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सोयाबीन के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ और उपयोग

Posted 24 July, 2023

सोयाबीन के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ और उपयोग

सोयाबीन एक तरह की दाल है। जिसके बीजों का सेवन किया जाता है। इसके बीज देखने में क्रीम रंग के लगते हैं। इसका उपयोग खाने और तेल निकालने के लिए किया जाता है। सोयाबीन पेड़-पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होता है। जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करता है । इसके अलावा सोयाबीन में एंटीऑक्सीडेंट और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण चिकित्सक शाकाहारी लोगों को इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करने की सलाह देते है ।

 

सोयाबीन में मौजूद पौष्टिक तत्व-

सोयाबीन में उच्च स्तर का प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, मैंगनीज, फास्फोरस, तांबा, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जस्ता और कैल्शियम होता है। साथ ही इसमें विटामिन के, बी2, बी9, बी6, बी1 और विटामिन सी होते हैं। इसके अतिरिक्त सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं।

 

सोयाबीन के फायदे-

मधुमेह के लिए फायदेमंद-

सोयाबीन में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह की समस्या में हितकारी होते हैं। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, वसा और एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को रोकने वाला) गुण संयुक्त रूप से बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह शरीर में इंसुलिन रिसेप्टर्स को बढ़ाने में सक्षम हैं। जिससे मधुमेह का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद मिलती है।

 

रक्त परिसंचरण में सुधार करने में सहायक-

सोयाबीन में आयरन और कॉपर होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक हैं। इस प्रकार सोयाबीन रक्त परिसंचरण को प्रभावी ढंग से सुधारने में सहायता करता है।

 

पाचन के लिए फायदेमंद-

सोयाबीन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जो भोजन को पचाने में मदद करता है। यह पाचक रस (डाइजेस्टिव जूस) को उत्तेजित कर पाचन क्रिया में सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करता है। जिससे शरीर के पाचन तंत्र के कार्य में सुधार होता है।

 

हड्डियों के स्वास्थ्य में लाभदायक-

सोयाबीन में कैल्शियम और मैंगनीज की उच्च मात्रा के साथ-साथ मैग्नीशियम, सेलेनियम, तांबा और जस्ता की प्रभावशाली मात्रा होती है। यह सभी खनिज स्वस्थ हड्डियों के विकास के लिए बेहद जरुरी हैं।

 

गर्भावस्था में उपयोगी-

सोयाबीन में फोलिक एसिड होता है। फोलिक एसिड शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोषों की रोकथाम में मदद करता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम और मैग्नीशियम गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और भ्रूण की हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए सोयाबीन का सेवन बहुत लाभकारी होता है।

 

मस्तिष्क संबंधी विकारों में लाभप्रद-

मस्तिष्क से जुड़ी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और उसकी सक्रियता को बनाए रखने के लिए सोयाबीन का सेवन करना अच्छा होता है। सोयाबीन में फॉस्फोरस नामक जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह मस्तिष्क से जुड़ीं परेशानिया अनिद्रा, मिर्गी, याददाश्त कमजोर होना आदि में लाभप्रद होता है। इसके अलावा सोयाबीन में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में सहायक और मस्तिष्क की चोट को जल्दी ठीक करने में कारगर साबित होता है। साथ ही मैग्नीशियम नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। इसलिए सोयाबीन को स्वस्थ दिमाग के लिए अच्छा माना जाता है।

 

त्वचा और बालों के लिए-

त्वचा और बालों को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन सी जरुरी होता है। विटामिन सी से बाल मोटे, घने और स्वस्थ्य बनते हैं। साथ ही विटामिन सी त्वचा को चमक प्रदान करने का काम करता है। यह सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से भी बचाता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट का प्रयोग त्वचा संबंधित कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा सोयाबीन में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट त्वचा के साथ बालों की स्थिति को भी बेहतर बनाता है।

 

श्रवण हानि को रोकने में मददगार-

सोयाबीन प्रोटीन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है जो कोशिकाओं के विकास में सहायक होता है। साथ ही यह स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं और कान में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है।

 

वजन बढ़ाने में सहायक-

सोयाबीन में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व मांसपेशियों के निर्माण में सहायक होता है। इस प्रकार यह वजन बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा सोयाबीन में मौजूद प्रोटीन एवं फाइबर वसा के जमाव को रोककर चयापचय में सुधार करता है। जिससे यह भूख के अहसास को कम करके, अन हेल्दी फैट को कम करने में भी मदद करता है।

 

कैंसर से बचाव करने में सहायक-

सोयाबीन में एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति इसे एक आदर्श भोजन बनाती है जो कई प्रकार के कैंसर से बचाव या रोकथाम करने में मदद करते हैं। यह शरीर से मुक्त कणों को हटाता है। साथ ही उन कोशिकाओं को मारता है, जो कैंसर पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

 

सोयाबीन के उपयोग-

  • सोयाबीन के बीजों का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है।
  • इसके बीजों को अंकुरित करके सेवन किया जाता है।
  • सोयाबीन से बडी और सोयाबीन दूध से टोफू बनाकर सेवन कर सकते हैं।
  • सोयाबीन के बीज से तेल निकालकर सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • सोयाबीन से बने सूप और क्रीम का सेवन किया जाता है।

 

सोयाबीन के नुकसान-

  • सोयाबीन के उपयोग से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • चूंकि सोयाबीन में फाइटो एस्ट्रोजन पाया जाता है। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
  • सोयाबीन का अधिक मात्रा में सेवन यौन क्षमता (सेक्स पॉवर) को प्रभावित करता है।
  • इसका अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

सोयाबीन कहां पाए जाते हैं?

भारत में सोयाबीन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात में उगाए जाते हैं।

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पालक के अद्भुत फायदे और नुकसान

Posted 29 March, 2023

पालक के अद्भुत फायदे और नुकसान

हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की सलाह हर कोई देता है। क्योंकि हरी सब्जियां सभी प्रकार के पौष्टिक तत्वों से समृद्ध हैं। इन्हीं हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक को सबसे पहले याद किया जाता है। यह अपने अनूठे स्वाद के अलावा स्वास्थ्य लाभ के लिए जानी जाती है। आमतौर पर पालक का उपयोग पूरे इतिहास में विभिन्न संस्कृतियों द्वारा किया गया है। विशेष रूप से मध्य पूर्वी, भूमध्यसागरीय और दक्षिण पूर्व एशियाई व्यंजनों में इसका इस्तेमाल प्राथमिक भोजन के रूप में किया जाता है। पालक एक हरी पत्तेदार सब्ज़ी है, जो स्वस्थ त्वचा, बालों,आँखों और हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इसके पत्ते कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह शरीर को विटामिन ए, मैंगनीज, विटामिन के, मैग्नीशियम, फोलिक एसिड, विटामिन सी, विटामिन बी2, प्रोटीन और आयरन प्रदान करती है। पालक को अंग्रेजी में स्पिनेच कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘स्पिनासिया ओलेरेसिया’ है।

 

पालक के फायदे-

 

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक-

दरअसल, पालक में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करता है। इस प्रकार यह उच्च रक्त शर्करा वाले लोगों के लिए अनुशंसित होता है।

 

कैंसर से बचाने में कारगर-

पालक ज़ेक्सैन्थिन और कैरोटेनॉयड्स का एक उच्च स्रोत है। यह शरीर से मुक्त कणों को खत्म करता है। चूंकि यह फ्री रेडिकल्स शरीर को कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं। ऐसे में पालक का सेवन कैंसर कोशिकाओं से बचाव करने में कारगर साबित होता है।

 

वजन कम करने में कारगर-

यदि कोई व्यक्ति बढे हुए वजन से परेशान है तो उसे अपने आहार में पालक को जरूर शामिल करनी चाहिए। क्योंकि पालक के पत्ते वजन कम करने में मदद करते हैं। दरअसल वजन कम करने के लिए कैलोरी की कम मात्रा का सेवन करना बहुत जरुरी होता है। चूंकि पालक एक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है। इसलिए दिन में एक बार पालक का सेवन करना सेहत और वजन के लिए फायदेमंद होता है।

 

आंखों के लिए फायदेमंद-

पालक में विटामिन ए के साथ ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद हैं जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार अधः पतन और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को कम करते हैं। साथ ही यह अच्छी दृष्टि में योगदान प्रदान करता है।

 

उच्च रक्तचाप को कम करने में कारगर-

उच्च रक्तचाप शारीरिक संबंधी कई समस्याएं जैसे हृदय रोगों, गुर्दे की बीमारियों और स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में पालक का सेवन रक्तचाप के जोखिम को कम करता है। इसमें विटामिन सी होता है, जो उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। साथ ही पालक में मौजूद ल्यूटिन धमनियों की दीवारों को मोटा होने से रोकता है। इस प्रकार यह हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक होता है।

 

सूजन को कम करने में मददगार-

पालक में नेओक्सैन्थिन और वायलेक्सैन्थिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण सूजन को कम करता है। इसके एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण का उच्च स्रोत माइग्रेन, ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थमा, गठिया और सिरदर्द को रोकने में मदद करता है।

 

मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद-

मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए पालक एक अद्भुत भोजन है। क्योंकि यह लुटेन, फोलेट और बीटा कैरोटीन से युक्त हैं। ऐसा माना जाता है कि इन पोषक तत्वों की कमी के कारण डिमेंशिया यानी पागलपन की समस्या उत्पन्न होती है। साथ ही पालक में मौजूद पौष्टिक तत्व मस्तिष्क को शांत रखता है और चिंता तनाव से राहत प्रदान करता है। जिससे व्यक्ति आराम महसूस करता है। इसके अलावा पालक में पाए जाने वाला जिंक और मैग्नीशियम का उच्च स्रोत अच्छी नींद लेने में मदद करता है। इसलिए दिन में कम से कम एक बार पालक खाने से निश्चित रूप से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

 

प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने में सहायक-

पालक में पाए जाने वाला विटामिन ए मानव शरीर के अंगों जैसे श्वसन पथ, आंत्र पथ और श्लेष्मा झिल्ली को मजबूत करता है।

 

ह्रदय के लिए फायदेमंद-

पालक धमनियों में जमा अतिरिक्त चर्बी को हटाने में मदद करता है। साथ ही यह धमनियों को मोटा होने से रोकता है। इस प्रकार यह हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है।

 

एनीमिया से छुटकारा दिलाने में सहायक-

पालक में आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो एनीमिया के खतरे से बचाता है। आयरन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है क्योंकि यह मासिक धर्म को नियंत्रित करता है। इसके अलावा आयरन मानव शरीर में ऊर्जा को भी बढ़ाता है।

 

मुंहासों को रोकने और चमकती त्वचा प्रदान करने में लाभप्रद-

पालक में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। ऐसा कुछ दिनों तक करने से मुहांसे कम होते हैं। साथ चमकती त्वचा को बढ़ावा मिलती है। क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन के स्वस्थ त्वचा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

दुष्प्रभाव और सावधानियां-

 

एलर्जी-

जो लोग लेटेक्स या चिपचिपे पदार्थों के प्रति संवेदनशील होते हैं उन्हें पालक से एलर्जी हो सकती है।

 

गुर्दा रोग-

पालक गुर्दे में कठोर क्रिस्टल पैदा कर सकता है। यह क्रिस्टल अघुलनशील होते हैं और गुर्दे की बीमारी का कारण बनते हैं।

 

मधुमेह-

पालक रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। इसलिए चिकित्सक के मुताबिक, यदि मधुमेह की दवाओं के साथ इसका उपयोग किया जाए तो यह रक्त शर्करा के स्तर को बहुत कम कर सकता है।

 

शल्य चिकित्सा-

निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले पालक का सेवन बंद कर दें क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

 

बच्चे-

कभी-कभी पालक में मौजूद नाइट्रेट छोटे बच्चों में रक्त विकार (मेटेमोग्लोबिनेमिया) की समस्या उत्पन्न कर सकता है।

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आखिर क्यों गेहूं को अनाज का राजा कहा जाता है?

Posted 16 February, 2023

आखिर क्यों गेहूं को अनाज का राजा कहा जाता है?

गेहूं अन्य अनाजों की तुलना में विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में उगाई जाती हैं। गेहूं का आटा पूरे विश्व में खाया जाने वाला अनाज हैं। यह भारतीय रसोईघरों में रोटी बनाने और मुख्य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा गेहूं का उपयोग लगभग हर खाने की वस्तुओं जैसे पास्ता, सूजी, पेस्ट्री, मफिन, ब्रेड, बिस्किट्स और नूडल्स बनाने में किया जाता है। इस प्रकार गेहूं लगभग हर भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा है। शायद इसलिए इसे अनाज के राजा के रूप में जाना जाता है।

गेहूं कई पौष्टिक तत्वों से समृद्ध हैं, जो शरीर केस्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन बी, खनिज लवण, तांबा, कैल्शियम, आयोडाइड, मैग्नीशियम, जस्ता, पोटैशियम, मैंगनीज, सल्फर, सिलिकॉन, क्लोरीन और आर्सेनिक पाए जाते हैं। यह सभी तत्व किसी भी आहार के लिए एक महत्वपूर्ण आधार होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रिटिकम एस्टिवम वल्गारे (Triticum aestivum vulgare) है।

 

आयुर्वेद में गेहूं का महत्व

आयुर्वेद में गेहूं का उपयोग एक महत्वपूर्ण भोजन के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके पौष्टिक गुणों के कारण इसे असंतुलित वात और पित्त वाले लोगों को सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह चावल की अपेक्षा अधिक प्रोटीन प्रदान करता है और ठंडी जलवायु या मौसम के लिए बेहतर अनुकूल होते हैं। हालांकि जिन लोगों में कफ की अधिकता होती है। खासतौर पर उन्हें गेहूं के सेवन से बचना चाहिए, जो मोटापे और धीमी पाचन का कारण बन सकता हैं।

 

गेहूं के फायदे

  • चयापचय में सुधार के लिएगेहूं का अधिक सेवन रक्तप्रवाह में ट्राइग्लिसराइड्स, या वसा को कम करता है। इसके अलावा, गेहूं इंसुलिन संवेदनशीलता और वसा चयापचय के लिए लाभप्रद होता है।
  • समोटापा नियंत्रित करने में सहायकचूंकि गेहूं में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए वजन कम करने के लिए अंकुरित गेहूं का उपयोग करना एक अच्छा उपाय है।
  • पमधुमेह के लिए फायदेमंदपगेहूं के सेवन से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है। इसके अलावा साबुत गेहूं में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो भोजन के बाद या पोस्ट्प्रैन्डीअल (postprandial) ब्लड ग्लूकोज़ की प्रतिक्रिया को कम करने में कारगर साबित होती है। इस प्रकार यह स्वस्थ्य रक्त शर्करा नियंत्रण को बढ़ावा देता है। इसलिए मधुमेह में गेहूं उपयोगी है।
  • पहृदय स्वास्थ्य के लिएगेहूं और उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिससे बार-बार होने वाले दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है। इस प्रकार गेहूं हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।
  • ब्रेस्ट कैंसर से बचाता हैउच्च फाइबर युक्त आहार महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जाना जाता है। दरअसल साबुत अनाज बड़ी मात्रा में फाइबर प्रदान करते हैं। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए रोजाना 30 ग्राम गेहूं का सेवन करना बेहद लाभकारी होता है।
  • पाचन क्रिया में लाभदायकसाबुत अनाज अर्थात गेहूं मल को नरम करने और सुचारु रूप से पास करने में मदद करता है। यह आंत नियमितता में सुधार करता है और कब्ज को कम करता है। इस प्रकार यह बेहतर पाचन के लिए उपयोगी होता है।
  • पित्त पथरी को कम करता हैअधिक पित्त, अम्ल पित्त और पथरी का मुख्य कारण है। चूंकि गेहूं में पित्त संतुलन गुण पाया जाता है। इसलिए गेहूं का सेवन पित्त पथरी के गठन को कम करने में मदद करता है।
  • सूजन को कम करने में कारगरगेहूं में बायोएक्टिव यौगिक मौजूद हैं। दरअसल यह यौगिक पुरानी सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा गेहूं बीटानिन से भरपूर है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने का काम करता है।

गेहूं के उपयोग

  • गेहूं का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को बनाने में किया जाता है। जिसका दैनिक जीवन में साबुत अनाज, आटे और ब्रेड के रूप में सेवन किया जाता है।
  • इसका उपयोग स्वादिष्ट सैंडविच बनाने के लिए कर सकते हैं।
  • इसे अपने नाश्ते में स्प्राउट,ओट्स या कॉर्न फ्लेक्स के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

गेहूं के दुष्प्रभाव

जिन लोगों को एलर्जी की समस्या होती है। उन्हें गेहूं के उपयोग से बचना चाहिए। क्योंकि इससे प्रतिक्रिया खराब हो सकती है। इससे एक्जिमा, दानें और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।

 

इसकी खेती कहां की जाती है?

गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और रूस हैं। कजाकिस्तान और कनाडा भी सूची में आते हैं। आमतौर पर भारत में, यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रमुख रूप से उत्पादित होता है।

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आलू के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

Posted 04 February, 2023

आलू के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

आलू एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसका उपयोग शाकाहारी एवं मांसाहारी कई तरह के स्वादिष्ट भोजन बनाने में किया जाता है। आमतौर पर आलू सब्जी का सबसे आम प्रकार होता है। यह खाने में स्वादिष्ट के अलावा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जिसके कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह स्टार्च से समृद्ध होता है। इसके अलावा आलू में कई अन्य पोषक तत्व जैसे विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं। शायद इन्हीं गुणों के कारण , पूरे विश्व में एक प्रमुख आहार के रूप में इसका उपयोग किया जाता है।

 

आलू क्या है?

आलू शब्द स्पेनिश शब्द 'पटाटा' से लिया गया है। जिसका वानस्पतिक नाम सोलनम ट्यूबरोसम है। यह एक तरह का भूमिगत पौधा होता है जो प्रायः जमीन के अंदर उगाए जाते हैं। इसकी पत्तियां और शाखाएं जमीन के ऊपर होतीं हैं। आमतौर पर भारत के अधिकांश हिस्सों में यह "आलू" के नाम से ही प्रसिद्ध है। लेकिन कुछ जगहों जैसे तमिलनाडु में, इसे "उरुलाई किज़ंगु" गुजरात में “बटाटा” आदि के नाम से जाना जाता है।

 

आलू के औषधीय महत्व-

आलू कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं जिसमें शामिल निम्नलिखित हैं-

  • आलू में उच्च मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और कॉपर होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
  • आलू में एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद हैं जो कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इस प्रकार, यह कैंसर को रोकने में सहायक होता है।
  • आलू में थायमिन पाया जाता है, जो मानव शरीर के हृदय-संवहनी चयापचय, तंत्रिका संबंधी और हृदय कार्यों के लिए अच्छा होता है।
  • आलू में मौजूद विटामिन बी5 शरीर की थकान को कम करने में मदद करता है।
  • पोटेशियम की उपस्थिति के कारण, आलू मानव कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थ और खनिजों (सोडियम) के संतुलन को विनियमित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को रोकने में भी मदद करता है।
  • आलू फाइबर का समृद्ध स्त्रोत है, जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह आंतों को विनियमित करके कब्ज को रोकता है।
  • आलू में कई तरह के फाइटोन्यूट्रिएंट जैसे फेनोलिक, फ्लेवोनोइड्स और कैरोटेनॉयड्स होते हैं। यह सभी तत्व एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों को प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार यह पाचन स्वास्थ्य, हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और यकृत विषाक्तता को कम करने में मदद करते हैं।

आलू के फायदे-

त्वचा के लिए लाभकारी-

आलू में पोटेशियम, जिंक, विटामिन सी और विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है। इसलिए आलू व्यक्ति को मुंहासों, फुंसियों और त्वचा की अन्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर-

आलू में मौजूद विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसके अलावा उबले हुए आलू का सेवन करने से इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है।

पाचन तंत्र को सुधारने में लाभदायक-

आलू का सेवन पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है। दरअसल इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाने का काम करता है।

सूजन को कम करने में सहायक-

आलू अपने उपचारक उपचार गुणों के कारण सूजन को नियंत्रित करने और रोकने में मदद करता है।

मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए-

आलू में पोटैशियम और विटामिन बी6 की मौजूदगी के कारण यह दिमाग और नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह व्यक्ति को तनाव और चिंता से मुक्त करने में भी सहायक है।

हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक-

आलू में मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और फॉस्फोरस जैसे खनिज पाए जाते हैं। यह सभी खनिज हड्डियों की संरचना को बनाए रखने और हड्डियों की मजबूती के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आलू का उपयोग-

  • आलू का उपयोग सब्जी और अन्य तरह के पकवान बनाने में किया जाता है।
  • आलू को उबालकर सेवन किया जाता है।
  • त्वचा की जलन को शांत करने के लिए कच्चे आलू के पेस्ट को प्रभावित अंग पर लगाया जाता है।
  • कच्चे आलू के टुकड़ो को आंखों पर लगाने से आंखों के आसपास की सूजन कम होती हैं।
  • आलू के रस को एलोवेरा पेस्ट और शहद के साथ मिलाकर बालों पर लगाया जाता है।
  • हाथों की गंदगी को साफ करने के लिए कच्चे आलू के टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है। इससे दाग वाली त्वचा को रगड़ें। ऐसा करने से गंदगी हट जाती है।
  • कच्चे आलू को पानी के साथ मैश करके पेस्ट बना लें और फिर इसे अपने चेहरे पर लगाएं। फिर थोड़ी देर छोड़कर उसे साफ पानी से धो लें। ऐसा करने से त्वचा ग्लोइंग होती हैं।

आलू का नुकसान-

  • आलू के अधिक सेवन से वजन बढ़ता है। क्योंकि आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हैं। साथ ही अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट कैलोरी की मात्रा बढ़ा सकते हैं। जिससे मोटापा हो सकता है।
  • यदि कोई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो उसे अधिक आलू का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति की समस्या और बढ़ सकती है।
  • नीले आलू का सेवन शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है। इससे शरीर में एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • गठिया के मरीजों के लिए अधिक आलू का सेवन हानिकारक होता है।

आलू कहां पाया जाता है?

आलू का उत्पादन मुख्य रूप से चीन और भारत में होता है। चीन आलू का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में आलू मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और गुजरात में पाए जाते हैं।

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मूली के फायदे, उपयोग और नुकसान

Posted 03 February, 2023

मूली के फायदे, उपयोग और नुकसान

मूली को अंग्रेजी में रैडिश (Radish) कहा जाता है। यह एक जड़ वाली सब्जी है, जो जमीन के अंदर उगाई जाती है। यह ब्रैसिसेकी परिवार से संबंधित है। ज्यादातर लोग इसे सलाद के रूप में उपयोग करते हैं। यह स्वाद में थोड़ी तीखी या मीठी होती है। हालांकि यह मूली के प्रकारों पर निर्भर करता है। आमतौर पर मूली की कई अलग-अलग किस्में होती हैं जिसे रंग, आकार और वजन के आधार पर विभाजित किया गया है। यह मुख्य रूप से सफेद, लाल, काले या बैंगनी रंग के बेलनाकार या गोल होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम रैफनस सैटिवस (Raphanus sativus) है। आयुर्वेद में इसके बीज से बने तेल का उपयोग कई उत्पादों और स्वास्थ्य प्रयोग के लिए किया जाता है।

 

मूली के पौष्टिक तत्व-

मूली पोषक तत्वों और विटामिन का एक समृद्ध स्रोत है और आहार में शामिल करने पर कई लाभ प्रदान करती है। मूली में कैलोरी बहुत कम होती है। साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं के बराबर होता है। इसमें बड़ी मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।

मूली विटामिन सी में उच्च है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिजों के साथ-साथ फोलेट प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह सभी तत्व शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचाते हैं।

 

मूली के फायदे-

प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में कारगर-

मूली शरीर की इम्यूनिटी में सुधार करती है। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। इसलिए अपने आहार में मूली को शामिल करना एक बेहतर विकल्प है। विटामिन सी शरीर के चयापचय को विनियमित करने में मदद करता है और कोलेजन गठन को बढ़ाता है। दरअसल कोलेजन रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूत करने में सहायक है और विभिन्न हृदय रोगों को रोकता है।

रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में सहायक-

मूली में पोटेशियम होता है। यह एक वासोडिलेटर की तरह कार्य करता है। यह रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में सहायता करता है। इस प्रकार यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करके रक्तचाप को कम करने में मददगार है।

मधुमेह के लिए लाभप्रद-

मूली रक्त में शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करती है। साथ ही इसे खाने से रक्त शर्करा के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। जिससे मधुमेह में इसका सेवन करना सुरक्षित है।

वजन कम करने में मददगार-

यदि कोई व्यक्ति अधिक वजन से परेशान है तो उसे अपने आहार में मूली को शामिल करना बेहद फायदेमंद हैं। क्योंकि इसमें पचने योग्य कार्बोहाइड्रेट, कम फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है। दरअसल मूली में फाइबर की मात्रा उच्च होती है, जो मल को ढीला करके आसानी से निष्कासित करने में सहायक है। एक शोध के मुताबिक, उच्च फाइबर युक्त आहार वजन को नियंत्रित करने और मोटापे से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायक होते हैं।

पीलिया के इलाज में सहायक-

पीलिया के इलाज में मूली का सेवन बहुत उपयोगी है क्योंकि यह शरीर से बिलीरुबिन को हटाने में मदद करती है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी और आयरन इसके उत्पादन को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा मूली शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट होने से रोकती है। इसलिए नियमित रूप से रोजाना सुबह मूली का सेवन करने से पीलिया रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

कैंसर को रोकने में सहायक-

मूली को अपने आहार में शामिल करने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। जिसमें मुख्य रूप से कोलन, पेट, मुंह और किडनी के कैंसर शामिल हैं। इसमें उपस्थिति फोलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोसायनिन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते हैं। इसके अतिरिक्त मूली में आइसोथियोसाइनेट्स होते हैं, जो कैंसर के जोखिम में सहायक होते हैं।

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद-

मूली में मौजूद विटामिन सी शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। साथ ही यह कोलेजन के निर्माण को प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा मूली में विटामिन-के पाया जाता है जो कार्टिलेज (मुलायम टिश्यू जो टखनों, कोहनी व घुटनों) मेटाबॉलिज्म के लिए लाभदायक होता है। यह कोशिकाओं के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए मूली का सेवन गठिया जैसी बीमारियों में लाभप्रद होती है।

त्वचा के लिए लाभप्रद-

मूली त्वचा के लिए लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, जिंक और फास्फोरस होता है। साथ ही मूली में पानी की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त मूली में मौजूद रोगाणुरोधी गुण रूखी त्वचा, रैशेज और दरारों जैसे त्वचा रोगों से बचाते हैं।

कील-मुहांसों को दूर करे में कारगर-

मूली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, जिंक और फॉस्फोरस होता है जो कील-मुहांसों को दूर करने में मददगार होता है। इसके लिए मूली के रस को चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। ऐसा हफ्ते में कम दो बार करें। इससे चेहरे से कील-मुहांसे दूर हो जाते हैं।

 

मूली के नुकसान-

मूली एक उपयोगी सब्जी है जो विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करती है। लेकिन इसका अधिक सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। चूंकि मूली विटामिन सी से भरपूर होती है और शरीर में विटामिन सी की अधिकता से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  • पेट दर्द या सीने में जलन होना।
  • दस्त आना।
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मटर के अनसुने और अनदेखे फायदे एवं उपयोग

Posted 29 November, 2022

मटर के अनसुने और अनदेखे फायदे एवं उपयोग

सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में कई तरह की सब्जियां देखने को मिलती हैं। मटर भी ठंड के समय मिलने वाली लोकप्रिय सब्जियों में से एक हैं। इसका उपयोग कई प्रकार के स्वादिष्ट एवं लजीज व्यंजन बनाने में किया जाता है। चाहे मटर पनीर हो या वेज बिरयानी, पुलाव या पराठा। इन सभी पकवान का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी सी मटर ही काफी है । लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि मटर का इस्तेमाल सिर्फ खाने तक सीमित है। क्योंकि मटर कई तरह की शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है। इसमें कई ऐसे औषधीय गुण मौजूद है जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आयुर्वेद में भी इसके पौष्टिक गुण हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं।

मटर क्या है?

मटर दाल की श्रेणी में आता है और विश्व भर में इसका सेवन किया जाता है। इसलिए जायकेदार एवं स्वादिष्ट व्यंजनों में मटर का अहम स्थान है। इसके पत्ते बड़े आकार के होते हैं। मटर की फली आकार में लगभग 2-4 इंच लंबी होती है जिसमें कई सारे बीज लगे होते हैं। इसके अंदर के दानों का उपयोग खाने के रूप में किया जाता है।

मटर के पौष्टिक तत्व-

मटर में तमाम एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। साथ ही हरी मटर में प्रोटीन, सोडियम, विटामिन सी, आयरन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और कैल्शियम होता है। इसके अलावा मटर में पाए जाने वाले कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट जैसे कैटेचिन और एपिकेचिन, फेनोलिक एसिड और सैपोनिन जैसे फ्लेवनॉल्स पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। इन्हीं गुणों के कारण हरी मटर को सुपर फ़ूड कहा जाता है।

मटर के फायदे

वजन कम करने के लिए-

फाइबर युक्त आहार को भोजन का अपचनीय हिस्सा माना जाता है। क्योंकि इसे पचने में अधिक समय लगता है। दरअसल मटर में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसलिए इसके उपयोग से पेट लंबे समय तक भरा-भरा सा लगता है और व्यक्ति को भूख का अहसास भी नहीं होता है। यहीं कारण है कि मटर वजन घटाने में मदद करता है। इसके अलावा, उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ वसा के जमाव को रोककर चयापचय में सुधार करता है।

मधु शर्करा को नियंत्रित रखने में सहायक-

मटर में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह की समस्या में फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को रोकने वाला) गुण संयुक्त रूप से बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए मटर बहुत ही लाभकारी भोजन माना जाता है।

प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में कारगर-

मटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त हरा मटर आयरन, जिंक, कॉपर और मैंगनीज से समृद्ध हैं। यह सभी तत्व शरीर को तमाम रोगों से बचाने में सहायता करते हैं।

आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद

मटर विटामिन ए से भरपूर हैं, जो बेहतर दृष्टि के लिए एक प्रमुख तत्व माना जाता है। यह विटामिन आंख की सतह को हानिकारक मुक्त कणों से बचाने और म्यूकोसल स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

रक्तचाप को करे नियंत्रित-

रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में हरा मटर को शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है। क्योंकि यह फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह सभी तत्व रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत को चौड़ा करने में मदद करते हैं। साथ ही इसे संकुचित होने से बचाते हैं। जिससे रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है।

हड्डियों की मजबूती के लिए

हड्डियों के निर्माण के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। साथ ही विटामिन K हड्डियों संरचना को बनाए रखने का काम करता है। यह सभी विटामिन मटर में प्रचुर मात्रा में होती है। इसमें मौजूद विटामिन K शरीर की हड्डियों के संरचनात्मक घनत्व को बढ़ाने के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। यह हड्डियों में कैल्शियम की मरम्मत में मदद करता है। जिससे शरीर से कैल्शियम का निष्कासन कम हो जाता है।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद-

हरा मटर फाइबर से समृद्ध है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। यह डाइजेस्टिव जूस को उत्तेजित कर पाचन क्रिया में सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे शरीर के पाचन तंत्र के कार्य में सुधार होता है।

बालों के विकास के लिए-

हरा मटर का सेवन बालों के विकास के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन और जिंक पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी तत्व बालों को मजबूत बनाने और उनके विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

ब्रोंकाइटिस के इलाज में सहायक-

मटर एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं जो ब्रोंकाइटिस के इलाज में उपयोगी होते हैं।

मटर के हानिकारक प्रभाव

मटर के अधिक सेवन से शरीर पर कुछ हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। जिसमें शामिल निम्नलिखित हैं:

  • मटर विटामिन K का अच्छा स्त्रोत है। चूंकि विटामिन K स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। लेकिन शरीर में विटामिन K के उच्च स्तर से रक्त का पतलापन और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है। जिससे धीमी गति से घाव भरने और अत्यधिक रक्त स्राव का कारण बन सकता है।
  • मटर में उच्च फाइबर होता है जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अधिक फाइबर युक्त भोजन करने से वजन बढ़ जाता है।
  • कच्चे हरे मटर में लेक्टिन नामक पदार्थ होता है, जो गैस और सूजन का कारण बनता है।

यह कहां पाया जाता है?

हरा मटर नम और ठंडी जलवायु में सबसे अच्छी तरह से फलती-फूलती है। भारत में यह महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और बिहार में पाया जाता है।

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10 Interesting Health Benefits and Side Effects of Turnip

Posted 14 September, 2022

10 Interesting Health Benefits and Side Effects of Turnip

Turnip is an apple-sized round root-vegetable belonging to the Brassicaceae family. When the plant is exposed to sunlight, a light purple hue appears at the top. The inner flesh of the turnip is white with a purple, reddish or pinkish tinge and the vegetable is usually conical in shape. The sprouts and leaves of this vegetable are edible and are widely used in European, Asian, and Eastern American cuisine.

Turnip is a cool weather vegetable that can be grown both in autumn and in spring. Cool climate is essential for its proper growth i.e. temperature range of 10-16 degrees centigrade is required.

Nutritional Values of Turnip

Turnip contains a number of essential nutrients that help our body function properly and even protect us from the harmful effects of various microbes. These are low-calorie vegetables which contain a significant amount of minerals.

It is packed with essential vitamins and minerals like vitamin C, vitamin E, vitamin K, iron, folic acid and fiber which perform various functions in the body and support overall health.

Health Benefits of Turnip

  • Good for heart health-Turnip contains potassium, which is a vasodilator. Potassium helps reduce strains on blood vessels and arteries by lowering blood pressure. It helps to prevent problems like atherosclerosis and also reduces the risk of heart attacks and strokes. This vegetable also contains dietary fiber, which removes excess cholesterol from the heart and keeps your heart in good shape.
  • Improves memoryTurnip contains choline which plays a vital role in performing various functions in the body as it is an essential component of neurotransmitters and a primary component of the cell membrane that forms the major part of memory.
  • Prevents body odour and aids in weight lossDrinking turnip juice helps prevent body odour. Turnips are high in fiber, which helps regulate bowel movement and makes it easier for our body to absorb nutrients. It protects us from overeating, thus helps in weight loss.
  • Fights cancerTurnip contains a number of antioxidants such as vitamin C, vitamin E, manganese and beta-carotene, all of which helps prevent the harmful effects of free radicals in our body. As a cruciferous vegetable, turnip contains a compound called sulforaphane, which has anti-cancer properties. Including turnips in your diet can help prevent cancer.
  • Good for digestive problems-Turnip contains dietary fiber which increases the volume of stool and facilitates its easy movement through our digestive system. In this way, the stools are easily expelled and various digestive problems such as constipation, diarrhea, flatulence and cramps are eliminated.
  • Strengthens body immunityसTurnip has vitamin C and ascorbic acid, which are powerful antioxidants that protect the body from the harmful effects of foreign microbes. Vitamin C stimulates the formation of white blood cells, which helps in boosting immunity.
  • Good for bones-The presence of calcium and potassium in turnip keeps your bones healthy. Turnips are rich in calcium, which helps in the formation of connective tissue in the body. Therefore, including turnip in your diet helps reduce joint damage and even prevents osteoporosis and rheumatoid arthritis.
  • Improves metabolism-Turnip contains vitamin B complex which helps to regulate the hormonal and enzymatic processes in our body and ensures our body to function properly.
  • Good for eyesTurnip helps to keep your eyes healthy due to the presence of lutein. The carotenoid helps to prevent eye diseases such as macular degeneration and cataracts.
  • Treats lung diseasesTurnips help overcome vitamin A deficiency in smokers caused by carcinogens of cigarettes. Thus, it helps prevent serious conditions like pneumonia, emphysema, and other lung problems.

Side Effects of Turnip

  • If you are suffering from thyroid disease, you should avoid turnip, as this vegetable contains certain compounds that can affect the thyroid gland and interfere with hormone functioning.
  • If you are taking nitrate drugs, it is advisable not to eat this vegetable because of its high nitrate content.

Where is it found?

Turnips are commonly grown in temperate regions all over the world. In India, Bihar, Haryana, Punjab, Himachal Pradesh and Tamil Nadu are main turnip growing states.

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Are Tomatoes Good for You? Its Benefits and Side Effects

Posted 14 September, 2022

Are Tomatoes Good for You? Its Benefits and Side Effects

Tomatoes have vital nutrients which are beneficial for the body, but excessive consumption of this vegetable can have some adverse effects on our body. Let’s understand the importance of tomatoes in our life through this blog.

Tomato is one of the most versatile fruits used as a vegetable all over the world, belonging to the nightshade family of Solanaceae. Some people prefer it raw, while others like to cook it with vegetables and spices. It grows in clusters of small to medium, round, and red fruits. The flesh of this vegetable is soft and pinkish red and has a slightly sweet taste. Tomatoes are known as “Tomate” in French, “Tamatar” in Hindi and “Pomodoro” in Italian. Its scientific name is Solanum lycopersicum.

Nutritional Values of Tomato

Tomatoes contain 95% of water content and the remaining 5% is carbohydrates and fiber. It has a good amount of vitamin A, vitamin C, and vitamin K, while other vitamins such as vitamin B6, folate and thiamine are also present. Minerals such as potassium, manganese, magnesium, copper and phosphorus are found in tomatoes. This vegetable also contains fiber and protein as well as a number of other organic compounds such as lycopene which is very beneficial for our health.

Health Benefits of Tomato

  • Good for skin-Lack of vitamin C can be bad for your skin, making it vulnerable to sun damage, pollution, and smoke. Vitamin C prevents skin disorder from developing as it facilitates the production of collagen, which is an essential component of skin, nails, hair and connective tissue.
  • Helps in Type1 diabetesPeople with type 1 diabetes have lower blood sugar levels when they eat high-fiber foods such as tomatoes.
  • Reduces high blood pressureTomatoes contain potassium, a vasodilator that lowers pressure in blood vessels and arteries. It helps in increasing blood flow and reduces stress on your heart. Thereby eliminating the risk of high blood pressure.
  • Prevents urinary tract infectionTomatoes have diuretic properties which facilitate the formation of urine in our body. It helps remove toxins, as well as excess water, salt, and uric acid. This reduces the occurrence of diseases such as urinary tract infection and bladder cancer.
  • Prevent gallstonesIncluding tomatoes in your diet helps prevent gallstones. This is due to the presence of a number of essential vitamins and minerals in this vegetable.
  • Improves digestive healthTomatoes contain a healthy amount of fiber, which adds bulk to stool, allowing it to move more smoothly through the digestive tract. This prevents constipation and other complications. The fiber content aids in the secretion of gastric and digestive juices which helps stimulate peristaltic motion in the smooth digestive muscles.
  • Improves visionVitamin A is a powerful antioxidant that fights harmful free radicals that can damage our eyes. Vitamin A in tomatoes protects against macular degeneration and night blindness, and improves our vision.
  • Good for heart-Consuming tomatoes is good for the heart due to the presence of fiber, choline, potassium and vitamin C. Maintaining a high potassium to sodium ratio is helpful in preventing cardiovascular disease. Regular consumption of tomatoes helps reduce triglycerides and low-density lipoprotein (LDL) cholesterol in the blood.
  • Eliminates the bad effects of smoking-Smoking can cause lung cancer. Including tomatoes in your diet will help prevent this dangerous disease due to the abundance of vitamin A. Nitrosamines are the main carcinogens in cigarettes. The coumaric acid and chlorogenic acid found in tomatoes help eliminate the harmful effects of these carcinogens.

Uses of Tomato

  • Applying tomato juice to the skin helps remove oil and keeps it fresh for longer.
  • Applying tomato juice to the scalp and hair helps to get rid of itchy scalp and dandruff.
  • This vegetable is widely used in the preparation of salads and sauces.
  • Fruit, leaf and vine of tomatoes are used to make medicine.

Side Effects of Tomato

  • Tomatoes are naturally acidic. So, after eating too many tomatoes, you may experience acid reflux or heartburn.
  • Excessive consumption of tomatoes can cause swelling and joint pain because they contain an alkaloid called solanine.
  • A compound called histamine in tomatoes can cause skin rashes or allergic reactions. So, if you are allergic to tomatoes, you may experience swelling of the mouth, tongue and face, sneezing and sore throat.
  • Tomatoes contain lycopene. Lycopene is good for your body, but if more than 75 mg is taken per day, a person can suffer from lycopenodermia. Lycopenodermia is a skin disease that occurs when excess lycopene causes skin discoloration.

Where is it found?

Tamil Nadu, Maharashtra, Andhra Pradesh, Karnataka, Madhya Pradesh, Odisha, West Bengal, Bihar, Gujarat, Telangana, Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Himachal Pradesh and Haryana are major tomato producing states in India.

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उड़द दाल के पोषक तत्व और अद्भुत फायदे

Posted 30 August, 2022

उड़द दाल के पोषक तत्व और अद्भुत फायदे

सेहत के दृष्टिकोण से दाल का सेवन बहुत जरुरी होता है। इन्हीं दालों की श्रेणी में से एक उड़द भी हैं। जिसका सेवन भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी किया जाता है। उड़द दाल को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे काली दाल, मटपे बीन्स और मुंगो बीन्स के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा उड़द को अंग्रेजी में ब्लैक ग्राम (Black Gram) कहते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम विग्ना मूंगो (Vigna Mungo) होता है।

उड़द की दाल का उपयोग सिर्फ खाने भर तक सीमित नहीं है। क्योंकि उड़द कई तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। इसमें कई तरह के खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन मौजूद होते हैं। जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आयुर्वेद में भी इसके पौष्टिक गुण कई तरह की बीमारियों को दूर एवं ठीक करने में सहायता करते हैं। उड़द दाल के सेवन से पाचन संबंधी समस्या, मधुमेह, ऊर्जा और हड्डियों को मजबूती बनाने में मदद मिलती है।

उड़द के पोषक तत्व-

उड़द दाल प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का समृद्ध स्त्रोत मानी जाती है। जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं। इसमें विटामिन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा उड़द दाल में ऊर्जा, आयरन, कैलोरी, फाइबर और फैटी एसिड भी मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं।

उड़द दाल के फायदे-

  • पाचन के लिए-उड़द की दाल सेहत के लिए अच्छी होती है क्योंकि इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होता है। या फाइबर पाचन तंत्र और सकरात्मक प्रभाव दिखाता है। यह पाचन में मदद करता है और शरीर में गैस को बनने से रोकता है। इसमें मौजूद सभी तत्व पाचन तंत्र में सुधार कर, शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस आधार पर उड़द दाल का सेवन, पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायता करता है।
  • अस्थि खनिज घनत्व को बढ़ाने के लिए-उड़द की दाल मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे आवश्यक खनिजों से भरपूर होती है। यह सभी खनिज अस्थि घनत्व को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दरअसल उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। जिससे फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाते हैं। ऐसे में खनिजों से भरपूर आहार का सेवन स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने में मदद करता है।
  • मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए-मधुमेह वाले लोगों के लिए अक्सर उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह पाचन तंत्र द्वारा अवशोषित पोषक तत्वों की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा उड़द की दाल रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का काम करते हैं। इस प्रकार यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
  • त्वचा के लिए-उड़द की दाल का इस्तेमाल त्वचा से संबंधित लगभग हर आयुर्वेदिक दवा में किया जाता है। दरअसल यह खनिजों और विटामिनों से समृद्ध है। यह त्वचा की सूजन को कम करता है। यह दाग-धब्बों को दूर करने में भी मदद करता है। इस प्रकार उड़द की दाल त्वचा को चमकदार बनाने और मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
  • हृदय स्वास्थ्य के लिए-ह्रदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने आहार में उड़द की दाल को शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में फाइबर, मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है। यह सभी तत्व कई लाभ प्रदान करते हैं जो हृदय प्रणाली को स्वस्थ रखते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करता है, जो एक स्वस्थ्य दिल के लिए जरुरी होता है। इसके अतिरिक्त उड़द की दाल एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने में मदद करता है।
  • ऊर्जा प्रदान के लिए-उड़द की दाल में आयरन की अधिकता होती है। यह शरीर में समग्र ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए अच्छी होती है। दरअसल आयरन शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है। यह कोशिकाएं शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। इस प्रकार, यह शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है।
  • उड़द दाल के नुकसान-यूं तो उड़द दाल के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन इसके सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है। इसलिए गाउट, गुर्दे एवं पित्त के पथरी से ग्रसित लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह शरीर में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से कैल्सिफिकेशन बढ़ता है।
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अरहर (तुअर) दाल के फायदे और नुकसान

Posted 29 August, 2022

अरहर (तुअर) दाल के फायदे और नुकसान

भोजन की थाली में यदि एक कटोरी दाल न रखी हो, तो भोजन अधूरा-सा लगता है। है, खासकर भारतीय भोजन में दाल की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा सेहत की दृष्टि से दाल का सेवन करना बेहद जरुरी है। इन्हीं दालों की श्रेणी में ‘अरहर’ या ‘तूर’ की दाल आती है। जिसका सेवन भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी किया जाता है। तूर दाल को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे तमिल में थुवरम परुप्पु, कन्नड़ में तुवरा परुप्पु, कन्नड़ में थोगरी बेले, हिंदी और गुजराती में अरहर की दाल और तेलुगु में कंडिप्पु के नाम से जाना जाता है। लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि अरहर की दाल का उपयोग सिर्फ खाने भर तक सीमित है। क्योंकि अरहर कई तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करती है। अरहर में तमाम प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आयुर्वेद में भी इसके पौष्टिक गुण कई तरह की बीमारियों को दूर एवं ठीक करने में सहायता करते हैं। अरहर के सेवन से ह्रदय संबंधी रोग, पाचन और कमजोरी जैसे तमाम रोगों में आराम मिलता है।

आयुर्वेद में अरहर दाल का महत्व-

आयुर्वेद के अनुसार अरहर दाल विभिन्न प्रकार के खनिजों और पौष्टिक तत्वों से समृद्ध होता है। यह पित्त और कफ दोष को संतुलित करता है। यह समग्र त्वचा टोन में सुधार करता है। अरहर या तूर दाल का उपयोग पारंपरिक तौर पर आंतरिक रूप से सूप और बाहरी रूप से पेस्ट या मलहम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्ते लीवर को स्वस्थ रखने और शरीर को हल्का महसूस कराने के लिए उपयोगी होते हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग रक्तस्राव विकारों, कृमि संक्रमणों और प्राकृतिक रेचक के रूप में भी किया जाता है। तूर दाल के पेस्ट को नासूर घावों और सूजन के इलाज के लिए लगाया जाता है।

अरहर दाल के फायदे-

  • मलेरिया के इलाज में सहायक-अरहर दाल के पत्ते चालकोन नामक घटकों से बने होते हैं। दरअसल चालकोन एक सक्रिय मलेरिया घटक है जिसका उपयोग पीलिया के इलाज के लिए किया जाता है। इस प्रकार अरहर या तूर दाल मलेरिया रोधी दवा के रूप में उपयोगी होती है।
  • घाव ठीक करने में कारगर-अरहर दाल का सूजन रोधी गुण प्रभावित ऊतक में सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह ऊतक गठन को सक्रिय करता है। इस तरह, यह ऊतक रीमॉडेलिंग में सहायक है।
  • मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल में उपयोगी-तुअर दाल प्रोटीन से भरपूर होती है जो टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद करती है। इस पर किए गए शोध के मुताबिक मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल के रोगियों में इसके नियमित सेवन से उनके रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में काफी कमी आती है। इसके अलावा अरहर दाल में मौजूद फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने का काम करते हैं।
  • वजन कम करने में मददगार-अरहर दाल प्रोटीन से भरपूर होता हैं। जो भूख के अहसास को कम करके, वजन कम करने में मदद करता है। इसके अलावा अरहर दाल में फाइबर और लो ग्लाइसेमिया गुण मौजूद होते हैं। यह सभी गुण चयापचय को बढ़ाकर वजन कम करने में मदद करते हैं।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक-अरहर दाल पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो एक शक्तिशाली वासोडिलेटर के रूप में काम करता है। यह रक्त के थक्के को कम करके रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। जिससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जाता है। इसलिए उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए अपने दैनिक आहार में तुअर दाल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
  • हड्डियों को मजबूत करें-तुअर दाल, कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करतीहै। यह बुजुर्गों में इष्टतम अस्थि घनत्व को भी पुनर्स्थापित करतीहै। जिससे ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए-अरहर दाल में बड़ी मात्रा में मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। साथ ही यह शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस प्रकार यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए रोजाना अपने आहार में अरहर दाल को शामिल करें। ऐसा करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद-अरहर दाल पूरी तरह से संतृप्त वसा से मुक्त है। इसलिए यह हृदय की समस्याओं वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन माना गया है। इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद फाइबर और नियासिन की प्रचुरता अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करने मदद करते हैं।
  • अरहर दाल के नुकसान-वैसे तो अरहर या तुअर दाल के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन यदि किसी को तुअर दाल से एलर्जी है तो उसे इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

एलर्जी के कारण होने वाले कुछ आम दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  • एलर्जी की समस्या।
  • सांस लेने में समस्या।
  • एलर्जी प्रतिक्रियाओं के कारण पाचन तंत्र की सूजन।

अरहर दाल कहां पाई जाती है?

अरहर या तुअर दाल मुख्य रूप से भारत में उगाई जाती है। यह सूखा सहिष्णु पौधा है। आमतौर पर यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार और कर्नाटक में उगाया जाता है।

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मूंग दाल के पोषक तत्व और फायदे

Posted 17 August, 2022

मूंग दाल के पोषक तत्व और फायदे

स्वाद और सेहत की दृष्टि से दाल का सेवन बेहद जरुरी है। इन्हीं दालों की श्रेणी में मूंग दाल भी आती है। जिसका सेवन पूरे विश्व में कियाजाता है। इसलिए जायकेदार एवं स्वादिष्ट दालों में मूंग की दाल का अहम स्थान है। लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि मूंग की दाल का इस्तेमाल सिर्फ खाने भर तक सीमित है। क्योंकि मूंग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करती है। मूंग में तमाम प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आयुर्वेद में भी इसके पौष्टिक गुण कई तरह की बीमारियों को दूर एवं ठीक करने में सहायता करते हैं। मूंग के सेवन से ह्रदय संबंधी रोग, कब्ज, पाचन, कमजोरी जैसे अनेक रोगों में आराम मिलता है।

 

मूंग दाल में मौजूद पौष्टिक तत्व-

मूंग दाल कई पौष्टिक तत्वों और खनिजों से भरपूर होता है। जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, जिंक, प्रोटीन, विटामिन आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा मूंग दाल में ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फाइबर और फैटी एसिड्स भी मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं।

 

मूंग दाल के फायदे-

  • कोलेस्ट्रॉल एवं वजन को कम करने में सहायक-मूंग की दाल में हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिया अर्थात कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण मौजूद है। जिसकी वजह से यह रक्त में मौजूद एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा मूंग में फाइबर और प्रोटीन भी पाए जाते हैं। जो भूख के एहसास को कम करके, वजन कम करने में मदद करते है। इसके लिए मूंग दाल का सेवन सूप और स्प्राउट के रूप में करना फायदेमंद होता है।
  • डायबिटीज के लिए-एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध के मुताबिक मूंग में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का काम करते हैं। वहीं एक अन्य रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार मूंग दाल का नियमित सेवन, टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के ब्लड शुगर में असरदार कमी करता है। इस संबंध में कुछ विशेषज्ञ भी कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और प्रोटीन से संपन्न होने के कारण मधुमेह में मूंग दाल का सेवन करने की सलाह देते हैं।
  • रक्त चाप को करे नियंत्रण-रक्त चाप को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में मूंग दाल को शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है। क्योंकि यह मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होता है। जो ह्रदय और रक्त वाहिकाओं की मांसपेशियों को आराम देता है। इसके अतिरिक्त मूंग दाल में एंटी हाइपरटेंसिव गुण मौजूद है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ उसे बढ़ने से रोकने का काम करता है। इसलिए मूंग दाल का उपयोग करके रक्त चाप से बचा जा सकता है।
  • हीट स्ट्रोक को दूर करने में मददगार-आमतौर पर हीट स्ट्रोक की समस्या गर्मियों के मौसम में देखने को मिलती है। जिसकी मुख्य वजह डिहाइड्रेशन एवं अधिक गर्मीं का होना है। इस पर किए गए एक शोध से पता चलता है कि मूंग दाल में विटेक्सिन (vitexin) और आइसोविटेक्सिन (isovitexin) नाम तत्व मौजूद हैं। जिसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण हीट स्ट्रोक के खतरे को दूर करने में मदद मिलती है। इसलिए, गर्मी के दिनों में मूंग दाल का सूप पीना फायदेमंद होता है।
  • गर्भावस्था में फायदेमंद-गर्भावस्था में मूंग दाल का सेवन करना लाभप्रद होता है। क्योंकि यह फोलेट से भरपूर है। जिसे गर्भावस्था के समय मां और शिशु दोनों के लिए जरुरी माना जाता है। दरअसल फोलेट भ्रूण के विकास, उसकी रीढ़ व मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। वहीं शिशु में जन्म के दौरान होने वाली विकृतियों की संभावना को भी कम करता है। इस पर किए गए शोध से पता चलता है कि 100 ग्राम मूंगदाल में 625 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है। इसलिए गर्भावस्था में मूंग दाल का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है। इस समय कच्चे स्प्राउट्स की जगह स्प्राउट को उबालकर सेवन करना बेहतर होता है।
  • पाचन के लिए-पाचन शक्ति में सुधार करने में मूंग दाल का सेवन सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। दरअसल मूंग दाल अन्य दालों की अपेक्षा हल्की एवं आसानी से पचने योग्य होती है। यह शरीर में फैटी एसिड ब्यूटेरेट के उत्पादन को बढ़ाती है। यह पाचन में मदद करता है और शरीर में गैस को बनने से रोकता है। इसके अलावा मूंग में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। वहीं इसमें अन्य घटक जैसे ट्रिप्सिन इन्हिबिटर्स (trypsin inhibitors), हीमगलगुटिनिन (hemagglutinin), टैनिन (tannins) और फाइटिक एसिड (phytic acid) पाए जाते हैं । यह सभी तत्व पाचन तंत्र में सुधार कर, शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस आधार पर मूंग दाल का सेवन, पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायता करता है।
  • स्वस्थ्य इम्यूनिटी के लिए-मूंग दाल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। साथ ही यह शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस प्रकार यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए रोजाना अपने आहार में मूंग दाल को शामिल करें। ऐसा करने से तमाम बिमारियों से बचा जा सकता है।
  • एनर्जी बढ़ाने में मददगार-ब्रेकफास्ट करना सबसे जरुरी इसलिए होता है, क्योंकि यह शरीर को पूरा दिन काम करने की एनर्जी देता है। इसलिए सभी लोगों को नाश्ता जरुर करना चाहिए। इस दौरान पौष्टिक आहार लेना बेहद जरुरी होता हैं। जो शरीर को ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करता है। इसलिए सेहतमंद ब्रेकफास्ट में मूंग दाल शामिल करना अच्छा विकल्प माना गया हैं। इसमें मिलने वाली एनर्जी शरीर को पूरे दिन एक्टिव रखने में मदद करती है। क्योंकि मूंग दाल में विटामिन बी, ज़िंक, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पौष्टिक आहार पाए जाते हैं जो शरीर में एनर्जी देने में सहायक होते हैं।
  • आयरन की कमी और एनीमिया के लिए-मूंग दाल शरीर में आयरन (लोहा) की कमी को पूरा करने में सहायता करता है। क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसके सेवन से शरीर में होने वाली आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। वहीं, शरीर में आयरन की कमी का होना एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी) का मुख्य कारण माना जाता है। इसलिए मूंग दाल का सेवन एनीमिया के खतरे को दूर करने में भी मदद करता है।
  • बालों और त्वचा के लिए-विशेषज्ञों के अनुसार मूंग दाल में एंटी ऑक्सीडेंट एवं विटामिन बी मौजूद होता है। जो त्वचा और बाल दोनों के लिए भी लाभदायक साबित होता है। इसके अलावा मूंग दाल में विटामिन-ए, सी, ई, डी, आयरन और जिंक जैसे पोषक भी पाए जाते हैं। जिसमें विटामिन-ए, सी, ई, डी, को त्वचा के लिए और विटामिन सी, डी, आयरन एवं जिंक को बालों के लिए जरूरी माना जाता है।

मूंग दाल का उपयोग-

  • आमतौर पर मूंग दाल का उपयोग सूप और स्प्राउट बनाने के लिए किया जाता है।
  • यह जायकेदार दाल बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
  • कई जगहों पर मूंग दाल का उपयोग स्वादिष्ट हलवा या लड्डू बनाने में किया जाता है।
  • दक्षिण भारत में इसका अधिकांश उपयोग सांभर और चटनी बनाने के लिए किया जाता है।
  • मूंग दाल का इस्तेमाल फेस मास्क के तौर पर किया जाता है।
  • बालों के लिए इसका उपयोग हेयर मास्क के रूप में किया जा सकता है।

मूंग दाल के नुकसान-

  • इसके सेवन से हाई ब्लड शुगर कम होती है। क्योंकि इसमें एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। इसलिए लो ब्लड शुगर के मरीजों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • इसमें एंटी हाइपरटेंसिव गुण मौजूद है, जो उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। इसलिए निम्न रक्तचाप के रोगियों को इसका सेवन निषेध है।
  • जिन लोगों की त्वचा संवेदशील है या जिन्हें मूंग दाल से बने उत्पाद से एलर्जी है। उनके लिए यह नुकसानदायक हो सकता है।
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Amazing Nutritional Facts of Urad Dal

Posted 16 August, 2022

Amazing Nutritional Facts of Urad Dal

Urad dal (Black gram) is one of the most nutritious grams and is often used in India for its wide range of health benefits. It has various other names such as black lentils, matpe beans and mungo beans. Its scientific name is Wigna Mungo.

Urad dal is consumed in cooking and ayurvedic medicine, and is equally beneficial when used in both ways. It is considered a very rich source of protein and carbohydrates. It also contains vitamins, iron, calcium, magnesium, sodium, potassium and calories. It offers many health benefits. We will know more about the benefits of urad dal through the section of this blog.

Importance of Urad dal in Ayurveda

It is used for various Ayurvedic medicinal purposes. Adding Urad dal to your daily diet helps in weight gain due to its balya nature. It is a rich source of nutrients and helps increase energy.

Ayurvedic Properties of Urad dal

  • Sweet in taste.
  • Snigdha (unctuous).
  • Difficult to digest.
  • Hot in potency.
  • Best Vata dosha pacifier.
  • Increases Kapha, Pitta and Rakta dosha in the body.

Benefits of Urad dal

  • Improves digestion-Urad dal is good for health because it contains soluble and insoluble fiber which is good for digestion and also prevents constipation. This bulks up the stool in the digestive tract and stimulates peristalsis, contraction and relaxation of the abdominal muscles to expel waste materials. So if you are suffering from digestive problems like diarrhea, constipation, cramps or gas, urad dal can certainly be a good addition to your diet to help you out. It also helps you optimize the absorption of nutrients in your body.
  • Increases bone mineral density-Urad dal is packed with essential minerals like magnesium, iron, potassium, phosphorus and calcium. All play an important role in affecting bone mineral density. This is especially important because our bones weaken with age, making us more susceptible to fractures and osteoporosis. Eating a diet rich in minerals can help you maintain healthy bones.
  • Good in diabetics-High fiber foods are often recommended for people with diabetes because these help regulate the amount of nutrients absorbed by the digestive tract. Urad dal can help you maintain blood sugar and glucose levels, making your diabetes much more manageable. It also prevents drastic drops and spikes in sugar levels.
  • Skin effective-Urad dal is used in almost every Ayurvedic medicine that deals with your skin. As it is very rich in minerals and vitamins, it is great for reducing inflammation on your skin. It can also help remove scars and blemishes, bring more oxygenated blood to your skin to make it look glowing and radiant, and also help heal and exfoliate your skin.
  • Improves heart health-Urad dal is very good for your heart health as it contains high amounts of fiber, magnesium and potassium. It is known to provide many benefits that can keep your cardiovascular system healthy. It can balance your cholesterol, which is very good for your heart. It can also prevent atherosclerosis.
  • Boosts energy-Urad dal is very high in iron, it is good for increasing the overall energy level in your body. Iron is an important nutrient for your body because it stimulates the production of red blood cells. These cells carry oxygen to all your organs. Thus, it boosts energy in the body.
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Know the Benefits and Side effects of Spinach

Posted 05 August, 2022

Know the Benefits and Side effects of Spinach

Spinach (Spinacia oleracea) is a leafy green vegetable which is important for healthy skin, hair and bones as its leaves are loaded with many nutrients. It provides vitamin A, manganese, vitamin K, magnesium, folic acid, vitamin C, vitamin B2, protein and iron to the body.

Spinach has been used by various cultures throughout history, especially in Middle Eastern, Mediterranean and Southeast Asian cuisine. It can be easily included in any diet because it is cheap and easy to prepare.

Benefits of Spinach

  • Regulates blood sugarSpinach is said to be high in potassium that reduces the effect of sodium in the body, which is usually recommended for people with high blood sugar.
  • Prevents cancerSpinach is a high source of zeaxanthin and carotenoids, which can eliminate free radicals from your body. These free radicals make your body susceptible to various diseases, including cancer, so spinach is believed to prevent cancer.
  • Reduces weightSpinach leaves help you lose weight and are also low in calories. Consuming spinach once a day is beneficial for your health and weight.
  • Good for the eyesLutein and zeaxanthin are the antioxidants found in spinach along with Vitamin A that lowers the risk of macular degeneration and contributes to good eyesight.
  • Reduces hypertensionHypertension, also known as high blood pressure, is responsible for many heart diseases, kidney diseases and strokes. Spinach contains vitamin C, which helps lower high blood pressure. Also, Lutein present in spinach prevents thickening of arterial walls and helps in reducing the risk of high blood pressure and stroke.
  • Reduces inflammationSpinach contains neoxanthin and violaxanthin, which reduces inflammation due to their anti-inflammatory properties. Its high source of anti-inflammatory properties can help prevent migraines, osteoporosis, asthma, arthritis, and headaches.
  • Keeps the body relaxedSpinach puts your mind at ease so you can relax and live a stress-free life. Its high source of zinc and magnesium allows you to sleep well at night, and good sleep can help with all your mental illnesses. This will help your body relax and your eyes rest. So, eating spinach at least once a day can definitely have a positive impact on your health.
  • Boosts immunityVitamin A in spinach is believed to strengthen the human body parts such as the respiratory tract, intestinal tract and mucous membranes.
  • Prevents heart attackSpinach helps to remove excess fat stored in the arteries and prevent arteries from thickening. It also lowers the risk of developing heart diseases.
  • Helps to get rid of anaemiaSpinach is high in iron, which can protect you from the risk of anemia. Iron is also useful for women since it regulates menstruation. Iron also increases energy in the human body.
  • Prevents acne and provide glowing skinApply some spinach paste on the face by adding a little water to it or consume some spinach which helps to reduce acne and promotes glowing skin as vitamin A, vitamin C, vitamin E and vitamin K plays an important role in healthy skin.

Side effects and Precautions

  • Regulates blood sugarSpinach is said to be high in potassium that reduces the effect of sodium in the body, which is usually recommended for people with high blood sugar.
  • Prevents cancerSpinach is a high source of zeaxanthin and carotenoids, which can eliminate free radicals from your body. These free radicals make your body susceptible to various diseases, including cancer, so spinach is believed to prevent cancer.
  • Reduces weightSpinach leaves help you lose weight and are also low in calories. Consuming spinach once a day is beneficial for your health and weight.
  • Good for the eyesLutein and zeaxanthin are the antioxidants found in spinach along with Vitamin A that lowers the risk of macular degeneration and contributes to good eyesight.
  • Reduces hypertensionHypertension, also known as high blood pressure, is responsible for many heart diseases, kidney diseases and strokes. Spinach contains vitamin C, which helps lower high blood pressure. Also, Lutein present in spinach prevents thickening of arterial walls and helps in reducing the risk of high blood pressure and stroke.
  • Reduces inflammationSpinach contains neoxanthin and violaxanthin, which reduces inflammation due to their anti-inflammatory properties. Its high source of anti-inflammatory properties can help prevent migraines, osteoporosis, asthma, arthritis, and headaches.
  • Keeps the body relaxedSpinach puts your mind at ease so you can relax and live a stress-free life. Its high source of zinc and magnesium allows you to sleep well at night, and good sleep can help with all your mental illnesses. This will help your body relax and your eyes rest. So, eating spinach at least once a day can definitely have a positive impact on your health.
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आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व, स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभाव

Posted 11 July, 2022

आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व, स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभाव

लाल मसूर, जिसे मसूर दाल के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत की लोकप्रिय दालों की श्रेणी में आती है। आमतौर पर मसूर दाल पूरे देश में उगाई जाती है। इसका सेवन करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह त्वचा के लिए लाभकारी और समय से पहले बुढ़ापा और मुंहासों जैसी समस्याओं से बचाती है। इसका उपयोग त्वचा को हल्का करने और टैन हटाने के लिए भी किया जाता है।

मसूर की दाल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता हैहै। मसूर दाल में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और आयरन पाया जाता है। इसके अतिरिक्त मसूर पोटैशियम, विटामिन बी-1,2,3, विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक का भी अच्छा स्रोत है।

आयुर्वेद में मसूर दाल का महत्व

मसूर दाल का प्राकृतिक स्वाद कुछ मीठा होता हैऔर यह अच्छी शोषक भी होती है। यह प्रकृति से शीतल या ठंडी होती है, जो पेट को ठंडा करने में मदद करती है। मसूर की दाल पाचन के लिए अच्छी होती है। साथ ही पेट संबंधी कई छोटी-बड़ी समस्याओं को ठीक करने में सहायता करती है। अपने वर्ण प्रकृति के कारण यह त्वचा के लिए बेहद लाभकारी होतीहै। यह त्वचा को नमी और शांति प्रदानकरती है, शरीर को मजबूत करती है और प्रतिरक्षा को बढ़ाती है। यह दाल एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध है। यही कारण है कि मसूर की दाल मोटापा, मधुमेह, कैंसर एवं हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक होती है। पोषक तत्वों की उच्च मात्रा, पॉलीफेनोल्स और अन्य बायोएक्टिव तत्वों से भरपूर होने के कारण मसूर दाल का उपयोग भोजन के साथ-साथ औषधि में भी किया जाता है।

मसूर दाल के फायदे

  • कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायकअतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल मानव जीवन के लिए हानिकारक साबित होता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, हृदय रोगों जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए मसूर दाल को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। दरअसल मसूर दाल में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फाइबर बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। क्योंकि फाइबर में मौजूद हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (Hypocholesterolemic) प्रभाव काम करता है, जो कोलेस्ट्रॉल को पचता है । वहीं, पॉलिफिनोल युक्त दाल में एंटी कोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव भी पाया जाता है। इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि मसूर दाल की रोजाना सेवन करने से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। जिससे हृदय रोग होने की आशंका कम होती है।
  • मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारीअपने आहार में मसूर दाल को सही मात्रा में शामिल करने से शरीर को भरपूर प्रोटीन और फोलिक एसिड मिलता है। जिसके कारण अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी मसूर दाल उपयोगी है। इसलिए मानसिक विकार से पीड़ित लोगों को अपने आहार में लाल मसूर की दाल को जरुर शामिल करना चाहिए।
  • पाचनतंत्र के लिए लाभकारीमसूर दाल पाचन क्रिया को सुधारने में बेहद लाभकारी होती है। दरअसल लाल दाल फाइबर से समृद्ध है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक फाइबर पाचन को मजबूत करता है और कब्ज़ को दूर करने में मदद करता है। इसलिए मसूर की दाल के उपयोग से पाचन संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
  • वजन कम करने में कारगरमसूर दाल में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जो वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देती । जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके लिए प्रतिदिन मसूर की दाल का सेवन करें। इसके अलावा मसूर की दाल का सलाद के साथ सेवन करना बेहद फायदेमंद होता हैं।
  • मधुमेह में लाभकारीमधुमेह रोगियों के लिए मसूर की दाल का सेवन अच्छा होता है। इसमें कई पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर को प्रोटीन प्रदान करते हैं। साथ ही इसमें मौजूद उच्च फ्लेवोनोइड और फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं। इस प्रकार मसूर दाल टाइप 2 मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने आहार में मसूर दाल को शामिल अवश्य करना चाहिए।
  • हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने में लाभप्रदपहृदय को शरीर की एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। जिसे स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए अपने आहार में लाल मसूर को ज़रूर शामिल करें। क्योंकि लाल मसूर की दाल में पाया जाने वाला मैग्नीशियम और फोलिक एसिड हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है। साथ ही यह हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है। इसके अलावा मसूर दाल में मैग्नीशियम भी होता है जो शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसप्रकार मसूर की दाल एक स्वस्थ्य हृदय के लिए बेहद लाभप्रद है।

मसूर दाल का उपयोग करते समय बरतें यह सावधानियां

यूं तो मसूर की दाल के कई फायदे होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में मसूर की दाल का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। जो निम्नलिखित हैं

  • अधपकी मसूर दाल के अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इसे अच्छी तरह से पकाकर सेवन करें।
  • लाल मसूर की दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों को गैस की समस्या हो सकती है।
  • मसूर दाल के अधिक सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की पथरी हैं, तो इस स्थिति में मसूर की दाल के सेवन से बचें।
  • नियमित दवा लेने वाले लोगों को मसूर दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
  • स्तनपान के दौरान या गर्भावस्था के दौरान मसूर की दाल के सेवन डॉक्टर के परामर्शानुसार ही करें।
  • मसूर दाल पकने के बाद भी एलर्जेंस बना रहता है। इसलिए संवेदनशील लोगों को मसूर दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

यह कहां पाया जाता है?

मसूर की दाल भारत में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि में उगाई जाती है।

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Know the Medicinal Properties, Benefits and Uses of Pumpkin

Posted 18 July, 2022

Know the Medicinal Properties, Benefits and Uses of Pumpkin

Nature has provided many things to combat every small and big problem related to health. These contain many medicinal properties and provide many health benefits by their consumption. Pumpkin is one of these nature-given gifts, also known as Kadima or Kushmanda. This vegetable has the ability to cure many diseases ranging from the stomach to the heart and skin. Perhaps because of these qualities, pumpkin has been considered a mine of virtues since ancient times.

Importance of Pumpkin in Ayurveda

Pumpkin is good for the health of people of all ages. It works to increase the immunity of the body due to which helps in protecting the body from many diseases. It has the property to remove bad cholesterol from the body and controls diabetes. It also contains some antioxidants which protect the body from diseases like cancer. By consuming it, stomach worms, liver problems, cleaning the blood, skin related problems etc are cured. Pumpkin contains some useful components which include omega 3, omega 6 fatty acids, amino acids, zinc, and tryptophan etc. Apart from this, it is also rich in Vitamin A, C and E etc. Pumpkin peel also contains an antibacterial element that protects against infection-causing bacteria. Due to being full of these properties, pumpkin is considered an important medicine in Ayurveda.

Benefits of Pumpkin

  • Helpful in keeping the heart-healthy: Pumpkin is very beneficial in keeping the heart healthy. It has antioxidant properties which are able to protect the cardiovascular system. They prevent heart diseases before they progress by preventing the damage caused by oxidation on the heart. Apart from this, beta-carotene and polyunsaturated fatty acids present in it work to reduce the amount of bad cholesterol which is very important for a healthy heart.
  • Helpful in balancing cholesterol levels: Enriched with omega 3 fatty acids and phytosterols, pumpkin is helpful in maintaining optimum cholesterol levels in the body. These properties help in reducing the bad cholesterol level (LDL) and inhibiting its absorption while increasing the good cholesterol level (HDL) in the body for healing. Apart from this, consuming pumpkins is beneficial in obesity, diabetes, heart attack, high blood pressure and other heart diseases.
  • Beneficial for immunity: Pumpkin enhances immunity. According to a journal paper, pumpkin contains a substantial amount of vitamin C that plays an important role in boosting immunity. In addition to vitamin C, vitamins A and E present in it also help in increasing immunity. Therefore, to increase immunity, definitely include pumpkin in your diet.
  • For the digestive system: Consumption of pumpkin is good for the digestive system. It helps in increasing digestive power. A high amount of fibre is found in pumpkins that helps in the smooth functioning of the digestive system. Therefore, its regular consumption helps to overcome problems like constipation, diarrhoea and abdominal cramps.
  • Beneficial for eyes: According to research, the consumption of pumpkins is beneficial for the eyes. It mainly contains beta-carotene which acts as an antioxidant. It helps in keeping the eyes healthy. Pumpkin contains many vitamins and minerals which help protect against degenerative eye disease (symptoms that occur with ageing).
  • Helpful in controlling blood pressure: Pumpkin consumption is beneficial in controlling blood pressure. According to research published on the website of NCBI, 340 mg of potassium is found in 100 grams of pumpkin. Potassium acts as a balancing element in the body. It is an important component for the nervous activity of muscles and the brain. It also proves helpful in blood circulation and gives relief from muscle spasms. Consuming potassium on a regular basis prevents the risk of brain stroke as it lowers blood pressure. Thus, pumpkin is good for the prevention and treatment of high blood pressure.
  • Helpful in preventing cancer: The non-carcinogenic properties of pumpkin seeds help in combating the problem of cancer because the antioxidants present in pumpkin seeds exhibit anti-cancer properties. It also helps in protecting the body from cancer-causing harmful external exposures. Thus, these antioxidants are effectively helpful in treating and preventing various types of cancers such as prostate and breast cancer.
  • Improves kidney function: The antioxidants present in pumpkin seeds help in curing and preventing kidney-related problems like kidney stones, frequent urination, high bladder activity etc. due to which the proper functioning of the kidney is ensured.

Benefits of Pumpkin for skin

  • To reduce acne: Many types of vitamins are found in pumpkins. Vitamin B3 present in it exhibits anti-microbial properties in a way that help the skin get rid of pimples by fighting acne and its bacteria. Apart from this, the anti-inflammatory properties of pumpkin work to reduce the inflammation of acne. For this, pumpkin oil should be applied to the infected area with the help of cotton.
  • To reduce wrinkles: Vitamin A is found in pumpkins which helps in reducing the signs of ageing like wrinkles and fine lines. For this, make a paste of pumpkin and apply it on the face and after some time wash it with cold water. By doing this it opens the pores of the skin. It also helps in reducing the oxidative stress of the skin.
  • To clear skin colour: Sometimes due to sunlight and UV rays, the colour of the skin starts turning dark. In such a situation, using pumpkin paste is good for the skin because vitamin C present in the pumpkin helps to clean the skin. Vitamin C acts as an antioxidant on the skin which helps in reducing depigmentation and oxidative stress and clears the complexion of the skin. For this, take a few drops of pumpkin oil in the palm and massage the face and skin well.
  • For face mask: Pumpkin paste, lemon juice and honey can be used as a face pack. Pumpkin contains nutrients like vitamin C and vitamin-A which protect the skin from UV radiation, remove problems like dermatitis and inflammation, and keep it healthy for a long time.

Uses of Pumpkin

  • Pumpkin is used as a vegetable.
  • Pumpkin is used as a vegetable.
  • Some people mix pumpkin with milk and consume it in the form of kheer.
  • Pumpkin laddus are also made in some places.
  • Pumpkin is used as a chutney.
  • Cupcakes can be made for kids by adding jaggery to pumpkins.

Side effects of Pumpkin

  • Many people are sensitive to pumpkins. Therefore, they should avoid their consumption, otherwise, allergies may occur.
  • Pumpkin has diuretic properties, consuming it in excess can lead to a lack of water in the body.
  • Consuming pumpkins in excess may lead to problems such as stomach pain, cramps, diarrhoea etc. as a high amount of fibre is found in them.
  • Pregnant or lactating women should avoid consuming pumpkin or its seeds or consume it only after consulting a doctor.
  • Consumption of pumpkins is not suitable for patients with low blood pressure as it has properties that reduce high blood pressure.
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Potatoes Benefits, Uses and Side Effects

Posted 29 June, 2022

Potatoes Benefits, Uses and Side Effects

Potatoes are underground plants as these are grown underground with leaves and branches above the ground. Potatoes are edible tubers, which means these are the fleshy stems of the potato plant. According to the facts, potatoes are the fourth largest root crop in the world. Theseare a special staple food because they combine the properties of starchy foods with vegetables.

The Word 'Potato' comes from the Spanish word “Patata”. Its scientific name is Solanum Tuberosum.  In India, it is commonly known as “Aloo”, whereas italso has some other regional names like  inTamil Nadu, it is known as “Urulai Kizhangu”.

Medicinal Values of Potatoes

Potatoes have many medicinal values-

  • Potatoes contain high levels of protein, carbohydrates, iron and copper. It also contains vitamin A, vitamin B and vitamin C in sufficient quantities.

  • Potatoes contain antioxidants that protect cells from free radical damage. Thus, it helps in preventing cancer.

  • Potatoes contain thiamine which is good for cardio-vascular metabolism, neurological and heart functions of the human body.

  • Vitamin B5 in Potatoes helps in reducing body tiredness and fatigue.

  • Due to the presence of potassium, potatoes help  in regulating the balance of fluids and minerals (sodium) inside and outside human cells. Further, it also helps to counter the negative effects of sodium.

  • Potatoes contain fiber, which is important for a healthy digestive system. It helps to regulate the  bowels and prevents constipation.

  • Potatoes contain a variety of phytonutrientssuch asphenolics, flavonoids, and carotenoids. These have anti-inflammatory effects & helpto promote digestive health, bone health  and reduce liver toxicity.

Benefits of Potatoes

Good for skin-

Due to the nutrients like potassium, zinc, vitamin C and vitamin B6,potatoes helpin protecting a person from acne, pimples and other skin problems.

Boosts immunity-

Vitamin C in potatoes strengthens one's immune system. Eatingboiled potatoes helps to increase immunity levels.

Improves digestion-

Due to the high fiber content in potatoes, it improves the digestive system.

Reduces inflammation-

Potatoes can help control and prevent inflammation in humans due to their healing properties.

Improves brain functioning-

Due to the presence of potassium and vitamin B6 in potatoes, it helps in improving the functioning of the brain and nervous system. It also helps to relievea person from stress and anxiety.

Strengthens bone density-

Potatoes contain minerals such as magnesium, iron, zinc, and phosphorus, which play an important role in maintaining bone structure and building bone strength.

Uses of Potatoes

  • If you have a minor burn, put a slice of raw potato in a compress to relieve it.

  • If you don't have a cucumber to put on your eyes, try raw potato wedges instead - they're just as good for reducing puffiness around your eyes.

  • If your hands get dirty while cooking, rub the stained skin with a piece of raw potato.

  • Rubbing utensils with potato wedges is a great way to clean. You can also soak utensils in the water left over from boiled potatoes.

  • Potatoes are also used to remove rust from metal. Just cut a piece of potato and rub to bring back shine.

  • Mash some raw potatoes with water to make a paste and then apply it on your face. Leave itfor half an hour, then rinse thoroughly.

Side effects of Potatoes

  • Excessive consumption of potatoes can lead to weight gain. Potatoes are rich in carbohydrates, and excessive amounts of carbohydrates can increase calorie intake, which can lead to obesity.

  • If you are a patient of blood pressure, then don't eat too many potatoes. This can make your problem worse. Excessive consumption of potatoes can increase blood pressure.

  • Not only excessive consumption of potatoes but eating blue potatoes can also cause great harm to the body. This can cause allergic problems in your body.

  • Consuming too many potatoes can be harmful for arthritis patients.

Where are Potatoes found?

Potatoes are majorly produced in China and India. China is the largest producer of Potatoes. In India, potatoes are found in West Bengal, Uttar Pradesh, Punjab, Bihar and Gujarat.

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Benefits, Uses and Side effects of Kachur

Posted 26 May, 2022

Benefits, Uses and Side effects of Kachur

Many herbs have been used as medicine in Ayurveda science for centuries. Kachur is also included in these herbs. It is similar to turmeric or ginger in appearance but it is a special medicinal plant, which along with removing pain, inflammation, ulcers, also helps in removing many physical problems. It is used for a variety of medical purposes.

Kachur has anti-inflammatory, anti-fungal, antibacterial, anti-pain, antimicrobial and antioxidant properties. Due to all these properties, Kachur is widely used for its health benefits.

What is Kachur ?

Kachur is a medicinal plant belonging to the Zingiberaceae family whose botanical name is Curcuma zedoaria. It is usually a species of turmeric and its color is white. That's why it is also called white turmeric. Its stems grow on the ground. The length of this plant is about 3-4 feet and the leaves are smooth and pink in color from the central part. Its flowers are yellow in color. This herb is bitter in taste.

Benefits of Kachur

Helpful in reducing inflammation-

Kachur is a natural remedy for the problem of inflammation. According to research done on this, a compound called ethanolic extract is found in Kachur which exhibits anti-inflammatory properties and helps reduce the effects of inflammation. For this, grinding its leaves or rhizome and applying it on the affected parts is beneficial.

Effective in healing wounds-

Kachur's natural antiseptic and antibacterial properties make it an effective disinfectant. Research done on it shows that Kachur has wound healing properties, which is helpful in healing wounds therefore, by applying Kachur powder on the affected area, the wounds heal faster.

Effective in healing ulcers-

Kachur is effective in healing ulcers because it has anti-ulcer properties, which prevents this problem from growing. For this, rinse with a decoction made from the rhizome of Kachur.

For viral problems-

Kachur proves to be effective for viral problems as it is rich in antimicrobial and anti-viral properties which helps to prevent viral infection.

Effective in increasing immunity-

If a person is constantly ill, then the main reason for this may also be his weak immunity. In this case, consuming decoction of Kachur is very beneficial. There are immunomodulatory effects in Kachur which strengthens the body's immunity. Apart from this, the medicinal properties present in it work to purify the blood and increase healthy cells. Along with this, it fights against bacteria and free radicals that damage the body due to which the immunity of the body increases.

Useful in joint pain-

Kachur has anti-analgesic and anti-inflammatory properties and is effective in providing relief from pain and swelling especially for those who suffer from joint pain. For this, grind the rhizome of Kachur and alum together and make a paste to apply on the joints.

For diabetes-

Kachur is an effective medicine for diabetes patients. According to research published on this topic, Kachur has anti-hyperlipidemic effects which have a sugar lowering effect. Thus, it is useful for prevention of diabetes.

Uses of Kachur

  • The powder of Kachur is mixed with milk or lukewarm water and consumed.
  • Kachur can be included in your diet as a spice.
  • The powder made from it is consumed with honey.
  • A decoction made from its rhizome is used as a gargle or intake.
  • A paste made from its leaves is also used as a mask.
  • Oil made from kachur is applied on the skin.

Side effects & Precautions of using Kachur

  • Some people may have stomach problems due to its consumption.
  • Since Kachur lowers the blood sugar level, patients with low blood sugar should avoid its use.
  • Women should not consume it during periods.
  • Do not consume Kachur during pregnancy as it increases the risk of miscarriage.

Where is Kachur found?

Generally, Kachur is a self-growing plant in Northeast India and South Coastal regions but it is also cultivated in China, Sri Lanka and India.

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Know about the unseen and unheard types and Benefits of Onions

Posted 09 May, 2022

Know about the unseen and unheard types and Benefits of Onions

Onions are used in almost every household to enhance the taste of vegetables, as a tempering and as salad. The description of properties of onions is also mentioned in ancient Ayurvedic texts. Onion is used as medicine for curing many diseases. Consuming it in summer does not cause heatstroke. Apart from this, onions are also capable of protecting against diseases like diabetes and cancer.

What are Onions?

Onion is a vegetable widely used in food, chutney, pickle and salads. Its taste is sharp and can be grown in all types of climates. Talking about its plant, scientists consider onion as a stem which grows inside the ground but onion has been used since ancient times as a medicine and ingredient of food.

The scientific name of onion is Allium cepa. It is known by different names in different languages. It is called Onion, Kanda and Dungri in Hindi, Ulligadda, Erulli and Neeruli In Kannada, Ullipayalu, Yera Gaddalu and Nirulli in Telugu, savanna in Malayalam, piyanaz in Bengali, vengayam in Tamil and kanda in Marathi.

Types of Onions

There are many varieties of onions found all over the world. We’ll talk about some major types-

Yellow onion-

Its pulp is white in color and its outer layer is brown in color. The aroma is like sulphur.

Red onion-

The outer layer of this onion is of magenta color. It is slightly sweet in taste. Therefore, its raw form is consumed in large quantities.

White onion-

It looks a little white when looking at this onion from outside while its taste is mildly sweet compared to other onions.

Green onion-

Green onions, also known as scallions, are under-developed variety of onion. The green leafy part has a great aroma and is used for garnishing a variety of dishes.

Sweet onion-

This onion is a little thick whose outer layer is lighter and less opaque.

Leek-

The underside of this onion is round and small while its stem is slightly longer. This onion is used in making sauces and soups.

Shallots-

The size of this type of onion is small. Its outer layer is brown and the inner flesh is purple in color.

Benefits of Onion

Good for the immune system-

The body needs vitamin C for a good immune system. Onions contain phytochemicals, which helps to increase the amount of vitamin C in the body. Apart from this, onions also contain selenium which works to make the body's immune system healthier and better.

Good for the digestive system and constipation-

The medicinal properties of onions help in improving the digestive system by curing constipation because onions contain a good amount of fiber which helps in constipation and gastritis which keeps the digestive system good.

For oral health-

It is true that eating raw onion causes bad breath but the consumption of raw onion proves to be very good for oral health. The compounds named thio-sulfonates and thio-sulfrates are present in onions which helps to eliminate the bacteria that cause tooth decay. Apart from this, vitamin-C is also found in onions which is essential for dental health.

For colic pain and worms-

Some elements called phytochemicals are found in onions which helps relieve gastric ulcer and its effects to a great extent. Apart from this, some natural probiotics are also present in onions. Onion is also helpful in relieving stomach ache and intestinal worms.

For bowel movement and diarrhea-

The fiber found in onions is called oligofructose which helps in the growth of good bacteria in the intestines that helps in the proper functioning of the intestines. In this form, the oligofructose property of onion is beneficial in the problem of diarrhea.

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