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लेरिंजाइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

Posted 24 May, 2022

लेरिंजाइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

 मौसम में बदलाव के कारण संक्रमण का होना आम बात है। जिसके कारण लोगों को सर्दी, जुकाम और फ्लू (इन्फ़्लूएंज़ा) जैसी बीमारियां आसानी से घेर लेती है। यह अक्सर लेरिंजाइटिस होने का कारण बनते हैं। लेरिंजाइटिस किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह एक गला संबंधित रोग है, जो गले में संक्रमण के कारण होता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को मुंह से आवाज की जगह फुसफुसाहट या हल्की सी चीख जैसी आवाज निकलती है। लेकिन कुछ मामलों में आवाज बहुत कम अर्थात बैठ जाती है। यह रोग कम समय या लंबे समय तक परेशान कर सकता है। जिसे बदलते मौसम का संकेत मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बोलने, गले में दर्द और निगलने में असुविधा होती है।

 

क्या है लेरिंजाइटिस

 स्वर यंत्र (वॉइस बॉक्स) में होने वाली सूजन को लेरिंजाइटिस  कहा जाता है। यह समस्या वॉइस बॉक्स की अधिक इस्तेमाल (ज्यादा बोलना) या संक्रमण के कारण होती है। दरअसल वॉइस बॉक्स को लैरिंक्स भी कहते हैं। लैरिंक्स के अंदर स्वर तंत्रियां होती हैं। जिसके खुलने या बंद होने से उत्पन्न होने वाली कंपन ध्वनि बनाती है। जब इसमें संक्रमण,अधिक बोलने  या किसी अन्य कारणवश सूजन आ जाती है। जिसके कारण व्यक्ति के आवाज में परिवर्तन अर्थात सही आवाज नहीं निकल पाती है। कई बार तो आवाज को पहचानना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा गला पूरी तरह बैठ भी जाती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में लेरिंजाइटिस के नाम से जाना जाता है।

 

लेरिंजाइटिस प्रकार-

बीमारी की अवधि के आधार पर इसे दो भागों में विभाजित किया गया हैं,जो निम्नलिखित हैं:

एक्यूट लेरिंजाइटिस (स्वरयंत्र शोथ) - 

लेरिंजाइटिस का यह प्रकार 2-3सप्ताह या इससे कम समय तक रहती है। इसका अधिकतर मामले स्वर तंत्रियों पर दबाव या वायरल इंफेक्शन के कारण होते हैं। आमतौर पर एक्यूट लेरिंजाइटिस की समस्या गंभीर नहीं होती है। इसे कुछ सावधानियां बरतकर या घरेलू उपचार करके ठीक किया जा सकता है।

क्रॉनिक लेरिंजाइटिस (स्वरयंत्र शोथ)-

लेरिंजाइटिस का यह प्रकार 2-3 सप्ताह से भी अधिक रहता है। इसे दीर्घकालिक (क्रॉनिक) स्वरयंत्र शोथ माना जाता है। आमतौर पर इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण, धूल, धूम्रपान करना या धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के आस-पास रहकर धुएं को अंदर लेना (सेकंड हैंड) और शराब होता है। क्रॉनिक लेरिंजाइटिस  गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। स्वर तंत्रियों में अधिक समय तक सूजन रहने से गांठ भी बन सकती है।

 

लेरिंजाइटिस के लक्षण-

युवाओं या वयस्कों में, गला बैठ जाना, आवाज का बंद हो जाना और गले में दर्द लेरिंजाइटिस के प्राथमिक लक्षण माने जाते हैं। इसके अलावा लेरिंजाइटिस के कुछ लक्षण वायरल इंफेक्शन की तरह भी होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण का होना।
  • गले में खराश या दर्द होना।
  • लिंफ नोड्स में सूजन आना।
  • सूखी खांसी आना।
  • खाने, पीने या निगलने में दर्द होना।
  • नाक का बहना।
  • बुखार आना।
शिशुओं या बच्चों में लेरिंजाइटिस के लक्षण-
  • अजीब आवाज वाली खांसी आना।
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।
  • रात में लक्षणों का बढ़ जाना।
  • बुखार होना।
क्या होते हैं लेरिंजाइटिस के कारण?
एक्यूट लेरिंजाइटिस के कारण-
  • लगातार बोलने या चिल्लाने से स्वर तंत्रियों में खिंचाव होने पर।
  • वायरल संक्रमण होने पर।
  • बैक्टीरिया संक्रमण जैसे डिप्थीरिया आदि होने पर।
क्रॉनिक लेरिंजाइटिस के कारण-
  • चिल्लाने या आवाज का लगातार उपयोग (गायक) करने पर।
  • रासायनिक धुएं या वायु प्रदूषण में सांस लेने से।
  • धूम्रपान करने पर।
  • शराब का अधिक सेवन करने पर।
  • काली खांसी होने पर।
  • पुरानी साइनसाइटिस होने पर।
  • एसिड रिफ्लक्स (acid reflex) या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) होने पर।
लेरिंजाइटिस होने पर बरतें यह सावधानियां-
  • शराब या कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  • धूम्रपान से परहेज करें। साथ ही सेकंड हैंड स्मोक से बचें।
  • संक्रामक एवं प्रदूषित वातावरण में जाने से बचें।
  • आइसक्रीम, दही, बर्फ के पानी का बिल्कुल सेवन न करें।
  • तैलीय एवं वसायुक्त भोजन के सेवन से बचें।
  • प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • गुनगुने पानी का सेवा करें।
  • नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें।
  • अपने आहार में साबूत अनाज, फल और सब्जियों को शामिल करें।
  • ऊपरी स्वसन तंत्र संक्रमण से बचें। इसलिए अपने हाथों को बार-बार धोएं।
  • सर्दी-जुकाम एवं अन्य वायरल इंफेक्शन से ग्रसित लोगों से दूरी बनाएं।
लेरिंजाइटिस के घरेलू उपाय-
सेब का सिरका-

सेब का सिरका लेरिंजाइटिस के लिए अच्छी दवाओं में से एक है। क्योंकि इसमें एसिटिक एसिड होता है जिसमें एंटीमाइक्रोबियल होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से लड़ता है। इससे राहत पाने के लिए दो चम्मच एप्पल साइड विनेगर और एक चम्मच शहद को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।

 

प्याज है फायदेमंद-

लेरिंजाइटिस या गले में किसी ही तरह का संक्रमण हेतु प्याज का सिरप का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि प्याज में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। जो गले में होने वाली सूजन के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह गले में इंफेक्शन से राहत दिलाता है। इसके लिए 2से 3प्याज को काटकर पानी में उबालें। इस मिश्रण को तब तक पकाएं जब तक मिश्रण गाढ़ा न बन जाए। अब इस मिश्रण की कुछ मात्रा को गुने पानी में मिलाएं। उसके बाद उसमें एक चम्मच शहद और नींबू की कुछ बूंदों को मिलाकर सिप करके पिएं। ऐसा करने से लेरिंजाइटिस की समस्या में आराम मिलता है।

 

अदरक-

अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। जो गले की सूजन और संक्रमण को दूर करता है। इसलिए किसी भी रूप में अदरक का उपयोग करना लेरिंजाइटिस हेतु फायदेमंद होता है।

 

गर्म पानी-

नमकयुक्त गर्म पानी संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। साथ ही स्वर तंत्र एवं गले की सूजन का भी इलाज करता है। इसके लिए नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें। इस उपाय को दिन में कई बार करें।

 

लहसुन-

लहसुन में एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जो वायरस एवं बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए लहसुन की 2से 3 कलियों को अपने दातों के बीच रखकर इसका रस चूसने से फायदा होता है।

 

शहद युक्त मिश्रित चाय-

शहद युक्त मिश्रित चाय लेरिंजाइटिस के लिए अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह गले की परेशानी को कम करने में मदद करती है। इसलिए गले में सूजन या किसी भी तरह का संक्रमण होने पर शहद युक्त मिश्रित चाय कारगर साबित होती है।

 

नीलगिरी तेल-

नीलगिरी तेल लेरिंजाइटिस के लिए एक औषधि की तरह काम करती है। दरअसल इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीवायरल, एंटी बैक्टीरियल गुण गले की सूजन को कम करने में बेहद लाभकारी है। इसके लिए नीलगिरी तेल को भाप की तरह इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है।

 

कब जाएं डॉक्टर के पास
  • सांस लेने में तकलीफ होने पर।
  • खासते वक्त बलगम में खून आने पर।
  • लगातार बुखार रहने पर।
  • गले में अधिक दर्द होने पर।
  • निगलने में असुबिधा होने पर।
बच्चों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
  • सांस लेने में तकलीफ या सांस लेते समय गले से आवाज आने पर।
  • सामान्य से अधिक लार निकलने पर।
  • खाने-पीने परेशानी होने पर।
  • 103 F (39.4 C) से अधिक बुखार होने पर।
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गले के इंफेक्शन का कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

Posted 17 March, 2022

गले के इंफेक्शन का कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

गलत लाइफ स्टाइल और मौसम में बदलाव की वजह से संक्रमण का होना आम बात है। जिसके कारण लोगों को सर्दी, जुकाम और फ्लू (इन्फ़्लूएंज़ा) जैसी बीमारियां आसानी से घेर लेती हैं। यह अक्सर गले में इंफेक्शन होने के कारण बनते हैं। गले में इंफेक्शन किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह एक संक्रमण है। जिसे बदलते मौसम का संकेत मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को खाने, पीने और निगलने में असुविधा होती है।

 

गले में संक्रमण के लक्षण

ज्यादातर मामलों में गले के इंफेक्शन में सामान्यतः सर्दी एवं जुकाम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। सर्दी के अन्य लक्षणों में नाक का बहना,गले का दर्द, खराश, कांटे जैसे चुभना, आंख की लालिमा एवं खुजली आदि होना शामिल हैं। गले में इस प्रकार की खराश कुछ वायरस के कारण भी होती है। जो लगभग एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है। गले में खराश होने के मुख्य दो कारण हैं। पहला जीवाणु (Bacteria) द्वारा और दूसरा विषाणु (virus) द्वारा। आइए चर्चा करते हैं इन्हीं कारणों से होने वाले लक्षणों के बारे में;

 

वायरस के कारण गले में होने वाले इंफेक्शन के लक्षण
  • गले में हल्का या बिल्कुल दर्द न होना।
  • निगलने में हल्की तकलीफ होना।
  • गले का लगातार सूखना।
  • जबड़े एवं गर्दन में दर्द का होना।
  • सिर में दर्द होना।
  • कभी-कभी गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • हल्का बुखार आना।
  • वायरस के कारण 4-5 दिनों तक गले में काटे जैसा चुभना।
  • सर्दी के सामान्य लक्षण जैसे नाक का बहना, आंखों की लाली और साइनस के कारण नाक का बंद होना आदि।
बैक्टीरिया के कारण गले में इंफेक्शन के लक्षण

सामान्यतः बैक्टीरिया के कारण होने वाले गले का संक्रमण वायरस की अपेक्षा अधिक गंभीर होता है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए इसका उपचार चिकित्सक की देखरेख में एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाना चाहिए। गले में इंफेक्शन जैसी समस्याएं लगभग एक-तिहाई बच्चों में बैक्टीरिया की वजह से ही होती हैं। आइए बात करते हैं इन लक्षणों के बारे में;

 

  • गले में असहनीय दर्द का महसूस होना।
  • निगलने में अत्यधिक तकलीफ होना।
  • गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • तेज बुखार का आना।
  • गले के अंदरूनी हिस्से में मवाद या टॉन्सिल पर सफ़ेद निशान का दिखाई देना।
  • दो सप्ताह से भी अधिक समय तक आवाज में भारीपन रहना।
  • सामान्य रूप से इस प्रकार की संक्रमण को ठीक होने में अधिक समय का लगना।
क्या होते हैं गले में इंफेक्शन के कारण?

गले में संक्रमण निम्न कारणों से हो सकता है। जिसका हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

 

  • स्ट्रेपकोकस नामक जीवाणु और रायनोवायरस नामक विषाणु का शरीर में प्रवेश करने पर।
  • किसी पदार्थ से एलर्जी होने पर।
  • गले में नमी के कम होने पर।
  • धूम्रपान करना।
  • टॉन्सिल की दिक्कत होना।
  • चिल्लाने या आवाज़ दबाने से।
  • रासायनिक धुएं या वायु प्रदूषण में सांस लेने से।
  • काली खांसी होने पर।
  • डिप्थीरिया का होना।
गले का संक्रमण होने पर ध्यान रखें यह बातें
  • अच्छे से आराम करें।
  • धूम्रपान करने से बचें।
  • प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें।
  • गले में संक्रमण होने पर लोज़ेंज या हार्ड कैंडी चूसें।
  • किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • छींकने और खांसने के बाद या शौचालय से आने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • तैलीय एवं वसायुक्त भोजन के सेवन से बचें।
  • आइसक्रीम, दही, बर्फ के पानी का बिल्कुल सेवन न करें।
  • संक्रामक एवं प्रदूषित वातावरण में जाने से बचें।
गले के संक्रमण के घरेलू उपाय
  • गले में संक्रमण होने पर दिन में दो से तीन बार सौंफ चबाकर खाएं।
  • ग्रीन टी में अदरक डालकर दिन में 2-3 बार पीने से गले के रोग में आराम पहुंचाता हैं।
  • गले के दर्द और गले से संबंधित किसी भी प्रकार के संक्रमण से राहत पाने के लिए चाय और सूप जैसे गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। जो गले की सूजन और दर्द को दूर करता है। इसलिए किसी भी रूप में अदरक का इस्तेमाल करना गले के संक्रमण हेतु फायदेमंद होता है।
  • तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो बदलते मौसम में शरीर को होने वाली दिक्कतों से बचाने का काम करते हैं। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ाती है।
  • एक कप पानी में नीम की 4-5 पत्तियों को उबालकर पीना, गले के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • गले में इंफेक्शन हेतु काली मिर्च से बनी चाय का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। जो एक प्राकृतिक दर्द निवारक होता है। जो गले की खराश और दर्द में राहत दिलाता है।
  • जायफल और बरगामोट के तेल में कैफीन होता है। जिसका ठंडा, सुखदायक और ताजा प्रभाव गले के इंफेक्शन में आराम दिलाता है। इसलिए गले से संबंधित कोई परेशानी होने पर जायफल या बरगामोट तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • शहद युक्त मिश्रित चाय शुष्क गले के लिए अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह गले की परेशानी को कम करने में मदद करती है। इसलिए गले में खराश और खांसी होने पर यह चाय (शहद युक्त मिश्रित चाय) कारगर साबित होती है।
  • सेब का सिरका गले में दर्द और खांसी के लिए अच्छी दवाओं में से एक है। क्योंकि इसमें एसिटिक एसिड होता है। जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है। जो बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से लड़ता है।
  • गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी डाल के सेवन करने से संक्रमण से बचाव होता हैं। क्योंकि हल्दी में संक्रमण को दूर करने की क्षमता होती है।
  • लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जो गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए लहसुन की 2 से 3 कलियों को अपने दांतों के बीच रखकर चूसने से फायदा होता है।
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Throat Infection- Causes, Symptoms and Home Remedies

Posted 17 March, 2022

Throat Infection- Causes, Symptoms and Home Remedies

Wheat germ is the best part of the wheat kernel which is full of all the goodness of grains. The plant of wheat is a long grass bearing wheat berries on the top. These wheat berries contain 3 parts among which the outer layer of wheat is called bran. The second part i.e, the endosperm is powdered to obtain flour and the third part - the inner part of the wheat is the sprout or germ, that is, the grain. Wheat germ accounts for only 2.5 to 3.8 percent of the total weight of wheat but this part is the most nutritious of the rest of the wheat. Generally, wheat germ is also called the embryo of grain in which the seeds germinate.

 
Nutrients in Wheat germ

Wheat germ contains a variety of antioxidants, triglycerides, and minerals that help the body perform various functions. Zinc, calcium, protein, phosphorus, potassium and magnesium are all packed inside the germ and make it a great source of energy. These nutrients play a vital role in keeping the body healthy by strengthening the immune system.

Apart from this, it is also rich in thiamine, folate, manganese, carbohydrates & fibers.

 
Benefits of Wheat germ
For constipation-

Lack of fiber in food causes constipation. Using wheat germ is thus beneficial for the body because it is rich in fiber. Including a rich amount of fiber in your diet removes the problem of constipation.

For the immune system-

A diet rich in fiber is considered good for the immune system. Apart from this, it is also good for the gastrointestinal system as it helps to clear the harmful microbes from the stomach. Wheat germ also helps in the proliferation of good bacteria in the body therefore consuming fiber-rich food like wheat germ works to improve the immune system.

For heart health-

According to research, the microbes present in wheat help in improving heart health that's why nutritionists and health experts recommend eating whole grains for better heart health because it helps to keep the heart healthy and reduce the risks of coronary heart diseases.

For blood sugar-

Since a good amount of fiber is found in wheat germ, it proves to be effective in reducing the response of post-meal or postprandial blood glucose. Therefore, by including wheat germ or whole grains in your diet, type 2 diabetes can be avoided.

For cancer-

According to health experts, antioxidants are great to reduce the risks of cancer. Wheat germ contains a good amount of antioxidants which can help meet the optimum level of antioxidants in the body of a person. Therefore, consumption of wheat germ is great for cancer patients as it helps to fulfill the good nutritional intake in the body.

To reduce obesity-

Taking a diet rich in fiber proves to be helpful in protecting the body from overweight and obesity. Consumption of wheat germ not only provides a sufficient amount of fiber, but also makes the body energetic. Therefore, using wheat germ is a good solution for weight loss.

 
Side effects & precautions while using Wheat germ
  • People who have poor tolerance to gluten or are allergic to it should avoid consuming wheat germ as it contains gluten.
  • People who are on a low-carb diet should consume wheat germ in limited quantities as it is rich in carbohydrates.
  • Wheat germ oil is rich in triglycerides therefore people with heart diseases should avoid it as high triglycerides levels may have adverse health effects for people with heart diseases.
  • Wheat germ extract may cause certain side effects such as diarrhea, nausea, bloating and dizziness.
How is Wheat germ made?

Wheat germ is made by first soaking some good quality wheat grains in water, and covering them with a cloth for 2-3 days. This helps to speed up the process of germination of wheat and sprouts begin to emerge from the wheat. Now use sprouted wheat by mixing it in salad or by cooking it.

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गले की खराश के लक्षण, कारण और उपचार

Posted 24 May, 2022

गले की खराश के लक्षण, कारण और उपचार

आधुनिक जीवन शैली एवं प्रदूषित वातावरण के चलते संक्रमण का होना आम बात है। जिसके कारण लोगों को सर्दी, जुकाम और फ्लू (इन्फ़्लूएंज़ा) जैसी बीमारियां आसानी से घेर लेती है। यह अक्सर गले में खराश होने, गले की जलन, खुजली आदि का कारण बनते हैं। गले में खराश की परेशानी किसी भी इंसान को हो सकती है। यह एक संक्रमण है। जिसे बदलते मौसम का संकेत मानकर नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। इस परेशानी से खाने, पीने और निगलने में असुविधा होती है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से गले में खराश के इलाज के विभिन्न कारणों, लक्षणों, निदान और उपचार पर बात करते हैं।

 
गले की खराश के लक्षण

ज्यादातर मामलों में गले की खराश में सामान्यतः सर्दी एवं जुकाम जैसे लक्षण होते हैं। सर्दी के अन्य लक्षणों में नाक का बहना, आंख की लालिमा एवं खुजली आदि होना शामिल हैं। गले में इस प्रकार की खराश कुछ वायरस के कारण भी होती है। जो लगभग एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। गले में खराश होने के मुख्य दो कारण हैं। पहला जीवाणु (Bacteria) द्वारा और दूसरा विषाणु (virus) द्वारा। आइए चर्चा करते हैं इन्हीं कारणों से होने वाले लक्षणों के बारे में;

 
वायरस के कारण होने वाले गले की खराश के लक्षण-
  • गले में हल्का या बिल्कुल दर्द न होना।
  • निगलने में हल्की तकलीफ होना।
  • कभी-कभी गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • हल्का बुखार का आना।
  • वायरस के कारण 4-5 दिनों तक गले में खराश होना।
  • सर्दी के सामान्य लक्षण जैसे नाक का बहना, आंख की लाली और साइनस के कारण नाक का बंद होना आदि।
 
बैक्टीरिया के कारण होने वाले गले की खराश के लक्षण-

सामान्यतः बैक्टीरिया के कारण होने वाली गले की खराश वायरस की अपेक्षा अधिक गंभीर होती है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए इसका उपचार चिकित्सक की देख-रेख में एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाना चाहिए। गले की खराश जैसी समस्याएं लगभग एक-तिहाई बच्चों में बैक्टीरिया की वजह से ही होता है। आइए नजर डालते हैं इन लक्षणों के बारे में ;

 
  • गले में अत्यधिक या असहनीय दर्द का महसूस होना।
  • निगलने में अत्यधिक तकलीफ होना।
  • गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • तेज बुखार का आना।
  • गले के अंदरूनी हिस्से में मवाद या टॉन्सिल पर सफ़ेद निशान का दिखाई देना।
  • दो सप्ताह से भी अधिक समय तक आवाज में भारीपन रहना।
  • सामान्य रूप से इस प्रकार की खराश को ठीक होने में अधिक समय का लगना।
क्या होते हैं गले की खराश के कारण?

गले में खराश निम्न कारणों से हो सकती है। जिसका हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

  • गले का संक्रमण।
  • गले की एलर्जी।
  • गले में नमी का कम होना।
  • धूम्रपान करना।
  • टॉन्सिल की दिक्कत का होना।
  • चिल्लाने या आवाज़ दबाने से।
  • रासायनिक धुएं या वायु प्रदूषण में सांस लेने से।
गले की खराश के बचाव एवं घरेलू उपचार-
  • अच्छे से आराम करें।
  • प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। गले के दर्द और पतले बलगम से राहत पाने के लिए चाय और सूप जैसे गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें। 1 कप गर्म पानी में ½ चम्मच नमक मिलाकर गरारे करें।
  • गले में खराश होने पर लोज़ेंज या हार्ड कैंडी चूसें।
  • धूम्रपान न करें और सेकंड-हैंड (दूसरे द्वारा पी जाने वाली सिगरेट इत्यादि के) धुएं से बचें।
  • गले में खराश होने पर शहद युक्त मिश्रित चाय शुष्क गले के लिए अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह गले की परेशानी को कम करने में मदद करती है। इसलिए गले में खराश और खांसी होने पर यह चाय (शहद युक्त मिश्रित चाय) कारगर साबित होती है।
  • सेब का सिरका गले में खराश और खांसी के लिए अच्छी दवाओं में से एक है। क्योंकि इसमें एसिटिक एसिड होता है जिसमें एंटीमाइक्रोबियल होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से लड़ता है।
  • गले की खराश के लिए काली मिर्च से बनी चाय का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। जो एक प्राकृतिक दर्द निवारक होता है। जो गले की खराश और दर्द से राहत दिलाता है।
  • जायफल और बरगामोट के तेल में कैफीन होता है। जिसका ठंडा, सुखदायक और ताजा प्रभाव होता है। जो गले की खराश से राहत देता है। इसलिए गले में खराश होने पर जायफल या बरगामोट तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। जो गले की सूजन और दर्द को दूर करता है। इसलिए किसी भी रूप में अदरक का इस्तेमाल करना गले की खराश के लिए फायदेमंद होता है।
  • एक कप पानी में नीम की 4-5 पत्तियों को उबालकर पीना, गले के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बदलते मौसम में शरीर को होने वाली दिक्कतों से बचाने का काम करते हैं। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाती है। इसके लिए वेदोबी तुलसी ड्रॉप्स का भी उपयोग किया जा सकता है। जो खांसी और गले की खराश को ठीक करने का एक हर्बल फार्मूला है।
  • इसी प्रकार नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से तैयार किया गया वेदोबी क्यूरा एक हर्बल उपाय है। जो सर्दी, खांसी और गले की खराश को दूर करता है। इसके अलावा यह प्रभावी रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है।
 
इन परिस्थितियों में डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें-
  • सांस लेने में तकलीफ होने पर।
  • निगलने में गंभीर समस्याएं होने पर।
  • 100.5 डिग्री F या 38 डिग्री C से ऊपर बुखार होना पर।
  • सोने में कठिनाई होने पर।
  • शरीर पर चकत्ते होने पर।
  • लक्षण शरीर में दर्द, खांसी और फ्लू जैसे दिखाई देने पर।
  • गले में दर्द या सूजी हुई लसीका ग्रंथियां दिखाई देने पर।
  • पेट में दर्द, मतली, उल्टी आदि होने पर।
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How to get Rid of a Terrible Sore Throat

Posted 21 December, 2021

How to get Rid of a Terrible Sore Throat

Infections are common these days among which cold and flu are common illnesses. These are often accompanied with sore throat which causes irritation/ itching in the throat which might seem to be a mere infection but if not given due importance it can prove to be life-threatening. It causes discomfort as eating food or even swallowing something becomes a problem. We will look at the home remedies to get rid of a terrible sore throat in another section. 

In the upcoming sections of this blog, we are going to focus on the various causes, symptoms, diagnosis, and remedies for curing sore throat.

 
What Causes a Sore Throat?
  • Moisture less air directly hits our throat as dry air suck the air from throat and mouth which results in dryness and itchiness in the throat.
  • The irritants in the polluted air and smoke causes irritation in the throat which increases and becomes serious.
  • Screaming at the top of your voice also makes your throat worse as it affects your voice box.
  • Certain allergies also results in a bad sore throat.
  • Tonsils can also cause a sore throat.
Symptoms
  • A dry, painful, itchy throat especially when swallowing
  • Redness in the back of the mouth
  • bad breath or a mild cough
  • swollen neck glands
Alarming Signs

Following are some of the dangerous signs which should not be taken lightly and you should see a doctor if any of these are noticed by you:-

  • If you face trouble in breathing or swallowing.
  • A lump in the back of the throat.
  • Excessive drooling (especially among young children) or extreme tiredness.
  • Blood in saliva or phlegm.
  • Severe and recurring throat pain or pain in your ears.
  • Headache and fever, especially if it’s over 100.4°F
  • Stomach ache, nausea/vomiting (In Children).
  • Difficulty in sleeping.
  • Rashes on the body.
  • Flu-like symptoms, such as body aches and cough.
Home Remedies for Curing Sore Throat

Following are the home remedies to get rid of a terrible sore throat-

  • A bowl of lukewarm Soup made of tomato, or vegetables can soothe your throat and easily go down in the throat.
  • Vedobi Cura is a complete remedy which takes away your cold, cough, and sore throat and effectively increases your immunity.
  • Salt water gargle is one of the panacea treatments for a bad throat. You need to mix one teaspoon of table salt with 250 ml of warm water. Gargle with the water for at least 15 to 30 seconds.
  • Tea mixed with a spoonful of honey for sore throat is one of the best home remedies for dry throat as it helps in easing your throat discomfort. This is best tea for sore throat and cough.
  • You can also use Vedobi Tulsi Drops which is a complete herbal formula. It is the best medicine for sore throat and cough.  
  • Create a gargle solution with Licorice root mixed with water. It is one of the oldest remedies to soothe throats and reduce coughing.
  • Apple cider vinegar is one of the best medicines for sore throat and cough as it contains acetic acids which contains antimicrobials which could kill infection causing bacteria & pathogens.
  • Using Vedobi Kadha is also a great solution to get rid of a terrible sore throat.
  • Cayenne peppers contain antioxidant and could be a natural pain reliever because it coats and soothes your throat.
  • Oil of nutmeg, bergamot, and cypress contain camphene which has a cooling, soothing and refreshing effect and relieve sore throat.
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