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हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-05-24 12:32:10

अधिक नींद आना स्लीपिंग डिसऑर्डर से संबंधित समस्या है। जिसे अंग्रजी में हाइपरसोम्निया ( Hypersomnia) कहा जाता है। इससे ग्रसित इंसान को रात में बहुत नींद आती है और सुबह उठने में भी परेशानी होती है। अत: हाइपरसोम्निया से ग्रसित व्यक्ति  को सारा दिन नींद आती रहती है।  और वह हमेशा थका-थका महसूस करता है। हाइपरसोम्निया के असर गंभीर हो सकते हैं। यह आमतौर पर हर समय नींद, सुस्ती और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढ़ाता है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षण हैं। अधिक नींद आना यानी हाइपरसोम्निया रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक,अमूमन  40% लोग इस  बीमारी से परेशान है। स्लीप डिसऑर्डर शिक्षा और काम के प्रदर्शन को कमजोर कर देता है।  साथ ही, यह मोटापे, चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की समस्याओं, याददाश्त से जुड़ी समस्याओं, प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता को कमजोर और प्रतिक्रिया समय (Reaction Time) को कम करने का कारण बनता है।

 

हाइपरसोम्निया के प्रकार-
प्राइमरी हाइपरसोम्निया

इस प्रकार का स्लीप डिसऑर्डर सोने और जागने की क्रिया को नियंत्रित करने वाले नर्वस सिस्टम में खराबी के कारण होता है।

 

सेकेंडरी हाइपरसोम्निया

 इस तरह का स्लीप डिसॉर्डर में व्यक्ति को गहरी नींद नहीं आती और थकान महसूस होती है। इससे ग्रसित इंसान को रात को सोते समय सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे कई बार नींद खुल जाती है। इसका मुख्य कारण कई दवाओं, कैफीन और एल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन करना होता है।

 

हाइपरसोम्निया के सामान्य लक्षण-
अत्यधिक नींद आना

आमतौर पर एक स्वस्थ्य व्यक्ति को 6 से 7 घंटों तक सोने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति 12 से 14 घंटे तक सोने के बाद भी उसकी नींद पूरी नहीं होती और यह दिन में भी झपकियां लेने लगता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हाइपरसोम्निया के मरीजों को 24 घंटों में से 16 घंटे सोकर बिताना कोई असामान्य बात नहीं है।

 

नींद मादकता

हाइपरसोम्निया में पूरी नींद लेने के बाद भी एक खराब शारीरिक स्थिति जैसे भ्रम, भ्रान्ति और समन्वय में कमी होना आदि शामिल हैं। इसके अलावा जागने के बाद फिर वापस सो जाना सरल लगता है।

 

दिन के समय अधिक नींद आना

इससे पीड़ित व्यक्ति को अलार्म, प्रकाश एवं अन्य किसी के द्वारा उठाने की कोशिश करने के बाद भी जागने में कठिनाई महसूस होती है।

 

हाइपरसोम्निया के अन्य लक्षण-
  • ऊर्जा में कमी होना।
  • स्वभाव में चिड़चिड़ापन होना।
  • भूख न लगना।
  • पूरे दिन सुस्ती महसूस करना।
  • शरीर में थकान मह्सूस करना।
  • हर समय चिंता, तनाव एवं अवसाद में रहना।
  • याददाश्त कमजोर होना।
  • सोचने और बोलने की क्षमता का कमजोर हो जाना।
हाइपरसोम्निया के कारण-
  • स्लीप डिसऑर्डर नैक्रोप्लास्टी (दिन में नींद आना) एवं स्लीप एप्निया (रात को सोते समय सांस का रूकना) से ग्रसित होने पर।
  • लगातार कई दिनों तक जागने पर।
  • शिफ्ट जॉब में काम करने पर। 
  • सिर में चोट लगने या किसी तरह का न्यूरोलॉजिकल समस्या होने पर।
  • कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने पर।
  • नशीली दवाओं एवं अलकोहल का अधिक सेवन करने पर।
  • मोटापा एवं शारीरिक सक्रियता की कमी होने पर।
अधिक नींद आने की बीमारी से कैसे बचे-
  • प्रतिदिन निश्चित समय पर सोएं।
  • रोजाना 6 से 7 घंटे की भरपूर नींद लें।
  • नियमित रूप से टहलें और सुबह व्यायाम करें।
  • प्रतिदिन योग और ध्यान का अभ्यास करें।
  • अलकोहल और कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन से बचें।
  • मसालेदार एवं तैलीय युक्त भोजन से परहेज करें।
  • पौष्टिक युक्त आहार का सेवन करें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • गैजेट्स का इस्तेमाल कम करें।
हाइपरसोम्निया के घरेलू उपचार-
नींद कम करने के लिए फायदेमंद है सौंफ

सौंफ में मौजूद पौष्टिक तत्व अधिक नींद आने की समस्या से राहत दिलाते है। इसके लिए एक कप पानी में 10 ग्राम की मात्रा में सौंफ को अच्छी तरह से उबालें। उसके बाद इस मिश्रण को छानकर ठंडा कर लें। अब इस पानी में सेंधा नमक डालकर सुबह शाम इस्तेमाल करें। ऐसा करने से अधिक नींद आने की समस्या में आराम मिलती है।

 

नींद कम करने के लिए सहायक है काजल

ऐसा माना जाता है कि आंखों में काजल लगाने से नींद कम आती है। इसके अलावा काजल का प्रयोग करने से आंखो में पड़े धूलकण आदि पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। जिससे आंख साफ-सुथरी हो जाती है और अच्छी नींद आने में मदद मिलती है। 

 

हल्के भोजन और विटामिन सी युक्त फलों का करें सेवन

अधिक वसा युक्त भोजन करना  ज्यादा नींद आने का कारण बनता है। इसलिए हमें सोते समय हल्का भोजन और अपनी डाइट में विटामिन सी युक्त पदार्थों जैसे नींबू, संतरा और मौसंबी को शामिल करें। ऐसा करने से भोजन जल्दी पचता है और नींद कम आती है।

 

नींद कम करने के घरेलू नुस्खा है लौंग

लौंग में पाए जाने वाले तत्व अधिक नींद आने की समस्या में लाभकारी होते हैं। । इसके लिए एक पान के पत्ते में लौंग को रखकर चबाएं। ऐसा करने इस समस्या से  नींद कम आती है।

 

गहरी सांस लें

अधिक नींद से बचने के लिए नाक से गहरी और लंबी सांस लेना भी कारगर उपाय है। ऎसा करते समय पेट को अंदर की तरफ खींचे। इससे श्वसन क्रिया अच्छी होती है और नींद को कम करने में मदद मिलती है।

 

कब जाएं डॉक्टर के पास?

नीचे दिए गए निम्न लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें-

  • हीन एकाग्रता होने पर।
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होने पर।
  • याददाश्त कमजोर होने पर।
  • कुसमायोजित (uncoordinated) महसूस होने पर।
  • चिड़चिड़ापन होने पर। 

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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