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Tea Tree Oil: Benefits, Uses and Side Effects

Posted 27 April, 2023

Tea Tree Oil: Benefits, Uses and Side Effects

Tea tree oil, also known as melaleuca oil is an essential oil which is extracted from steam distillation of the leaves of the tea tree. Tea tree essential oil can be easily extracted with the help of steam, oils and fats, or with solvents such as alcohol. Tea tree oil has a similar smell as nutmeg and due to the presence of antibacterial, anti-inflammatory and antiviral properties in tea tree oil, it acts as a medicinal ingredient. It can kill bacteria and fungus, reduce allergic skin reactions by reducing swelling.

 

Importance of Tea Tree oil in Ayurveda

Tea tree oil effectively balances all Tridoshas, ie. Vata, Pitta and Kapha doshas which are very important in calming the body and improving the overall health of the individual.

 

Benefits of Tea Tree oil

Reduces skin problems-

Tea tree oil is rich in antioxidants, anti-inflammatory and antimicrobial properties which effectively reduces skin inflammation, treats skin infections like acne, pimples, dermatitis, itching and improves overall skin health.

Prevents dandruff-

The most common cause of dandruff is dry scalp and moisture which ultimately lead to itching and flaking. Antibacterial and antifungal properties of tea tree oil helps fight dandruff and clean the scalp.

Treats respiratory disorders-

The anti-inflammatory properties and soothing effects of tea tree oil make it beneficial for respiratory health. It helps loosen mucus buildup in the nasal passages, relieves sore throats and also soothes a dry and irritated throat.

Promotes oral health-

Tea tree oil is very important in the treatment of inflammatory diseases of the oral cavity, such as toothache, gums bleeding and bad breath. It removes germs from gums and prevents gingivitis and tooth decay.

Boosts immunity & reduces the risk of fungal infections-

The bioactive components in tea tree oil increases immunity and reduces the risk of various bacterial and fungal infections such as bedsores, herpes, urogenital infections, cystitis, psoriasis, insect bites and diaper rash.

 

Uses of Tea Tree oil

Wound dressing-

Applying a few drops of the tea tree oil on the wound helps to kill bacteria and reduce inflammation in the wound.

Natural anti-dandruff remedy-

Mix a few drops of tea tree oil in your regular shampoo and wash your hair as usual. It helps to make the hair dandruff-free.

Homemade mouthwash-

Add 2 drops of tea tree oil to a glass of water. Use this water as a mouthwash. Do not swallow as tea tree oil is toxic if taken internally.

Acne treatment-

Add 4 drops of tea tree oil to half a glass of water. Apply to the face once a day with a cotton swab.

Cleaner-

Mix 20 drops of tea tree oil in a glass of water and half a glass of white vinegar. Pour the mixture into a spray bottle and use it as a universal antimicrobial cleaner.

 

Side Effects of Tea Tree oil

  • Tea tree oil is safe for most people. However, the oil itself is toxic and should not be swallowed. Swallowing tea tree essential oil by mouth causes confusion, inability to walk, instability, rash, and coma.
  • This oil can cause inflammation and rash in people who use it for the first time. If this happens, stop using the oil immediately and tell your doctor.
  • People with acne can sometimes experience dry skin, itching, burning and redness.
  • Always use the oil mixed with carrier oils like coconut and lavender oil or with baking soda.

 

Precautions When Using Tea Tree oil

Wounds-

Tea tree oil should not be used on burns because the heat potency of this oil can make the burn worse.

Pregnancy or breastfeeding-

Use tea tree oil under medical supervision during pregnancy or lactation.

Children-

Tea tree oil mixed with lavender oil can cause some hormonal imbalances in boys who have not yet reached puberty.Therefore, please consult your doctor before using tea tree oil with lavender oil.

Skin Products-

Skin products containing tea tree oil can increase dryness. Therefore, please consult your doctor before using the product if you have dry skin.

 

Where is it found?

The tea tree grows on the marshy southeast coast of Australia. Aboriginal people in Australia have traditionally used tea tree oil as an antiseptic (microbial killer) and herbal medicine.

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जीवन में एसेंशियल ऑयलों का महत्व और उपयोगिता

Posted 24 May, 2022

जीवन में एसेंशियल ऑयलों का महत्व और उपयोगिता

आमतौर पर एसेंशियल ऑयल का नाम तो सभी ने सुना होगा। लेकिन यह कौन से ऑयल होते हैं? इनका क्या काम होता है? यह कैसे काम करते हैं? आदि प्रश्नों के बारे में कोई नहीं जानता। जोकि बेहद जरूरी है। एसेंशियल ऑयल में वह ऑयल आते हैं, जो किसी पौधे से निकाले जाते हैं। इन ऑयलों का प्रयोग प्राकृतिक उपचार, अरोमाथेरेपी, अल्टरनेटिव हेल्थ प्रैक्टिस और कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं में खूब किया जाता है। प्राचीन समय से इन एसेंशियल ऑयलों का इस्तेमाल दवा, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र, भोजन और तमाम तरह की चिकित्‍सा प्रणाली में होता आया है। इन एसेंशियल ऑयल को सामान्‍य भाषा में आवश्‍यक तेल भी कहा जाता है।

 
एसेंशियल ऑयल क्या हैं?

एसेंशियल ऑयल लाभकारी पौधों का लिक्विड एक्सट्रैक्ट (अर्क) होता है। इन ऑयलों को स्टीम, वाटर डिस्टिलेशन (distillation), मैकेनिकल मेथड और कोल्ड प्रेसिंग (cold pressing) जैसे तरीकों से निकाला जाता है। पौधों से एसेंशियल ऑयल की प्राप्ति करने के लिए पौधों के अलग- अलग हिस्‍सों का प्रयोग किया जाता है। इन हिस्‍सों में पौधे के फूल, पत्तियां, छाल, जड़, फलों के छिल्‍के आदि का इस्तेमाल होता है। इन तेलों की महक इनके पौधों से भी ज्यादा स्ट्रांग होती है। साथ ही इनमें एक्टिव इंग्रेडिएंट्स भी उच्च स्तर में मौजूद होते हैं। इसलिए यह तेल जड़ी- बूटियों के मुकाबले 75 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इनसे नुकसान नहीं होता। यदि इन तेलों का प्रयोग सावधानी से न किया जाए तो इनका भी कुछ दुष्‍प्रभाव जरूर हो सकता है। जिसका मूल कारण है इन तेलों का बेहद शक्तिशाली होना।

 
एसेंशियल ऑयल के पोषक तत्‍व-

वैसे तो सभी एसेंशियल ऑयल में अलग-अलग गुण और पोषक तत्‍व होते हैं। यह पोषक तत्‍व और गुण उन पौधों पर निर्भर करते हैं, जिन पौधों से इन तेलों की प्राप्ति होती है। लेकिन एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी ऐसे गुण हैं, जो सभी एसेंशियल ऑयलों में सामान्‍य होते हैं। इसके अलावा इन तेलों में कई प्रकार के विटामिन, खनिज पदार्थ और पोषक तत्‍व भी होते हैं। जो बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ देने में मदद करते हैं। इन एसेंशियल ऑयलों में कुछ   एंटीऑक्‍सीडेंट गुण भी होते हैं। जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स (मुक्त कण) से बचाने का काम करते हैं।

 
एसेंशियल ऑयलों की सूची-

शरीर को स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और अन्‍य प्रकार के फायदे देने वाले एसेंशियल ऑयलों की सूची बहुत लंबी है। जोकि इस प्रकार है-

  • जोजोबा तेल
  • काली मिर्च का तेल
  • तुलसी का तेल
  • पुदीने का तेल
  • अदरक का तेल
  • देवदार का तेल
  • चंदन का तेल
  • पचौली का तेल
  • लैवेंडर का तेल
  • आर्गन ऑयल
  • नेरोली तेल
  • नींबू बाम तेल
  • जैस्मीन तेल
  • कोपाबा या कोपाइबा तेल
  • बर्गमोट ऑयल
  • अनार का तेल
  • फ्रैंकेंसेंस (लोबान) ऑयल
  • गांजे का तेल
  • कद्दू का तेल
  • अंगूर का तेल
  • रोजमेरी तेल
  • साइप्रस तेल
  • हरसिंगार का तेल इत्यादि।
 
कुछ जरूरी एसेंशियल ऑयल के नाम और उनके लाभ-

एसेंशियल ऑयल हानिकारक जीवों के खिलाफ प्रभावी होते हैं। यह तेल व्यक्ति की मनोदशा को सुधारने और मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता में विकास करते हैं। इन तेलों में मितली, उल्‍टी, सिरदर्द आदि समस्याओं को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ऑयल अरोमाथेरेपी के दौरान होने वाले दुष्‍प्रभावों को भी कम करते हैं। आइए जानते हैं कुछ एसेंशियल ऑयलों के फायदों के बारे में-

 
लौंग एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लौंग के तेल को दांतों के दर्द का अचूक उपाय माना जाता है। दांत में दर्द होने पर रूई को लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाले हिस्से और उसके आस-पास मसूड़ों पर लगाएं। लौंग तेल में शक्तिशाली एंटी-फंगल गुण होते हैं। जो कैंडिडा अल्बिकंस बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं। जिससे दांतों का दर्द कम होता है। लौंग तेल के अन्‍य फायदे-

 
मुंह के छालों के लिए उपयोगी-

लौंग तेल में एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं। जो हर्पस सिम्‍प्‍लेक्‍स (herpes simplex) से बचाने का काम करते हैं। साथ ही यह छालों के दर्द को कम करके उपचार प्रक्रिया में तीव्रता लाते हैं। इसके लिए एक से दो बूंद लौंग तेल को मुंह के छालों पर लगाएं।

 
गठिया के दर्द के लिए लाभप्रद-

लौंग का तेल दर्द निवारक और गठिया रोग के लिए अच्छा होता है। इस तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करने से दर्द में शीघ्र ही आराम मिलता है।

 
बैक्‍टीरिया नष्‍ट करने में सक्षम-

लौंग तेल बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने के‍ लिए काफी उपयोगी सिद्ध होता है। दरअसल यह एक प्राकृतिक एंटी-बैक्‍टीरिया ऑयल है। जो ई-कोलाई, साल्‍मोनेला और हेलिकोबैक्‍टर पिलोरी (पेट के अल्‍सर से जुड़ा) जैसे हानिकारक बैक्‍टीरिया को खत्म करने की क्षमता रखता है। इसलिए टेलिफोन, की बोर्ड, रसोई, टॉयलेट सीट आदि जगह पर लौंग तेल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

 
ओरेगेनो (अजवायन की पत्ती) एसेंशियल ऑयल के फायदे-

ओरेगेनो तेल में कारवाक्रोल होता है, जो हानिकारक जीवाणुओं से हमारी रक्षा करता है। ओरेगेनो तेल का प्रयोग बैक्‍टीरिया के विकास को कम करने में सहायता करता है। ओरेगेनो तेल के अन्‍य फायदे-

 
एंटीऑक्‍सीडेंट के रूप में ओरेगेनो तेल-

ओरेगेनो ऑयल में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। जो उम्र बढ़ने वाले लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

 
गले के लिए आरामदायक-

गले में खराश, दर्द या कोई और प्रॉब्लम होने पर ओरेगेनो एसेंशियल तेल का प्रयोग करना बेहद लाभकारी होता है। इसके लिए एक गिलास पानी में इस तेल की दो-तीन बूंद डालकर गरारे करने चाहिएं। इससे सर्दी और बुखार के लक्षणों में भी कमी होती है।

 
पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल के फायदे-

पुदीना या पेपरमिंट ऑयल मितली, सिरदर्द, पेट दर्द, गैस, अपचन, चिंता और तनाव आदि समस्याओं को ठीक करता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
हॉट फ़्लैश को शांत करने में उपयोगी-

पेपरमिंट में उच्‍च मात्रा में मेन्‍थॉल सामग्री पाई जाती है। जो महिलाओं में होने वाली हॉट फ़्लैश (मेनोपॉज के बाद की स्थिति) की समस्या को शांत करता है। इसलिए अधिक गर्मी महसूस होने पर पुदीना तेल से सिर की मालिश करना अच्छा होता है। इसके अतिरिक्त इस तेल की खुशबू भी शरीर को ठंडा रखती है।

 
सतर्कता बढ़ाने में मददगार-

पुदीना तेल मनुष्य की सतर्कता शक्ति को बढ़ाने का काम करता है। इस रूप में यह तेल उन ड्राइवरों के लिए बेहद जरुरी हो जाता है, जो लंबी दूरी तक गाड़ियां चलाते हैं। मस्तिष्‍क को सचेत रखने और तंत्रिका तंत्र को जगाने में पुदीना तेल बहुत प्रभावी होता है। बच्चों में इस तेल की खुशबू एकाग्रता बढ़ाने का काम करती है।

 
मांसपेशीय दर्द के लिए फायदेमंद-

पेपरमिंट तेल मांसपेशियों को आराम दिलाकर शरीर के दर्द को कम करता है। इसके लिए पुदीना तेल को किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से की अच्छे से मालिश करें। इस तेल का इस्तेमाल गठिया दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। पुदीना तेल की खुशबू लेने से श्वसन संबंधी एलर्जी भी दूर होती है।

 
अरंडी एसेंशियल ऑयल के फायदे-

अरंडी के तेल को बालों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। बाजार में यह आसानी से उपलब्ध होता है। इसका उपयोग बालों के विकास और डैंड्रफ (रूसी) को दूर करने में किया जाता है। इसके अलावा अरंडी का तेल पलकों (आईलैशेज) को खूबसूरत और घना बनाने में भी मददगार साबित होता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
चेहरे और त्वचा के लिए लाभदायक-

अरंडी का तेल मुंहासों के लिए भी लाभकारी होता है। दरअसल, इसमें मौजूद रिसिनोलिक एसिड मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने में मदद करते हैं। जिससे मुंहासों की समस्या दूर होती है। वहीं, इसके सही उपयोग से चेहरे की रंगत में भी निखार आता है।

 
औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयोगी-

उद्योग जगत में अरंडी के तेल का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने, पेंट का निर्माण करने, साबुन बनाने, चिपकाने वाले पदार्थ जैसे- फेविकॉल, लुब्रिकेंट आदि के निर्माण में भी किया जाता है। इस तेल में रेचक (Purgative) और चिकनाई होती है, जिसके कारण औषधीय निर्माण में भी इसका व्यापक प्रयोग होता है।

 
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल के फायदे-

यूकेलिप्‍टस तेल नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से निकाला जाता है। इस तेल में कीटनाशक और एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं। जो कई प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं को खत्म करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त नीलगिरी तेल कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी ठीक करने में मदद करता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
श्वसन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी-

सांस संबंधित परेशानी होने पर नीलगिरी तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करना अच्छा होता है। खांसी होने पर इस तेल की वाष्‍प लेनी चाहिए। इससे सर्दी कम होती है। यह शरीर में रुके हुए कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।

 
मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक-

नीलगिरी और पुदीना तेल को मिलाकर प्रयोग करने से संज्ञानात्मक प्रदर्शन में बढ़ोतरी होती है। इसके अतिरिक्त दोनों तेलों की मिश्रित खुशबू लेने से सिरदर्द भी कम होता है।

 
बुखार को कम करने में मददगार-

बुखार कम करने के लिए नीलगिरी तेल की दो-चार बूंदों को पानी में मिलाकर, एक कपड़े को उस पानी में भिगोकर रोगी के शरीर को पूछें। विशेषकर रोगी की पीठ, गर्दन, छाती, पैर और तलवों को। ऐसा करने से रोगी का बुखार कम होने लगता है।

 
इसके कुछ अन्‍य फायदे:
  • मांसपेशियों के दर्द के लिए फायदेमंद।
  • मानसिक तनाव को कम करने में मददगार।
  • अरोमाथेरेपी के लिए उपयोगी।
  • सिर की जूं के लिए कारगर इलाज।
 
टी ट्री एसेंशियल ऑयल के फायदे-

टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। जो सूजन को कम करने का काम करते हैं। यह तेल एक्जिमा और सोरायसिस से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसके लिए टी ट्री ऑयल को पतला करके प्रभावित हिस्से पर दिन में दो बार जरूर लगाएं। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
जलन को कम करे-

शेव करने के बाद चेहरे पर लगे छोटे-छोटे कट में जलन होती है। ऐसे में नारियल तेल और टी ट्री ऑयल को मिलाकर चेहरे पर लगाने से जलन कम होने लगती है।

 
त्‍वचा संक्रमण से बचाए-

टी ट्री ऑयल एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक तेल होता है। इसलिए त्‍वचा पर चोट लगने या कोई दोष होने पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।

 
प्राकृतिक कीट नाशक-

टी ट्री ऑयल मच्‍छरों और कीट-पतंगों के काटने से होने वाले दोषों को रोकता है। इस तेल को शरीर पर लगाने से कीट और मच्‍छर पास नहीं आते। इसके अतिरिक्त मच्‍छरों के काटे हुए क्षेत्र पर इस तेल को लगाने से सूजन भी नहीं होती।

 
टी ट्री ऑयल के अन्‍य लाभ
  • मुंहासों का बेहतर इलाज।
  • गले के दर्द का सुचारू इलाज।
  • फंगल इंफेक्शन का बढ़िया इलाज।
  • माउथ फ्रेश्‍नर और मुंह की अन्‍य दिक्कतों को दूर करने में सक्षम।
 
लेमन एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लेमन ऑयल अपनी बेहतरीन खुशबू के चलते काफी लोकप्रिय है। इसका उपयोग भोजन को पकाते वक्त, सीफूड व्‍यंजन, केक, सलाद आदि में किया जाता है। इस तेल में बहुत से चिकित्‍सकीय गुण भी होते हैं। जो गठिया दर्द को कम करने, पाचन में सुधार करने और एकाग्रता में वृद्धि करने में सहायता करते हैं। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
बैक्‍टीरिया हटाने में कारगर-

लेमन ऑयल बर्तनों में मौजूद बैक्‍टीरिया को खत्म करने और बर्तनों को स्‍वच्‍छ और खुशबूदार बनाने में सहायता करता है। इसके लिए बर्तनों को साफ करने वाले साबुन या जैल में नींबू तेल की एक से दो बूंदों को मिलाकर इस्तेमाल करें।

 
रूम फ्रेश्‍नर के रूप में उपयोगी-

घर में मनमोहक खुशबू लाने के लिए लेमन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसकी सकारात्मक खुशबू शरीर की थकान को दूर करके ताजगी का अहसास दिलाती है। इसके अलावा लेमन ऑयल का इस्तेमाल परफ्यूम की तरह भी किया जाता है। इसके लिए नींबू के तेल को अन्‍य तेलों के साथ मिलाकर प्रयोग में लाएं।

 
बालों के लिए फायदेमंद-

बालों के विकास के लिए भी लेमन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल में किसी अन्‍य तेल को मिलाकर सिर की मालिश करने से तेल ग्रंथियों पर संतुलित प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा सोने से पहले इस तेल से सिर की मालिश करने से अच्छी नींद आती है और बालों को पर्याप्‍त पोषण मिलता है।

 
जोजोबा एसेंशियल ऑयल के फायदे-

जोजोबा ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल गुण के साथ एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी मौजूद होते हैं, जो त्वचा की लालिमा, एक्जिमा और एडिमा जैसी बीमारियों को दूर करते हैं। स्किन डिसऑर्डर को दूर करने में भी जोजोबा तेल लाभदायक साबित होता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
सूजन को कम करने में कारगर-

स्किन पर जोजोबा ऑयल लगाने से स्किन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। इस तेल में एंटी- बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा की सूजन को कम करने का काम करते हैं। इस तेल में घावों को शीघ्र ठीक करने की ताकत होती है।

 
स्किन इंफेक्शन से बचाव-

जोजोबा ऑयल में विटामिन-ई और कई ऐसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा के घावों को तेजी से भरते हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करते हैं। इसके अलावा जोजोबा तेल में कुछ ऐसे एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाएं जाते हैं, जो त्वचा को इंफेक्शन से बचाने का काम करते हैं।

 
मजबूत स्किन कोशिकाएं-

जोजोबा तेल लगाने से त्वचा की कोशिकाएं मजबूत होती हैं। इस तेल की मदद से त्वचा अपने ऊपर हाइड्रेटिंग (Hydrating) परत बना लेती है, जो कोशिकाओं को कमजोर होने से बचाती है। इसके अतिरिक्त जोजोबा तेल बाहरी तत्वों से भी स्किन को प्रोटेक्शन देने का काम करता है।

 
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के फायदे-

लैवेंडर के फूलों से निकाला गया लैवेंडर एसेंशियल ऑयल मशहूर तेलों में से एक है। इसका प्रयोग एकाग्रता की कमी, बालों के झड़ने की समस्‍या और अनिद्रा आदि के इलाज के लिए किया जाता है। इस तेल के अन्‍य फायदे-

 
तनाव दूर करे-

लैवेंडर तेल उन लोगों के लिए बहुत प्रभावी है, जो थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव आदि से परेशान रहते हैं। इन परेशानियों को दूर करने के लिए लैवेंडर के तेल को पतला करके प्रयोग में लाना चाहिए। इस तेल को हाथ और गर्दन पर भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा नहाने वाले पानी में इस तेल को डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। लैवेंडर तेल से आने वाली खुशबू मन को शांत करने का काम करती है।

 
खुजली खत्म करे-

लैवेंडर तेल किसी कीड़े के काट लेने या त्‍वचा संक्रमण के बाद होने वाली खुजली को कम करने में सहायता करता है। यह तेल मच्‍छर और मधुमक्‍खी के काटने पर होने वाली सूजन, दर्द, खुजली को ठीक करने की ताकत रखता है।

 
सनबर्न से राहत दिलाए-

लैवेंडर तेल त्वचा पर तेज धूप पड़ने के कारण होने वाली जलन को ठीक करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त रसोईघर में खाना पकाते समय हाथ जलने पर भी लैवेंडर तेल का इस्तेमाल करना अच्छा होता है।

 
भोजन को स्‍वादिष्‍ट बनाए-

अपने अनोखे स्‍वाद के चलते लैवेंडर तेल का प्रयोग कई प्रकार के व्‍यंजनों में होता है। इसका उपयोग सलाद, चॉकलेट और मीठे व्‍यंजन आदि में उनका स्‍वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।

 
इसके कुछ अन्‍य फायदे
  • शुष्‍क त्‍वचा को मॉइस्‍चराइज देता है।
  • नाक से बहने वाले खून को रोकता है।
  • इसके उपयोग से अच्‍छी नींद आती है।
  • यह शरीर और दिमाग को शांत करता है।
 
रोज़ एसेंशियल ऑयल के फायदे-

रोज़ एसेंशियल ऑयल गुलाब की कई प्रजातियों से प्राप्त किया गया एक सुगंधित तेल होता है। यह तेल पूर्ण रूप से प्राकृतिक तेल नहीं होता। क्‍योंकि इसको कई केमिकलों का प्रयोग करके निकाला जाता है। लेकिन अन्‍य एसेंशियल ऑयल की तरह गुलाब का तेल भी दिमाग को शांत करने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त यह तेल बहुत से संक्रामक जीवाणुओं से शरीर की रक्षा करता है। इस तेल में फेनोलिक, टोकोफेरोल (विटामिन ई का एक यौगिक) और कैरोटीन यौगिकों की उच्‍च मात्रा होती है। रोज़ एसेंशियल ऑयल त्‍वचा में निखारने लाने का भी काम करता है।

 
कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल के फायदे-

ब्‍लू कैमोमाइल अनिद्रा, बुखार, त्‍वचा संक्रमण आदि के लिए लाभदायक औषधि है। इसके अतिरिक्त कैमोमाइल तेल का इस्तेमाल चोट, जलन, घाव, एक्जिमा, कैंसर से बने घाव और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य दिक्कतों के लिए भी किया जाता है। कैमोमाइल ऑयल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण को शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। क्योंकि यह शरीर में रासायनिक प्रक्रियाओं को रोकता है, जो किसी सूजन का मुख्य कारण होती हैं। इसके अतिरिक्त यह तेल पेट के छालों को भी ठीक करने में मदद करता है। कैमोमाइल चाय अनिद्रा की समस्या को दूर करती है। इस तेल की खुशबू चिंता और तनाव को कम करके मस्तिष्‍क को शांत करने का काम करती है।

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लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

Posted 24 May, 2022

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

लैवेंडर के फूल से बनने वाला लैवेंडर ऑयल बेहद गुणकारी होता है। यह एक खास एसेंशियल ऑयल है, जो मानसिक थकान, अवसाद और स्ट्रेस के साथ-साथ कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। इस तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक और चिकित्सा परियोजनों के लिए भी किया जाता है। लैवेंडर एसेंशियल ऑयल में पुष्प घास की खास सुगंध होती है। जिससे मन और शरीर दोनों को आराम मिलता है और ताज़गी की अनुभूति होती है। इसमें 150 से अधिक सक्रिय घटक (Active components) होते हैं। इसके अलावा लैवेंडर ऑयल में सूजन विरोधी, सूक्ष्मजीवी रोधी, फंगसरोधी, अवसादरोधी, जीवाणुरोधी, रोगाणुरोधी, पीड़ारोधी, शांतिदायक और सन्तोष दिलाने के गुण मौजूद होते हैं। इन सभी गुणों के कारण स्वास्थ्य में लाभ हेतु लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग होने वाली सबसे ज्यादा पसंदीदा जड़ी बूटियों में से एक है और कई क्रीम, बाल संबंधी उत्पादों और मोमबत्तियों में इसका उपयोग किया जाता है। 

 
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के फायदे
स्टॉफ इन्फेक्शन में असरदार है लैवेंडर एसेंशियल ऑयल-

 लैवेंडर तेल में पाए जाने वाले रोगाणुरोधी और सूजन विरोधी गुण स्टैफाइलोकॉकस (Staphylococcus) बैक्टीरिया की वजह से होने वाले स्टाफ (Staph) संक्रमण से शरीर को बचाते हैं। स्टैफाइलोकॉकस बैक्टीरिया इम्पेटिगो (impetigo), फोड़े और सेल्युलाइटिस जैसी कई त्वचा संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है। जिससे बचाव में लैवेंडर एसेंशियल ऑयल बेहद असरदार होता है। 

 
चिंता में उपयोगी है लैवेंडर एसेंशियल ऑयल-

 लैवेंडर एसेंशियल ऑयल शांति दिलाने वाली औषधि के रूप में काम कर चिंता और पैनिक अटैक को कम करता है। लैवेंडर अरोमाथेरेपी तंत्रिका तंत्र को खोलती है जिससे कारण चिंता कम हो जाती है। यह दिमाग में चिंता ट्रिगर करने वाली स्थितियों को कम करती है।

 
अच्छी नींद में सहयक है लैवेंडर एसेंशियल ऑयल - 

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की खुशबू दिमाग को शांत कर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है इसलिए बेहतर नींद के लिए इस तेल का उपयोग अच्छा उपाय माना जाता है। लैवेंडर अरोमाथेरेपी आराम और नींद के लिए बेहतर मदद कर सकती है। इसके अलावा लैवेंडर तेल मनोदशा को स्थिर करने और मजबूत भावनाओं को संतुलित करने में भी सहायता करता है।

 
फंगस संक्रमण को दूर करता है लैवेंडर एसेंशियल ऑयल- 

फंगस संक्रमण से लड़ने के लिए लैवेंडर तेल एक प्रभावी विकल्प है। दरअसल, लैवेंडर तेल में त्वचा और नाखून संबंधी संक्रमणों के खिलाफ शक्तिशाली फंगसरोधी गुण होते हैं। यह तेल मामूली घावों, खुजली वाली त्वचा, त्वचा का नीला पड़ जाना या जलने के मामले में भी फायदेमंद होता है। 

 
कीड़ों को दूर रखने में लाभदायक है लैवेंडर एसेंशियल ऑयल-

 लैवेंडर तेल एक प्राकृतिक कीट रक्षक दवा के रूप में काम करता है जो पिस्सू, झींगुर, पतिंगे, मच्छर और मक्खियों आदि कीड़ों को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए बाहर जाने से पहले पल्स पॉइंट (pulse points) पर लैवेंडर तेल की कुछ बूदें लगाने से कीड़ों से बचाव होता है या फिर रुई पर लैवेंडर तेल की कुछ बूंदों को डाल कर इसे अपने कपड़ो की अलमारी में भी रख सकते हैं ताकि कीड़ों को दूर किया जा सके।

 
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के प्रकार 
इंग्लिश लैवेंडर: 

लैवेंडर का यह पौधा ज्यादा ठंड में भी जीवित रह सकता है और इसकी खुशबू सबसे अच्छी होती है, लेकिन इस प्रकार के लैवेंडर से ऑयल सबसे कम मात्रा में निकलता है।

 
फ्रेंच लैवेंडर: 

इस लैवेंडर के पौधे अन्य लैवेंडर के मुकाबले आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसकी पत्तियां हरे और ग्रे रंग की होती हैं। यह खुशबू में सबसे तेज होता है। इस लैवेंडर को ज्यादा ठंड की आवश्यकता नहीं होती और यह 10 डिग्री फारेनहाइट तापमान में भी उग जाता है। 

 
स्पाइक लैवेंडर: 

इस प्रकार का लैवेंडर का पौधा दिखने में घास की तरह होता है। ये मुख्य रूप से मेडिटरेनियन क्षेत्र में पाए जाते हैं। आकार में इंग्लिश लैवेंडर से छोटे होते हैं और इसकी ऊंचाई तकरीबन 200 से 700 मीटर होती है। 

 
लैवेंडिन: 

इस प्रकार का लैवेंडर इंग्लिश लैवेंडर और स्पाइक लैवेंडर का हाइब्रिड होता है। ख़ास कर उद्योग के लिए ही इसकी खेती की जाती है, क्योंकि यह सबसे ज्यादा खूबसूरत लैवेंडर होता है और सबसे ज्यादा तेल भी इसी किस्म से प्राप्त होता है। 

 
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के नुकसान- 
  • मुख्य रूप से लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का त्वचा पर उपयोग सुरक्षित माना जाता है।  लेकिन फिर भी एलर्जी की संभावना को खत्म करने के लिए इस्तेमाल से पहले इसे अपनी थोड़ी सी त्वचा पर लगा कर पैच परीक्षण कर लें।
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लैवेंडर आवश्यक तेल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • लैवेन्डर तेल के अत्यधिक उपयोग से कई बार मतली, उल्टी और सिरदर्द जैसी समस्या पैदा हो सकती है।
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चमेली तेल के फायदे और उपयोग

Posted 24 May, 2022

चमेली तेल के फायदे और उपयोग

चमेली एक सफेद रंग फूल होता है। जिसकी भीनी-भीनी और मीठी खुशबू मन और दिमाग को सराबोर करने लगती है। चमेली की खुशबू के अलावा इसके सेहतमंद गुण आयुर्वेद में कई रोगों के लिए औषधी का काम करते हैं। इसलिए इसके फूल, पत्ते और जड़ का प्रयोग औषधि बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। जो सिरदर्द, कानदर्द से लेकर योनी शिथिलता को कम करने में मददगार साबित होते हैं। चमेली फूल के अलावा इसके तेल का प्रयोग भी कई वर्षों से सेहत, त्वचा और बालों से जुड़ी परेशानियों के लिए किया जाता रहा है।

 
चमेली के तेल के फायदे-
एंटीसेप्टिक के लिए-

चमेली के तेल में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाले) गुण पाए जाते हैं। जो बैक्टीरिया की सक्रियता को खत्म करने में मदद करते हैं। इसलिए चमेली के तेल को बॉडी पर एंटीसेप्टिक लोशन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

 
डिप्रेशन को दूर करने के लिए-

चमेली के फूल को अपनी मनमोहक खुशबू के लिए जाना जाता है। इसके तेल की इसी सुगंध के कारण इसे डिप्रेशन के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चमेली पर थाईलैंड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार इसके तेल से की गई एरोमाथेरेपी डिप्रेशन के रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करती है। जिससे व्यक्ति में खुशी के भाव का संचार होता है। इसलिए चमेली के तेल को डिप्रेशन में लाभकारी माना जाता है।

 
ब्लड प्रेशर के लिए-

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में जिक्र मिलता है कि चमेली पौधे के एरियल पार्ट (पौधे का वह हिस्सा जो हवा में हो, जैसे फूल और पत्तियां) में एंटी-हाइपरटेंसिव (उच्च रक्तचाप को कम करने वाला) गुण पाए जाते हैं। चूंकि चमेली का तेल इसके फूलों से ही तैयार किया जाता है तो इन गुणों का चमेली के तेल में होना भी स्वाभाविक है। इसलिए चमेली के तेल को बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कारगर माना जाता है।

 
मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए-

एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मेनोपॉज (मासिक चक्र का बंद होना) की समस्या से ग्रस्त महिलाओं में इस बदलाव के लक्षणों को एरोमाथेरेपी की मदद से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। जिसमें चमेली के तेल का नाम सबसे पहले आता है। इसलिए मेनोपॉज की स्थिति के लिए चमेली के तेल को मददगार माना गया है।

 
एंटी इंफ्लेमेटरी के लिए-

चमेली तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होते हैं। जो इसकी पत्तियों के अर्क में होते हैं। इसलिए चमेली के तेल और इसकी पत्तियों के अर्क, दोनों को सूजन से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चमेली का तेल हर तरह की शारीरिक सूजन को दूर करने में कारगर साबित होता है।

 
मुंह के संक्रमण के लिए-

चमेली के तेल में एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण पाए जाते हैं। जो मुंह की सफाई और मुंह के संक्रमण से राहत दिलाने में मददगार साबित होते हैं।

चमेली तेल के पौष्टिक तत्व-
  • ग्लाइकोसाइड
  • फ्लेवोनॉयड
  • सैपोनिंस
  • टैनिन्स और फेनोलिक यौगिक
चमेली तेल का उपयोग-
  • चमेली तेल को त्वचा पर मालिश करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • चमेली तेल को सिर पर लगाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
  • मुंह के संक्रमण को दूर करने के लिए चमेली तेल को माउथवाश की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
  • चमेली तेल को कुछ लोग रूम डिफ्यूजर के लिए इस्तेमाल करते हैं।
चमेली के तेल के नुकसान-
  • कुछ लोगों को चमेली के तेल से त्वचा संबंधित एलर्जी हो सकती है।
  • आरामदायक और उत्तेजक प्रभाव के कारण चमेली तेल के अधिक उपयोग से बचना चाहिए।
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Benefits and Uses of Jasmine oil

Posted 13 December, 2021

Benefits and Uses of Jasmine oil

Jasmine is a white-coloured flower that has a sweet fragrance that starts drenching the mind. Apart from the aroma of jasmine, its healthy properties act as a medicine for many diseases in Ayurveda. Therefore its flowers, leaves and root are used to make medicine that proves to be helpful in reducing headache, earache and also cures vaginal dysfunction. Apart from the flower of jasmine, its oil has also been used for many years for health, skin and hair related problems.

 

Benefits of Jasmine oil

For antiseptic-

Jasmine oil has antibacterial (bacteria destroying) properties which help to eliminate the activity of bacteria. Therefore, jasmine oil can be used as an antiseptic lotion on the body.

 

To combat depression-

Jasmine flower is known for its lovely fragrance. Due to the aroma of its oil, it is used for patients with depression. According to research done by the University of Thailand on jasmine, aromatherapy done with its oil works to have a positive effect on patients with depression due to which a feeling of happiness is communicated in the person. Therefore jasmine oil is considered beneficial in depression.

 

For blood pressure-

The report published on the site of NCBI (National Center for Biotechnology Information) mentions that the aerial part of the jasmine plant (the part of the plant that is in the air, such as flowers and leaves) has anti-hypertensive (lowering high blood pressure)properties. Since jasmine oil is prepared from its flowers, it is also natural to have these properties in jasmine oil. Therefore, it is considered effective for controlling increased blood pressure.

 

To reduce the symptoms of menopause-

The symptoms of this change can be reduced to some extent with the help of aromatherapy in women suffering from the problem of menopause, according to the report published on the NCBI site in which the name of jasmine oil comes first. Therefore, jasmine oil has been considered helpful for the condition of menopause.

 

For inflammation-

Jasmine oil has anti-inflammatory properties which are in the extract of its leaves. Therefore, both jasmine oil and its leaf extracts are used to relieve inflammation. This oil also proves to be effective in curing all types of physical inflammation.

 

For mouth infection-

Jasmine oil has anti-bacterial properties which prove to be helpful in cleaning the mouth and relieving mouth infections.

 

Nutritious Ingredients of Jasmine oil

  • Glycoside
  • Flavonoids
  • Saponins
  • Tannins and Phenolic Compounds

Uses of Jasmine Oil

  • Jasmine oil is used for massaging the skin.
  • It is also used for applying on the scalp.
  • Jasmine oil is used as a mouthwash to remove oral infections.
  • Some people use jasmine oil as a room diffuser.

Side effects of Jasmine oil

  • Some people may have skin allergies to jasmine oil.
  • Excessive use of jasmine oil should be avoided due to its relaxing and stimulating effect.
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क्या होता है सिट्रोनेला एसेंशियल तेल? जानें, इसके लाभ और उपयोग

Posted 17 March, 2022

क्या होता है सिट्रोनेला एसेंशियल तेल? जानें, इसके लाभ और उपयोग

सिट्रोनेला एसेंशियल तेल शारीरिक तंत्र में फैले स्वास्थ्य लाभों का पोषिता (host) है। जो कई तरह के बैक्टीरिया से लड़ने और उन्हें खत्म करने का काम करता है। सिट्रोनेला एसेंशियल तेल पाचन और गुर्दे से संबंधित कार्यों को भी अनुकूलित करता है। यह शरीर के बुखार को कम करने और एक मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है। यह रक्त के परिसंचरण को बढ़ाता है, उत्सर्जन प्रणाली में सुधार करता है और तंत्रिका तंत्र को अनुकूलित करता है। यह तेल फंगल विकास को रोकने का काम करता है। यह तेल एक टोनर के रूप में कार्य करता है। जो अवसाद से लड़ने में भी सहायता करता है।

 
सिट्रोनेला तेल क्या है?

सिट्रोनेला एक प्रकार की घास है। जिसमें एक सुंदर कुरकुरा और एक विशेष प्रकार की सुगंध होती है। इसलिए इसको सिट्रोनेला कहा जाता है। सिट्रोनेला को आमतौर पर लेमनग्रास के रूप में जाना जाता है। सिट्रोनेला आवश्यक तेल दो प्रकार के सिट्रोनेला से प्राप्त होता है। जिसमें पहला नाम सीलोन सिट्रोनेला और दूसरा नाम जावा सिट्रोनेला है। वैसे तो यह दोनों ही काफी शक्तिशाली होते हैं। लेकिन जावा सिट्रोनेला को सीलोन सिट्रोनेला की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जात है।

 
सिट्रोनेला एसेंशियल  तेल के फायदे;
बुखार के लिए-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल अपने प्रभावों के संयोजन के कारण बुखार को कम करने में सहायता करता है। इस तेल में मौजूद डायफोरेटिक गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर के तापमान को कम करने का काम करता है। इसके अलावा इस तेल के एंटी-माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं को खत्म करने में भी मदद करते हैं।

 
ऐंठन के लिए-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को ऐंठन से राहत प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है। विशेष रूप से मांसपेशियों की प्रणाली, श्वसन तंत्र और तंत्रिका तंत्र में होने वाली ऐंठन के लिए। इसके अतिरिक्त यह महिलाओं में मासिक धर्म की ऐंठन के लिए भी अच्छा होता है। साथ ही खांसी संबंधी गले की ऐंठन में भी फायेदा करता है।

 
पेट की बीमारियों के लिए-

इस तेल के प्रतिरोधक गुण पेट के विभिन्न संक्रमणों को कम करने, आंतों की सूजन को कम करने और पाचन तंत्र के सुचारू संचालन में योगदान देने का काम करते हैं।

 
फंगल संक्रमण को रोकने के लिए-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल कान, नाक और गले आदि को नुकसान पहुंचाने वाले कवक (फंगल संक्रमण) के विकास को रोकने में सहायता करता है। इसके अलावा यह कवक पेचिश को ठीक करने में भी मददगार साबित होता है।

 
अवसाद के लिए-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को अरोमाथेरेपी के लिए उपयोग किया जाता है। क्योंकि यह लोगों को उनके अवसाद से लड़ने में सहायता करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह व्यक्ति को हल्कापन और खुशहाल एहसास महसूस कराने एवं चिंता और नकारात्मक विचारों को दूर करने का काम करता है। इसलिए सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल अवसाद से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

 
उत्तेजक प्रभाव के रूप में-

सिट्रोनेला आवश्यक तेल विभिन्न शारीरिक कार्यों पर एक उत्तेजक प्रभाव डालता है। यह रक्त के परिसंचरण में सुधार करता है और हार्मोन और एंजाइम जैसे शरीर में स्राव और निर्वहन के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है। यह तंत्रिका तंत्र में गतिविधि को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, यह शरीर के चयापचय के साथ मदद कर सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी उत्तेजित करता है।

 
कीड़ों को मारने के लिए-

अवांछित कीड़े परेशानियों की एक पूरी दुनिया का कारण बन सकते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस होने के कारण शरीर को बीमार कर सकते हैं। यह भोजन में मिलकर उसे दूषित कर सकते हैं। व्यक्ति को काटकर शरीर पर चकत्ते, खुजली से लेकर बुखार और मतिभ्रम तक का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा मच्छर जैसे कीड़े डेंगू, मलेरिया और पीले बुखार को जन्म दे सकते हैं। ऐसे में सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक महान कीट विकर्षक के रूप में कार्य करता है। जो कीड़ों को मारने और घर से दूर रखता है। यह जूं और पिस्सू जैसे कीटों के लिए भी कारगर सिद्ध होता है।

 
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के रूप में-

आमतौर पर सूजन कई कारणों जैसे ड्रग्स, नशीले पदार्थों, मसालेदार भोजन और शरीर में होने वाले किसी भी विषाक्त तत्वों के कारण हो सकती हैं। ऐसे में सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल जिगर, पेट, श्वसन प्रणाली और आंतों की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो इन समस्याओं में फायेदा करते हैं।

 
बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मददगार-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल मिथाइल आइसोयुगेनॉल में प्रचुर होता है। जो बैक्टीरिया को खत्म करने और शरीर में बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायता करता है। परिणामस्वरूप यह बैक्टीरिया के कारण किसी घाव में होने वाले संक्रमण के उपचार के अलावा बृहदान्त्र, प्रोस्ट्रेट, मूत्र पथ, पेट, गुर्दे, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले संक्रमण में फायेदा करता है। दरअसल सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जो गुर्दे, घाव, मूत्र पथ, मूत्रमार्ग और प्रोस्ट्रेट में कई संक्रमणों से लड़ने में मददगार साबित होते हैं।

 
विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायक-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक डायफोरेटिक (स्वेदजनक) है। अर्थात यह पसीने को प्रेरित करने में मदद करता है। इस रूप में यह शरीर के अतिरिक्त तेल, वसा, पानी और विदेशी विषाक्त पदार्थों को पसीने के माध्यम से बाहर निकालने का काम करता है। इसके अलावा यह शरीर के कार्यों को एक इष्टतम स्तर (Optimal control) पर रखने और शरीर को बीमार होने से बचाने में सहायता प्रदान करता है।    

 
मूत्रवर्धक (diuretic)-

सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक मूत्रवर्धक है। जो यूरिन (पेशाब) को उत्तेजित करने का काम करता है। परिणामस्वरूप शरीर में मौजूद अतिरिक्त तेल, वसा, पानी, यूरिक एसिड और बाहरी विष मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। चूंकि यह तेल गुर्दे के अतिरिक्त कैल्शियम को बाहर निकालने में मददगार साबित होता है। इस रूप में यह गुर्दे की पथरी का कारण बनने वाले अतिरिक्त कैल्शियम को भी बनने से रोकता है।

 
सिट्रोनेला तेल के उपयोग-
  • कई जगहों पर इसका उपयोग इत्र और सुगंध के लिए भी किया जाता है।
  • सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को त्वचा पर बग रिपेलेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • कुछ स्थानों पर इसका इस्तेमाल खाद्य और पेय उद्योग में किया जाता है।
  • कई प्रकार के व्यंजन और पेय स्वाद के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • इस ऑयल को अन्य तेल जैसे- नीलगिरी, ऋषि, देवदार की लकड़ी आदि के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल में लाया जाता है।
सिट्रोनेला तेल के साइड इफेक्ट एवं एलर्जी-

सिट्रोनेला आवश्यक तेल के अधिक उपयोग से जिल्द (interlace) की सूजन, त्वचा में जलन या संवेदीकरण आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इस तेल का उपयोग छोटे बच्चों गर्भवती महिलाओं को भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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Types, Benefits, and Method of making Green tea

Posted 17 March, 2022

Types, Benefits, and Method of making Green tea

Green tea is made from the Camellia sinensis plant. The leaves of this plant are used to make not only green tea but also other types of tea such as black tea but green tea is most effective on human health. Green tea is rich in antioxidants and beneficial polyphenols. To produce green tea, the fresh leaves are steamed immediately after plucking, so that green tea can be manufactured. This process preserves health-promoting natural polyphenols, at the same time, more catechins are found in it than black and oolong tea, which is a type of antioxidant.

 

Consumption of green tea provides protection from many dangerous diseases such as cancer etc. It improves the digestive system, mental health, and heart health. The temperature of the body is also kept under control by its consumption. Green tea is considered very beneficial in reducing weight and also has a positive effect on diseases related to liver, type 2 diabetes, and Alzheimer's, etc. Green tea was used in traditional Chinese and Indian medicine to control bleeding.

 

Types of Green Tea

There are different types of green tea according to production, cultivation, and time of harvest. The main types are as follows-

 

Sencha-

It is the most widely consumed and well-known type of green tea. It is manufactured by a known process in which tea is prepared by drying the leaves in the sun or by steaming.

 

Fukamushi Sencha-

Fukamushi, which means "long-boiled", is a type of green tea that is boiled longer than sencha. Since in this process the leaves are completely exposed to the heat of the steam. Hence, they become powdery and the taste of the tea increases and the colour becomes dark green.

 

Gyokuro-

It is grown in shade rather than full sun and is different from sencha. About 20 days before picking these tea bushes are covered with cloth or reed screen.

 

Kabusecha-

About a week before this green tea is picked, cubuscha bushes are covered with a cloth to protect them from sunlight.

 

Matcha-

It is also a type of green tea that is made from old tea leaves.

 

Benefits of Green tea

Green tea is beneficial for the brain-

Healthy blood vessels are needed for our brain to function properly. According to a Swiss study, people who regularly drink green tea have improved brain function. The bioactive compounds present in green tea have a positive effect on neurons which can reduce the damage caused by diseases such as Alzheimer's and Parkinson's. Therefore, drinking green tea is beneficial to increase the memory power of the brain and to avoid mental diseases.

 

Green tea is beneficial in preventing hair loss-

Drinking green tea is beneficial to reduce hair problems because some powerful antioxidants are found in it which helps in strengthening the hair by reducing the problems. Green tea contains vitamin B (panthenol) which reduces the problem of split ends and also makes the hair soft.

 

Green tea reduces weight-

Consuming one cup of green tea daily reduces body fat (especially in the abdomen). It reduces the amount of body fat, body weight, and waist fat. In addition, the catechins present in green tea generate heat in the body which helps in burning extra calories. Green tea is beneficial for weight loss by helping to increase the body's metabolism. Green tea contains caffeine and a type of flavonoid called catechins which is an antioxidant. Catechins help break down excess fat while both catechins and caffeine help in keeping the body fit by increasing the energy in the body.

 

Green tea is an effective remedy for diabetes-

Green tea helps in maintaining stable blood sugar levels in people suffering from diabetes. Compounds such as polyphenols and polysaccharides present in green tea are useful for both types of diabetes. Green tea increases the production of insulin in the pancreas. It regulates blood sugar levels and absorbs glucose in people suffering from type 1 diabetes. In type 2 diabetes, persistent increases in blood sugar often lead to complications in the eyes, heart, and kidneys. Green tea inhibits this growth. Thus, drinking green tea is extremely beneficial for diabetic patients.

 

Green tea is helpful in reducing bad cholesterol-

Green tea effectively lowers the bad cholesterol in the blood. It also improves the ratio of bad cholesterol and good cholesterol and lowers the level of low-density lipoprotein (LDL) cholesterol i.e. bad cholesterol for the body. Along with this, it helps in increasing the level of high-density lipoprotein (HDL) i.e. good cholesterol for the body. In addition, green tea keeps the arteries clean which reduces the risk of having a heart attack or stroke.

 

Green tea is a home remedy for high blood pressure-

Regular consumption of green tea reduces the risk of high BP. Blood pressure is usually caused by angiotensin-converting enzyme (or ACE). Angiotensin-converting enzyme (or ACE) is produced by the kidneys. Many medicines are available in the market as ACE inhibitors to control blood pressure but green tea acts as a natural ACE inhibitor and controls blood pressure.

 

Green tea is helpful in preventing cancer-

Researchers believe that green tea has high levels of polyphenols which helps to kill cancer cells and stops them from growing. However, how green tea affects cancer cells is not yet fully understood. A laboratory animal study conducted by the National Cancer Institute found that the polyphenols in tea can prevent tumour growth and help reduce damage caused by ultraviolet rays.

 

How to make Green Tea-

  • Boil water first.
  • Add a teaspoon of a leaf or a teabag to one cup.
  • Then pour boiled water directly into this cup.
  • Stir the tea once.
  • Cover the teacup for one and a half to two minutes.
  • Keep in mind, the tea can become bitter if left for more than two minutes.
  • After this strain the tea or remove the teabag.

Side effects of Green tea

  • Due to the caffeine content, excessive consumption of green tea can cause insomnia, upset stomach, vomiting, diarrhoea, and frequent urination in some people.
  • Green tea contains tannins. Therefore, drinking green tea before eating can cause stomach pain, nausea, or even constipation.
  • The catechins in green tea can cause a decrease in the absorption of iron from food.
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What is Citronella Essential Oil? Know its Benefits and Uses.

Posted 17 March, 2022

What is Citronella Essential Oil? Know its Benefits and Uses.

Citronella essential oil is a host of health benefits spread throughout the body system that works to fight and eliminate many types of bacteria. Citronella essential oil also optimizes functions related to digestion and kidneys. It lowers the body's fever and works as a diuretic. It also increases the circulation of blood, improves the excretory system and optimizes the nervous system. This oil works on multiple grounds- it inhibits fungal growth, acts as a toner and also helps in combatting depression.
 
What is Citronella Oil?
Citronella is a type of grass that has a beautiful crisp and a special kind of aroma that's why it is called citronella. It is commonly known as lemongrass. Citronella essential oil is derived from two types of citronella- Ceylon citronella and the Java citronella, both of them are very powerful but Java citronella is considered much better than Ceylon citronella.
 
Benefits of Citronella Essential Oil
For fever-
Citronella essential oil helps in reducing fever due to a combination of its effects. The diaphoretic property present in this oil works to reduce body temperature by flushing out toxins from the body. Apart from this, the anti-microbial properties of this oil also help in eliminating bacteria and other microbes.
 
For cramps-
Citronella essential oil is also known to provide relief from cramps, especially for spasms occurring in the muscular system, respiratory system and nervous system. Apart from this, it is also good for menstrual cramps in women. Along with this, it is also beneficial in cough related throat spasms.
 
For stomach ailments-
The anti-inflammatory properties of this oil work to reduce various stomach infections, reduce intestinal inflammation and contribute to the smooth functioning of the digestive system.
 
For fungal growth-
Citronella essential oil helps prevent the growth of fungal infections that can damage the ear, nose, and throat. Apart from this, it also proves helpful in curing fungal dysentery.
 
For depression-
Citronella essential oil is used for aromatherapy as it helps people fight their depression, this is because it works to make a person feel light and happy and removes anxiety and negative thoughts. Therefore, citronella essential oil is extremely beneficial for people suffering from depression.
 
As a stimulant-
Citronella essential oil has a stimulating effect on various bodily functions. It improves the circulation of blood and also stimulates the production of secretions and discharges in the body like hormones and enzymes. It also increases activity in the nervous system. In addition, it can help with the body's metabolism and also stimulates the immune system.
 
As an insect repellant-
Unwanted bugs can cause a whole world of trouble. These bacteria and viruses can make the body sick and can contaminate food when mixed with it. Insect biting a person can cause rashes on the body, ranging from itching to fever and hallucinations. Apart from this, insects like mosquitoes can give rise to dengue, malaria and yellow fever. In this case, citronella essential oil acts as a great insect repellent that kills insects and keeps them away from home. It also proves effective against pests like lice and fleas.
 
As anti-inflammatory properties-
Inflammation can generally be caused due to many reasons such as drugs, narcotics, spicy food and any number of toxins in the body. In this case, citronella essential oil proves to be helpful in reducing inflammation of the liver, stomach, respiratory system and intestines because it has anti-inflammatory properties.
 
Helps in preventing the growth of bacteria-
Citronella essential oil is rich in methyl isoeugenol which helps to eliminate bacteria and prevent the growth of bacteria in the body. As a result, it is beneficial in treating infections of the colon, prostate, urinary tract, stomach, kidney, bladder and urethra, apart from treating wound infections caused by bacteria. Citronella essential oil has antiseptic properties which prove to be helpful in fighting many infections in the kidneys, wounds, urinary tract, urethra and prostate.
 
Aids in the removal of toxins-
Citronella essential oil is a diaphoretic, that is, it helps to induce sweating. In this form, it works to remove excess oil, fat, water and foreign toxins from the body through sweating. Apart from this, it also helps in keeping the functions of the body at an optimum level and prevents the body from getting sick.
 
Diuretic-
Citronella essential oil is a diuretic that works to stimulate urine. As a result, the excess oil, fat, water, uric acid and foreign toxins present in the body are excreted through urine. Since this oil proves helpful in flushing out excess calcium from the kidney, it also prevents the formation of excess calcium that causes kidney stones.
 
Uses of Citronella Oil
In many places, it is also used for perfume and fragrance.
Citronella essential oil is used on the skin as a bug repellant.
In some places, it is used in the food and beverage industry.
It is also used to flavour a variety of dishes and drinks.
This oil is also used by mixing it with other oils like eucalyptus, sage, cedarwood etc.
Side Effects and Allergies of Citronella Oil
Excessive use of citronella essential oil can cause interlace, skin irritation or sensitization. Apart from this, this oil should also not be used by young children, pregnant women because it can be harmful to them.
 
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Importance, Uses and Benefits of Turmeric Essential Oil

Posted 17 March, 2022

Importance, Uses and Benefits of Turmeric Essential Oil

Turmeric is a herb. Its plant is 5 to 6 feet and turmeric is obtained from the roots of the plant which is known for its finest taste. Turmeric is a known ingredient used for curing many illnesses and its oil is used in cosmetics for many skin benefits. It is used not only in foods but also in many Ayurvedic medicines, especially the use of natural oil of turmeric is considered highly beneficial for health. In popular parlance, the natural oil of turmeric is also known as turmeric essential oil. Turmeric essential oil is extracted from the steam distillation process using turmeric.

 
Importance of Turmeric Essential Oil in Ayurveda?

Turmeric Essential Oil has anti-allergic, anti-microbial, anti-bacterial, antifungal and antiparasitic properties just like turmeric powder. It is also rich in antioxidants. Many medicinal properties are found in turmeric essential oil due to which turmeric and its oil have been considered as important in Ayurveda. From skin whitening to pain relief, turmeric essential oil is helpful for various home remedies to cure many diseases. This is the reason why it is considered a panacea treatment for cold and cough.

 
What are the benefits of turmeric essential oil?
Beneficial for the skin-

Turmeric essential oil is very good for the skin. It works to take care of skin health. The antioxidants present in it relieve skin-related problems. Along with this, the anti-fungal and anti-bacterial present in it is also beneficial for the skin. Applying this oil on the skin removes fine lines, pimples, wrinkles and aging problems. This oil improves the elasticity of the skin and maintains its moisture level.

 
Avoidance of free radicals-

Turmeric essential oil provides protection against free radicals present in the body. These free radicals present in the body cause many serious diseases. The antioxidant present in this oil works to fight free radicals due to which the body is protected from serious diseases.

 
Beneficial in infection, allergy and inflammation-

Turmeric essential oil has anti-inflammatory, anti fungal, antibacterial properties which are helpful in preventing infection, allergies and inflammation. This oil helps in getting rid of parasitic infections such as tapeworm and ringworm.

 
Beneficial for hair-

Turmeric essential oil is beneficial in all types of hair problems. The nutrients present in it work to make the hair healthy and strengthen them. In addition, turmeric essential oil is easily absorbed into the scalp, improves blood circulation and helps in hair growth due to which the hair fall is reduced. For this, it is good to massage the scalp by mixing a few drops of turmeric essential oil in one of the oils of coconut, jojoba and olive oil.

 
For scalp related disease-

Turmeric essential oil works to retain moisture in the skin. Due to its properties, it is used in moisturizing products. Turmerics antifungal and antimicrobial properties relieve infection to the scalp. In addition, anti-inflammatory properties of turmeric are beneficial for relieving itching of the scalp.

 
Helpful in relieving pain and swelling-

Disinfectant properties are found in turmeric essential oil. Therefore, this oil is helpful in reducing pain and swelling permanently because it kills the skin irritating bacteria. Also, curcumin found in turmeric is a natural anti-inflammatory compound that reduces pain due to which the inflammation of the skin also ends.

 
Effective in treating cracked heels-

Being an excellent healing agent, turmeric essential oil can be used to effectively soften a cracked heel. For this, using a few drops of turmeric essential oil mixed with coconut, jojoba and olive oil, one gets rid of the cracks of the heel within a few days.

 
In the form of cosmetics-

Turmeric extracts are also used in many face wash products. Turmeric is also very useful as a beauty enhancing ingredient. Indian women have been using turmeric since ancient times to enhance their skin tone. Turmeric contains ingredients that cleanse the blood, enhance the appearance and make the skin fair and radiant. In Indian matrimonial ceremonies, turmeric paste is applied to enhance the beauty of the bride and groom.

 
As an immunity booster-

According to experts, regular intake of natural oil of turmeric is very helpful in increasing immunity of the body. A substance called lipopolysaccharide (endotoxin) is found in the natural oil of turmeric which contains anti-bacterial, antiviral and antifungal agents, which boost our immunity. In addition, the important component of turmeric, curcumin, can be rich in anti-inflammatory properties as well as acting as an immunomodulatory agent (agent affecting immunity). It also improves the functioning of various immune cells such as B-cells (white blood cells) due to which the body is able to fight against many diseases like- allergy, cold-cough, diabetes, asthma and heart disease.

 
How to use turmeric essential oil?
For face-

Mix 2 drops of turmeric essential oil in 3 tablespoons of olive oil and keep it in a pot or jar. Now apply the paste and massage your face with light hands on your face everyday before going to bed at night. Skin diseases like acne, rashes, wrinkles etc. are cured by doing this. Along with this, the skin gets a lot of glow.

 
To apply to hair-

A few drops of coconut, jojoba and olive oil mixed with turmeric essential oil should be massaged on the hair and scalp. Doing this relieves the fungal infection of the scalp in a few days due to which the hair becomes thick and long.

 
For skin-

Mixing turmeric essential oil with some other oil and using it on the skin improves skin. Apart from this, it also reduces the damage caused by the UV rays.

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Medicinal Properties and Benefits of Sunflower Oil

Posted 17 March, 2022

Medicinal Properties and Benefits of Sunflower Oil

Sunflower(Botanical Name: Helianthus annuus) is a flower that keeps moving around in the sun's direction that is why its name is Sunflower. It is a major oilseed. Sunflower flowers are bitter in taste and cold in potency. Sunflower seeds contain a lot of nutrients like vitamins B-1, B-3, B-6 protein, magnesium, and phosphorus. Due to all these properties, the sunflower is used to make many types of medicines in Ayurveda.

 

Sunflower oil

Seed extracts of Sunflower are used to extract the oil. We also use it in cooking or in cosmetic formulations. Sunflower oil contains linoleic acid. It also contains oleic and palmitic acid. Apart from these, it contains carotenoids, tocopherol, lecithin, and adequate amounts of Vitamin-A, Vitamin-D, and Vitamin-E. Using sunflower oil ensures a healthy heart, a strong immune system, and healthy skin. It also helps to prevent cancer, reduces high cholesterol, and protects against asthma. It has anti- inflammatory properties too.

 

Advantages of Sunflower oil

Sunflower oil normalizes cholesterol-

Sunflower oil contains a balanced amount of fatty acids, along with an adequate amount of linoleic acid (omega-6 fatty acid). Although omega-6 fatty acids are bad cholesterol, they are still essential for the body. In such a situation, sunflower oil plays an important role in creating a balance of good cholesterol and bad cholesterol. Also, sunflower oil does not contain any saturated fat. It helps in reducing bad cholesterol in the body.

 

Sunflower oil is beneficial for a healthy heart-

Using sunflower oil reduces the risk of developing atherosclerosis (hardening of the arteries). Atherosclerosis blocks the arteries due to which blood pressure increases. This increases the likelihood of a heart attack or stroke. Proper use of sunflower oil is beneficial in keeping the heart-healthy.

 

Useful for the skin-

Sunflower oil is rich in vitamin-E. It especially aids in better skin health and cell regeneration. It also protects the skin from sun damage and reduces the signs of aging. Vitamin E is an antioxidant that prevents healthy cells from being destroyed by neutralizing free radicals. This is a major reason why sunflower oil is used in cosmetic products.

 

Sunflower oil is beneficial in reducing acne-

Sunflower oil contains vitamins A, C, and D and healthy carotene, which protects against acne by creating a shield on the skin. Being light and non-greasy, sunflower oil absorbs into the skin easily without blocking the pores of the skin. The fatty acids and vitamins found in it acts as antioxidants to relieve acne by giving new life to skin cells.

 

Sunflower oil cures arthritis-

Sunflower oil is beneficial in curing not only asthma but also arthritis. This oil is also an excellent solution for people suffering from arthritis. Apart from this, sunflower oil also helps in the prevention of Rheumatoid Arthritis.

 

Sunflower oil - strengthens immunity-

Sunflower oil is full of vitamin-E. It acts as an antioxidant in the body which helps prevent heart disease. It also boosts the immune system.

 

Side-effects of Sunflower oil

  • Sunflower oil has higher omega-6 content than other vegetable oils. For this reason, it's harmful to individuals suffering from cholesterol problems.
  • People sensitive to 'Asteraceae / Composite' plant species may be allergic to sunflower oil.
  • It contains omega-6 fatty acids, whose high intake can harm pregnant women.
  • Excess intake of sunflower oil can increase the risk of diabetes by increasing the amount of glucose in the blood.
  • The plasma found in it may increase the risk of type 2 diabetes by increasing cholesterol, linoleic acid, and poor cholesterol.
 

Where is the Sunflower found?

The sunflower was first cultivated in America. Major production of Sunflower oil is in Russia, the USA, Ukraine, Argentina, Sweden, and India. They grow almost everywhere in India.

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Some Lesser Known Facts about Babchi Essential Oil

Posted 18 December, 2021

Some Lesser Known Facts about Babchi Essential Oil

Babchi Essential Oil, also known as Bakuchi, is extracted from the seeds and leaves of the Psoralea corylifolia plant. Bakuchi plant is a medicinal herb that is smaller in size. The height of this plant is about 3 to 4 feet. The seeds of this plant are diagonal, flat, and brown which has a bitter taste and an unpleasant smell. Bakuchi grows throughout India and is commonly known as Babchi.

 
Importance of Babchi Essential Oil in Ayurveda

According to Ayurveda, Babchi essential oil is bitter, hot in nature, destroys Vata- Kapha imbalances, and also beneficial for the heart. It proves beneficial in fever, chronic, leprosy, hemorrhoids, cough, swelling, jaundice, and dental worms. Babchi is antimicrobial. Besides, Babchi Essential Oil contains chemo-protective, anti-inflammatory, antioxidant, etc. elements. The most effective feature of this plant is that every part of it is useful due to its medicinal properties. But for most disorders, oil made from its seeds is used.

 
Chemical Constituents of Babchi Essential Oil

The seeds of Babchi are used to extract essential oil through the steam distillation process. The chemical constituents such as bakuchiol, psoralen, linalool, limonene, α-elemene, angelicin, bava chalcone, isopsoralen, corylifol, 6- prenylnaringenin, corylin, isobavachalcone, corylifolium, psoralidin, bava chromanol, methyl 4-hydroxybenzoate, and neobava isoflavone in Babchi Oil helps to treat various diseases such as leprosy, leucoderma, vitiligo, stress, and reproductive ailments. Babchi essential oil is very effective in skin diseases such as white spots, scabies, herpes, pimples, and freckles. The presence of the above elements also makes Babchi bactericidal and anthelmintic.

 
Advantages of Babchi Essential Oil
Beneficial for the skin-

Babchi essential oil is an antimicrobial that is mainly used to remove skin problems. It helps in preventing psoriasis, leukoderma, skin infections, skin rashes, and allergies, etc.

 
Beneficial in respiratory diseases-

The advantages of Babchi Essential Oil are due to its anti-inflammatory properties which help reduce inflammation and pain of the respiratory tract during infection. It is also beneficial in colds, asthma, dyspnea, nephritis, bronchitis, and various other types of respiratory diseases.

 
Helpful in Cancer-

The seeds of Bakuchi have anti-cancer properties. Besides, this essential oil contains bavachinin, sorrelan, and sorilifolinine. These elements help to prevent the growth of osteosarcoma and lung cancer cells.

 
Helps in hair nutrition-

Babchi Essential Oil is a great hair tonic. Therefore, it is used in the treatment of hair problems such as hair loss, alopecia areata, spot baldness (there is no hair in parts of the head). The use of this oil improves the color and quality of the hair.

 
Beneficial for teeth-

Babchi is an effective medicine to treat tooth decay and other types of dental problems. Use of Bakuchi Churna or Babchi Essential Oil is an excellent remedy for problems like toothache, decay, and pyorrhea. It helps in preventing tooth decay as the antioxidants present in babchi help fight cavities.

 
Helpful to clean blood-

Babchi Essential Oil has the properties of a natural blood purifier which helps remove impurities (toxins) from the body. Apart from this, immunity can also be boosted by the use of babchi.

 
Home Remedies with Babchi Oil
  • Babchi has been used for centuries for the treatment of Vitiligo (white spots on the skin). Taking one spoon of babchi powder and black sesame with cold water regularly in the morning and applying babchi oil in the morning and evening provides relief in problems like white spots.
  • Applying Babchi oil on the teeth daily destroys tooth worms.
  • Regular use of Babchi oil in the morning and evening proves effective in curing acne, ringworm, and itching.
  • Lumps on any part of the body make the skin look bad. In such a situation, grinding the seeds of babchi and tying it on that knot helps to settle the knot. In addition, applying Babchi Essential Oil to the affected area regularly provides relief.
 
Precautions while using Bakuchi Oil
  • High doses and prolonged use of Bakuchi can lead to hyperacidity and gastritis.
  • Some food products like curd, pickle, fish, etc. should be avoided because, in the treatment of problems such as white spots (vitiligo treatment), these products should not be consumed along with Bakuchi Churna. For best results, apply Babchi Essential Oil on the affected area along with the consumption of Bakuchi Churna.
  • Excessive consumption of Bakuchi during jaundice can lead to vomiting.
  • Breastfeeding women should use it under medical supervision.
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Sesame Essential Oil and its Benefits

Posted 20 December, 2021

Sesame Essential Oil and its Benefits

In Ayurveda, sesame oil is considered the queen of oils. This oil has been used for healing for centuries due to the medicinal properties of this oil, it has been described as good for humans in the Vedas of ancient India. This oil has antibacterial properties which help to cure skin fungi like common skin pathogens such as Staphylococcus, Streptococcus, and athletes foot.

Sesame essential oil is a natural anti-inflammatory and antiviral oil which reduces the symptoms of rheumatoid arthritis. This oil reduces stress and depression. It helps in controlling blood pressure and maintaining oral health. The anti- inflammatory agents of this oil are helpful in detoxifying the skin, treating anemia, diabetes, eye, and cancer. In addition to skin and hair, sesame oil is also used in making food.

 
Benefits of Sesame oil
Treatment of diabetes-

According to the report of NCBI (National Center for Biotechnology Information), sesame oil helps in controlling the level of diabetes. The oil obtained from white sesame helps in regulating blood glucose and reducing the harmful effects of diabetes. In this way, sesame oil works to provide relief in diabetes.

 
Beneficial for blood pressure-

Polyunsaturated fatty acids present in sesame oil reduce high blood pressure levels. Apart from this, the antioxidants, unsaturated fatty acids, and vitamin E present in it also work to control blood pressure.

 
Great for cardiovascular health-

Sesame oil is used as a diet to keep the heart-healthy. This oil has an antioxidant effect that helps in keeping the heart safe for a long time. This oil also contains lignans (a type of fiber) that works to control cholesterol in the body. Thus, sesame oil is considered good for cardiovascular risks.

 
Helpful in reducing inflammation-

Sesame oil has anti-inflammatory properties which work to protect the body from inflammatory problems. This oil benefits the body in both external and internal inflammation. In addition, sesame oil also reduces hand and foot injuries and pain.

 
For anemia-

Sesame oil reduces the risk of anemia. In fact, polyunsaturated fatty acids and phenolic phytochemicals present in sesame and its oil help to prevent anemia. These compounds overcome blood loss by increasing red blood cells (RBC) and hemoglobin in the body. Apart from this, sesame oil is also good for the mechanism.

 
Good for the skin-

Sesame oil helps in reducing skin-related problems. It has healing properties which help in healing the wound quickly. Sesame oil contains an element called tocopherol which protects the skin from the suns ultraviolet rays. Apart from this, sesame oil works to cure problems like sunburn.

 
Beneficial for the eyes-

Sesame oil cures eye problems. Sesame oil reduces the problems related to diabetic retinopathy i.e. diabetic eye disease (inflammation in the retina). The sesamin compounds present in sesame oil help reduce inflammation of the retina. Additionally, this oil also helps in preventing blindness.

 
Useful for hair-

Sesame oil works to nourish the scalp. This oil has anti-bacterial properties which remove the bacteria and protects the scalp from infection. Additionally, the antibacterials present in sesame oil also help in removing dandruff.

 
For Arthritis-

The oil obtained from black sesame helps in reducing this problem. The anti- inflammatory effect of lignans present in sesame oil reduces the symptoms of inflammation and related diseases such as arthritis in the body.

 
Pain reliever-

According to NCBI research, sesame oil helps in relieving pain because it has an anti-nociceptive (pain-reducing) effect. Therefore, sesame oil is used to relieve joint pain and toothache. In addition, sesame oil is also helpful in reducing the pain caused by menstrual syndrome, cuts, and scratches.

 
Good source of Vitamin E-

Sesame oil contains tocopherol which is a form of Vitamin E. Therefore, it is considered a good source of Vitamin E. Tocopherol acts like antioxidants that reduce the risks of many diseases by protecting the body from free radicals because these free radicals cause cancer and heart disease after a time.

 
Good source of antioxidants-

According to research conducted by NCBI, sesame oil is rich in elements called sesamin and sesamol. Both these elements act as powerful antioxidants. Another research suggests that antioxidant effects can reduce the number of diseases such as ischemic heart disease (coronary artery disease), diabetes, and oxidative stress.

 
Side effects of Sesame oil
  • Sensitive people should avoid using sesame oil because they may be allergic to them.
  • Sesame oil has the potential to reduce diabetes. In such a situation, it should not be taken with blood sugar-reducing medicines because it can reduce the level of blood sugar.
  • Sesame oil helps in reducing high blood pressure. Therefore, a person suffering from low blood pressure should not consume it.
  • Sesame oil has high-calorie content. Therefore, a high intake of it can increase body weight.
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Importance and Benefits of Pumpkin seed Essential Oil in Ayurveda

Posted 20 December, 2021

Importance and Benefits of Pumpkin seed Essential Oil in Ayurveda

There are abundant substances found in nature that have medicinal properties, pumpkin is one among these. Consuming pumpkin has many health benefits. Its vegetable can cure many diseases ranging from stomach to heart. Perhaps due to these characteristics, pumpkin has been considered a mine of virtues since ancient times.

 

What is Pumpkin Essential Oil?

Typically roasted pumpkin seed oil is produced by oil pressing and leaching. The quality of pumpkin seed oil produced by the method of oil pressing is considered the best as it does not contain any residual chemical solvent.

Natural cold-pressed pumpkin seed oil is more nutritious and golden yellow in color while refined pumpkin seed oil is less nutritious and lighter red in color than non-refined products.

 

Importance of Pumpkin Oil in Ayurveda

The essential oil of pumpkin is considered useful in Ayurvedic medicines. It helps in increasing immunity and makes the body disease-free. It has the properties of removing bad cholesterol and also controls diabetes. It contains antioxidants, which protect the body from diseases like cancer. Stomach worms, liver problems, blood cleansing, skin problems, etc. are reduced by taking it.

 

The pumpkin seed oil has some useful components. These include omega-3 and omega-6 fatty acids, amino acids, zinc, and tryptophan, etc. This oil is rich in vitamins A, C, and E. Pumpkin peels also contain the antibacterial element that protects the body from infection-causing bacteria. This oil is considered to be one of the classical medicines in Ayurveda due to its properties.

 

Benefits of Pumpkin Essential Oil

Maintaining healthy and glowing skin-

Pumpkin seeds contain powerful antioxidants such as zinc and vitamin E. These have a great effect on the skin. It helps in cleansing the skin from within and enhancing the skin tone. Apart from this, pumpkin oil helps to prevent pimples and maintain hormonal balance in the body and make the skin flawless.

 

Helpful in curing depression and stress-

Pumpkin seeds contain vitamins, essential fats, and amino acids which help in treating brain inflammation, depression, and stress. These nutrients produce serotonin, melatonin, and other mood-rejuvenating hormones, thereby, improving neurotransmission between brain cells. It also helps to relieve anxiety, tension, and hypertension.

 

Helpful in balancing cholesterol levels-

Pumpkin oil is enriched with omega 3 fatty acids and phytosterols, which help maintain optimal cholesterol levels in the body. Along with this, they help to reduce bad cholesterol levels (LDL) and inhibit its absorption while increasing the good cholesterol level (HDL) in the body. Apart from this, pumpkin oil is effective in obesity, diabetes, heart attack, high blood pressure, and other cardiovascular diseases.

 

Beneficial for hair-

Pumpkin seeds contain essential fatty acid elements such as vitamins A, B, E, and K, zinc, sulfur, protein, and omega 3. These powerful ingredients and antioxidants help to nourish and moisturize the hair and skin. Hence, pumpkin oil helps repair damaged hair. This oil also treats itchy scalp and dandruff.

 

Helpful in preventing cancer-

Anticarcinogenic properties in pumpkin seeds help in combating the problem of cancer. The antioxidants present in pumpkin seeds exhibit anti-cancer properties and help protect the body from external risk-causing cancers. Thus, the antioxidants present in pumpkin oil are effectively helpful in treating and preventing various types of cancer such as prostate and breast cancer.

 

Beneficial in infection, allergy and inflammation-

Pumpkin seeds have anti-inflammatory, anti-fungal, antibacterial properties that help prevent infection, allergies, and inflammation. These seeds help in getting rid of parasitic infections like tapeworm and ringworm. Due to the presence of calcium, magnesium, and zinc, the pumpkin seed oil is also beneficial in relieving pain and treating diseases such as inflammation of bones, joint pain, osteoporosis, and arthritis.

 

To improve kidney function-

Antioxidants present in pumpkin seeds help to cure and prevent kidney-related problems such as kidney stones, frequent urination, increased bladder activity, etc. which ensures the functioning of the kidney.

 

Ensures proper prostate functioning-

The phytosterols and other nutrients present in pumpkin seeds ensure proper prostate functioning while regulating and controlling the conversion of testosterone to dihydrotestosterone.

 

Home Remedies with Pumpkin Essential Oil

  • Applying pumpkin oil on the face provides moisture to dry skin and relieves pimples.
  • It can also be used as an alternative to coconut oil because it is as effective as coconut oil. Hair becomes thick and soft by its use.
  • Black spots can be cured by using pumpkin oil with honey and lemon juice. Also, the skin becomes smooth, bright, and young.
  • Applying this oil to the cracked heels is also beneficial.
  • During pregnancy, taking pumpkin seed oil is useful to get rid of insomnia, and constipation.
  • It is advisable to drink pumpkin seed oil for increasing efficiency, energy and strengthening brain activity.
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जानें, तमानु ऑयल के फायदे, उपयोग और सावधानियां

Posted 24 May, 2022

जानें, तमानु ऑयल के फायदे, उपयोग और सावधानियां

अपने दैनिक जीवन में लोग कई तरह के तेलों का इस्तेमाल करते हैं। इन तेलों में कुछ तेल को खाने के रूप में उपयोग किए जाते हैं तो कुछ तेल बालों और त्वचा को स्वस्थ एवं मजबूत रखने के लिए। इसी तरह का एक तेल है तमानु का तेल। जिसे अंग्रेजी में तमानु ऑयल (Tamanu oil) कहा जाता है। अधिकांश लोग इस तेल से अनजान रहते हैं, लेकिन तमानु का तेल कई फायदेमंद गुणों से भरपूर होता है। इस ऑयल में कैलोफिलिक एसिड, फोसफोलिपिड्स, एंटीबायोटिक और कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं। इस तेल को त्वचा और बालों के अतिरिक्त कॉस्मेटिक उत्पाद में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल को सैलोफिल्यू्मिनोफिलू नामक पेड़ के बीज से तैयार किया जाता है।

 
तमानु तेल में मौजूद पौष्टिक तत्व-

तमानु तेल तमाम पौष्टिक तत्वों से प्रचुर होता है। इस तेल में मुख्य रूप से तीन यौगिक- कैलोफिलिक एसिड, फोसफोलिपिड्स और एंटीबायोटिक में लैक्टोन मौजूद होते हैं। तमानु ऑयल पर किए गए शोध में पाया गया कि तमानु तेल में कैलोफाइलोलाइड (एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखने वाला पदार्थ) और डेल्टा-टोकोट्रिनॉल (विटामिन ई का एक रूप) होता है। इसके अतिरिक्त तमानु ऑयल में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो इसकी विशेषता को बढ़ाने का काम करते है।

 
तमानु ऑयल के फायदे-

तमानु के तेल में त्वचा से लेकर बालों तक कई स्वास्थ्य लाभ शामिल हैं। आइए बात करते हैं इन्हीं फायदों के बारे में;

 
त्वचा हेतु तमानु तेल के फायदे-
मुंहासों को कम करने के लिए-

तमानु तेल में जीवाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं। जो मुंहासे और उसके बैक्टीरिया से लड़कर त्वचा को मुहांसे से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा तमानु ऑयल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों की सूजन और लालिमा को कम करने का काम करते हैं। इसके लिए रात को सोने से पहले कॉटन (रुई) की सहायता से तमानु ऑयल को संक्रमित हिस्से पर लगाना चाहिए।

 
सनबर्न से छुटकारा दिलाने में-

तमानु तेल में मौजूद कैलोफाइलोलाइड (एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखने वाला पदार्थ) सनबर्न और फफोले को ठीक करने में मदद करता है। यह त्वचा की लालिमा को कम करता है। यह जली हुई त्वचा को आराम देकर स्किन की टैनिंग को तेजी से खत्म करता है। इसके लिए तमानु ऑयल की कुछ बूंदों को हथेली में लेकर चेहरे और स्किन की अच्छे से मसाज करें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में सनबर्न से छुटकारा मिलता है।

 
ड्राई स्किन को हाइड्रेट करने के लिए-

तमानु ऑयल में ओलिक और लिनोलिक फैटी एसिड पाया जाता है। जो क्लींजिंग एजेंट के रूप में ड्राई स्किन को मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। तमानु के तेल में विटामिन-ई और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जो बेजान और रूखी त्वचा को मुलायम बनाते हैं। इसके अतिरिक्त तमानु ऑयल में एंटीहाइपरटेन्सिव और एंटीफंगल जैसे गुण भी पाए जाते है। जो त्वचा की पूर्ण देखभाल करते हैं। इसलिए इसका उपयोग शुष्क और खुरदरी त्वचा को चिकना बनाने के लिए किया जा सकता है।

 
झुर्रियों को कम करने के लिए-

तमानु तेल एक सुपर प्रभावी प्राकृतिक एंटी-एजिंग यौगिक है। जो झुर्रियों और महीन रेखाएं जैसे बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। इसके लिए तमानु तेल को जैतून के तेल और ऑर्गन ऑयल में से किसी भी ऑयल में मिलाकर चेहरे पर लगाए और कुछ देर बाद ठंड़े पानी से धो लें। इसके अलावा तमानु ऑयल में समुद्री नमक मिलाकर उससे बॉडी पर स्क्रब करें। यह स्क्रब त्वचा को एक्सफोलिएट कर उसे नमी प्रदान करता है। इससे त्वचा बच्चों की स्किन की तरह मुलायम हो जाती है। इस प्रक्रिया में समुद्री नमक त्वचा के रोमछिद्रों को खोलने और जैतून या ऑर्गन का तेल स्किन के ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम करता है।

 
त्वचा का रंग साफ करने के लिए-

कई बार धूप और यूवी किरणों के कारण त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है। ऐसे में तमानु तेल का इस्तेमाल करना त्वचा के लिए अच्छा होता है। क्योंकि तमानु तेल में मौजूद लैक्टोन स्किन को साफ करने में सहायता करता है। दरअसल लैक्टोन स्किन पर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। जो डिपिगमेंटेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने और त्वचा का रंग साफ करने में सहायता करता है। इसके लिए तमानु ऑयल की कुछ बूंदों को हथेली में लेकर चेहरे और स्किन की अच्छे से मसाज करें।

 
सोरायसिस और एक्जिमा में सहायक-

त्वचा के लिए तमानु तेल का इस्तेमाल सोरायसिस (Psoriasis) और एक्जिमा (Eczema) जैसी त्वचा संबंधी गंभीर समस्याओं के लिए किया जाता है। सोरायसिस एक त्वचा रोग है। जिसमें त्वचा पपड़ीदार और लाल हो जाती है। कभी-कभी ऐसी त्वचा में दर्द और सूजन भी होने लगती है। वहीं, एक्जिमा त्वचा पर पड़ने वाले लाल धब्बों और चकत्तों को कहा जाता है।

 
बालों हेतु तमानु ऑयल के फायदे-
बालों को पोषण देने में सहायक-

बालों की किसी भी तरह की समस्या में तमानु ऑयल लाभदायक होता है। इसमें मौजूद ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड, पामिटिक एसिड और स्टीयरिक एसिड बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। इसके अलावा तमानु ऑयल स्कैल्प (खोपड़ी) में आसानी से अवशोषित होकर रक्त संचार में सुधार और बालों के विकास में मदद करता है। जिससे बालों का झड़ने या गिरने का इलाज करने में आसानी होती है। इसके लिए नारियल, जोजोबा और जैतून तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें तमानु ऑयल मिलाकर सिर की मालिश करना अच्छा रहता है।

 
स्कैल्प (खोपड़ी) संबंधी बीमारी के लिए-

तमानु ऑयल स्किन में नमी बनाए रखने का काम करता है। इसके इसी गुण के चलते इसका इस्तेमाल मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में भी किया जाता है। तमानु के तेल में मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण स्कैल्प (खोपड़ी) को संक्रमण से छुटकारा दिलाते हैं। इसके अतिरिक्त तमानु ऑयल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खुजली वाली स्कैल्प की खुजली से राहत पाने के लिए लाभप्रद साबित होते हैं।

 
कैसे करें तमानु ऑयल का इस्तेमाल?
  • तमानु तेल को स्वास्थ्य या कॉस्मेटिक उत्पादों के रूप में सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है।
  • ब्यूटी और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के तौर पर तमानु ऑयल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। बाजार में तमानु ऑयल से बने साबुन, क्रीम, लोशन, इत्र, स्क्रब, तेल आदि प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं।
  • तमानु ऑयल का प्रयोग कॉस्मेटिक उत्पादों के अलावा हेयर ऑयल और हेयर केयर प्रोडक्ट्स के रूप में भी किया जा सकता है।
तमानु ऑयल के नुकसान-
  • जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है। उन लोगों को तमानु तेल का प्रयोग चेहरे और बालों पर पैच टेस्ट करने के बाद ही करना चाहिए। क्योंकि अधिक संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इस तेल से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
  • तमानु तेल का उपयोग करते समय खुजली, लालिमा, जलन, या अन्य प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव होता है, तो इस तेल का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
  • तमानु ऑयल का सेवन न करें। इसे केवल बाहरी उपयोग में लाएं।
  • आंखों के आस-पास तमानु ऑयल का इस्तेमाल सावधानी से करें अर्थात इस तेल को आंखों में जाने से बचाएं।
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Lavender Essential Oil: An Aromatic Oil

Posted 20 December, 2021

Lavender Essential Oil: An Aromatic Oil

Lavender (Lavandula) oil is made from the lavender flower and is very effective. It is a special essential oil that helps to overcome mental fatigue, depression, and stress as well as many physical problems. This oil is also used for a variety of cosmetic and medicinal preparations.

Lavender essential oil has a special aroma of floral grass by which both the mind and body get a soothing effect and feel refreshed. It consists of more than 150 active components. Also, lavender oil has anti-inflammatory, antimicrobial, antifungal, antidepressant, antibacterial, antimicrobial, anticonvulsant, calming, and relaxing properties due to which the lavender essential oil is widely used for health benefits. It is one of the most preferred herbs used in cosmetics and is used in many creams, hair products, and candles.

 
Benefits of Lavender Essential Oil
Lavender Essential Oil is Effective in Staph Infection-

The antimicrobial and anti-inflammatory properties found in lavender oil protect the body from Staph infection caused by Staphylococcus bacteria. Staphylococcus bacteria can cause many skin-related problems such as impetigo, boils, and cellulitis due to which lavender essential oil is very effective in protecting against viruses.

 
Lavender essential oil is useful in reducing anxiety-

Lavender essential oil reduces anxiety and panic attacks by acting as a soothing medicine. Lavender aromatherapy opens up the nervous system thus reducing anxiety. It reduces the conditions that trigger anxiety in the brain.

 
Lavender essential oil helps get good sleep-

The scent of lavender essential oil calms the mind and improves mental and physical health, so the use of this oil is considered a good remedy for better sleep. Lavender aromatherapy can help in getting better sleep. Apart from this, lavender oil also helps to stabilize the mood and balance strong emotions.

 
Lavender essential oil eliminates fungal infections-

Lavender oil is an effective alternative to fight fungal infections. Lavender oil has powerful antifungal properties that guard against skin and nail infections. This oil is also beneficial in case of minor wounds, itchy skin, bluish skin, or burns.

 
Lavender essential oil is beneficial in keeping insects away-

Lavender oil acts as a natural insect repellent that helps in removing insects like moths, mosquitoes, flies, etc. For this, applying a few drops of lavender oil to the pulse points before going out can prevent insects or you can also put a few drops of lavender oil on the cotton and keep it in your clothes in the cupboard to repel insects.

 
Types of lavender essential oil
English Lavender-

This lavender plant can survive even in cold weather and has the best fragrance, but this type of lavender produces the least amount of oil.

 
French Lavender-

Plants of this lavender are somewhat larger than other lavender. Its leaves are green and gray. It is the best in fragrance. This lavender does not require much freezing and also grows at temperatures up to 10 degrees Fahrenheit.

 
Spike Lavender-

This type of lavender plant looks like grass. These are mainly found in the Mediterranean region. These are smaller than English lavender in size and are around 200 to 700 meters in height.

 
Lavendin-

This type of lavender is a hybrid of English lavender and spike lavender. It is cultivated exclusively for the industry because it is the most beautiful lavender and most oil is obtained from this variety.

 
Side-effects of Lavender Essential Oil
  • Lavender essential oil is primarily considered safe to be used on the skin. But even then to eliminate the possibility of allergy, apply it on your skin and do a patch test before using it.
  • Pregnant women and lactating women should avoid using lavender essential oil.
  • Excessive use of lavender oil can sometimes cause problems such as nausea, vomiting, and headaches.
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जानें, चालमोगरा तेल के फायदे, उपयोग के बारे में

Posted 24 May, 2022

जानें, चालमोगरा तेल के फायदे, उपयोग के बारे में

चालमोगरा को तुवरक भी कहा जाता है। यह एक औषधि है जिसका प्रयोग घाव को ठीक करने, उल्टी को रोकने और कुष्ठ रोग को कम करने में किया जाता है। खुजली, गले के रोग, डायबिटीज, सूजन सहित खांसी और सांसों संबंधी रोगों में भी चालमोगरा लाभदायक है। चालमोगरा के पेड़ तकरीबन 15-30 मीटर ऊंचे, सदाहरित और मध्यम आकार के होते हैं। यह वृक्ष नमी वाले स्थानों में पाए जाते हैं, जहां वर्षा अधिक होती है। इसके वृक्ष पर सफेद रंग के एकलिंगी पुष्प गुच्छों के रूप में खिलते हैं। चालमोगरा के फल में अनेक बीज होते हैं और इन्हीं बीजों से तेल प्राप्त किया जाता है। यह भूरे रंग का गाढ़ा तेल होता है। इस तेल से एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है। सर्दियों में यह घी के समान जम जाता है। यह तेल तिक्त और स्वाद में कटु होता है। यह विशेषरूप से चर्मरोगों में लाभदायक होता है। कफ, वात, दर्द, कृमि, प्रमेह आदि रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह तेल रक्त को साफ करता है। इसकी तासीर गर्म होती है। चालमोगरा का वानस्पतिक नाम हिडनोकार्पस वाइटियाना (Hydnocarpus wightianus) है।

 
चोलमोगरा तेल के फायदे एवं उपयोग;
चर्म रोग में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा तेल की 5-6 बूंदें शहद के साथ लेने से हर प्रकार का चर्म रोग ठीक हो सकता है। इस तेल का सेवन मक्खन, घी या मलाई में मिलाकर भी किया जाता है। इसका सेवन करते समय रोगी को फल और दूध ही लेना चाहिए। बस वह फल स्वाद में मीठा हो। इसके प्रयोग के समय नमक का प्रयोग पूर्णत: छोड़ देना चाहिए। तीखे मसाले, गुड़ और मिठाइयों का भी परहेज करना चाहिए। यदि इससे उल्टी आती हो या जी मिचलाने की समस्या हो तो इसका प्रयोग रोक देना चाहिए।

 
दाद और कुष्ठ रोग में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा के तेल को नीम के तेल या मक्खन में मिलाकर ‘दाद' वाले हिस्से पर मालिश करें। इसका प्रयोग कम-से-कम एक माह तक करें। 10 ग्राम तेल को वैसलीन या मक्खन में या नीम के तेल में मिलाकर रख लेना चाहिए। कुष्ठ रोग वाले व्यक्ति को पहले इस तेल की 8-10 बूंदें शहद या मक्खन के साथ दें। इससे उल्टी होकर शरीर के भीतर की गंद बाहर निकल जाएगी। उसके बाद इस तेल की 5-6 बूंदें दूध, मलाई, शहद या मक्खन में मिलाकर रोगी को सुबह-शाम भोजन के बाद दें। धीरे-धीरे बूंदों की मात्रा बढ़ाते जाएं। चालमोगरा तेल को नीम तेल में मिलाकर ऊपर से लेप भी कर सकते हैं। ‘खाज-खुजली' में इसके तेल को एरण्ड तेल में मिलाकर उसमें गंधक, कपूर और नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर लगाएं।

 
रक्त शोधन में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा तेल की 5 बूंदें मक्खन के साथ सुबह-शाम खाना खाने के बाद रोगी को देने से रक्त विकार दूर होने लगता है। और शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है।

 
आंखों के रोग में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा के बीजों को किसी बंद सकोरे में जला लें। अब उसे किसी अन्य बर्तन से ढक दें, ताकि इसका धुआं बाहर न निकले। उस धुएं से जो काजल प्राप्त हो उसमें चुटकी भर सेंधा नमक महीन पिसा हुआ, चार-पांच बूंदें तिल का तेल और चुटकी भर सुरमा मिला लें। इससे जो काजल या अंजन बने उसे रात में सोते समय सलाई से आंखों में लगाएं। इससे आंख के रोग जैसे रतौंधी, रोहे और आंखों की लाली ठीक हो जाती है।

 
गठिया में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा के बीजों का चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में तीन बार खाने से भी गठिया रोग में आराम मिलता है।

 
जख्म और त्वचा की फटन में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा के बीजों को महीन पीस लें और उसे घावों पर लगा लें। त्वचा फटी हो तो नीम के तेल में मिलाकर इस मिश्रण का लेप कर लें। इससे जख्म में जल्द आराम मिलेगा।

 
टी.बी में चालमोगरा के फायदे-

क्षय रोग जिसे टी.बी भी कहते है। इसमें चालमोगरा तेल की 5-6 बूंदें कर प्रतिदिन दूध या मक्खन के साथ सेवन करें और इस तेल में मक्खन को मिलाकर छाती पर मलें। इससे टी.बी रोग में बहुत जल्द लाभ होता है।

 
शुगर में चालमोगरा के फायदे-

चालमोगरा फल की गिरी का चूर्ण एक चम्मच लेकर दिन में तीन बार ताजे पानी से सेवन करें। इससे यूरिन से शुगर जानी बंद हो जाती है। ध्यान रहें जब यूरिन से शुगर आनी बंद हो जाए तो इसका प्रयोग बंद कर दें।

नोट- इसका प्रयोग सावधानी पूर्वक किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें। क्योंकि चालमोगरा आमाशय के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इसका सेवन खाना खाने के बाद मक्खन के साथ ही करें।

 
अन्य त्वचा संबंधी फायदे-
  • चालमोगरा में निम्ब तेल (नीम का तेल) या मक्खन मिलाकर दाद में मालिश करने से एक महीने में दाद ठीक हो जाता है। इसके लिए 10 मिली तेल को 50 ग्राम वैसलीन में मिलाकर रख लें और नियमित रूप से इसका प्रयोग करते रहें।
  • चालमोगरा के तेल को एरण्ड तेल में मिला लें। इसमें गंधक, कपूर और नींबू का रस मिलाकर लगाएं। इससे खाज, खुजली रोग में लाभ होता है।
  • चालमोगरा के बीजों को छिलके सहित पीसकर एरंड तेल में मिला लें। इसे खुजली पर लेप करने से खुजली की बीमारी ठीक होती है।
  • चालमोगरा के बीजों को गोमूत्र में पीसकर दिन में 2-3 बार लेप करने से खुजली में लाभ होता है।
  • चालमोगरा के पके बीज के तेल को लगाने से त्वचा विकारों में लाभ होता है।
चालमोगरा के नुकसान-
  • चालमोगरा का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि यह आमाशय को हानि पहुंचाता है। इसलिए इस तेल को मक्खन में मिलाकर भोजन के बाद ही लेना चाहिए।
  • नुकसान की स्थिति में दूध-घी का सेवन करना चाहिए।
 
कहां पाया जाता है चालमोगरा?

चालमोगरा के वृक्ष दक्षिण भारत में पश्चिम घाट के पर्वतों पर पाए जाते हैं। इसके वृक्ष दक्षिण कोंकण और ट्रावनकोर में तथा श्रीलंका में बहुतायत से पाए जाते हैं

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करंज का तेल और इसके फायदे

Posted 24 May, 2022

करंज का तेल और इसके फायदे

करंज का इस्तेमाल वैदिक काल से ही आयुर्वेदिक इलाज और धार्मिक कार्यों में होता आया है। आयुर्वेद में करंज का इस्तेमाल कई औषधीय योगों (Medicinal formulations) और करंज तेल आदि का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। जिससे प्रमेह, कृमि, कुष्ठ और स्त्रिरोगों में लाभ मिलता है। करंज को चिरबिल्व, स्निग्ध पत्र, नक्तमाल एवं गुच्छपुष्पक आदि नामों से भी जाना जाता है। औषधीय प्रयोग में प्राथमिक तौर पर इसके बीजों को प्रयोग में लाया जाता है। जिससे करंज तेल आदि का निर्माण होता है। जो चर्म रोगों के लिए बहुत फायदेमंद तेल होता है। 

 
क्या होता है करंज?

करंज का पेड़ सम्पूर्ण भारत में पाए जाते हैं। विशेषकर मध्य एवं पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में। करंज का पेड़ 25 से 30 फीट ऊंचा होता है। जो हमेशा हरा रहता है। इसकी शाखाएं नीचे की ओर लटकी हुई होती हैं और इसके पत्ते 8 से 15 इंच लम्बे और किनारों से फूले हुए होते हैं। इसके फूल गुच्छे में लगे गुलाबी, नीले और सफेद रंग होते हैं। जिनपर 1 से 2 इंच लम्बी एक चिकनी फली लगी होती है। यह फली मिट्टी जैसे गहरे रंग की होती है। जिसके अंदर बीज होते हैं। इन्हीं बीजों से निकाले गए तेल को करंज का तेल कहते हैं। जिसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों के इलाज के रूप में किया जाता है।

 
करंज तेल के फायदे;
गंजेपन के लिए फायदेमंद-

करंज तेल से सिर की मालिश करने से इन्द्रलुप्त अर्थात गंजेपन की समस्या में लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त करंज के फूलों को पीसकर सिर पर लगाने से भी गंजेपन की समस्या काफी हद तक कम होने लगती है।

 
सूजन के लिए असरदार-

सूजन, जोड़ों और गठिया दर्द में करंज तेल की मालिश करने से आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त करंज के पत्तों का सेक या स्वेदन करने से भी शरीर की हर प्रकार की सूजन में लाभ होता है।

 
दांत रोग के लिए उपयोगी-

दांतों का दर्द या पायरिया जैसी समस्या होने पर करंज तेल को दांतों पर घिसने (रगड़ने) से दांतों की पीड़ा कम होती है। इसके अतिरिक्त करंज की टहनी से दातुन करना भी पायरिया जैसी समस्या में अच्छा होता है।

 
उदर कृमि के लिए लाभदायक-

पेट के कीड़ों को उदर कृमि भी बोला जाता है। कई बार बच्चों और बड़े लोगों को पेट में कीड़े होने की परेशानी होने लगती है। ऐसे में उनके लिए करंज का तेल एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार करंज तेल का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

 
कुष्ठ रोग (leprosy) में करंज का उपयोग-

करंज के बीजों से बना तेल कृमिनाशक होता है। इसलिए इस तेल का इस्तेमाल कुष्ठ रोग में लाभदायक होता है। दरअसल करंज तेल में जीवाणुनाशक गुण होता है, जो इसे कुष्ठ जैसे रोगों के लिए कारगर बनाता है। इसके अलावा करंज पौधे की छाल को घिसकर बना लेप भी कुष्ठ रोग और घाव आदि पर फायदा करता है।

 
घाव हेतु करंज तेल के फायदे-

चोट पर करंज तेल का प्रयोग करने से घाव में पड़ने वाला मवाद कम होता है। साथ ही घाव को इन्फेक्शन से भी बचाया जा सकता है। इसके अलावा करंज के कटु एवं तिक्त रस के गुण भी चोट और उसके घाव को जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं।

 
सोरायसिस के लिए असरदार-

करंज तेल से मालिश करने से त्वचा की खुजली एवं सोरायसिस आदि त्वचा विकारों में लाभ होता है।

 
दाद और त्वचा रोग के लिए-

दाद और त्वचा संबंधी अन्य रोग होने पर करंज तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद की खुजली एवं जलन कम होती है और अन्य रोगों में आराम मिलता है। इसके अलावा करंज पत्तों का लेप भी त्वचा संबंधी रोगों के लिए औषधि का काम करता है।

 
उपदंश (चेचक) में फायदेमंद-

करंज तेल में नींबू रस की एक से दो बूंद मिलाकर घाव पर लगाने से उपदंश (चेचक) में लाभ होता है।

 
मच्छरों का शत्रु करंज तेल-

शरीर पर करंज का तेल लगाने से मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सकता है। इसके लिए संपूर्ण शरीर पर करंज तेल को लगाना आवश्यक है।

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Clove Essential Oil- Importance, Benefits, and Side-effects

Posted 20 December, 2021

Clove Essential Oil- Importance, Benefits, and Side-effects

Clove, known as laung in Hindi, is an evergreen tree. This tree bears pink flower buds which are picked before they bloom and are dried to get the brown buds known as ‘Cloves’. The oil extracted from the flower of clove plants through the process of steam distillation is immensely beneficial.

 Clove essential oil has all the nutritional benefits possessed by clove. It is a rich source of vitamins, minerals, and antioxidants which are known to enhance immunity apart from several other uses.

 
Importance of Clove in Ayurveda

Clove has various properties such as antimicrobial, antioxidant, and anti-inflammatory properties. Due to these properties, this ingredient is also known as Mother Nature’s Antiseptic.

The medicinal properties help to cure various problems and diseases such as oral infections, diabetes, osteoporosis, impotency, sinusitis, improper blood circulation, prostate problems, arthritis along with a few other respiratory infections. Digestive problems, mouth problems are a few of them. Clove essential oil extracted from the flowers of the clove is, therefore, an important oil that serves various health benefits.

 
Benefits
Moisturizes Dry Skin and reduces skin problems

Clove essential oil helps to cure many skin-related problems when applied to the skin. It has a soothing effect on chronic itching and also provides moisturization to the skin to cure dryness.

 
Eliminate headaches

Clove Essential Oil contains flavonoid compounds, which acts as an anti-inflammatory compound. This helps to reduce the tension in blood vessels that is a possible cause of headache. It helps in relieving pain.

 
Reduce blood pressure

Clove Essential Oil contains eugenol that helps to widen major arteries and reduce systematic blood pressure. Furthermore, the oil is a well-known remedy that acts as a natural blood thinner. It can improve heart health.

 
Dental care

Clove essential oil has anesthetic and germicidal properties that help to treat ulcers of the mouth, toothaches, and sore gums. Clove Essential Oil slows down the formation of dental plaque and stops bacteria from multiplying.

 
Improves Blood Circulation

Clove oil helps to improve blood circulation. Since this oil soothes muscle aches and pains, clove is an active ingredient that helps the blood flow and helps reduce the pain associated with tension and headaches. For this apply clove oil to the temples to open the blood vessels.

 
Anticancer properties

Clove oil has anti-cancer properties that help to stop the growth of cancerous cells. It prevents breast, cervical, and colon cancer but is not just limited to these.

 
Reduces Unpleasant odor

Clove oil reduces unpleasant odor in the house. Burning some clove-scented oils or incense can help to soak the unpleasant smell and replace them with a pleasant odor.

 
Aid digestion

Clove oil has traditionally been used to treat digestive problems and stimulate processes of the body that protect the lining of the digestive tract and stomach.

 
Precautions and Side effects
  • Keep out of reach of children as it may have severe side effects such as seizures, liver damage, and fluid imbalances.
  • Pregnant, nursing or women under a doctor’s care should avoid using clove essential oil or consult a physician before using.
  • Avoid contact with eyes and other sensitive areas of the body.
  • Eugenol, a chemical compound in clove essential oil slows blood clotting. Therefore, clove oil might cause bleeding among people with bleeding disorders.
  • Clove contains chemicals that may affect blood sugar levels. People with diabetes should avoid this essential oil.
  • Avoid swallowing clove oil as it may lead to several side effects such as breathing difficulties, Burning sensation in your nose and throat, and diarrhoea.
Where is it found?

Clove trees grow naturally in India, Sri Lanka, Brazil, West Indies, Zanzibar, Madagascar, and Tanzania.

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