साल के फायदे, उपयोग और दुष्प्रभाव
2023-03-31 14:28:42
साल के पेड़ को शोरिया रोबस्टा, शेखुआ, सखवा, कंदर, शल या शाला के नाम से भी जाना जाता है। यह एक औषधीय पौधा है, जो डिप्टरोकार्पेसी के परिवार से संबंधित है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में साल वृक्ष के सभी हिस्सों का उपयोग सदियों से औषधि के तौर पर किया जाता रहा है। आमतौर पर इसका प्रयोग अल्सर घाव, कमजोरी, त्वचा विकार, ल्यूकोरिया, गोनोरिया आदि संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है।
आयुर्वेद में साल वृक्ष का महत्व-
आयुर्वेद के अनुसार, साल वृक्ष में शीत (ठंडा) और कषाय (कसैले) गुणों से भरपूर हैं। इसलिए इसके चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से स्त्री रोगों जैसे मेट्रोरहागिया (अनियमित रक्तस्राव) और ल्यूकोरिया (योनि से सफेद पानी का स्राव) का इलाज करने में मदद मिलती है। यह अपने एनाल्जेसिक और सूजनरोधी गुणों के कारण जोड़ों के दर्द और गठिया में भी कारगर होता है।
साल वृक्ष के फायदे-
घाव भरने में सहायक-
साल वृक्ष की जड़ों में कसैले और शीतलन गुण होते हैं। इसके अलावा साल का पेड़ वात और पित्त दोष को संतुलित करता है, जो सभी प्रकार के रक्तस्राव, सूजन और घावों को ठीक करने में सहायक होता है।
कान का संक्रमण ठीक करने में मददगार-
प्राचीन काल से ही कान की बीमारियों के इलाज में साल वृक्ष को उपयोगी माना गया है। दरअसल साल के पेड़ में कर्णरोगहर नामक तत्व मौजूद होता है। यह तत्व कान के संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है। साथ ही संक्रमण के कारण होने वाले दर्द से राहत प्रदान करता है।
शरीर की दुर्गंध को दूर करने में कारगर-
साल के पेड़ में पाया जाने वाला स्वेदहर एक शक्तिशाली तत्व है। यह शरीर के अधिक पसीने को हटाता है। इस प्रकार शरीर की दुर्गंध से प्रभावी ढंग से निपटने में कारगर साबित होता है।
दस्त के इलाज में सहायक-
इस पेड़ में महत्वपूर्ण तत्वों में से एक ग्राही है, जो पाचन समस्याओं में सुधार करके दस्त का इलाज करने में मदद करता है। इसमें शोषक गुण होते हैं जो सभी प्रकार के आंत संबंधी विकारों के इलाज में लाभदायक साबित होता हैं।
दर्द से राहत दिलाने में कारगर-
साल के पेड़ में पाया जाने वाला एक आवश्यक तत्व भगनासंधानकृत, फ्रैक्चर और दरारों को ठीक करने में मदद करता है। यह किसी भी कारण से होने वाले दर्द का भी इलाज करता है।
खुजली के उपचार में लाभप्रद-
खुजली या फोड़े इंसानों को परेशानी का कारण बनते हैं। साल के पेड़ में पाए जाने वाले स्फोटहर और कंदुनासन इसका प्रभावी ढंग से इलाज करते हैं।
गठिया में लाभकारी-
इसके एनाल्जेसिक या दर्द निवारक गुणों की मौजूदगी के कारण इसका उपयोग गठिया के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा साल का वृक्ष किसी भी तरह के दर्द का इलाज करने में प्रभावी है
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में कारगर-
साल वृक्ष का चूर्ण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। साथ ही यह कीटाणुओं से लड़ने और शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं। यह मजबूत एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुणों की उपस्थिति को भी प्रदर्शित करता है, जो बुखार, सर्दी, गले में खराश और अन्य श्वसन विकारों एवं संक्रमणों को रोकने में विशिष्ट हैं।
वजन घटाने में सहायक-
यह जड़ी-बूटी शरीर में एलडीएल (.96*कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रॉल) के निर्माण को कम करती है। साथ ही यह चयापचय को बढ़ाता है। जिससे शरीर को उचित वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
साल वृक्ष के उपयोग-
साल वृक्ष का उपयोग निम्न रूप में किया जाता है-
साल ट्री का पाउडर-
साल ट्री पाउडर का उपयोग डायरिया, पेचिश, अपच, अल्सर और गठिया जैसी बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।
साल ट्री का पेस्ट-
साल ट्री पेस्ट के रूप में भी उपलब्ध है। इसके पेस्ट को मुख्य रूप से त्वचा रोगों, सूजन, निशान और घावों के इलाज के लिए बाहरी रूप से उपयोग किया जाता है।
साल ट्री का तेल-
इसके तेल का उपयोग मुख्य रूप से बालों के झड़ने के इलाज के लिए किया जाता है। साल ट्री ऑयल का नियमित उपयोग घने और मजबूत बालों के विकास में मदद करता है।
साल ट्री के दुष्प्रभाव-
वैसे तो साल ट्री का कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में इसका अधिक प्रयोग दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। जो निम्नलिखित हैं:
- गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरुर लें।
- अतिसंवेदनशील लोगों को इसकी छाल, पत्तियां या राल का पेस्ट शहद या गुलाब जल के साथ इस्तेमाल करने पर एलर्जी पैदा कर सकता है।
यह कहां पाया जाता है?
साल के पेड़ निचले हिमालय, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, असम और मध्य प्रदेश में उगाए जाते हैं।