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आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व, स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभाव

आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व, स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभाव

2022-07-11 00:00:00

लाल मसूर, जिसे मसूर दाल के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत की लोकप्रिय दालों की श्रेणी में आती है। आमतौर पर मसूर दाल पूरे देश में उगाई जाती है। इसका सेवन करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह त्वचा के लिए लाभकारी और समय से पहले बुढ़ापा और मुंहासों जैसी समस्याओं से बचाती है। इसका उपयोग त्वचा को हल्का करने और टैन हटाने के लिए भी किया जाता है।

मसूर की दाल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता हैहै। मसूर दाल में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और आयरन पाया जाता है। इसके अतिरिक्त मसूर पोटैशियम, विटामिन बी-1,2,3, विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक का भी अच्छा स्रोत है।

आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व

मसूर दाल का प्राकृतिक स्वाद कुछ मीठा होता हैऔर यह अच्छी शोषक भी होती है। यह प्रकृति से शीतल या ठंडी होती है, जो पेट को ठंडा करने में मदद करती है। मसूर की दाल पाचन के लिए अच्छी होती है। साथ ही पेट संबंधी कई छोटी-बड़ी समस्याओं को ठीक करने में सहायता करती है। अपने वर्ण प्रकृति के कारण यह त्वचा के लिए बेहद लाभकारी होतीहै। यह त्वचा को नमी और शांति प्रदानकरती है, शरीर को मजबूत करती है और प्रतिरक्षा को बढ़ाती है। यह दाल एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध है। यही कारण है कि मसूर की दाल मोटापा, मधुमेह, कैंसर एवं हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक होती है। पोषक तत्वों की उच्च मात्रा, पॉलीफेनोल्स और अन्य बायोएक्टिव तत्वों से भरपूर होने के कारण मसूर दाल का उपयोग भोजन के साथ-साथ औषधि में भी किया जाता है।

मसूर दाल के फायदे

  • कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायकअतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल मानव जीवन के लिए हानिकारक साबित होता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, हृदय रोगों जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए मसूर दाल को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। दरअसल मसूर दाल में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फाइबर बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। क्योंकि फाइबर में मौजूद हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (Hypocholesterolemic) प्रभाव काम करता है, जो कोलेस्ट्रॉल को पचता है । वहीं, पॉलिफिनोल युक्त दाल में एंटी कोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव भी पाया जाता है। इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि मसूर दाल की रोजाना सेवन करने से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। जिससे हृदय रोग होने की आशंका कम होती है।
  • मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारीअपने आहार में मसूर दाल को सही मात्रा में शामिल करने से शरीर को भरपूर प्रोटीन और फोलिक एसिड मिलता है। जिसके कारण अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी मसूर दाल उपयोगी है। इसलिए मानसिक विकार से पीड़ित लोगों को अपने आहार में लाल मसूर की दाल को जरुर शामिल करना चाहिए।
  • पाचनतंत्र के लिए लाभकारीमसूर दाल पाचन क्रिया को सुधारने में बेहद लाभकारी होती है। दरअसल लाल दाल फाइबर से समृद्ध है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक फाइबर पाचन को मजबूत करता है और कब्ज़ को दूर करने में मदद करता है। इसलिए मसूर की दाल के उपयोग से पाचन संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
  • वजन कम करने में कारगरमसूर दाल में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जो वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देती । जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके लिए प्रतिदिन मसूर की दाल का सेवन करें। इसके अलावा मसूर की दाल का सलाद के साथ सेवन करना बेहद फायदेमंद होता हैं।
  • मधुमेह में लाभकारीमधुमेह रोगियों के लिए मसूर की दाल का सेवन अच्छा होता है। इसमें कई पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर को प्रोटीन प्रदान करते हैं। साथ ही इसमें मौजूद उच्च फ्लेवोनोइड और फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं। इस प्रकार मसूर दाल टाइप 2 मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने आहार में मसूर दाल को शामिल अवश्य करना चाहिए।
  • हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने में लाभप्रदपहृदय को शरीर की एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। जिसे स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए अपने आहार में लाल मसूर को ज़रूर शामिल करें। क्योंकि लाल मसूर की दाल में पाया जाने वाला मैग्नीशियम और फोलिक एसिड हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है। साथ ही यह हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है। इसके अलावा मसूर दाल में मैग्नीशियम भी होता है जो शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसप्रकार मसूर की दाल एक स्वस्थ्य हृदय के लिए बेहद लाभप्रद है।

मसूर दाल का उपयोग करते समय बरतें यह सावधानियां

यूं तो मसूर की दाल के कई फायदे होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में मसूर की दाल का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। जो निम्नलिखित हैं

  • अधपकी मसूर दाल के अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इसे अच्छी तरह से पकाकर सेवन करें।
  • लाल मसूर की दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों को गैस की समस्या हो सकती है।
  • मसूर दाल के अधिक सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की पथरी हैं, तो इस स्थिति में मसूर की दाल के सेवन से बचें।
  • नियमित दवा लेने वाले लोगों को मसूर दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
  • स्तनपान के दौरान या गर्भावस्था के दौरान मसूर की दाल के सेवन डॉक्टर के परामर्शानुसार ही करें।
  • मसूर दाल पकने के बाद भी एलर्जेंस बना रहता है। इसलिए संवेदनशील लोगों को मसूर दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

यह कहां पाया जाता है?

मसूर की दाल भारत में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि में उगाई जाती है।

Disclaimer

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