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क्या होता है लोबान का तेल? जानें इसके फायदे और सावधानियां

Posted 24 May, 2022

क्या होता है लोबान का तेल? जानें इसके फायदे और सावधानियां

कुछ लोग लोबान को लोहबान भी कहते हैं। लोबान का अधिकांश प्रयोग पूजा, अनुष्ठान, हवन, यज्ञ आदि में किया जाता है। लोबान को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है। पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हवन सामग्री में भी लोबान का विशेष महत्व है। लेकिन लोबान का इस्तेमाल सिर्फ पूजा-पाठ में ही नहीं बल्कि कई आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। खासकर “लोबान के तेल” के रूप में। जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में लोबान तेल को लोहबान तेल के नाम से भी जाना जाता है। लोबान को संस्कृत में लोहबाण, श्यामधूप और फारसी में हस्न लब (Hasn lub) कहा जाता है। लेकिन अंग्रेजी में लोबान तेल को फ्रैंकिंसन्स ऑयल के नाम से जानते हैं।

लोबान को जलाने पर एक ख़ास तरह की सुगंध आती है। यह सुगंध काफी तेज होती है, जो पूरे परिवेश में फैलकर उसे स्वच्छ और सकारात्मक बनाती है। ऐसा माना जाता है कि इसकी सुगंध से तन, मन और दिमाग को शांति मिलती है। एक तरफ लोबान की धूनी वातावरण को शुद्ध बनाती है तो दूसरी ओर लोबान का तेल शरीर को स्वास्थ्यवर्धक। यह तेल सौंदर्य प्रसाधन के लिए भी अच्छा होता है।

 
क्या है लोबान का तेल?

लोबान का तेल लोबान पेड़ की गोंद या रॉल से तैयार किया जाता है। जिसका वैज्ञानिक नाम बोसेलिया कार्टेरी होता है, जोकि स्टाइरेकेसी कुल से संबंध रखता है। आयुर्वेद के अनुसार लोबान के तेल में एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लमेटरी, एंटी-डिप्रेसेंट, एनलजेसिक, एस्ट्रिंजेंट, एक्सपेक्टोरेंट, स्टीम्युलेंट गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इस तेल में अन्य प्रकार के तत्व जैसे अल्फा-पिनिन, एक्टनोल, बोनाइल एसिटेट, लिनलूल, इंसेसोल आदि पाए जाते हैं। जिसके कारण इस तेल का इस्तेमाल सूजन, सिर दर्द, जोड़ों एवं मांशपेशियों में दर्द, स्किन समस्याएं, उल्टी और हिचकी की समस्या में राहत पाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में, घरेलू दवाओं के रूप में, सौंदर्य उपचार के रूप में किया जाता है। इसके अलावा लोबान तेल का इस्तेमाल कैप्सूल के रूप (सेवन के लिए) में भी किया जाता है।

 
लोबान तेल के फायदे;

लोबान तेल के फायदों में स्वास्थ्य से लेकर बाल और त्वचा तक के फायदे शामिल हैं। आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में-

 
श्वसन की समस्याओं में लाभप्रद-

लोबान तेल बंद नाक को खोलकर सांस लेने में होने वाली दिक्कतों को दूर करता है। यह फेंफडों (लंग्स) में ऑक्सीजन लेने की क्षमता में बढ़ोतरी करता है। इस तेल के इस्तेमाल से श्वसन तंत्र की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसलिए लोबान तेल का प्रयोग इन्हेलर और जुखाम संबंधी दवाओं में किया जाता है। यह श्वसन प्रणाली और फेफड़ों में जमा कफ को भी दूर करता है। इसके अलावा सांस संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए लोबान तेल को इत्र के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे गहरी सांस लेने में आसानी होती है।

 
साइनसाइटिस के लिए-

नाक की मांसपेशियों में होने वाले ब्लॉकेज को साइनसाइटिस या साइनस कहा जाता है। यह एक प्रकार का इनफ़ेक्शन होता है, जिसके चलते नाक के आंतरिक भाग में सूजन आ जाती है। कारणवश नाक में दर्द और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे में लोबान का तेल काफी मददगार साबित होता है। इसके लिए पानी को गरम करके उसमें लोबान तेल की कुछ बूंदें डालकर भाप लेने से साइनस का ब्लॉकेज खुलने लगता है। जिससे सांस लेने में होने वाली परेशानी दूर होती है।

 
सिरदर्द के लिए -

यदि कोई जरूरत से ज्यादा चिंता करता है तो उसे सिरदर्द की दिक्कत होने लगती है। लेकिन लोबान पर किए गए एक शोध से पता चलता है कि इसके तेल से चिंता और उसके दर्द को कम किया जा सकता है। इस ऑयल की कुछ बूंदें लेकर अपने हाथों में मलें और गहरी सांस लेकर सूंघे। ऐसा करने से सिरदर्द और अन्य प्रकार से होने वाली मानसिक थकान दूर हो जाती है। परिणामस्वरूप अच्छी नींद आती है।

 
तनाव और थकान दूर करने में सहायक -

लोबान तेल चिंता, थकान, तनाव आदि के कारण से होने वाले सिरदर्द को कम करने में मदद करता है। लोबान का तेल सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे चिंता, तनाव, थकान, सिरदर्द आदि में आराम मिलता है। इसके लिए लोबान तेल की कुछ बूंदो को लेकर कनपटी और गर्दन पर अच्‍छी तरह से लगाएं। ऐसा करने से चिंता, अवसाद और मानसिक तनाव दूर हो जाते हैं। साथ ही लोबान तेल की कुछ बूंदे को अपने बिस्तर पर छिड़कने से नींद अच्छी आती है। इसके अलावा लोबान तेल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के लिए भी किया जाता है।

 
मांसपेशियों को आराम देने हेतु-

लोबान में दर्द निवारक और एंटी-स्पास्मोडिक गुण मौजूद होते हैं। जो मांसपेशियों की ऐंठन और दर्द को दूर करने का काम करते हैं। इसलिए लोबान तेल से प्रभावित मांसपेशियों की मालिश करने से थकान का एहसास कम होता है और मांसपेशियां भी रिलैक्स फील करती हैं।

 
दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार-

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, लोबान के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो अर्थराइटिस में होने वाली सूजन की समस्या में कारगर साबित होता है। साथ ही लोबान तेल में ज्यादातर कीटाणुनाशक गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह तेल स्थाई रूप से दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। क्योंकि यह त्वचा में जलन पैदा करने वाले जीवाणु को मारता है। साथ ही यह त्वचा के संवेदी तंत्रिका तंत्र को हल्का करता है, जिससे दर्द कम होता है और त्वचा की सूजन भी दूर हो जाती है।

 
एलर्जी और इनफ़ेक्शन को खत्म करने में-

लोबान का तेल कई प्रकार की एलर्जी और इनफ़ेक्शन को दूर करने में मदद करता है। लोबान में मौजूद एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण एलर्जी को कम करने का काम करता है और इसके एंटी-फंगल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण इनफ़ेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करते हैं।

 
ओरल हेल्थ के लिए-

जिंजीवाइटिस (Gingivitis) को मसूड़ों की सूजन के रूप में जाना जाता है। लोबान तेल का उपयोग इस समस्या को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसके अलावा लोबान में मौजूद एंटीसेप्टिक गुणों की वजह से यह तेल मुंह संबंधी विकार जैसे दांत दर्द, कैविटी, मुंह के छाले और तमाम तरह के संक्रमण से बचाने में लाभप्रद होता है। लोबान पर किए गए एक शोध से पता चलता है कि लोबान के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। यह गुण प्लाक (बैक्टीरिया से बनने वाली एक चिपचिपी तथा रंगहीन परत) की वजह से होने वाली जिंजीवाइटिस की समस्या से आराम दिलाने में मदद करता है।

 
स्वस्थ और चमकती त्वचा बनाए रखना-

लोबान तेल में साइटोफाइलेक्टिक गुण पाए जाते हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं निर्माण में सहायक होती है। इसके अतिरिक्त इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो त्वचा पर चमत्कारी प्रभाव डालते हैं। यह त्वचा को भीतर से साफ करने और त्वचा की टोन को बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही लोबान तेल शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और त्वचा को दोष रहित बनाने के लिए फुंसियों और मुंहासों को रोकने में सहायता करता है।

 
एंटी एजिंग प्रभाव कम करने के लिए-

लोबान तेल में एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो झुर्रियों और महीन रेखाएं जैसे बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। इसके लिए लोबान तेल की कुछ बूंदों को नारियल के तेल में मिलाकर हल्के हाथों से चेहरे और स्किन की अच्छे से मालिश करें।

 
पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद-

लोबान का तेल पाचन स्वास्थ्य को अच्छा बनाता है। इसका सेवन आंत संबंधित क्रियाओं को बेहतर करता है। यह तेल शरीर में पाचक रस (गैस्ट्रिक, पित्त और एसिड) के स्त्राव को बढ़ाने के साथ-साथ आमाशय के फैलने-सिकुड़ने की गतिविधि बढ़ाता है। जिससे पेट हमेशा साफ रहता है और पाचन प्रणाली दुरुस्त रहती है। इसलिए लोबान के तेल को पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा कहा जाता है।

 
प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में कारगर-

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से ज्यादातर लोग बीमार हो जाते हैं। लोबान के तेल में पर्याप्त मात्रा में एंटीसेप्टिक होता है। इसलिए इस तेल के सेवन और तलवों पर लगाने से शरीर की इम्यूनिटी में सुधार होता है। यह तेल एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के रूप में काम करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह बॉडी को ऑक्सीकरण से भी बचाता है।

 
लोबान तेल का इस्तेमाल करते वक्त बरतें यह सावधानियां-

वैसे तो लोबान तेल का कई स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन इसका अनियमित या अत्यधिक इस्तेमाल करना कई प्रकार की स्वास्थ्य हानि पैदा कर सकता है। जोकि निम्न है;

  • इसका अत्यधिक प्रयोग से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से संबंधित) से जुड़ी समस्या हो सकती है।
  • संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को लोबान तेल से एलर्जी की समस्या (जैसे त्वचा पर रैशेज) भी हो सकती है।
  • त्वचा पर इस्तेमाल करने के बाद जलन या लालिमा हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान लोबान के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह मासिक धर्म बढ़ाने का काम करता है।
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Benefits of Frankincense oil

Posted 20 December, 2021

Benefits of Frankincense oil

Frankincense is mostly used in worship, rituals, havan, yagna, etc. as it is considered sacred in Hinduism. It also has special significance in the incense materials used for worship but it is not only used in worship, but also in many Ayurvedic medicines, especially in the form of "frankincense oil" which is considered extremely beneficial for health. Frankincense is also known as Lohbaan, Shyam Dhoop in Sanskrit, and Hasnlub in Persian.

 

Burning frankincense brings a distinct aroma. This fragrance is very strong, which spreads throughout the surroundings and makes it clean and positive. It is believed that its fragrance brings peace to the body and mind. On one hand, frankincense depuration makes the environment pure, while on the other hand, frankincense oil is also healthy for the body as it is also an essential ingredient in cosmetics. 

 

What is Frankincense oil?

Frankincense oil is prepared from the resin of the frankincense tree whose scientific name is Boswellia sacra, which belongs to the Burseraceae Family. According to Ayurveda, frankincense oil is found to have antiseptic, anti-inflammatory, anti-depressant, analgesic, astringent, expectorant, and stimulant properties. Apart from this, other types of ingredients like alpha-pinene, octanol, bornyl acetate, linalool, etc. are also found in this oil due to which this oil is used to relieve swelling, headache, pain in joints, and muscles, skin problems, vomiting, and hiccups. It is used as a medicinal herb, in several home remedies and also for enhancing beauty. Apart from this, frankincense oil is also used in capsule form (for intake).

 

Benefits of Frankincense oil

The benefits of frankincense oil include benefits ranging from health to hair and skin. Let's know about these benefits-

 

Beneficial in respiratory problems-

Frankincense oil cures breathing problems by opening the blocked nose. This increases the ability of the lungs to carry oxygen. The use of this oil strengthens the muscles of the respiratory system. Therefore, frankincense oil is used in inhalers and cold-related medicines. It also removes phlegm accumulated in the respiratory system and lungs. In addition, frankincense oil can be used as a perfume to remove respiratory problems which makes it easier to take deep breaths.

 

For sinusitis-

Blockages in the nasal muscles are called sinusitis or sinuses. This is a type of infection, which causes swelling in the inner part of the nose which results in pain in the nose and difficulty in breathing. In such a situation, frankincense oil proves to be very helpful. For this, after heating the water, adding a few drops of frankincense oil to it and taking steam, opens the blockage due to sinus which eliminates the trouble in breathing.

 

For Headache-

Worrying excessively leads to headaches but research done on frankincense suggests that its oil can reduce anxiety and its pain. Rub a few drops of this oil in your hands and take a deep breath and smell it. By doing this, headaches and other types of mental fatigue are eliminated. It results in good sleep.

 

Help to relieve stress and fatigue-

Frankincense oil helps in reducing headaches caused by anxiety, fatigue, stress, etc. Frankincense oil has a positive effect on the Central Nervous System. It gives relief in anxiety, tension, fatigue, headache, etc. For this, take a few drops of frankincense oil and apply it well on the temples and neck. By doing this, anxiety, depression, and mental stress are removed. Also, sprinkling a few drops of frankincense oil on your bed results in good sleep. In addition, frankincense oil is also used for aromatherapy.

 

To relax the muscles-

Frankincense has pain-relieving and antispasmodic properties which work to relieve muscle spasms and pain. Therefore, massaging the muscles affected with frankincense oil reduces the feeling of fatigue and the muscles also feel relaxed.

 

Helpful in relieving pain and swelling-

According to research published on NCBI (National Center for Biotechnology Information), frankincense oil has anti-inflammatory properties which prove to be effective in the problem of inflammation in arthritis. Also, frankincense oil has mostly disinfectant properties. Therefore, this oil is helpful in reducing pain and swelling permanently because it kills the skin-irritating bacteria. At the same time, it lightens the sensory nervous system of the skin, which reduces pain and also reduces the inflammation of the skin.

 

To eliminate allergies and infections-

Frankincense oil helps in removing many types of allergies and infections. The anti-inflammatory properties present in frankincense work to reduce allergies and its antifungal, anti-microbial and anti-bacterial properties work to eliminate infection-causing bacteria.

 

For Oral Health-

The use of frankincense oil proves effective in removing this problem. Apart from this, due to the antiseptic properties of frankincense, this oil is beneficial in protecting against mouth disorders such as toothache, cavity, mouth sores, and all kinds of oral infections. Research on frankincense suggests that frankincense oil has anti-inflammatory properties. This property helps in relieving the problem of gingivitis caused by plaque (a sticky and colorless layer formed by bacteria).

 

Maintaining healthy and glowing skin-

Frankincense oil has cytophylactic properties that aid in healthy cell formation. Additionally, it contains powerful antioxidants which have a miraculous effect on the skin. It helps in cleansing the skin from within and enhancing the skin tone. Also, frankincense oil helps to prevent pimples making the skin flawless, and also maintains the hormonal balance in the body.

 

To reduce anti-aging effect-

Frankincense oil has anti-inflammatory and anti-bacterial properties which help reduce signs of aging like wrinkles and fine lines. For this, mix a few drops of frankincense oil in coconut oil and massage the face and skin with light hands.

 

Beneficial for digestive health-

Frankincense oil improves digestive health. Its intake improves intestinal function. This oil increases the secretion of digestive juices (gastric, bile, and acid) in the body as well as increases the activity of gastric dilatation due to which the stomach is always clean and the digestive system remains healthy. Therefore, frankincense oil is said to be good for digestive health.

 

Effective in promoting immune health-

Most people become ill because of a weakened immune system. Frankincense oil contains a substantial amount of antiseptic. Therefore, applying it to the soles improves the immunity of the body. This oil acts as an antioxidant that protects the body from oxidation.

 

Precautions while using Frankincense oil

Frankincense oil has many health benefits but its irregular or excessive use can cause many types of health issues such as-

 
  • Excessive use can cause gastrointestinal (stomach-related) problems.
  • People with sensitive skin may also have allergic problems such as skin rashes.
  • Irritation or redness may occur on the skin after use.
  • Frankincense oil should not be consumed during pregnancy because it works to increase menstruation.
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Essential Oils: An Essential Component for Daily Life?

Posted 20 December, 2021

Essential Oils: An Essential Component for Daily Life?

Essential oils are common to hear about in today’s world. But what are these oils? What do they do? How does it work? Nobody knows about these questions in detail. These are very important. Essential oils are the oils extracted from a plant. These oils are extensively used in natural remedies, aromatherapy, and many other health problems. Since ancient times, people have used these essential oils in medicine, cosmetics, perfumes, and food.

 

What is an Essential Oil?

Essential oil is a liquid extract (extract) of beneficial plants. The extraction methods such as Steam, Water distillation, Mechanical method, and Cold pressing are used to extract these oils. Different parts of plants are used to obtain essential oils from plants. These parts are plant flowers, leaves, bark, roots, peels of fruits, etc.

 

The aroma of these oils is stronger than their plants. In addition, active ingredients are also present in high levels. Therefore, these oils are 75 percent more powerful and effective than herbs. But this does not mean that they do not cause harm. These oils can cause some side effects too if used recklessly.

 

Essential Oil Nutrients-

All essential oils have unique properties and nutrients. These nutrients and properties depend on the plants from which we get these oils. But antimicrobial and anti-inflammatory properties are common in all essential oils.

 

Apart from this, these oils also contain many types of vitamins, minerals, and nutrients. These help in providing many health benefits. These essential oils also have some antioxidant properties. These protect the body from harmful free radicals.

 

 List of Essential Oils

The list of essential oils that provide health benefits and other benefits to the body is very long. These are as follows-

 
  • Jojoba oil
  • Black pepper oil
  • Basil oil
  • Mint oil
  • Ginger oil
  • Fir oil
  • Sandalwood oil
  • Patchouli oil
  • Lavender oil
  • Argan oil
  • Neroli oil
  • Lemon Balm Oil
  • Jasmine oil
  • Copaiba or copaiba oil
  • Bergamot oil
  • Pomegranate oil
  • Frankincense oil
  • Hemp oil
  • Pumpkin oil
  • Grape oil
  • Rosemary Oil
  • Cyprus Oil
  • Harsingar oil, etc.

Names of Some Essential Oils and their Benefits-

Essential oils are effective against harmful microbes. These oils improve a person's mood and develop brain function. These oils have the properties of reducing the problems of nausea, vomiting, headache, etc. In addition, some oils also reduce side effects during aromatherapy.

 

Let us know about the benefits of some main essential oils -

 

Benefits of Clove Essential Oil

Clove oil is a perfect remedy for toothache. If you have a toothache, soak cotton in clove oil and apply it on the affected part and around the gums. Clove oil has powerful anti-fungal properties. These help to prevent the growth of Candida albicans bacteria. It reduces the pain of teeth.

 

Other benefits of clove oil include-

 

Useful for Mouth Ulcers-

Clove oil has anti-viral properties. It reduces the pain of ulcers and intensifies the healing process. For this, apply one to two drops of clove oil on the mouth ulcers.

 

Beneficial for Arthritis Pain-

Clove oil is a pain reliever and an excellent remedy for arthritis. Massaging the affected area with this oil provides relief from pain.

 

Destroys Bacteria-

Clove oil is very useful for destroying bacteria. It is natural antibacterial oil. It has the potential to eliminate harmful bacteria like E-coli, Salmonella, and Helicobacter pylori (associated with stomach ulcers). Therefore, clove oil can be used to clean the telephone, keyboard, kitchen, toilet seat, etc.

 

Benefits of Oregano Essential Oil-

Oregano oil contains carvacrol, which protects us from harmful bacteria. The use of oregano oil helps in reducing the growth of bacteria.

 

Other benefits of oregano oil are-

 

Oregano Oil as an Antioxidant-

Oregano oil has antioxidant properties that help to reduce the symptoms of aging.

 

Comfortable for the Neck-

Using oregano essential oil is very useful in relieving sore throat, pain, or any other problem. For this, pour two or three drops of this oil in a glass of water and gargle. It also reduces the symptoms of cold and fever.

 

Benefits of Peppermint Essential Oil-

 

Peppermint or peppermint oil cures problems such as nausea, headache, stomachache, gas, and indigestion. It also cures anxiety and tension.

 

Other benefits of this oil are-

 

Useful for Calming Hot flash-

Peppermint has an exorbitant amount of menthol content which solves the problem of hot flashes (post-menopause) in women. Therefore, it is good to massage the scalp with mint oil in the summers. Apart from this, the fragrance of this oil also keeps the body cool.

 

Helpful in Increasing Brain Alertness-

Peppermint oil works to increase the vigilance power of humans. In this form, this oil becomes very important for those who drive long distances. Peppermint oil is very effective in keeping the brain alert and awakening the nervous system. The fragrance of this oil works to increase concentration in children.

 

Beneficial for Muscle Aches-

Peppermint oil reduces body pain by providing relaxation to the muscles. For this, massage the affected area thoroughly by mixing mint oil with any other oil. This oil is also used to relieve arthritis pain. Taking the scent of peppermint oil also cures respiratory allergies.

 

Benefits of Castor Essential Oil

Castor oil is extremely beneficial for hair. It is easily available in the market. People use it for hair growth and removing dandruff. Apart from this, castor oil also helps in making eyelashes beautiful and dense.

 

Other benefits of this oil are-

 

Beneficial for Face and Skin-

Castor oil is also beneficial for curing acne. The ricinolein acids present in it help in preventing acne-causing bacteria. It removes the problem of acne. At the same time, due to its correct use, the tone of the face also improves.

 

Useful for Industrial Production-

Castor oil has multiple industrial uses. Manufacturers use it in the production of beauty products, making paints, soap making, adhesives such as glue, lubricants. This oil is purgative and nourishing. This property makes it effective for Ayurvedic medicines.

 

Benefits of Eucalyptus (Nilgiri) Essential Oil-

Eucalyptus oil, extracted from the leaves of the eucalyptus tree has insecticidal and antimicrobial properties. It works to eliminate many types of infectious bacteria. Eucalyptus oil also helps in curing many health problems.

 

Other benefits of this oil are-

 

Useful for Respiratory Health-

It is good to use eucalyptus oil regularly in case of respiratory problems. The oil’s vapor is taken in case of a cough. This reduces cold. It also helps in expelling stagnant phlegm in the body.

 

Benefits for Mental Health-

Mixing eucalyptus and peppermint oil results in increased cognitive performance. Apart from this, taking a mixed fragrance of both oils also reduces headaches.

 

Helpful in Reducing Fever-

To reduce fever, mix two to four drops of eucalyptus oil in water, soak a cloth in that water and rub the patient's body. Especially the back, neck, chest, legs, and soles. By doing this, the fever decreases.

 

Some other advantages of this oil are:

 
  • Beneficial for muscle pain.
  • Helpful in reducing mental stress.
  • Useful for aromatherapy.
  • Effective treatment for head lice.

Benefits of Tea Tree Essential Oil-

Tea tree oil has abundant antimicrobial and anti-inflammatory properties. These work to reduce inflammation. This oil also helps in getting rid of diseases such as eczema and psoriasis. For this, dilute the tea tree oil and apply it to the affected area twice a day.

 

Other benefits of this oil include-

 

Reduce Burning Sensation-

After shaving, minor cuts on the face causes a burning sensation. In such a situation, applying coconut oil and tea tree oil on the face reduces the burning sensation.

 

Avoid Skin Infection-

Tea tree oil is natural antiseptic oil. Therefore, tea tree oil heals injuries or defects on the skin.

 

Natural Insecticide -

Tea tree oil prevents defects caused by mosquito and insect bites. By applying this oil to the body, insects and mosquitoes do not come close. In addition, applying this oil on the bitten area of ​​mosquitoes also does not cause inflammation.

 

Some Other Benefits of Tea tree Oil-

  • Better treatment of acne.
  • A great remedy for throat pain.
  • Treats fungal infections.
  • Remove the unpleasant odor of the mouth and other mouth problems.

Benefits of Lemon Essential Oil

Lemon oil is very popular because of its excellent fragrance and widely used in cooking food, seafood dishes, cakes, salads, etc. This oil also has many therapeutic properties. It helps to reduce problems such as arthritis pain, improve digestion and also increase concentration.

 

Other benefits of this oil-

 

Effective in Removing Bacteria-

Lemon oil helps to eliminate the bacteria and make the utensils clean and aromatic. For this, use one to two drops of lemon oil in soap or gels that clean the utensils.

 

Useful as a Room Freshener-

We use lemon oil as a room freshener of the house too. Its positive fragrance removes body fatigue and gives a feeling of freshness. Apart from this, lemon oil is an ingredient in perfumes too. For this, mix lemon oil with other oils and use it.

 

Beneficial for Hair-

We also use lemon oil for hair growth. Massaging the head by mixing any other oil in this oil has a balanced effect on the oil glands. Apart from this, massaging the head with this oil before going to sleep helps in getting good sleep and the hair gets adequate nutrition.

 

Benefits of Jojoba Essential Oil

Jojoba oil also has anti-inflammatory properties along with anti-bacterial properties, which removes diseases like skin redness, eczema, and edema. Jojoba oil also proves beneficial in removing skin disorders.

 

Other benefits of this oil-

 

Effective in Reducing Inflammation-

Applying Jojoba oil on the skin ends skin problems. This oil has anti-bacterial properties, which work to reduce skin inflammation. This oil also has the power to heal wounds quickly.

 

Prevents Skin Infection-

Jojoba oil contains vitamin-E and many anti-oxidants, which rapidly heal skin wounds and aid in the formation of new cells. Apart from this, anti-bacterial properties in jojoba oil works to protect the skin from infection.

 

Strong Skin Cells-

Jojoba oils help to strengthen skin cells. With the help of this oil, the skin forms a hydrating layer on itself, which prevents the cells from becoming weak. Apart from this, jojoba oil also works to protect the skin from external elements.

 

Benefits of Lavender Essential Oil

 

The lavender essential oil extracted from lavender flowers is one of the famous oils. It is used to treat lack of concentration, hair loss problems, and insomnia, etc.

 

Other benefits of this oil include-

 

Relieve Stress-

Lavender oil is very effective for those who suffer from fatigue, lack of sleep, and mental stress. Diluted lavender oil is used to remove these problems. Apply the oil on the hands and neck. Apart from this, add this oil to the bathwater. The scent of lavender oil acts to soothe the mind.

 

Eliminate Itching-

Lavender oil helps to reduce the itching that occurs after an insect bite or skin infection. This oil also has the power to cure swelling and pain. It cures itching caused by mosquito and bee bites.

 

Relieve Sunburn-

Lavender oil helps in healing the burning sensation caused by sunstrokes on the skin. In addition, it is good to use lavender oil on burnt skin.

 

Make Food Tastier-

Lavender oil is used in many types of dishes because of its unique taste. Its use in salads, chocolates, and sweet dishes, etc. enhances the taste.

 

Some other advantages of the oil are:

 
  • Moisturizes the dry skin.
  • Prevents blood from flowing from the nose.
  • Its use leads to good sleep.
  • It calms the body and mind.

Benefits of Rose Essential Oil

Rose essential oil is an aromatic oil derived from species of rose. This oil is not a completely natural oil because it is extracted using many chemicals. But like other essential oils, rose oil also helps to calm the mind. This oil protects the body from many infectious bacteria. The oil contains high amounts of phenolic, tocopherol (a vitamin E compound), and carotene compounds. Rose essential oil also works to refine the skin.

 

Benefits of Chamomile Essential Oil

Chamomile is a useful medicine for insomnia, fever, skin infections, etc. In addition, chamomile oil also helps in healing injuries, burns, and wounds. It also cures eczema, cancerous wounds as well as other health problems.

 

The anti-inflammatory properties present in chamomile oil are quite beneficial for the body. The oil inhibits the chemical processes in the body, which are the primary cause of any inflammation. In addition, this oil also helps to cure stomach ulcers.

 

Chamomile tea relieves the problem of insomnia. The fragrance of this oil works to calm the mind by reducing anxiety and tension.

 
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Camphor essential oil and its benefits

Posted 20 December, 2021

Camphor essential oil and its benefits

Camphor oil is a powerful and aromatic oil. This oil is prepared by steam distillation from the wood of the camphor tree which is easily absorbed through the skin. This oil is also used to make many types of cosmetic products such as shampoos, soaps, moisturizers, etc. It is also used in oil diffusers and aromatherapy.

 

There are a lot of antioxidants in camphor oil. In addition, it also contains anti-microbial and anti-inflammatory elements. In medicinal form, this oil is used in the treatment of skin irritation, wrinkles, skin inflammation, pimples, hair loss, joint pain, muscle pain, and phlegm.

 
Importance of Camphor oil in Ayurveda

Camphor oil is very important in Ayurvedic medicine. It is mainly found in terpinene-4-all, caryophyllene, saprol, eugenol, and camphene which are used in natural skincare. Camphor essential oil helps in fighting many diseases in Ayurveda. The use of camphor oil in Aromatherapy gives relief from the symptoms of pneumonia and bronchitis. It enhances immunity and accelerates metabolism. The fragrance of camphor oil relaxes the mind by removing nervousness and restlessness.

 

Camphor oil contains antibacterial and antiseptic elements which protect against infectious bacteria. Massaging with this oil provides relief from sprains, spasms, stiffness, and stretchiness in the muscles. Applying camphor oil on insect bites gives relief. In addition, applying camphor oil mixed in a carrier oil, and applying it on the affected parts provide relief in itching, redness, and rubbing of the skin.

 
Benefits of Camphor oil
Beneficial in infections and allergies-

Camphor oil has anti-inflammatory, anti-fungal, and anti-bacterial properties which are helpful in preventing infection, allergies, and inflammation. This oil helps in getting rid of parasitic infections such as tapeworm and ringworm. Additionally, the antioxidants present in this oil relieve many skin irritations. By applying this oil on the skin, the problem of fine lines, pimples, wrinkles, and aging, etc. is removed.

 
Beneficial for the hair-

Camphor oil is beneficial in many types of hair problems. The nutrients present in it work to make the hair healthy and strengthen them. Apart from this, this oil is also useful in treating hair fall and dandruff.

 
Avoidance of free radicals-

Camphor oil provides protection from the free radicals present in the body. The free radicals present in the body cause many serious diseases. The antioxidants present in this oil works to fight free radicals and prevent the body from being subjected to those serious diseases.

 
Helpful in relieving pain and swelling-

Camphor oil has anti-bacterial properties. Therefore, this oil is helpful in reducing pain and swelling permanently because it kills the skin-irritating bacteria due to which skin irritation and pain are reduced. Additionally, this oil also removes skin inflammation.

 
Helpful in treating nervous disorder-

Camphor oil has powerful agents such as analgesic and anaesthesia properties which are helpful in treating nervous disorders. Many types of research have shown that camphor oil is also beneficial in reducing the symptoms of nervous disorders like anxiety, cramps, nervousness, and epileptic seizures.

 
Beneficial in respiratory problems-

Camphor oil is a good home remedy for the treatment of respiratory problems such as blocked nose, phlegm, cough, and cold. Camphor oil has a strong odor that opens the congested respiratory tract. It provides relief in breathing and helps to clear mucus (phlegm) in the lungs. Additionally, mixing equal amounts of sweet oil and camphor essential oil and massaging it lightly on the chest provides quick relief.

 
To improve digestion-

Camphor oil acts as an effective stimulant. It promotes the secretion of digestive enzymes and helps the digestive system to function smoothly. This oil speeds up metabolism and ejects waste materials from the system. The active compounds in camphor oil help treat gas formation and flatulence.

 
Side effects of Camphor oil
  • Applying camphor oil directly to the skin can cause skin irritation. Therefore, use this essential oil by mixing it with any other carrier oil.
  • Do not apply camphor oil to children below 2 years of age.
  • This oil can cause allergies in people with sensitive skin. Therefore, people with sensitive skin should not use it.
  • Excessive use of camphor oil can cause problems like nausea and vomiting.
  • Pregnant or lactating women should use this oil after consulting a physician.
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टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

Posted 17 March, 2022

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसका पौधा 5 से 6 फुट का होता है, जिसकी जड़ों की गांठों से हल्दी मिलती है। जो अपने बेहतरीन स्वाद के लिए जानी जाती है। एक तरफ हल्दी शरीर को स्वास्थ्यवर्धक बनाती है तो दूसरी ओर हल्दी का अर्क (तेल) सौंदर्य प्रसाधन के लिए अच्छा होता है। लेकिन हल्दी का इस्तेमाल सिर्फ खाद्य पदार्थों में ही नहीं बल्कि कई आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। खासकर “हल्दी के प्राकृतिक तेल" का उपयोग। जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में हल्दी के प्राकृतिक तेल को टर्मरिक एसेंशियल ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। हल्दी की जड़ों को भाप आसवन प्रक्रिया से टर्मरिक एसेंशियल ऑयल तैयार किया जाता है।

 
 

आयुर्वेद में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व?

हल्‍दी एसेंशियल ऑयल में हल्दी पाउडर की तरह ही एंटी-एलर्जिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है। टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसी कारण आयुर्वेद में हल्दी और इसके तेल को उत्तम दर्जे की औषधि माना गया है। त्वचा की रंगत निखारने से लेकर दर्द से राहत दिलाने तक, घरेलू दवाओं और बहुत सी बीमारियों में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मददगार साबित होता है। यही कारण है कि सर्दी-खांसी के लिए इसे रामबाण इलाज माना जाता है।

 
 

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल के फायदे;

त्वचा के लिए फायदेमंद-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल त्वचा के लिए बेहद अच्छा होता है। यह त्वचा की सेहत का ध्यान रखने का काम करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा संबंधित परेशानियों को दूर करता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल भी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इस ऑयल को त्वचा पर लगाने से फाइन लाइन, मुंहासे, झुर्रियों और एजिंग की समस्या दूर होती है। यह ऑयल त्वचा की लोच में सुधार करता है और उसकी नमी के स्तर को बनाए रखता है। 

 
 

फ्री रेडिकल्स से बचाव-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है। शरीर में मौजूद यह फ्री रेडिकल्स कई गंभीर बिमारियों का कारण बनते हैं। इस तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। जिससे शरीर गंभीर बिमारियों का शिकार होने से बच जाता है।

 
 

संक्रमण, एलर्जी और सूजन  में  लाभप्रद-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो संक्रमण, एलर्जी और सूजन को रोकने में सहायक होते हैं। यह तेल परजीवी संक्रमण जैसे टेपवर्म (tapeworm) और रिंगवर्म (Ringworm) से छुटकारा पाने में सहायता करता है। 

 

बालों के लिए फायदेमंद-

बालों की हर तरह की समस्या में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल लाभदायक है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। इसके अलावा टर्मरिक एसेंशियल ऑयल स्कैल्प (खोपड़ी) में आसानी से अवशोषित होकर रक्त संचार में सुधार और बालों के विकास में मदद करता है। जिससे बालों का झड़ना या गिरना कम होता है। इसके लिए नारियल, जोजोबा और जैतून तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मिलाकर सिर की मालिश करना अच्छा रहता है।

 

स्कैल्प (खोपड़ी) संबंधी बीमारी के लिए-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल स्किन में नमी बनाए रखने का काम करता है। इसके इसी गुण के चलते इसका इस्तेमाल मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में किया जाता है। हल्दी का एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण स्कैल्प (खोपड़ी) को संक्रमण से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खुजली वाली स्कैल्प की खुजली से राहत पाने के लिए लाभदायक साबित होता हैं।

 
 

 दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार-   

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में ज्यादातर कीटाणुनाशक गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह तेल स्थाई रूप से दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। क्योंकि यह त्वचा में जलन पैदा करने वाले जीवाणु को मारता है। साथ ही हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक प्राकृतिक सूजन-रोधी यौगिक है जो दर्द को कम करता है। जिससे त्वचा की सूजन भी दूर होती है। 

 

फटी एड़ियों का इलाज करने में कारगर-

एक उत्कृष्ट उपचार एजेंट होने के कारण टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का उपयोग प्रभावी रूप से फटी एड़ी को नरम करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए नारियल, जोजोबा और जैतून के तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल की मिलाकर इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में फटी एड़ी से छुटकारा मिलता है।

 

सौंदर्य वर्धक प्रसाधन के रूप में - 

हल्दी के अर्क का इस्तेमाल कई फेस वॉश उत्पादों में भी किया जाता है। हल्दी सौंदर्य को बढ़ाने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स के रूप में भी अत्यंत उपयोगी है। प्राचीन काल से ही भारतीय महिलाएं हल्दी का प्रयोग त्वचा की रंगत निखारने के लिए करती आई हैं। हल्दी में ऐसे तत्व होते हैं जो खून को साफ करते हैं, रंग-रूप को निखारते हैं और त्वचा को गोरा व कांतिमान बनाते हैं। भारतीय वैवाहिक समारोहों में भी वर-वधू के सौन्दर्य को निखारने के लिए हल्दी का पेस्ट लगाया जाता है।

 

इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में-

विशेषज्ञों के मुताबिक, हल्दी के प्राकृतिक तेल का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में बहुत सहायक है। हल्दी के प्राकृतिक तेल में लिपो पॉलीसेकेराइड (एंडोटोक्सीन) नामक एक पदार्थ पाया जाता है। जिसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। इसके अलावा हल्दी का महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी (जलन विरोधी) गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट (रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने वाले एजेंट) की तरह भी काम कर सकता है। इतना ही नहीं यह टी.वी. एवं बी-सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) जैसे विभिन्न इम्यून सेल्स की कार्यप्रणाली को भी बेहतर बनाता है। जिससे शरीर कई तरह की बीमारियों जैसे- एलर्जी, सर्दी-खांसी, मधुमेह, अस्थमा और हृदय रोग से लड़ पाता है।

 
 

कैसे  प्रयोग करें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल ?

चेहरे के लिए- 

3 बड़े चम्मच जैतून के तेल में 2 बूंद टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मिलाकर उसे किसी बर्तन या जार में रख लें। अब प्रतिदिन रात को सोने से पहले इस मिश्रित ऑयल से अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मालिश करें। ऐसा करने से त्वचा संबंधी बीमारियां जैसे मुहांसे, चकत्ते, झुर्रियां आदि ठीक हो जाते हैं। साथ ही त्वचा में रंगत और निखार आती है। 

 

बालों में लगाने हेतु- 

नारियल, जोजोबा और जैतून के तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल को मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से स्कैल्प के फंगल संक्रमण से कुछ दिनों में छुटकारा मिलता हैं। जिससे बाल घने, मोटे और लंबे होते हैं। 

 

त्वचा के लिए-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल को किसी अन्य तेल में मिलाकर स्किन पर प्रयोग करने से त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा घावों के निशान एवं यूवी किरणों का प्रभाव भी कम होता है। ध्यान रखें त्वचा पर हल्दी एसेंशियल ऑयल का सीधा इस्तेमाल न करें।

 
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कपूर का तेल और इसके फायदे

Posted 24 May, 2022

कपूर का तेल और इसके फायदे

कपूर का तेल एक शक्तिशाली और सुगंधित तेल है। यह तेल कपूर पेड़ की लकड़ी से भाप आसवन द्वारा तैयार किया जाता है। जो त्वचा के माध्यम से आसानी से अवशोषित हो जाता है। इस तेल का इस्तेमाल कई प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद जैसे- शैंपू, साबुन, मॉइस्चराइजर्स आदि को बनाने के लिए भी किया जाता है। यह तेल डिफ्यूजर और अरोमा थेरेपी में भी उपयोग किया जाता है। कपूर के तेल में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेंटरी तत्व भी होते हैं। औषधीय रूप में इस तेल का उपयोग त्वचा में जलन, झुर्रियां, त्वचा की सूजन, मुंहासे, बालों का झड़ना, जोड़ों में दर्द, मांशपेशियों में दर्द और कफ का जमना आदि के इलाज में किया जाता है। 

 

आयुर्वेद में कपूर के तेल का महत्व-

आयुर्वेदिक चिकित्सा में कपूर तेल का बहुत अधिक महत्व है। इसमें मुख्य रूप से टरपिनेन-4-ऑल, कैरियोफिलेन, सैफ्रोल, यूजेनॉल और कैम्फेन पाए जाते हैं। जो प्राकृतिक स्किनकेयर में अच्छे परिणामों की प्राप्ति के लिए उपयोग किए जाते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक में कपूर एसेंशियल ऑयल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। अरोमा थेरपी में कपूर तेल का प्रयोग निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से आराम दिलाता है। यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है और मेटाबोलिस्म तेज करता है। कपूर तेल (Camphor oil) की खुशबू नर्वसनेस, बेचैनी को दूर करके दिमाग को आराम पहुंचाती है। 

 

कपूर तेल में एंटीबैक्टीरिया और एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं। जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करते हैं। इस तेल से मालिश करने पर मसल्स में मोच, ऐंठन, जकड़न और खिंचाव से आराम मिलता है। कपूर तेल को कीड़े के काटे हुए पर लगाने से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त स्किन में खुजली होना, स्किन का लाल होना, स्किन पर रगड़ (Rashes) लगने पर कपूर तेल को किसी कैरियर ऑयल में मिलाकर प्रभावित हिस्सें पर लगाने से राहत मिलता है।

 

कपूर के तेल के फायदे; 

संक्रमण और एलर्जी  में लाभप्रद-

 

कपूर के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो संक्रमण, एलर्जी और सूजन को रोकने में सहायक होते हैं। यह तेल परजीवी संक्रमण जैसे टेपवर्म (tapeworm) और रिंगवर्म (Ringworm) से छुटकारा पाने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त इस तेल में मौजूद एंटीआक्सीडेंट त्वचा से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करता है। इस ऑयल को त्वचा पर लगाने से फाइन लाइन, मुहांसे, झुर्रियों और एजिंग आदि की समस्या दूर होती है।

 

बालों के लिए फायदेमंद-

 

बालों की कई तरह की समस्या में कपूर का तेल लाभदायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त यह तेल बालों का झड़ना और रुसी (डैंड्रफ) का इलाज़ करने में भी उपयोगी होता है।  

 

फ्री रेडिकल्स से बचाव-

 

कपूर का तेल शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है। शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स कई गंभीर बिमारियों का कारण बनता है। इस तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है और शरीर को उन गंभीर बिमारियों का शिकार होने से बचता है।

 

दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार-

 

कपूर के तेल में ज्यादातर कीटाणुनाशक गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह तेल स्थाई रूप से दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। क्योंकि यह त्वचा में जलन पैदा करने वाले जीवाणु को मारता है। जिससे त्वचा की जलन और दर्द कम होता है। इसके अतिरिक्त यह तेल त्वचा की सूजन को भी दूर करता है।

 

तंत्रिका विकार का इलाज करने में सहायक-

 

कपूर के तेल में शक्तिशाली एजेंट जैसे एनाल्जेसिक और अनसेस्थिस गुण मौजूद होते हैं। जो तंत्रिका विकारों के इलाज में सहायक होते हैं। कई शोधों में पता चला है कि चिंता, ऐंठन, घबराहट और मिर्गी के दौरे जैसे तंत्रिका विकारों के लक्षणों को कम करने में भी कपूर का तेल फायदेमंद साबित होता है।

 

श्वसन की समस्याओं में लाभप्रद-

 

श्वसन की समस्याओं जैसे बंद नाक, कफ को साफ करना, खांसी और सर्दी के इलाज के लिए कपूर का तेल एक अच्छा घरेलू नुस्खा है। इसका कारण यह है कि कपूर के तेल में एक मजबूत गंध होती है। जो भीड़भाड़ वाले श्वसन पथ को खोलती है। इससे सांस लेने में आराम मिलता है। फेफड़ों में जमे बलगम (कफ) को साफ करने में सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त स्वीट ऑयल और कपूर एसेंशियल ऑयल को बराबर मात्रा में मिलाकर छाती पर हल्के हाथ से मालिश करने से जल्द राहत मिलती है।

 

पाचन क्रिया को सुधार करने में-

 

कपूर का तेल एक प्रभावी उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देता है और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में सहायता करता है। यह तेल चयापचय को गति देता है और सिस्टम से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। कपूर के तेल में सक्रिय यौगिक गैस निर्माण और पेट फूलने का इलाज करने में मदद करते हैं।

 

कपूर तेल के नुकसान -

  • कपूर तेल को सीधे त्वचा पर लगाने से त्वचा में जलन हो सकती है। इसलिए इस एसेंशियल ऑयल को किसी अन्य स्वीट ऑयल में मिलाकर इस्तेमाल करें।
  • 2 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को कपूर का तेल न लगाएं। 
  • यह तेल संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में एलर्जी पैदा कर सकता है। इसलिए ऐसे लोग इसका प्रयोग न करें।
  • कपूर तेल का अधिक उपयोग करने से मतली, उल्टी, जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं को इस तेल का उपयोग चिकित्सक के परामर्शानुसार करना चाहिए।
 
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लौंग तेल के फायदे और उपयोग

Posted 20 December, 2021

लौंग तेल के फायदे और उपयोग

सभी घरों में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए लौंग का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग घरों में मसालें, अचार, काढ़ा इत्यादि के रूप में किया जाता हैं। आयुर्वेद में भी लौंग को एक औषधि के तौर पर देखा जाता है। लौंग के तेल से मौसमी बीमारियों से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त लौंग पाचन, पेट फूलना और अन्य पेट संबंधि समस्याओं को कम करने का काम करती है।

 

क्या है लौंग का तेल?

 

लौंग को अंग्रेजी में क्लोव (Clove) कहते है। लौंग का तेल लौंग की सूखी कलियों से निकाला जाता है। जिसका रंग गोल्डन ब्राउन (सुनहरा भूरा) होता है। इसके तेल में तेज गंध वाला उड़नशील पदार्थे होता है। जो सूक्ष्म जीवों को मारने की शक्ति रखता है। लौंग का तेल सल्फर डाई-ऑक्साइड और बेंज़ोइक अम्ल से अधिक सुरक्षित रहता है। इसलिए एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक दवाओं में लौंग का तेल उपयोग किया जाता है।

 

आयुर्वेद में लौंग का महत्व-

 

लौंग का पेड़ सदाबाहर होता है। इससे फूल और कली आपस में मिले होते हैं। इसी को लौंग कहते हैं। जिसका उपयोग आयुर्वेद में सालों से किया जा रहा है। लौंग के तेल में एंटीमाइक्रोबियल, एंटिफंगल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल जैसे गुण पाए जाते हैं। लौंग में कई ऐसे खनिज भी होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद उपयोगी होते हैं। लौंग तेल और साबुद लौंग दोनों को ही घरों में कई रूप जैसे चाय, मसाले, खाने आदि में उपयोग किया जाता है। लौंग के तेल में फेनिलप्रोपेनॉयड और यूजिनॉल नामक यौगिक भी मौजूद होता है। जिससे यह तेल दर्द निवारण के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।

 

लौंग जीवन शक्ति को बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है। यह बुखार, सरदर्द, टीबी जैसे रोगो में एंटीबायोटिक का काम करती है। लौंग रक्त को शुद्ध करने वाली और कीटाणुनाशक होती है। लौंग में मुंह, आंत और आमाशय के सूक्ष्म कीटाणुओं और सड़न को रोकने वाले गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से पाचनतंत्र मजबूत होता है। लौंग के तेल में कैल्शियम, आयरन, सोडियम, फास्फोरस, पोटैशियम, विटामिन-ए और विटामिन-सी पाया जाता है। जिस कारण यह तेल शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

लौंग का उपयोग-

 
  • लौंग का इस्तेमाल चाय बनाने के लिए किया जाता है। चाय में 1-2 लौंग का इस्तेमाल करने से मन को शांति और ताजगी मिलती है।
  • लौंग का उपयोग भोजन बनाने में किया जाता है।
  • लौंग का इस्तेमाल किसी बेक्ड फूड बनाने में किया जा सकता है।
  • केक बनाने में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है।
  • दूध में डार्क चॉकलेट और लौंग का पाउडर डालकर प्रयोग में लाया जाता है।
  • चटनी के रूप में भी लौंग का इस्तेमाल किया जाता है।

लौंग के तेल के फायदे;

 

दांतों के दर्द में सहायक-

 

दांतों से जुड़ी समस्याओं के इलाज में लौंग तेल का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है। लौंग के तेल में जीवाणुनाशक गुण होते हैं। जो दांतों के दर्द को दूर करने में कारगर होते हैं। इसके अतिरिक्त लौंग का तेल मसूढ़ों के दर्द और मुंह के अल्सर को दूर करने में मदद करते हैं। लौंग के तेल में यूजीनॉल पाया जाता है। जिसका प्रयोग चिकित्सक वर्षों से दांतों के इलाज में करते आ रहे हैं।

 

चेहरे के लिए फायदेमंद -

 

लौंग के तेल में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीसेप्टिक दोनों गुण एक साथ मौजूद होते हैं। जो मुंहासे, झुर्रियां, झाइयां और दाग-धब्बें  उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं को नष्ट करते हैं। साथ ही चेहरे को साफ-सुथरा और उज्ज्वल बनाते हैं।

 

बालों के पोषण में सहायक -

 

लौंग के तेल में हेयर फॉलिकल (hair follicle) को उत्तेजित करने वाले गुण होते हैं। यह सिर की त्वचा (scalp) में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाते हैं। साथ ही बालों के रोमों को जीवित रखते हैं। सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ने से हेयर फॉलिकल को पोषण मिलता है। जिसके कारण बाल मोटे, घने और लंबे होते हैं।

 

तनाव से दिलाए राहत -

 

स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिहाज से लौंग का तेल काफी कारगर साबित होता है। क्योंकि इसकी खुशबू से मस्तिष्क को राहत मिलती है। रिलैक्सिंग इफेक्ट्स के वजह से इसका प्रयोग स्ट्रेस रिलीवर के तौर पर कर सकते हैं।

 

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक -

 

लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं। साथ ही इसके एंटीवायरल गुणों के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिलती है।

 

मधुमेह को कम करने में सहायक  -

 

लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण और सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड होते हैं। जिसके कारण रक्त में मौजूद शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 

 

संक्रमण से बचाने में  -

 

लौंग के तेल में यूजेनॉल नामक केमिकल होता है। जो दर्द को कम करने और संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है।

 

रक्त को शुद्ध करने के लिए  -

 

लौंग का तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है। जिसके कारण लौंग का तेल रक्त में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर कर रक्त को साफ करता है। इससे पूरा शरीर की डिटॉक्सिफाइंग हो जाता है।

 

उल्टी और  मितली रोकने में मददगार  -

 

लौंग तेल यात्रा के दौरान उल्टी और मितली जैसी समस्या को कम करता है। इसकी खुशबू और इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेंटरी एवं एंटीवायरल गुण उल्टी को रोकने में सहायक होते हैं। इसके अलावा लौंग तेल का उपयोग गर्भवती महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस और असहजता को कम करने के लिए भी कर सकती है।

 

लौंग तेल के घरेलु उपचार -

 
  • लौंग तेल दांतों के दर्द को ठीक करने का काम करती है। इसके लिए रुई को लौंग तेल में भिगोकर दांतों पर लगाएं। ऐसा करने से दांतों का दर्द, दातों के कीड़े आदि इन्फेक्शन से आराम मिलता है।
  • लौंग के तेल को हल्का गुनगुना करके शरीर की मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है।
  • पेट के रोग जैसे-अपच, दर्द, गैस, दस्त, सूजन आदि रोगों में पेट के बाहर नाभि पर लौंग तेल लगाने से फायदा मिलता है।
  • लौंग तेल को किसी अन्य तेल में मिलाकर सिर की मालिश करने से तनाव, सिरदर्द और माइग्रेन जैसे रोग ठीक होते हैं।
  • लौंग और तिल के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर इसकी एक से दो बूंदें कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।
  • चेहरे पर मुहांसे एवं दाग धब्बों से निजात पाने के लिए लौंग तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह त्वचा के अंदर जाकर दाग-धब्बों, झाइयां को साफ करता है और त्वचा को बेदाग बनाता है।
  • किसी प्रकार का घाव या चोट पर लौंग का तेल लगाने से संक्रमण नहीं फैलता और बैक्टीरिया भी खत्म हो जाता है।

लौंग के तेल से नुकसान -

 
  • अधिक मात्रा में लौंग तेल के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
  • अनियंत्रित रूप से लौंग तेल का सेवन करने से खून का बहाव ज्यादा हो सकता है।
  • लौंग तेल का ज्यादा इस्तेमाल करने से आंतों में परेशानी हो सकती है।
  • लौंग का तेल बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है।
  • किसी व्यक्ति को इससे एलर्जी होता हो तो उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
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कलौंजी एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

Posted 24 May, 2022

कलौंजी एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

अपने स्वाद और सुगंध के कारण कलौंजी तेल विभिन्न व्यंजनों के रंगत को बढ़ाता है। कलौंजी के तेल का इस्तेमाल सरसों, सौंफ और जीरा जैसे अन्य सीजनिंग के साथ मिलाकर किया जाता है। भारत में इसका अधिकतर उपयोग अचार बनाने में किया जाता है।

 
 
क्या है कलौंजी एसेंशियल ऑयल?
 

कलौंजी रनुनकुलेसी प्रजाति का झाड़ीय पौधा है। इसका वानस्पतिक नाम निजेला सेटाइवा है। जो लैटिन शब्द नीजर (काला) से बना है। यह एक प्रकार का बीज होता है। जो काले रंग का होता है। इसका पेड़ लगभग 20 सेमी से 30 सेमी का होता है। कलौंजी एसेंशियल ऑयल कलौंजी के बीज को भाप आसवन (स्टीम डिस्टिलेशन) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है। काली कैरवे, काला जीरा, काले प्याज के बीज आदि कलौंजी के अन्य नाम हैं। 

 
आयुर्वेद में कलौंजी के एसेंशियल तेल का महत्व -
 

कलौंजी एसेंशियल ऑयल एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है और शरीर को रोगमुक्त बनाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक में कलौंजी एसेंशियल ऑयल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसमें शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल निकालने के गुण होते है। यह डायबिटीज को भी नियंत्रित रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से पेट के कीड़े, लीवर की समस्या, खून को साफ करना, त्वचा संबंधित समस्या कम होती हैं। कलौंजी एसेंशियल ऑयल में फैटी एसिड, विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। इसमें लगभग 26% कार्बोहाइड्रेट, 17% प्रोटीन, 57% वसा और तेल शामिल हैं।

 
कलौंजी एसेंशियल ऑयल के फायदे-
 
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में-
 

कलौंजी में अधिक मात्रा में ऑक्सीकरणरोधी (antioxidant) पाया जाता है। जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से बचाता हैं। जिससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ती। इसके अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों (free-radicals) से होने वाली क्षति से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही यह ब्लड ट्राइगलिसराइड को कम करके दिल संबंधित बीमारियों से भी बचाता है।

 
त्वचा के लिए फायदेमंद -
 

कलौंजी के तेल में रोगाणुरोधी और एंटी इंफ्लेमेंटरी प्रभाव होते हैं। जो त्वचा की स्थिति जैसे मुंहासे, एक्जिमा, सामान्य शुष्क त्वचा और सोरायसिस के इलाज में मदद करते हैं। यह तेल मुंहासे और मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरियाओं से लड़ता है और स्वाभाविक रूप से स्वच्छ, स्पष्ट, चिकनी और चमकदार त्वचा प्रदान करता है।

 
संधिशोथ (गठिया के) लक्षणों में सुधार-
 

कलौंजी तेल में विशेष रूप से एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर की सूजन को दूर करने में लाभप्रद साबित होते हैं। इसके अलावा कलौंजी तेल का सेवन करने से गठिया में होने वाले सूजन भी कम होती है।

 
कैंसर को रोकने में सहायक-
 

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के वजह से अनेक परेशानियां उत्पन्न होती हैं। जिनमें कैंसर भी शामिल है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स की समस्या को कम करते हैं। इसके अतिरिक्त कलौंजी में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं। जो शरीर में कैंसर को बढ़ने से रोकने में सहायता प्रदान करता है।

 
सिर दर्द के लिए फायदेमंद -
 

कलौंजी का तेल सिर दर्द के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक उपाय है। जो शरीर को बिना नुकसान पहुचाएं सिर दर्द में तुरंत राहत देता है। कलौंजी का तेल थाइमोक्विनोन से भरपूर होता है। जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य की रक्षा करता है।

 
अस्थमा के लक्षणों में कमी-
 

काले बीज के तेल में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाया जाता है। जो अस्थमा के लक्षणों में सुधार करता है। इस तेल का प्रभाव श्वासनली में सूजन और जलन (ब्रोंकाइटिस) के लक्षणों को कम करने में भी सहायता करता है।

 
पेट की समस्याओं को कम करता है-
 

एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी के कारण यह तेल कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पेट दर्द और ऐंठन से राहत दिलाने में भी मदद करता है। इसके अलावा कलौंजी का तेल पेट की सूजन, गैस और अल्सर से भी राहत दिलाने में कारगर है।

 
वजन घटाने में सहायक-
 

कलौंजी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। जो वजन को कम करने में सहायता करता है। कलौंजी का तेल मोटापा और टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को कम करने में भी मदद करता है।

 
कलौंजी एसेंशियल ऑयल के घरेलू उपचार -
 
  • प्रतिदिन काली चाय में आधा चम्मच कलौंजी तेल डालकर सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी तेल डालकर, दिन में दो बार लेने से रक्तचाप सामान्य रहता है।
  • कलौंजी के तेल का शहद और गर्म पानी के साथ सेवन करने से उल्टी की समस्या कम होती है।
  • मसूड़ों में सूजन होने पर कलौंजी के तेल का सेवन करना अच्छा रहता है। इससे दांत भी मज़बूत होते हैं।
  • 2 चम्मच नींबू के रस में कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह-शाम चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे खत्म होते हैं और चेहरा उज्ज्वल बनता है।
  • फ़टी एड़ियों पर कलौंजी एसेंशियल ऑयल लगाने से स्किन मुलायम होती है।
कब न करें कलौंजी एसेंशियल का सेवन?
 
  • कलौंजी में ब्लड प्रेशर को कम करने वाला गुण पाया जाता है। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पित्त दोष (गर्मी बर्दाश्त) से पीड़ित व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पेट में तेज जलन होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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सरसों एसेंशियल ऑयल की प्रक्रिया और फायदे

Posted 24 May, 2022

सरसों एसेंशियल ऑयल की प्रक्रिया और फायदे

सरसों का तेल सरसों के बीजों को पीसकर निकाला जाता है। किंतु सरसों के एसेंशियल ऑयल को भाप आसवन (Stem Distillation) की प्रक्रिया द्वारा उत्पादित किया जाता है। इसलिए सरसों एसेंशियल ऑयल और सरसों के तेल दोनों अपनी निष्कर्षण विधि (Extraction method) और रासायनिक संरचना के आधार पर एक दूसरे से अलग होते हैं। सरसों एसेंशियल ऑयल मालिश, त्वचा सीरम और विभिन्न प्रकार के उपचार में प्रयोग होता है।

 

सरसों एसेंशियल ऑयल की निष्कर्षण प्रक्रिया-

 

सरसों एसेंशियल ऑयल के लिए सरसों के बीजों को पीसकर, पानी के साथ उबाला जाता है। उबालते समय बनने वाली बीजों की वाष्प को एक कंटेनर में इकट्ठा करके उसे ठंडा कर लिया जाता है। जिसे सरसों एसेंशियल ऑयल कहते हैं। सरसों एसेंशियल ऑयल बनाने की इस निष्कर्षण प्रक्रिया को स्टीम डिस्टिलेशन कहते हैं।

 

सरसों एसेंशियल ऑयल के फायदे;

 
हृदय स्वास्थ्य में सरसों एसेंशियल ऑयल के लाभ-
 

सरसों एसेंशियल ऑयल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होते हैं। जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद करते हैं। कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करने से रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स और वसा की मात्रा कम होती है। इससे गुर्दे की बीमारी, मोटापा और हाइपरथायरायडिज्म को रोकने में सहायता मिलती है। साथ ही ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

 
त्वचा के लिए सरसों एसेंशियल ऑयल के लाभ-
 

फटे पैरों को राहत देने के लिए मोम के साथ सरसों एसेंशियल ऑयल को मिलाकर उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग होममेड फेस मास्क बनाने के लिए भी किया जाता है। कुछ खास स्थानों पर सरसों एसेंशियल ऑयल को मालिश तेल के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है। जिससे हड्डियों को मजबूती और त्वचा को सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा यह चेहरे पर पड़ने वाली रेखाओं और झुर्रियों को भी बढ़ने से रोकता है।

 
बालों के लिए सरसों एसेंशियल ऑयल के लाभ-
 

सरसों एसेंशियल ऑयल बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड जैसे फैटी एसिड होते हैं। जो बेजान और रूखे बालों को पुनर्जीवित कर फिर से स्वस्थ बनाते हैं। यह बालों को झड़ने से रोकता है। यह स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। सरसों एसेंशियल ऑयल में मौजूद फैटी एसिड बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाने का काम करता हैं।

 
भूख वर्धक है सरसों एसेंशियल ऑयल-
 

कम भूख लगने वाले लोगों के लिए सरसों एसेंशियल ऑयल एक उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह लोगों की भूख बढ़ाकर कमजोरी और वजन कम होने की समस्या को दूर करता है।

 
मसूड़ों से संबंधित समस्याओं का इलाज है सरसों एसेंशियल ऑयल-
 

सरसों एसेंशियल ऑयल मसूड़ों की विभिन्न समस्याओं जैसे पीरियडोंटल रोग और दांतों के गिरने पर होने वाले दर्द आदि को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए मसूड़ों पर सरसों एसेंशियल ऑयल को रगड़ना होता है। इससे मसूड़ों को मजबूती मिलती है।

 
सूजन और उसके दर्द में असरदार है सरसों एसेंशियल ऑयल-
 

सरसों एसेंशियल ऑयल ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत होता है। यह जोड़ों की सूजन को कम करता है। इसके अतिरिक्त संधिशोथ (गठिया) के दर्द में भी राहत प्रदान करता है।

 
बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण से बचाता है सरसों एसेंशियल ऑयल-
 

सरसों एसेंशियल ऑयल माइक्रोबियल और बैक्टीरियल संक्रमणों से बचने का एक प्रसिद्ध उपाय है। क्योंकि इस ऑयल में जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण होते हैं। जो न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक संक्रमणों के लिए भी लाभप्रद होते हैं। संक्रमण से बचने के लिए इस तेल को घावों पर भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा यह ऑयल मूत्र पथ, बृहदान्त्र, पाचन तंत्र और उत्सर्जन प्रणाली में होने वाले संक्रमणों से लड़ने में भी सक्षम होता है।

 

सरसों एसेंशियल ऑयल के दुष्प्रभाव-

 
  • सरसों एसेंशियल ऑयल में भारी मात्रा में एरिक एसिड होता है। इसलिए इसका अधिक सेवन दस्त, एनीमिया, कैंसर, हृदय और श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
  • सरसों एसेंशियल ऑयल एक उत्तेजक तत्व के रूप में कार्य करता है। इसलिए इसका अधिक इस्तेमाल संवेदनशील और न्यूरोक्सिटेशन जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
  • लंबे समय तक सरसों एसेंशियल ऑयल का सामयिक अनुप्रयोग करना त्वचा पर छाले जैसे विकारों को पैदा कर सकता है।

कहां पाई जाती है सरसों?

 

सरसों की खेती हिमालय की तलहटी में व्यापक रूप से की जाती है। वैश्विक स्तर पर यह मध्य पूर्व अफ्रीका और भूमध्य यूरोप में पाई जाती है। भारत में सरसों की खेती राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के क्षेत्रों में पर की जाती है। इसके अलावा यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के भी कुछ हिस्सों में उगाई जाती है। पीली सरसों को असम, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में रबी की फसल के रूप में उगाया जाता है।

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क्या होता है बाबची एसेंशियल ऑयल?

Posted 24 May, 2022

क्या होता है बाबची एसेंशियल ऑयल?

बाबची एसेंशियल ऑयल सोरायली सोरिलिफोलिया पौधे के बीज और पत्तियों से निकाला जाता है। बकुची (बाबची) का पौधा एक औषधीय जड़ी-बूटी है। जो आकार में छोटा होता है। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 3 से 4 फुट तक होती है। इस पौधे के बीज तिरछे, सपाट और भूरे रंग के होते हैं। जिनमें कड़वा स्‍वाद और अप्रिय गंध होती है। बाकुची या बकुची पूरे भारत में उगता है और इसे आमतौर पर बाबची के रूप में जाना जाता है।

 
आयुर्वेद में बाबची एसेंशियल तेल का महत्व-
 

आयुर्वेद के अनुसार बाबची एसेंशियल तेल कड़वा, प्रकृति में गर्म, वात-कफ नाशक, रुचिकारक, पित्तजनक, रक्त पित का नाश करने वाली, हृदय के लिए हितकारी होता है। यह ज्वर, क्रमी, कुष्ठ स्वास, बवासीर, खांसी, सूजन, पाण्डुरोग (पीलिया) और दांत के कीड़े में लाभप्रद साबित होता है। बाबची प्रकृति में एंटी-माइक्रोबियल है। इसके अतिरिक्त बाबची एसेंशियल ऑयल में कीमो-प्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्‍सीडेंट आदि तत्व मौजूद हैं। इस पौधे की सबसे प्रभावी विशेषता यह है कि इसके औषधीय गुणों के कारण इसका हर हिस्‍सा उपयोगी है। लेकिन अधिकांश विकारों को दूर करने के लिए इसके बीजों से बने तेलों का इस्तेमाल किया जाता है।

 

वैज्ञानिक मतानुसार बाबची के रासायनिक संगठन का विश्लेषण करने पर पता चला है कि बाबची फल में उड़नशील तेल, स्थिर तेल, रवेदार पदार्थ सोरलेन और आइसो सीरलेन पाए जाते हैं। बाबची एसेंशियल ऑयल सफेद दाग, खाज, दाद, मुंहासों और झाइयां जैसे चर्म रोगों में बहुत गुणकारी पाया गया है। उपरोक्त तत्वों के मौजूदगी से बाबची जीवाणुनाशक और कृमिनाशक भी होता है। 

 
बाबची  एसेंशियल तेल के फायदे;
 
त्वचा के लिए लाभप्रद -
 

बाबची  एसेंशियल तेल प्रकृति से एंटी माइक्रोबियल होता है। जो मुख्‍य रूप से त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह सोरायसिस, ल्‍यूकोडर्मा, त्‍वचा संक्रमण, त्वचा के चकते और एलर्जी आदि को रोकने में सहायता करता है।

 
श्वसन रोगों में फायदेमंद -
 

बाबची  एसेंशियल तेल के फायदे इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण होते हैं। जो संक्रमण के दौरान श्वसन तंत्र की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। यह सर्दी, अस्‍थमा, डिस्‍पेनिया, नेफ्रैटिस, ब्रोंकाइटिस और अन्‍य विभिन्‍न प्रकार की श्वसन संबंधी बिमारियों में भी लाभकारी होता है।

 
कैंसर में सहायक -
 

बाकुची के बीजों में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इस एसेंशियल ऑयल में बावाचिनिन, सोरेलन और सोरिलिफोलिनिन होते हैं। यह तत्व ओस्टियोसारकोमा और फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं।

 
बालों के पोषण में सहायक -
 

बाबची एसेंशियल ऑयल एक बेहतरीन हेयर टॉनिक है। इसलिए इसका इस्तेमाल बालों के झड़ने, अलोपेसिया अरीटा, स्पॉट बाल्डनेस (सर के कुछ हिस्सों में बालों का नहीं होना) जैसे समस्याओं के उपचार में किया जाता है। साथ ही इस तेल के प्रयोग से बालों के रंग और गुणवत्ता में भी सुधार होता है।

 
दांतों के लिए लाभदायक-
 

दांत खराब होने और दांतों से संबंधी अन्‍य प्रकार की समस्‍या का इलाज करने के लिए बाबची एक प्रभावी औषधी है। बकुची चूर्ण या बाबची एसेंशियल ऑयल का प्रयोग दांतों के दर्द, सड़न और पायरिया जैसी समस्‍याओं का उत्‍कृष्‍ट उपाय है। यह दांतों की सड़न को रोकने में मदद करता है ।क्योंकि बाबची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैविटी से लड़ने में सहायक होता है।

 
रक्त को साफ करने में मददगार -
 

बाबची एसेंशियल ऑयल में प्राकृतिक रक्‍त शोधक का गुण पाया जाता है। जो शरीर से अशुद्धियों (विषाक्त पदार्थों) को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा बाबची के इस्तेमाल से इम्यूनिटी भी बूस्ट की जा सकती है। 

 
बाबची तेल के घरेलू उपचार -
 
  • सफेद दाग को दूर करने के लिए बाबची का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। बाबची और काले तिल के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से सुबह नियमित रूप से लेने और बाबची का तेल सुबह-शाम लगाते रहने से सफ़ेद दाग जैसी समस्याओं में लाभ होता है।
  • प्रतिदिन बाबची के तेल को दांत पर लगाने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं।
  • बाबची का तेल सुबह-शाम नियमित रूप से इस्तेमाल करने से मुंहासे, दाद, खाज और खुजली ठीक करने में कारगर साबित होता है।
  • माथे की बिंदियों का सफेद दाग हटाने में बाबची का तेल उपयोगी है।
  • शरीर के किसी हिस्से पर बनी गांठ, जिससे त्वचा खराब दिखती है। ऐसे में बाबची के बीजों को पीसकर उस गांठ पर बांधने से गांठ बैठ जाती है। इसके अतिरिक्त बाबची एसेंशियल ऑयल को नियमित प्रभावित हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है। 
बकुची के इस्तेमाल के दौरान बरतें यह सावधानियां -
 
  • बाकुची को उच्च खुराक और लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हाइपरसिटी और गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
  • कुछ खाद्य उत्पादों जैसे दही, अचार, मछली इत्यादि से बचना चाहिए। क्योंकि सफेद दाग (vitiligo treatment) जैसी समस्याओं के इलाज में बकुची चूर्ण के साथ इन उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। सर्वोत्तम परिणाम पाने के लिए बकुची चूर्ण के सेवन के साथ बाबची एसेंशियल ऑयल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
  • पीलिया के दौरान बकुची का अत्यधिक सेवन करने से उल्टी की समस्या पैदा हो सकती है।
  • बकुची का उपयोग स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिकित्सकीय देख-रेख में करना चाहिए।
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