों को इससे एलर्जी जैसा महसूस हो या जो इससे एलर्जिक हों, वह लोग इसका सेवन न करें।
लहसुन के फायदे:
वजन घटाने के लिए फायदेमंद है लहसुन-
लहसुन बढ़ते वजन को रोकने में मददगार है। इसका एंटी-ओबेसिटी गुण डाइट के कारण मोटापे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा लहसुन का सेवन थर्मोजेनेसिस (शरीर में गर्मी उत्पादन की प्रक्रिया) को बढ़ावा देता है। जिससे फैट बर्न होने में मदद मिलती है। इन अनोखे गुणों की वजह से लहसुन मोटापे से राहत दिलाता है। इसके अलावा, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह भी पाया गया कि लहसुन के तेल में मौजूद एंटी-ओबेसिटी गुण हाई फैट डाइट (HFD) के कारण बढ़ते वजन की समस्या पर प्रभावकारी होते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाता है लहसुन-
लहसुन दिल के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा आहार माना जाता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार लाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में रुकावट या धमनियों का सख्त होना) की गति को धीमा कर देता है। इस प्रकार यह दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी सहायता करता है।
हाई बीपी को नियंत्रित करता है लहसुन-
लहसुन में गामा-ग्लूटामिलसीस्टीन (gamma-glutamylcysteine) एक प्राकृतिक एसीई अवरोधक होता है। यह रसायन होने की वजह से लहसुन धमनियों को चौड़ा करता है। जिससे हाई बीपी नियंत्रित हो जाता है। लहसुन उच्च रक्तचाप को भी कम कर सकता है, विशेष रूप से सिस्टल रक्तचाप। इसलिए उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को रोजाना कुछ लहसुन की कलियों को खाली पेट जरूर खाना चाहिए।
प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाता है लहसुन-
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कच्चे लहसुन के रस को घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। जिससे हजारों लोगों को बचाने में मदद मिली थी। इसको इलाज के रूप में काफी समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। लहसुन हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, सर्दी जुकाम और फ्लू सहित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा समस्याओं में मदद कर सकता है। इसका कारण यह है कि लहसुन में एलिसिन होता है जिसकी एक अलग गंध होती है। लहसुन विटामिन सी, बी 6 और सेलेनियम और मैंगनीज़ जैसे खनिज का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और खनिज के अवशोषण में भी सुधार लाते हैं। इसके अलावा लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। जो शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करते हैं।
सर्दी और खांसी का प्रभावी इलाज है लहसुन-
लहसुन एंटीबायोटिक और एंटीवायरल लाभ प्रदान करता है। जो लहसुन को सर्दी और खांसी के लिए एक अद्भुत उपचार बना देता है। लहसुन अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे विभिन्न श्वसन स्थितियों के इलाज में भी अत्यधिक लाभकारी है। इसके अलावा यह खांसी संबंधित कफ निस्सारक को बढ़ावा भी देता है।
गठिया के दर्द को कम करता है लहसुन-
गठिया के दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए लहसुन एक परखा हुआ और प्रभावी उपाय है। इसमें निहित एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के विभिन्न रूपों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें एक कायलिल डाइस्फाइड नामक यौगिक भी शामिल है। जो हानिकारक एंजाइमों को सीमित करने में सहायता करता है। इसलिए गठिया के कारण सूजन और जोड़ों में दर्द को कम करने के लिए नियमित आहार में लहसुन को जरूर शामिल करें।
कवक संक्रमण से लड़ने के लिए फायदेमंद है कच्चा लहसुन-
लहसुन में शक्तिशाली एंटी-फंगल (कवक विरोधी) गुण पाए जाते हैं। जो फंगल संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं। फंगल इन्फेक्शन दाद का एक प्रमुख कारक बन सकता है। लहसुन कैंडिडा से लड़ने में भी मदद करता है। कवक संक्रमणों को मात देने के लिए प्रभावित त्वचा के हिस्सों पर लहसुन का जैल या तेल लगाएं। मुंह के छाले से पीड़ित होने पर, मुंह के प्रभावित क्षेत्रों पर लहसुन का पेस्ट लगाएं और अपने आहार में कच्चे लहसुन को शामिल करें।
दांत दर्द से राहत दिलाता है लहसुन-
लहसुन में पाए जाने वाला एलिसिन खराब बैक्टीरिया को रोकता है। जो मुंह में बढ़ने से दांत खराब होने का कारण बनते हैं। लहसुन के उपयोग से खराब बैक्टीरिया की आबादी को नियंत्रित और अच्छे बैक्टीरिया में इजाफा होता है। जिससे मसूड़ों की बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है। दांत दर्द को कम करने में लहसुन बहुत ही प्रभावी माना जाता है। इसका श्रेय इसमें निहित एंटी-बैक्टीरियल और एनाल्जेसिक गुणों को जाता है। दांत-दर्द से तत्काल राहत पाने के लिए आपको बस लहसुन का तेल या क्रश किए हुए लहसुन का एक टुकड़ा प्रभावित दांत पर और आसपास के मसूड़ों पर लगाना है।
पाचन प्रक्रिया में बेहद लाभकारी है लहसुन-
लहसुन पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए पेट के कार्यों को नियंत्रित करता है। लहसुन पाचन तंत्र के लिए सबसे फायदेमंद खाद्य पदार्थों में से एक है। यह लिम्फ पर लाभकारी प्रभाव डालता है और शरीर में मौजूद घातक पदार्थ को खत्म करने में सहायता करता है। यह पाचन रस के स्राव को बढ़ाता है। लहसुन आंत पर एक बहुत ही चिह्नित प्रभाव पैदा करता है। यह एक कीड़े एक्सपेलर के रूप में एक उत्कृष्ट एजेंट है। यह दस्त के विभिन्न रूपों पर भी एक सुखद प्रभाव पड़ता है। कोलाइटिस, डाइसेंटरी और कई अन्य आंतों के अप्सेट्स जैसी समस्याओं का सफलतापूर्वक ताजा लहसुन या लहसुन कैप्सूल के साथ इलाज किया जा सकता है।
लहसुन का उपयोग-
- भोजन में सीमित मात्रा में लहसुन को शामिल कर इसका उपयोग किया जाता है।
- कुछ लोग हर रोज खाली पेट कच्ची या सूखी लहसुन की कली का सेवन करते हैं।
- लहसुन को सब्जी और सूप में डालकर भी खाया जा सकता है।
- कई लोगों को गार्लिक टी यानी लहसुन की चाय भी पसंद होती है।
- लहसुन की कुछ कलियों को घी में भूनकर भी खाया जाता है।
- सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को गर्म करके, जोड़ों के दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- दो से तीन लहसुन की कलियों को हरे प्याज, ब्रोकली और चुकंदर के रस के साथ मिलाकर सेवन करें।
लहसुन के नुकसान-
- लहसुन खाने से मुंह या शरीर से दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है।
- अगर कोई कच्चा लहसुन खा रहा है, तो उसे सीने में जलन और पेट संबंधी समस्याएं हो भी सकती हैं।
- ज्यादा लहसुन खाने से रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। इसलिए अगर किसी की कोई सर्जरी होने वाली है तो इसके सेवन से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।