लौंग
2022-03-17 14:57:41
लौंग का महत्व-घरों में लौंग का उपयोग एक मसाले के रूप में किया जाता है। वर्तमान समय में मिठाईयों की खुशबू और स्वाद को बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है। पर आयुर्वेद में इसका उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है। अनेक रोगों से छुटकारा पाने के लिए इसको साबुत, पीसकर, काढ़ा बनाकर या तेल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके तेल को काफी अच्छा समझा जाता है, क्योंकि वो शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है। कई देशों में इसका इस्तेमाल हर्बल दवाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है। इसको दादी और मम्मी के नुस्खों में एक बड़ा दर्जा प्राप्त है। (लौंग का महत्व)
लौंग के फायदे और महत्व
- इसे खाने में स्वाद बढ़ाने का काम करती है।
- यह सर्दी-जुकाम को खत्म करने में कारगर होती है।
- गले में खरास होने पर मुंह में एक लौंग रख लेंने से या काढ़े में इसका उपयोग करने से गले को राहत मिलती है।
- दांतों में दर्द होने पर दो लौंग चबा लेने से दर्द में आराम मिलता है
- यह मसूड़ों के इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करती है।
- ये मुंह से आने वाली स्मेल को दूर करती है।
- शरीर की पाचन शक्ति को भी यह तेज करती है।
- ये भूख बढ़ाने का काम करती है।
- त्वचा पर लौंग का तेल लगाने से त्वचा के कीड़े मर जाते हैं।
- कई बीमारियों को यह जड़ से खत्म करने की भी क्षमता रखती है।
कहां पाया जाता है लौंग?
ऐतिहासिक रूप से लौंग (clove) को मलक्का द्वीप की उपज मानी जाती है। जंजीबार लौंग का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश है। सबसे अधिक मात्रा में लौंग का उत्पादन जंजीबार और मलक्का द्वीप में ही होता है। इनके अलावा लौंग का उत्पादन इंडोनेशिया, भारत, मेडागास्कर, पाकिस्तान और श्रीलंका आदि देशों में होता है। भारत में इसका उपयोग 2000 वर्षों से भी अधिक समय से हो रहा है। भारत में लौंग का अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है। साथ ही भारत में केरल और तमिलनाडु में भी इसकी खेती की जाती है।