जानें, पेट दर्द के प्रकार, कारण और घरेलू उपाय
2022-05-24 18:25:53
वर्तमान समय में पेट दर्द एक आम समस्या बन गई है। इसका मुख्य कारण है लोगों की अनियमित जीवन शैली। जिसका सीधा असर उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है। घंटो तक बैठ कर काम करना, समय न मिलने के कारण जंक फूड का अधिक सेवन करना, ठीक तरह से नींद न लेना आदि कारणों से बदहजमी या पेट संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। जो पेट दर्द का मुख्य कारण बनते हैं।
क्या होता है पेट दर्द?
पेट में सुई या कील की चुभन जैसा महसूस होना पेट दर्द कहलाता है। यह किसी व्यक्ति के पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में होता है। जिसकी तीव्रता कभी हल्की तो कभी बहुत तेज़ होती है। पेट का यह दर्द थोड़ी देर से लेकर काफी देक तक हो सकता है। यह दर्द पेट के ऊपरी और निचले हिस्से में दाएं या बाएं किनारे पर और मध्य हिस्से में होता है।
पेट दर्द के प्रकार;
पेट दर्द मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। पहला सामान्य पेट दर्द, दूसरा स्थानीय पेट दर्द और तीसरा ऐंठन (क्रैम्पिंग) का दर्द।
सामान्य पेट दर्द- यह दर्द पेट के आधे या उससे अधिक हिस्से में होता है। जो अलग-अलग बीमारियों की वजह से होता है और कुछ देर में बिना उपचार के खुद ठीक हो जाता है। अधिकांश सामान्य पेट दर्द अपच जैसी समस्याओं के कारण होता है।
स्थानीय पेट दर्द - यह दर्द पेट के एक हिस्से में होता है। जो अचानक शुरू होता है और समय के साथ बढ़ने लगता है। कई बार स्थानीय पेट दर्द एक गंभीर समस्या का लक्षण भी होता है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है- अपेंडिसाइटिस (पथरी) का दर्द। जो पेट के एक स्थाई हिस्से में होता है और कुछ समय के बाद एक बड़ी बीमारी बन जाता है। अधिकांश पेप्टिक अल्सर (पेट के छाले) का दर्द भी पेट के एक हिस्से में शुरू होता है और धीरे-धीरे गंभीर हो जाता है। इस रूप में स्थानीय पेट दर्द, पेट के किसी अंग की सूजन का लक्षण भी होता है।
ऐंठन (क्रैम्पिंग) का दर्द - ऐंठन के दर्द को क्रैम्पिंग भी कहा जाता है। जो आता-जाता रहता है। अधिकांश क्रैम्पिंग का दर्द सामान्य ही होता है। जो ठीक से मल पारित न होने और पेट में गैस बनने की वजह से होता है। कई महिलाओं में यह मासिक धर्म के दौरान भी होता है। वैसे तो ऐंठन का दर्द चिंता का विषय नहीं है। लेकिन 24 घंटे या उससे अधिक समय तक रहने पर यह एक गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
पेट दर्द के कारण;
कई कारणों से पेट दर्द होता है। जो सामान्य गैस बनने से लेकर अपेंडिसाइटिस जैसे गंभीर बीमारी भी हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं को पेट दर्द होता है। आइए जानते हैं पेट दर्द के मुख्य कारणों को-
- फूड पॉइजनिंग।
- फूड एलर्जी।
- अपच।
- पेट का अल्सर या फोड़ा।
- कब्ज इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम।
- अपेंडिसाइटिस।
- पाचन तंत्र की सूजन (Crohn's disease)।
- पित्ताशय की पथरी।
- मूत्र-पथ के संक्रमण।
- पेट का फ्लू (गैस्ट्रोएन्टराइटिस)।
- एंडोमेट्रिओसिस।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (बड़ी आंत में सूजन आना)।
- मासिक धर्म में ऐंठन।
- लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance)।
पेट के दर्द के कुछ अन्य कारण-
- ज्यादा भोजन करना।
- ज्यादा पानी पीना।
- अधिक समय तक तेल और तेज मिर्च मसाला वाला खाना खाना।
- गंदा पानी पीना।
- पिज्जा, बर्गर, आइसक्रीम, समोसा जैसी चीजों को ज्यादा खाना।
- अधिक समय तक खाली पेट काम करना।
- बासी खाना खाना।
- ड्राई मीट खाना।
पेट दर्द से बचने के घरेलू उपाय;
पेट दर्द को कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं। क्योंकि घरेलू नुस्ख़े जल्दी मिल जाते हैं। जो दर्द से शीघ्र राहत दिलाने में मदद करते हैं। चलिए जानते हैं इन घरेलू उपचारों के बारे में-
काला नमक-
काला नमक, यवक्षार (Yavakshar), अजवायन, सोंठ और हिंग को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। अब सुबह नाश्ते और रात को खाने के बाद गुनगुने पानी से आधा चम्मच चूण का सेवन करें। इससे पेट की गुड़गुड़ाहट और पेट की ऐंठन में राहत मिलती है।
अजवाइन-
अजवायन और सोंठ को समान मात्रा में अच्छी तरह पीसकर चुर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ खाली पेट या नाश्ते के बाद करें। यह चूर्ण पेट दर्द को कम करने और भूख को बढ़ाने का काम करता है।
लहसुन का रस-
एक छोटा चम्मच लहसुन के रस में तीन छोटे चम्मच सादा पानी मिलाकर एक हफ्ता तक सेवन करने से गैस और पेट दर्द में लाभ मिलता है।
पुदीना-
पुदीना के रस में, शहद और नींबू का रस मिलाकर ताजे पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
नींबू का रस-
नींबू के रस में काली मिर्च और सोंठ के चूर्ण को मिलाकर गरम पानी के साथ दो दिनों तक लेने से पेट दर्द और उल्टी में राहत मिलती है।
सूखी अदरक-
- सूखी अदरक, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक को पीसकर पेस्ट बना लें। अब नाभि के चारों ओर गीले आटे की कटोरी जैसी आकृति बनाएं और इस पेस्ट को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर नाभि में डालें। यह क्रिया उदरशूल (Abdominal colic) और पेट दर्द से राहत दिलात में मदद करती है।
- गुड में अजवायन कूट कर उसके दो भाग कर लें। इसके एक भाग को सुबह और दूसरे भाग को शाम में खाने से उल्टियां रुकती हैं और पेट का फूलना भी कम होता है।
- अजवायन और हींग को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पेटदर्द, गैस, जी मिचलाना आदि समस्याओं में आराम मिलता है।
जायफल और नींबू-
जायफल को नींबू के रस में मिलाकर चटाने से पेट दर्द और गैस की समस्या में आराम मिलता है।
हरड़-
हरड़, काला नमक, पिप्पली और अजवायन को अच्छी तरह पीसकर गरम पानी के साथ सुबह नाश्ते और रात को खाने के बाद लेने से पेट की गैस कम होती है। साथ ही पेट भी अच्छे से साफ हो जाता है।
पेट दर्द होने पर ध्यान रखने वाली बातें;
- अधिक तैलीय चीजों का सेवन कम करें।
- मैदा और बेसन से बनी चीजों का सेवन कम करें।
- चाय और कॉफी का सेवन कम करें।
- व्यायाम के बाद ज्यादा पानी न पिएं।
- रात के समय हल्का भोजन करें। जो आसानी से पच सकें और गैस न बनाएं।
- तेज मिर्च-मसालों वाला खाना न खाएं।
- समय से भोजन करने की आदत डालें।
- रात के समय पूरी नींद लें।
- सुबह उठकर एक से दो गिलास गुनगुना पानी पिएं। जिससे पेट अच्छी तरह से साफ हो सके।
- मल को ज्यादा देर तक न रोकें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
- पेट में असहनीय दर्द होने पर।
- पेट दर्द के साथ उल्टी होने पर।
- पेट में सूजन महसूस होने पर।
- पेट में तेज जलन होने पर।
- खाना पचाने में अधिक दिक्कत होने पर।
- दवा खाने के बाद भी पेट दर्द सही न होने पर।
- पेट दर्द के साथ यदि मल में खून आने लगे और कब्ज की अधिक दिक्कत होने लगे तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। क्योंकि ये यूटेरस कैंसर का संकेत भी हो सकता है।