काली मिर्च का तेल
2022-05-24 19:07:10
importance of black pepper oil-काली मिर्च घरों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले मसालों में से एक है। काली मिर्च खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मुख्य एजेंट है। इसी कारण शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां पर इसका प्रयोग न किया जाता हो। काली मिर्च को मसालों में रानी कहा जाता है। जिसको हर प्रकार की सब्जी, सूप, पकवान आदि में इस्तेमाल किया जाता है। काली मिर्च खाने की रंगत बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी जानी जाती है, जिस कारण इसको आयुर्वेद में एक अलग दर्जा प्राप्त है।
आयुर्वेद में काली मिर्च का महत्व-
आयुर्वेद में काली मिर्च को आला दर्जे की औषधि माना जाता है, जो वात एवं कफ दोषों का खत्म करने की ताकत रखती है। काली मिर्च हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है। यह हमारी अपच की समस्या को दूर कर भूख बढ़ाने में मदद करती है। काली मिर्च के सेवन से पेट के रोग खत्म होते हैं और लीवर भी स्वस्थ रहता है। काली मिर्च का तीखा और गर्म प्रभाव मुंह में लार बनाने का काम करता है, जो शरीर के विभिन्न स्रोतों से मल को बाहरकर स्रोतों को शुद्ध करती है।
काली मिर्च का तेल-
काली मिर्च काफी प्रसिद्ध औषधि है। हाल ही के दशकों में कुछ वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि काली मिर्च का तेल जोड़ों का दर्द, पेट दर्द, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करने के साथ कई अन्य रोगों में भी लाभ करता है। काली मिर्च के तेल में एंटीवायरल प्रॉपर्टीज, रसायन एवं मोनोट्रैप्स गुण होते हैं, जो शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इस लेख में आप काली मिर्च के तेल से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इन्हीं सकारात्मक लाभों के बारे में जानेंगे।
कैंसर को बढ़ने से रोकने में लाभदायक-
अमेरिका के एक अध्ययन में सामने आया कि काली मिर्च के तेल में एंटीआक्सीडेंट्, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीकैंसर एक्टिविटी होते हैं, जो कैंसर की सेल्स की ग्रोथ को कम करके उसको ट्यूमर बनने से रोकते हैं। इस प्रकार काली मिर्च का तेल कैंसर जैसे घातक रोगों से बचने में मदद करता है।
अरोमाथैरेपी में इस्तेमाल करने में अच्छा-
कुछ लोग मानसिक एवं शारीरिक थकान को दूर करने के लिए अरोमाथैरेपी (औषधीय खुशबू की मदद से उपचार करने की प्रक्रिया) की मदद लेते हैं। इस थैरेपी के लिए काली मिर्च के तेल का प्रयोग करना ज्यादा लाभदायक होता है, क्योंकि इस तेल से अपने फोकस को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही काली मिर्च के तेल से मालिश करने से मांसपेशियों में भी आराम मिलता है।
स्मोकिंग को छोड़ने में मददगार-
अमेरिका की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि काली मिर्च के तेल को इनहेल (नाक या मुंह से अंदर खिचना) करने से बीड़ी-सिगरेट की आदत को दूर करने में सहायता मिलती है। साथ ही यह तेल एंजाइटी (चिंता या फिक्र) को भी कम करता है।
डाइयूरेटिक की समस्या में असरदार-
मूत्रवधक (डाइयूरेटिक) संबंधी समस्या होने पर ब्लैक पेपर ऑयल का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है। क्योंकि शरीर में मौजूद टॉक्सिंस (विषाक्त पदार्थों) को बाहर निकालने के लिए यूरिनेशन (मूत्र त्यागना) और स्वेटिंग (पसीना आना) महत्वपूर्ण क्रियाएं हैं और काली मिर्च का तेल इन दोनों क्रियाओं को ठीक रखने के लिए काफी फायदेमंद है।
ब्लड प्रैशर की समस्या को दूर करने में सहायक-
जर्नल ऑफ कार्डियोवैस्कुलर फार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार काली मिर्च का तेल बीपी को नियंत्रित करने में मदद करता है। रिपोर्ट के अनुसार काली मिर्च के तेल में ऐसे एंजाइम्स होते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखते हैं।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में लाभदायक-
किये गये अध्ययनों में सामने आया है कि कालीमिर्च का तेल फैटी एसिड और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। कालीमिर्च के तेल को असेंशियल ऑयल के रूप में इस्तेमाल करने से हार्ट डिसीज (दिल से जुड़ी बीमारी) और स्ट्रोक (लकवा) होने का खतरा भी कम हो जाता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने में कारगर-
कालीमिर्च का तेल कब्ज संबंधी समस्याओं को दूर करने में असरदार है। इसके सेवन से डायरिया, एसिडिटी जैसी समस्याएं भी ठीक होती हैं। साथ ही यह तेल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की प्रोब्लम्स को भी सोल्व करता है।
दर्द दूर करने में मददगार-
कालीमिर्च के तेल में इंफ्लेमेटरी और एंटीस्पाज्मोडिक गुण होते हैं, जो आर्थराइटिस-रूमेटिज्म (गठियों का दर्द) एवं मासंपेशियों की चोट को कम करने का काम करते हैं। ब्लैक पेपर ऑयल गर्दन के दर्द में भी जल्द आराम करता है।