Posted 14 September, 2023
क्यों होती है मांसपेशियों में ऐंठन? जानें, इसके लक्षण, कारण और उपचार
मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को मेडिकल भाषा में मसल्स क्रैम्प्स या मसल्स स्पाज्म के नाम से जाना जाता है। यह मांसपेशियों में होने वाली एक सामान्य परेशानी हैं, जो विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिलती हैं। आमतौर पर ऐंठन होती है जब मांसपेशी या मांसपेशियों का समूह अनैच्छिक रूप से सिकुड़ जाता है। इस समस्या को मांसपेशियों में ऐंठन या जकड़न कहा जाता है। सामान्यतः यह समस्या अधिक काम करने वाले लोगों में होती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के पैर के निचले हिस्से के पीछे, जांघ के पीछे, जांघ के सामने वाले हिस्से में ऐंठन एवं दर्द, आदि लक्षण नजर आते हैं।
इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या अधिक समय तक व्यायाम शारीरिक परिश्रम करने के कारण भी हो सकती है। कभी-कभी कुछ शारीरिक समस्याओं या कुछ दवाइयों के दुष्प्रभाव से भी मांसपेशियों में ऐंठन उत्पन्न हो सकती है। इसकी तीव्रता हल्की मरोड़़ से लेकर गंभीर दर्द तक होती है। स्पास्टिक मांसपेशियों को छूने में कठिनाई या स्पष्ट रूप से विकृति दिखाई दे सकती है। शरीर में होने वाला ऐंठन आमतौर पर कुछ सेकंड से लेकर 15 मिनट या उससे अधिक समय तक रह सकती है। साथ ही ठीक होने के बाद भी इसकी कई बार पुनरावृति हो सकती है।
मांसपेशियों में ऐंठन के लक्षण-
मांसपेशियों में ऐंठन के लक्षणों में शामिल निम्नलिखित हैं-
- जलन की अनुभूति होना।
- मांसपेशियों में सिकुड़न या गांठ बनना।
- मांसपेशियों में ऊर्जा की कमी का आभास होना।
- मांसपेशियों में दर्द, जो दर्दनाक या गंभीर हो सकता है।
- मांसपेशी में कमजोरी होना।
- मांसपेशियों में मरोड़ होना।
मांसपेशियों में ऐंठन के साथ होने वाले अन्य लक्षण हैं-
- चलने-फिरने में कठिनाई महसूस करना।
- थकावट महसूस करना।
- अपने दैनिक कार्य जैसे सीढ़िया चढ़ना, बोलने में कठिनाई महसूस करना।
- जी मिचलाना।
- ह्रदय की धड़कन तेज होना।
- त्वचा में पीलापन या लालिमा होना।
- अधिक प्यास लगना।
मांसपेशियों में ऐंठन के कारण-
मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द होने के पीछे कई कारण होते हैं। जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- इसका मुख्य कारण मांसपेशियों का उपयोग जैसे अधिक व्यायाम और शारीरिक परिश्रम करना होता है।
- खेल के दौरान मांसपेशियों में चोट लगने पर।
- निर्जलीकरण अर्थात शरीर में पानी की कमी होना।
- शरीर में कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की कमी होना।
- शरीर खासकर पैरों के रक्त प्रवाह में कमी होने पर।
- रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ना।
- शराब का अधिक सेवन करना।
- गलत या अस्वस्थ आहार लेने पर।
- गर्भावस्था के दौरान ।
- किडनी खराब होने के कारण।
- हाइपोथायरायडिज्म या थायरॉइड ग्रंथि के कार्यप्रणाली में कमी का होना।
कैसे करें मांसपेशियों में ऐंठन की रोकथाम?
मांसपेशियों में होने वाले ऐंठन के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन लोग कुछ सावधानियों को बरतें तो वह इस समस्या की रोकथाम कर सकते हैं;
- उन व्यायामों को करने से बचें या सीमित मात्रा में करें, जो मांसपेशियों को तनाव देते हैं और ऐंठन का कारण बनते हैं।
- जो लोग गतिविधियां अधिक करते हैं, वह अपने मांसपेशियों को आराम दें।
- व्यायाम करने से पहले स्ट्रेच या वार्मअप करें। वार्मअप-अप बिल्कुल न करने से मांसपेशियों में खिंचाव और चोट लग सकती है।
- भोजन करने के तुरंत बाद व्यायाम न करें।
- कॉफी और चॉकलेट जैसे कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
- निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करें।
- आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन इत्यादि पौष्टिक युक्त भोजन का सेवन करें।
- अपने आहार में दूध, संतरे का जूस, केला आदि चीजों को शामिल करें।
- अपने मांसपेशियों को अच्छे से स्ट्रेच करते रहें। जिससे रक्त का संचार ठीक रहता है।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि शरीर को पोषक तत्वों और खनिजों की आवश्यकता है, विटामिन की खुराक लेने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
मांसपेशियों में ऐंठन के उपचार-
किसी चोट के कारण होने वाली मांसपेशियों में ऐंठन से राहत पाने के लिए मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाओं का उपयोग कुछ समय के लिए किया जा सकता है। जिसमें शामिल ऑर्फेनाड्रिन (नॉरफ्लेक्स), साइक्लोबेनज़ाप्राइन (फ्लेक्सरिल) और बैक्लोफ़ेन (लियोरेसल) हैं। ध्यान दें इन दवाओं का सेवन किसी चिकित्सक के सुझाव पर ही करें।
घरेलू उपचार-
मालिश-
मालिश से शारीरिक दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन से राहत मिलती है। इसके लिए नारियल एवं सरसों तेल को गर्म करें। अब इस तेल से प्रभावित जगहों पर हल्के हाथों से मालिश करें। ऐसा करने से मांसपेशियों में रक्त की संचार सुचारु रूप से होती है। इससे प्रभावित जगह की दर्द एवं सूजन भी कम होती है।
बर्फ या गर्म सिकाई करें-
दर्द और ऐंठन का इलाज कोल्ड और हीट थेरेपी उपचार से करना बहुत प्रभावी हो सकता है। इसके लिए दिन में कई बार 15 से 20 मिनट के लिए प्रभावित मांसपेशियों पर आइस पैक लगाएं। सुनिश्चित करें कि बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाकर एक पतले तौलिया या कपड़े में लपेट कर सिकाई करें। ऐसा करने से रक्त परिसंचरण कम होता है। जिससे दर्द एवं सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा मांसपेशियों की ऐंठन एवं दर्द से छुटकारा पाने के लिए प्रभावित अंगों की गर्म सिकाई करना भी लाभप्रद होता है। जिसमें हीट पैक, हॉट टब, हॉट शॉवर या स्पा शामिल हैं। यह सभी थेरेपी मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं।
हल्का व्यायाम-
सोने से पहले कुछ हल्का व्यायाम करके सोएं। ऐसा करने से रात के समय पैर की ऐंठन को रोका जा सकता हैं। हल्के व्यायाम के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- भोजन करने के बाद कुछ देर तक टहलें।
- सीढ़ियों पर ऊपर और नीचे जाएं।
- कुछ मिनट के लिए एक स्थिर बाइक की सवारी करें।
- कुछ मिनटों के लिए रोइंग मशीन का प्रयोग करें।
ध्यान दें हल्का व्यायाम ही करें। क्योंकि मध्यम या कठिन व्यायाम नींद में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इसलिए सोने से ठीक पहले इसे करने से बचें।
अचार का रस-
थोड़ी मात्रा में अचार का रस पीने से 30-35 सेकंड में मांसपेशियों में ऐंठन से राहत मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यह इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने का काम करता है।
पूरक-
कुछ लोग मांसपेशियों में ऐंठन के इलाज और रोकथाम के लिए साल्ट टेबलेट, विटामिन बी-12 और मैग्नीशियम की खुराक लेते हैं।
सामयिक उपयोग के लिए कुछ सूजनरोधी और दर्द निवारक क्रीम-
मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या से राहत पाने के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाइयां या क्रीम मदद कर सकते हैं। इसमें लिडोकेन, कपूर या मेन्थॉल युक्त उत्पाद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हल्दी और अजवाइन के बीज से बना जेल मांसपेशियों में होने वाला ऐंठन, दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करता है।
स्ट्रेच-
उस हिस्सों में खिंचाव करें। जिस मांसपेशियों में ऐंठन होती है। आमतौर पर यह ऐंठन को सुधारने या रोकने में मदद करता है। नीचे जांघ, पिंडली, पीठ और गर्दन की मांसपेशियों के लिए स्ट्रेच दिए गए हैं।
पिंडली मांसपेशियों में ऐंठन के लिए-
- सबसे पहले लेट जाएं।
- अब अपने पैरों को सीधा करें। साथ ही और अपने पैर की उंगलियों को अपने सिर की ओर इंगित करें या टक करें।
- कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें।
जांघ की मांसपेशियों में ऐंठन के लिए-
- इसके लिए सर्वप्रथम सीधे खड़े हो जाएं और संतुलन के लिए कुर्सी को पकड़ें।
- अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने पैर को कूल्हे के पीछे ले जाएं।
- अब अपनी टखनों को पकड़ें और अपने पैरों को पीछे अपने नितंब की ओर खींचें।
पीठ की मांसपेशियों में ऐंठन के लिए-
- इसके लिए एक एक्सरसाइज बॉल पर बैठें या लेट जाएं। इस स्थिति में पीठ, कंधे और नितंब गेंद के ऊपर फर्श पर अपने पैरों के साथ फैले हों।
- इसे कुर्सी या सोफे के पास करें ताकि संतुलन खोने की स्थिति में इसे पकड़ा जा सके।
- इस अभ्यास को कुछ मिनट के लिए करें।
गर्दन की मांसपेशियों में ऐंठन के लिए-
- बैठते या खड़े होते समय अपने कंधों के चारों ओर एक गोलाकार आकृति में घुमाएं। इसके लिए अपने कंधों को आगे, ऊपर, पीछे और नीचे घुमाएं। इस व्यायाम को 10 बार दोहराएं।
- फिर अपने कंधों को विपरीत दिशा में घुमाएं। इसके लिए अपने कंधों को पीछे, ऊपर, आगे और नीचे ले जाएं। इस दिशा में 10 फेरे लगाएं।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
ज्यादातर मामलों में इससे पीड़ित व्यक्ति उपरोक्त घरेलू उपाय या सावधानी बरतकर इस समस्या से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। लेकिन यदि वह बार-बार और बिना किसी स्पष्ट कारण के अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।