सर्वाइकल पेन के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार
2022-03-17 12:57:31
इन दिनों कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनकी कुछ साल पहले तक किसी बीमारी की श्रेणी में गणना नहीं होती थी। लेकिन अब बड़ी तकलीफ बनकर उभर रही हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक हैं सर्वाइकल पेन। जिसका मुख्य कारण आधुनिक खान-पान और गलत लाइफ स्टाइल को फॉलो करना है। जिसके कारण गर्दन दर्द (सर्वाइकल पेन) की समस्या बेहद आम हो गयी है। इतनी आम कि यह बुजुर्ग लोगों की अपेक्षा बच्चे और युवाओं में अधिक देखने को मिलती है। इस समस्या के मुख्य कारण हैं- घंटों तक कम्प्यूटर पर काम करना, ख़राब मुद्रा एवं झुककर बैठना और गलत तरीके से भारी वजन उठाना आदि।
क्या होता है सर्वाइकल पेन?
सर्वाइकल पेन हड्डियों से जुड़ी एक समस्या होती है। जिसके होने पर गर्दन, कंधों, सिर आदि में गंभीर दर्द होता है। जिसे सर्वाइकल का दर्द कहा जाता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आज के दौर में अनियमित दिनचर्या के कारण लगभग हर तीसरे व्यक्ति को सर्वाइकल जैसी परेशानी से गुजरना पड़ता है।
दूसरे शब्दों में, गर्दन के हिस्से वाली रीढ़ की हड्डी (सर्वाइकल स्पाइन) के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पेन की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। सर्वाइकल डिस्क हड्डियों के बीच के दर्द को अवशोषित करती है। गर्दन की हड्डियां, स्नायुबंधन (ligaments) और मांसपेशियां यह सभी अंग सिर का समर्थन करती हैं। साथ ही गति को सामान्य बनाए रखती हैं। ऐसे में उस स्थान पर सूजन, चोट या किसी भी प्रकार का असामान्यता होने पर गर्दन में दर्द या अकड़न होने लगती है। इसे दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी या व्यायाम की आवश्यकता पड़ सकती है।
सर्वाइकल पेन के लक्षण
सर्वाइकल दर्द में मुख्य रूप से कंधे और गर्दन के आसपास के क्षेत्रों में दर्द होता है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं जो इस प्रकार हैं:
- हाथों और पैरों में कमजोरी या झुनझुनी होना।
- समन्वय की कमी के कारण चलने फिरने में कठिनाई होना।
- मांसपेशियों में ऐंठन होना।
- गर्दन में अकड़न या खिंचाव होना।
- सिर के पिछले हिस्से में दर्द महसूस करना।
- मूत्राशय और आंतों का अनियमित रूप से कार्य करना।
- शरीर का वजन घटना।
- गर्दन में लगी चोट, आघात या कोई झटका आना।
- स्पाइनल कॉर्ड (मेरुदंड) के बीच में दबाव पड़ने पर हिप या थाईज के आसपास सुन्नपन महसूस करना।
सर्वाइकल दर्द होने के कारण
सर्वाइकल दर्द, सर्वाइकल स्पोंडिलोलिसिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द होता है। इस स्थिति में हड्डियों, डिस्क या जोड़ों में परिवर्तन होने लगते हैं। जो प्रायः गर्दन से जुड़े होते हैं। सर्वाइकल दर्द का प्रमुख कारण उपास्थि और हड्डियों में घिसाव के कारण हुई टूट-फूट भी होता है। ऐसी समस्या ज्यादातर उम्र बढ़ने वाले लोगों में पाए जाती है। हालांकि, यह अन्य कारकों के कारण छोटे और युवकों में भी होता है। आइए जानते हैं इन्हीं कारकों के बारे में;
गर्दन का अधिक उपयोग करना
कुछ लोगों के दैनिक काम में कठिन और थकानेवाली गतिविधियां शामिल होती हैं। जो रीढ़ के हड्डियों पर दबाव डालती हैं। इसमें लिए भारी वजन उठाना, झुककर काम करना, गलत मुद्रा में बैठना आदि गतिविधियां शामिल हैं।
चोट के कारण
गर्दन या रीढ़ की हड्डी में पुरानी चोट लगने की वजह से भविष्य में व्यक्ति सर्वाइकल पेन से ग्रसित हो सकता हैं।
हर्नियेटेड डिस्क
इस तरह के सर्वाइकल दर्द में स्पाइनल डिस्क में दरारों का विकास होने लगती हैं। यह दरारें आंतरिक कुशनिंग सामग्री के रिसाव को रास्ता देती हैं। परिणामस्वरूप रीढ़ की नसों और मांशपेशियों पर दबाव पड़ता है। इस प्रकार से सर्वाइकल दर्द के लक्षण बांहों में दर्द एवं सुन्नता ला सकते हैं।
निर्जलित स्पाइनल डिस्क
जब रीढ़ के बीच की डिस्क कई बार सूख जाती है। जिसके कारण उनके रगड़ने से तीव्र दर्द होने लगता है।
डिस्क में उभार
कभी-कभी टूटी हुई डिस्क की तरह एक उभरी हुई डिस्क शरीर के तंत्रिका तंत्र पर दबाव डालती है। जिसके फलस्वरूप रीढ़ के ऊपरी हिस्सों में दर्द होने लगता है।
रीढ़ का असामान्य रूप से टेढ़ा होना
सामान्य रूप से बचपन से ही उम्र बढऩे के साथ-साथ मेरूदंड की लंबाई में समान अनुपात में वृद्धि होती है। जिससे शरीर में संतुलन बना रहता है। लेकिन इसके विपरीत किसी कारण मेरूदंड के एक हिस्से में ज्यादा वृद्धि और दूसरे हिस्से में कम वृद्धि हो तो इस अनियमित वृद्धि के कारण शारीरिक संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे शरीर गर्दन दर्द, कमर दर्द और अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित हो जाता है।
सर्वाइकल पेन के सामान्य कारण
- लगातार बैठकर घंटो तक काम करना।
- बैठने की मुद्रा का सही न होना।
- मांसपेशियों में खिंचाव आना।
- शरीर में अत्याधिक कमजोरी होना।
- शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होना।
- मांशपेशियों में ऐंठन होना।
- खराब पोस्चर में बैठकर किताब पढ़ना या टी बी देखना।
- व्यायाम करते समय गर्दन को सही तरीकों से न मोड़ना।
- घंटों तक गर्दन का एक ओर झुकाव का होना।
- झटके से भारी वजन उठाना।
सर्वाइकल पेन के घरेलू उपचार
आइस पैक
आइस पैक (ice pack) कई तरह के दर्द में मदद करता है। इसलिए आइस पैक को प्रभावित अंग पर लगाने से काफी आराम मिलता है। इसके अलावा आइस पैक गर्दन या शरीर के अन्य किसी हिस्से में दर्द के साथ सूजन को भी खत्म करता है।
सेंधा नमक
एक कटोरी एप्सम साल्ट (सेंधा नमक) को हल्के गर्म पानी से भरे बाथटब में डालें। जबतक पानी की गर्माहट रहे तब तक बाथटब में बैठे रहें। ऐसा करने से सर्वाइकल पेन में आराम मिलता है।
लहसुन
लहसुन में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी आदि गुण मौजूद होते हैं। जो बदन दर्द में काफी राहत प्रदान करते हैं। इसके लिए प्रतिदिन लहसुन की 2 कलियों को भूनकर पानी के साथ सेवन करें। इसके अलावा लहसुन की कम से कम 8 से 10 कलियां लेकर अच्छे से पेस्ट बनाकर उसे प्रभावित अंग पर लगाएं। ऐसा करने से कुछ दिनों में सर्वाइकल दर्द से राहत मिलने लगती है।
अदरक
सर्वाइकल पेन के लिए अदरक को गर्म पानी में भिगोकर कुछ देर रखें। अब उस पानी में शहद मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से सर्वाइकल पेन या शरीर के अन्य हिस्से के दर्द में राहत मिलती है। तत्काल राहत पाने के लिए अदरक के तेल से गर्दन या प्रभावित अंग की मालिश करें।
एसेंशियल ऑयल
लैवेंडर और तुलसी के तेल से बने मिश्रण को गर्दन या प्रभावित अंगों पर हल्के हाथों से मसाज करें। ऐसा करने से सर्वाइकल पेन में शीघ्र ही आराम होता है।
हींग एवं कपूर मिश्रित सरसों का तेल
सर्वाइकल पेन होने पर कपूर और हींग की बराबर मात्रा लेकर सरसों के तेल में फेटकर पेस्ट बना लें। अब इस मिश्रण से गर्दन या शरीर के प्रभावित हिस्सों पर हल्के हाथों से मसाज करें। ऐसा करने से दर्द में आराम पहुंचता है।
गर्म सिकाई करें
किसी भी तरह के दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी से सिकाई करना एक अच्छा विकल्प है। इससे रक्त का संचरण भी ठीक हो जाता है। इसके अलावा गर्म पानी से शावर लेने पर भी गर्दन दर्द में फायदा करता है।
हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। जो शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न दर्द एवं सूजन को नैचुरल तरीके से खत्म कर देते हैं। इसके लिए रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर गर्म करें। थोड़ा ठंडा होने के बाद उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। ऐसा करने से सर्वाइकल पेन में आराम मिलता हैं। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में भी सुचारू रूप से काम करता है।
तिल का तेल
तिल के तेल में भरपूर मात्रा में कॉपर, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन डी आदि गुण पाए जाते हैं। जो सर्वाइकल पेन से राहत दिलाने का काम करते हैं। इसके लिए रोजाना तिल के तेल को हल्का गुनगुना करके हल्के हाथों से प्रभवित अंगों का मालिश करें। ऐसा करने से आपका दर्द काफी हद तक कम हो जाता है।
सेब का सिरका
सेब के सिरके को गर्दन दर्द के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार माना जाता है। इस पर किए गए एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, सेब का सिरका जोड़ों का दर्द कम करने में मदद करता है। साथ ही यह गठिया और सर्वाइकल पेन में सुधार करता हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि सेब के सिरके से गर्दन का र्दद ठीक हो सकता है।