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जीवन में एसेंशियल ऑयलों का महत्व और उपयोगिता

जीवन में एसेंशियल ऑयलों का महत्व और उपयोगिता

2022-05-24 13:50:28

आमतौर पर एसेंशियल ऑयल का नाम तो सभी ने सुना होगा। लेकिन यह कौन से ऑयल होते हैं? इनका क्या काम होता है? यह कैसे काम करते हैं? आदि प्रश्नों के बारे में कोई नहीं जानता। जोकि बेहद जरूरी है। एसेंशियल ऑयल में वह ऑयल आते हैं, जो किसी पौधे से निकाले जाते हैं। इन ऑयलों का प्रयोग प्राकृतिक उपचार, अरोमाथेरेपी, अल्टरनेटिव हेल्थ प्रैक्टिस और कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं में खूब किया जाता है। प्राचीन समय से इन एसेंशियल ऑयलों का इस्तेमाल दवा, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र, भोजन और तमाम तरह की चिकित्‍सा प्रणाली में होता आया है। इन एसेंशियल ऑयल को सामान्‍य भाषा में आवश्‍यक तेल भी कहा जाता है।

 
एसेंशियल ऑयल क्या हैं?

एसेंशियल ऑयल लाभकारी पौधों का लिक्विड एक्सट्रैक्ट (अर्क) होता है। इन ऑयलों को स्टीम, वाटर डिस्टिलेशन (distillation), मैकेनिकल मेथड और कोल्ड प्रेसिंग (cold pressing) जैसे तरीकों से निकाला जाता है। पौधों से एसेंशियल ऑयल की प्राप्ति करने के लिए पौधों के अलग- अलग हिस्‍सों का प्रयोग किया जाता है। इन हिस्‍सों में पौधे के फूल, पत्तियां, छाल, जड़, फलों के छिल्‍के आदि का इस्तेमाल होता है। इन तेलों की महक इनके पौधों से भी ज्यादा स्ट्रांग होती है। साथ ही इनमें एक्टिव इंग्रेडिएंट्स भी उच्च स्तर में मौजूद होते हैं। इसलिए यह तेल जड़ी- बूटियों के मुकाबले 75 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इनसे नुकसान नहीं होता। यदि इन तेलों का प्रयोग सावधानी से न किया जाए तो इनका भी कुछ दुष्‍प्रभाव जरूर हो सकता है। जिसका मूल कारण है इन तेलों का बेहद शक्तिशाली होना।

 
एसेंशियल ऑयल के पोषक तत्‍व-

वैसे तो सभी एसेंशियल ऑयल में अलग-अलग गुण और पोषक तत्‍व होते हैं। यह पोषक तत्‍व और गुण उन पौधों पर निर्भर करते हैं, जिन पौधों से इन तेलों की प्राप्ति होती है। लेकिन एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी ऐसे गुण हैं, जो सभी एसेंशियल ऑयलों में सामान्‍य होते हैं। इसके अलावा इन तेलों में कई प्रकार के विटामिन, खनिज पदार्थ और पोषक तत्‍व भी होते हैं। जो बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ देने में मदद करते हैं। इन एसेंशियल ऑयलों में कुछ   एंटीऑक्‍सीडेंट गुण भी होते हैं। जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स (मुक्त कण) से बचाने का काम करते हैं।

 
एसेंशियल ऑयलों की सूची-

शरीर को स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और अन्‍य प्रकार के फायदे देने वाले एसेंशियल ऑयलों की सूची बहुत लंबी है। जोकि इस प्रकार है-

  • जोजोबा तेल
  • काली मिर्च का तेल
  • तुलसी का तेल
  • पुदीने का तेल
  • अदरक का तेल
  • देवदार का तेल
  • चंदन का तेल
  • पचौली का तेल
  • लैवेंडर का तेल
  • आर्गन ऑयल
  • नेरोली तेल
  • नींबू बाम तेल
  • जैस्मीन तेल
  • कोपाबा या कोपाइबा तेल
  • बर्गमोट ऑयल
  • अनार का तेल
  • फ्रैंकेंसेंस (लोबान) ऑयल
  • गांजे का तेल
  • कद्दू का तेल
  • अंगूर का तेल
  • रोजमेरी तेल
  • साइप्रस तेल
  • हरसिंगार का तेल इत्यादि।
 
कुछ जरूरी एसेंशियल ऑयल के नाम और उनके लाभ-

एसेंशियल ऑयल हानिकारक जीवों के खिलाफ प्रभावी होते हैं। यह तेल व्यक्ति की मनोदशा को सुधारने और मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता में विकास करते हैं। इन तेलों में मितली, उल्‍टी, सिरदर्द आदि समस्याओं को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ऑयल अरोमाथेरेपी के दौरान होने वाले दुष्‍प्रभावों को भी कम करते हैं। आइए जानते हैं कुछ एसेंशियल ऑयलों के फायदों के बारे में-

 
लौंग एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लौंग के तेल को दांतों के दर्द का अचूक उपाय माना जाता है। दांत में दर्द होने पर रूई को लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाले हिस्से और उसके आस-पास मसूड़ों पर लगाएं। लौंग तेल में शक्तिशाली एंटी-फंगल गुण होते हैं। जो कैंडिडा अल्बिकंस बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं। जिससे दांतों का दर्द कम होता है। लौंग तेल के अन्‍य फायदे-

 
मुंह के छालों के लिए उपयोगी-

लौंग तेल में एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं। जो हर्पस सिम्‍प्‍लेक्‍स (herpes simplex) से बचाने का काम करते हैं। साथ ही यह छालों के दर्द को कम करके उपचार प्रक्रिया में तीव्रता लाते हैं। इसके लिए एक से दो बूंद लौंग तेल को मुंह के छालों पर लगाएं।

 
गठिया के दर्द के लिए लाभप्रद-

लौंग का तेल दर्द निवारक और गठिया रोग के लिए अच्छा होता है। इस तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करने से दर्द में शीघ्र ही आराम मिलता है।

 
बैक्‍टीरिया नष्‍ट करने में सक्षम-

लौंग तेल बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने के‍ लिए काफी उपयोगी सिद्ध होता है। दरअसल यह एक प्राकृतिक एंटी-बैक्‍टीरिया ऑयल है। जो ई-कोलाई, साल्‍मोनेला और हेलिकोबैक्‍टर पिलोरी (पेट के अल्‍सर से जुड़ा) जैसे हानिकारक बैक्‍टीरिया को खत्म करने की क्षमता रखता है। इसलिए टेलिफोन, की बोर्ड, रसोई, टॉयलेट सीट आदि जगह पर लौंग तेल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

 
ओरेगेनो (अजवायन की पत्ती) एसेंशियल ऑयल के फायदे-

ओरेगेनो तेल में कारवाक्रोल होता है, जो हानिकारक जीवाणुओं से हमारी रक्षा करता है। ओरेगेनो तेल का प्रयोग बैक्‍टीरिया के विकास को कम करने में सहायता करता है। ओरेगेनो तेल के अन्‍य फायदे-

 
एंटीऑक्‍सीडेंट के रूप में ओरेगेनो तेल-

ओरेगेनो ऑयल में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। जो उम्र बढ़ने वाले लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

 
गले के लिए आरामदायक-

गले में खराश, दर्द या कोई और प्रॉब्लम होने पर ओरेगेनो एसेंशियल तेल का प्रयोग करना बेहद लाभकारी होता है। इसके लिए एक गिलास पानी में इस तेल की दो-तीन बूंद डालकर गरारे करने चाहिएं। इससे सर्दी और बुखार के लक्षणों में भी कमी होती है।

 
पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल के फायदे-

पुदीना या पेपरमिंट ऑयल मितली, सिरदर्द, पेट दर्द, गैस, अपचन, चिंता और तनाव आदि समस्याओं को ठीक करता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
हॉट फ़्लैश को शांत करने में उपयोगी-

पेपरमिंट में उच्‍च मात्रा में मेन्‍थॉल सामग्री पाई जाती है। जो महिलाओं में होने वाली हॉट फ़्लैश (मेनोपॉज के बाद की स्थिति) की समस्या को शांत करता है। इसलिए अधिक गर्मी महसूस होने पर पुदीना तेल से सिर की मालिश करना अच्छा होता है। इसके अतिरिक्त इस तेल की खुशबू भी शरीर को ठंडा रखती है।

 
सतर्कता बढ़ाने में मददगार-

पुदीना तेल मनुष्य की सतर्कता शक्ति को बढ़ाने का काम करता है। इस रूप में यह तेल उन ड्राइवरों के लिए बेहद जरुरी हो जाता है, जो लंबी दूरी तक गाड़ियां चलाते हैं। मस्तिष्‍क को सचेत रखने और तंत्रिका तंत्र को जगाने में पुदीना तेल बहुत प्रभावी होता है। बच्चों में इस तेल की खुशबू एकाग्रता बढ़ाने का काम करती है।

 
मांसपेशीय दर्द के लिए फायदेमंद-

पेपरमिंट तेल मांसपेशियों को आराम दिलाकर शरीर के दर्द को कम करता है। इसके लिए पुदीना तेल को किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से की अच्छे से मालिश करें। इस तेल का इस्तेमाल गठिया दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। पुदीना तेल की खुशबू लेने से श्वसन संबंधी एलर्जी भी दूर होती है।

 
अरंडी एसेंशियल ऑयल के फायदे-

अरंडी के तेल को बालों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। बाजार में यह आसानी से उपलब्ध होता है। इसका उपयोग बालों के विकास और डैंड्रफ (रूसी) को दूर करने में किया जाता है। इसके अलावा अरंडी का तेल पलकों (आईलैशेज) को खूबसूरत और घना बनाने में भी मददगार साबित होता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
चेहरे और त्वचा के लिए लाभदायक-

अरंडी का तेल मुंहासों के लिए भी लाभकारी होता है। दरअसल, इसमें मौजूद रिसिनोलिक एसिड मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने में मदद करते हैं। जिससे मुंहासों की समस्या दूर होती है। वहीं, इसके सही उपयोग से चेहरे की रंगत में भी निखार आता है।

 
औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयोगी-

उद्योग जगत में अरंडी के तेल का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने, पेंट का निर्माण करने, साबुन बनाने, चिपकाने वाले पदार्थ जैसे- फेविकॉल, लुब्रिकेंट आदि के निर्माण में भी किया जाता है। इस तेल में रेचक (Purgative) और चिकनाई होती है, जिसके कारण औषधीय निर्माण में भी इसका व्यापक प्रयोग होता है।

 
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल के फायदे-

यूकेलिप्‍टस तेल नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से निकाला जाता है। इस तेल में कीटनाशक और एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं। जो कई प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं को खत्म करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त नीलगिरी तेल कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी ठीक करने में मदद करता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
श्वसन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी-

सांस संबंधित परेशानी होने पर नीलगिरी तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करना अच्छा होता है। खांसी होने पर इस तेल की वाष्‍प लेनी चाहिए। इससे सर्दी कम होती है। यह शरीर में रुके हुए कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।

 
मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक-

नीलगिरी और पुदीना तेल को मिलाकर प्रयोग करने से संज्ञानात्मक प्रदर्शन में बढ़ोतरी होती है। इसके अतिरिक्त दोनों तेलों की मिश्रित खुशबू लेने से सिरदर्द भी कम होता है।

 
बुखार को कम करने में मददगार-

बुखार कम करने के लिए नीलगिरी तेल की दो-चार बूंदों को पानी में मिलाकर, एक कपड़े को उस पानी में भिगोकर रोगी के शरीर को पूछें। विशेषकर रोगी की पीठ, गर्दन, छाती, पैर और तलवों को। ऐसा करने से रोगी का बुखार कम होने लगता है।

 
इसके कुछ अन्‍य फायदे:
  • मांसपेशियों के दर्द के लिए फायदेमंद।
  • मानसिक तनाव को कम करने में मददगार।
  • अरोमाथेरेपी के लिए उपयोगी।
  • सिर की जूं के लिए कारगर इलाज।
 
टी ट्री एसेंशियल ऑयल के फायदे-

टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। जो सूजन को कम करने का काम करते हैं। यह तेल एक्जिमा और सोरायसिस से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसके लिए टी ट्री ऑयल को पतला करके प्रभावित हिस्से पर दिन में दो बार जरूर लगाएं। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
जलन को कम करे-

शेव करने के बाद चेहरे पर लगे छोटे-छोटे कट में जलन होती है। ऐसे में नारियल तेल और टी ट्री ऑयल को मिलाकर चेहरे पर लगाने से जलन कम होने लगती है।

 
त्‍वचा संक्रमण से बचाए-

टी ट्री ऑयल एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक तेल होता है। इसलिए त्‍वचा पर चोट लगने या कोई दोष होने पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।

 
प्राकृतिक कीट नाशक-

टी ट्री ऑयल मच्‍छरों और कीट-पतंगों के काटने से होने वाले दोषों को रोकता है। इस तेल को शरीर पर लगाने से कीट और मच्‍छर पास नहीं आते। इसके अतिरिक्त मच्‍छरों के काटे हुए क्षेत्र पर इस तेल को लगाने से सूजन भी नहीं होती।

 
टी ट्री ऑयल के अन्‍य लाभ
  • मुंहासों का बेहतर इलाज।
  • गले के दर्द का सुचारू इलाज।
  • फंगल इंफेक्शन का बढ़िया इलाज।
  • माउथ फ्रेश्‍नर और मुंह की अन्‍य दिक्कतों को दूर करने में सक्षम।
 
लेमन एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लेमन ऑयल अपनी बेहतरीन खुशबू के चलते काफी लोकप्रिय है। इसका उपयोग भोजन को पकाते वक्त, सीफूड व्‍यंजन, केक, सलाद आदि में किया जाता है। इस तेल में बहुत से चिकित्‍सकीय गुण भी होते हैं। जो गठिया दर्द को कम करने, पाचन में सुधार करने और एकाग्रता में वृद्धि करने में सहायता करते हैं। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
बैक्‍टीरिया हटाने में कारगर-

लेमन ऑयल बर्तनों में मौजूद बैक्‍टीरिया को खत्म करने और बर्तनों को स्‍वच्‍छ और खुशबूदार बनाने में सहायता करता है। इसके लिए बर्तनों को साफ करने वाले साबुन या जैल में नींबू तेल की एक से दो बूंदों को मिलाकर इस्तेमाल करें।

 
रूम फ्रेश्‍नर के रूप में उपयोगी-

घर में मनमोहक खुशबू लाने के लिए लेमन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसकी सकारात्मक खुशबू शरीर की थकान को दूर करके ताजगी का अहसास दिलाती है। इसके अलावा लेमन ऑयल का इस्तेमाल परफ्यूम की तरह भी किया जाता है। इसके लिए नींबू के तेल को अन्‍य तेलों के साथ मिलाकर प्रयोग में लाएं।

 
बालों के लिए फायदेमंद-

बालों के विकास के लिए भी लेमन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल में किसी अन्‍य तेल को मिलाकर सिर की मालिश करने से तेल ग्रंथियों पर संतुलित प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा सोने से पहले इस तेल से सिर की मालिश करने से अच्छी नींद आती है और बालों को पर्याप्‍त पोषण मिलता है।

 
जोजोबा एसेंशियल ऑयल के फायदे-

जोजोबा ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल गुण के साथ एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी मौजूद होते हैं, जो त्वचा की लालिमा, एक्जिमा और एडिमा जैसी बीमारियों को दूर करते हैं। स्किन डिसऑर्डर को दूर करने में भी जोजोबा तेल लाभदायक साबित होता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
सूजन को कम करने में कारगर-

स्किन पर जोजोबा ऑयल लगाने से स्किन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। इस तेल में एंटी- बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा की सूजन को कम करने का काम करते हैं। इस तेल में घावों को शीघ्र ठीक करने की ताकत होती है।

 
स्किन इंफेक्शन से बचाव-

जोजोबा ऑयल में विटामिन-ई और कई ऐसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा के घावों को तेजी से भरते हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करते हैं। इसके अलावा जोजोबा तेल में कुछ ऐसे एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाएं जाते हैं, जो त्वचा को इंफेक्शन से बचाने का काम करते हैं।

 
मजबूत स्किन कोशिकाएं-

जोजोबा तेल लगाने से त्वचा की कोशिकाएं मजबूत होती हैं। इस तेल की मदद से त्वचा अपने ऊपर हाइड्रेटिंग (Hydrating) परत बना लेती है, जो कोशिकाओं को कमजोर होने से बचाती है। इसके अतिरिक्त जोजोबा तेल बाहरी तत्वों से भी स्किन को प्रोटेक्शन देने का काम करता है।

 
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लैवेंडर के फूलों से निकाला गया लैवेंडर एसेंशियल ऑयल मशहूर तेलों में से एक है। इसका प्रयोग एकाग्रता की कमी, बालों के झड़ने की समस्‍या और अनिद्रा आदि के इलाज के लिए किया जाता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
तनाव दूर करे-

लैवेंडर तेल उन लोगों के लिए बहुत प्रभावी है, जो थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव आदि से परेशान रहते हैं। इन परेशानियों को दूर करने के लिए लैवेंडर के तेल को पतला करके प्रयोग में लाना चाहिए। इस तेल को हाथ और गर्दन पर भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा नहाने वाले पानी में इस तेल को डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। लैवेंडर तेल से आने वाली खुशबू मन को शांत करने का काम करती है।

 
खुजली खत्म करे-

लैवेंडर तेल किसी कीड़े के काट लेने या त्‍वचा संक्रमण के बाद होने वाली खुजली को कम करने में सहायता करता है। यह तेल मच्‍छर और मधुमक्‍खी के काटने पर होने वाली सूजन, दर्द, खुजली को ठीक करने की ताकत रखता है।

 
सनबर्न से राहत दिलाए-

लैवेंडर तेल त्वचा पर तेज धूप पड़ने के कारण होने वाली जलन को ठीक करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त रसोईघर में खाना पकाते समय हाथ जलने पर भी लैवेंडर तेल का इस्तेमाल करना अच्छा होता है।

 
भोजन को स्‍वादिष्‍ट बनाए-

अपने अनोखे स्‍वाद के चलते लैवेंडर तेल का प्रयोग कई प्रकार के व्‍यंजनों में होता है। इसका उपयोग सलाद, चॉकलेट और मीठे व्‍यंजन आदि में उनका स्‍वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।

 
इसके कुछ अन्‍य फायदे
  • शुष्‍क त्‍वचा को मॉइस्‍चराइज देता है।
  • नाक से बहने वाले खून को रोकता है।
  • इसके उपयोग से अच्‍छी नींद आती है।
  • यह शरीर और दिमाग को शांत करता है।
 
रोज़ एसेंशियल ऑयल के फायदे-

रोज़ एसेंशियल ऑयल गुलाब की कई प्रजातियों से प्राप्त किया गया एक सुगंधित तेल होता है। यह तेल पूर्ण रूप से प्राकृतिक तेल नहीं होता। क्‍योंकि इसको कई केमिकलों का प्रयोग करके निकाला जाता है। लेकिन अन्‍य एसेंशियल ऑयल की तरह गुलाब का तेल भी दिमाग को शांत करने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त यह तेल बहुत से संक्रामक जीवाणुओं से शरीर की रक्षा करता है। इस तेल में फेनोलिक, टोकोफेरोल (विटामिन ई का एक यौगिक) और कैरोटीन यौगिकों की उच्‍च मात्रा होती है। रोज़ एसेंशियल ऑयल त्‍वचा में निखारने लाने का भी काम करता है।

 
कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल के फायदे-

ब्‍लू कैमोमाइल अनिद्रा, बुखार, त्‍वचा संक्रमण आदि के लिए लाभदायक औषधि है। इसके अतिरिक्त कैमोमाइल तेल का इस्तेमाल चोट, जलन, घाव, एक्जिमा, कैंसर से बने घाव और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य दिक्कतों के लिए भी किया जाता है। कैमोमाइल ऑयल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण को शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। क्योंकि यह शरीर में रासायनिक प्रक्रियाओं को रोकता है, जो किसी सूजन का मुख्य कारण होती हैं। इसके अतिरिक्त यह तेल पेट के छालों को भी ठीक करने में मदद करता है। कैमोमाइल चाय अनिद्रा की समस्या को दूर करती है। इस तेल की खुशबू चिंता और तनाव को कम करके मस्तिष्‍क को शांत करने का काम करती है।

Disclaimer

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