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अनिद्रा के कारण,लक्षणऔर घरेलू उपचार

अनिद्रा के कारण,लक्षणऔर घरेलू उपचार

2022-05-24 12:33:38

अनिद्रा नींद से संबंधित समस्या है। जिसे अंग्रजी में इंसोमनिया(Insomnia) कहा जाता है। इससे ग्रसित इंसान को सोने में दिक्कत होतीहै। अत:वह इंसान ठीक से सो नहीं पाता। नतीजतन, उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है और वह हमेशा थका-थका महसूस करता है। अनिद्रा के प्रभाव बहुत भयंकर हो सकते हैं। यह आमतौर पर हर समय नींद, सुस्ती और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढ़ाती है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षण हैं। अनिद्रा के कारण होने वाली समस्याओं में अच्छी नींद के अभाव से लेकर नींद की अवधि में कमी से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। अनिद्रा रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह वयस्क पुरुषों की तुलना में वयस्क महिलाओं में अधिक आम है। नींद विकार शिक्षा और काम के प्रदर्शन को कमजोर कर देता है। साथ ही, यह मोटापे, चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की समस्याओं, याददाश्त से जुडी समस्याओं, प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) की कार्यक्षमता को कमज़ोर और प्रतिक्रिया समय (reaction time) को कम करने का कारण बनता है।

 
अनिद्रा के प्रकार-

अनिद्रा को आमतौर पर तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है–

 
अस्थायी अनिद्रा-

यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं।

 
एक्यूट अनिद्रा-

इसे अल्पकालिक अनिद्रा भी कहा जाता है। इसके लक्षण एक रात से लेकर कई हफ्तों तक जारी रह सकते हैं।

 
क्रोनिक अनिद्रा-

यह समस्या आमतौर पर महीनों और कभी-कभी सालों तक रहती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, क्रोनिक अनिद्रा के ज़्यादातर मामले किसी अन्य प्राथमिक (primary) समस्या से उत्पन्न हुए दुष्प्रभाव होते हैं।

 
अनिद्रा के लक्षण-
  • रात में देर तक जागना।
  • नींद न पूरी होने के कारण थकावट महसूस होना।
  • सोने से पहले देर तक जागना।
  • सोने के लिए अलग-अलग तरह के तरीके अपनाना।
  • देर से सोने के बाद जल्दी उठ जाना।
  • हीन एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी।
  • याददाश्त कमज़ोर होना।
  • कुसमायोजित (uncoordinated) हो जाना।
  • चिड़चिड़ापन और सामाजिक रूप से मिलना-जुलना बंद कर देना।
  • थके होने और पर्याप्त नींद न लेने के कारण होने वाली मोटर वाहन दुर्घटनाएं।
अनिद्रा के कारण-

अनिद्रा आमतौर पर तनाव, जीवन की घटनाओं या आदतों का परिणाम होती है।जिससे नींद में बाधा आती है। इसके मुख्य कारणों का इलाज करने से अनिद्रा का समाधान हो सकता है।लेकिन कभी-कभी इसमें कई साल भी लग जाते हैं।

 
क्रोनिक अनिद्रा के कारण-
तनाव-

ऑफिस, स्कूल, स्वास्थ्य, आर्थिक या परिवार से जुड़ी हुई समस्याएं रात में आपके मस्तिष्क को सक्रिय रख सकती हैं।जिसके कारण सोना मुश्किल हो जाता है। तनावपूर्ण जीवन की घटनाएं या मानसिक परेशानी, जैसे किसी करीबी व्यक्ति की मृत्यु या बीमारी, तलाक या नौकरी छूट जाना आदि के कारण अनिद्रा हो सकती है।

 
यात्रा या काम की समय-सारणी (schedule)-

व्यक्ति का सिरकेडियन रिदम (circadian rhythm) एक आंतरिक घड़ी के रूप में कार्य करता है। जो उसके सोने-जागने के चक्र, चयापचय और शरीर के तापमान का मार्गदर्शन करता है। शरीर के सिरकेडियन रिदम के बिगड़ने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इसके कारणों में विभिन्न समय क्षेत्रों (time zones) में हवाई यात्रा करना, जल्दी या देर वाली पाली (शिफ्ट) में काम करना या पाली (शिफ्ट) का बार-बार बदलना शामिल हैं।

 
सोने की ख़राब आदतें-

सोने की ख़राब आदतों में सोने का अनियमित समय, दिन में सोना, सोने से पहले उत्तेजक गतिविधियां, सोने के लिए उचित वातावरण का अभाव और अपने बिस्तर पर बैठकर खाना या टीवी देखना शामिल हैं। सोने से पहले कंप्यूटर, टीवी, वीडियो गेम, स्मार्टफ़ोन नींद के चक्र में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

 
शाम को अधिक मात्रा में भोजन करना-

सोने के समय से पहले हल्का भोजन करना ठीक है।लेकिन बहुत अधिक खाने से सोते समय शारीरिक रूप से असहज महसूस हो सकता है। बहुत से लोग इससे सीने में दर्द का अनुभव करते हैं। एसिड और भोजन का बैकफ्लो पेट से भोजन नलिका (esophagus) की ओर होने लगता है।जिसके कारण अनिद्रा की समस्या हो सकती है।

 
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार-

चिंता संबंधी विकार, जैसे कि पोस्ट-ट्रॉमैटिक तनाव विकार नींद को बाधित कर सकते हैं। बहुत जल्दी जाग जाना अवसाद का संकेत हो सकता है। अनिद्रा की समस्या अक्सर अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों के साथ भी होती है।

 
दवाएं-

कई निर्धारित (prescription) दवाएं नींद में हस्तक्षेप करती हैं, जैसे कि अस्थमा की दवा, हाई बीपी की दवा, या एंटीडिप्रेसेंट दवा आदि। कई ओवर-द-काउंटर दवाएं (बिना प्रिस्क्रिप्शन के मिलनी वाली दवाएं) जिसमेंदर्द की दवाएं, एलर्जी और जुकाम की दवाएं तथा वजन घटाने के उत्पादों में कैफीन और अन्य उत्तेजक शामिलहैं।जो नींद में रुकावट बनते हैं।

 
चिकित्सकीय परिस्थितियां-

अनिद्रा से जुड़ी स्थितियों के उदाहरणों में क्रोनिक दर्द, कैंसर, शुगर (डायबिटीज), हृदय रोग, अस्थमा, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी; GERD), अतिसक्रिय थायरॉयड, पार्किंसंस रोग और अल्जाइमर रोग शामिल हैं।

 
नींद से संबंधित विकार-

स्लीप एपनिया रात में समय-समय पर सांस लेने से रोकता है।जिसके कारण व्यक्ति सो नहीं पाता। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम पैरों में अजीब सी सनसनी पैदा करता है और न चाहते हुए भी व्यक्ति को अपने पैर बार-बार हिलाने के लिए विवश होना पड़ता है। ऐसी स्थिति में वह सो नही पाता।

 
कैफीन, निकोटीन और शराब-

कॉफी, चाय, कोला और अन्य कैफीन युक्त पेय, उत्तेजक पदार्थ होते हैं। दोपहर के बाद या शाम को इन्हें पीने से नींद बाधित होती है। तंबाकू उत्पादों में निकोटीन एक और उत्तेजक पदार्थ है।जो नींद में हस्तक्षेप करता है। शराब सोने में मदद कर सकती है।लेकिन यह गहरी नींद को रोकती है और अक्सर व्यक्ति आधी रात में जाग जाता है।

 
अनिद्रा के घरेलू उपचार-
अनिद्रा रोग के लिए पुदीने की चाय-

अनिद्रा के लक्षणों में से एक तनाव को कम करने में पुदीने की चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है। यह अच्छी नींद लेने में भी सहयोग करती है। पुदीने की चाय के अलावा, अरोमाथेरेपी के तौर पर पुदीने के तेल का उपयोग भी किया जा सकता है। इसलिए पूरे दिन में कभी भी या सोने से पहले पुदीने की चाय या पुदीने के तेल का उपयोग अनिद्रा के लिए असरदार होता है।

 
अनिद्रा रोग के लिए लैवेंडर का तेल-

अनिद्रा के घरेलू उपचार के तौर पर लैवेंडर तेल का उपयोग भी लाभकारी होता है। कोरिया में छात्राओं पर हुए अध्ययन से पता चला है कि लैवेंडर तेल से की गई अरोमाथेरेपी अनिद्रा को कम करती है। इसके अलावा, एरोमाथेरेपी डिलीवरी के बाद महिलाओं में अच्छी नींद लाने में भी मददगार है। इसलिए इंसोमनिया से पीड़ित मरीजों में नींद की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए लैवेंडर के तेल का उपयोग किया जाता है।

 
कीवी-

कीवी फल के फायदे में अच्छी नींद शामिल है। कीवी फ्रूट एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इस कारण यह फल नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में उपयोगी होता है। इसके साथ ही इसमें सेरोटोनिन (serotonin- एक प्रकार का केमिकल) मौजूद होता है।जो अच्छी नींद के लिए उपयोगी होता है। कीवी फल की गिनती नींद को बढ़ावा देने वाले फलों में भी की जाती है। इसलिए सोने से एक घंटे पहले कीवी फल का सेवन अनिद्रा की परेशानी में कुछ हद तक आराम पहुंचा सकता है।

 
अनिद्रा रोग के लिए केला-

अनिद्रा के घरेलू उपचार की बात करें, तो केले का सेवन आसान और पौष्टिक उपाय होता है। यह एक गुणकारी फल है।जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। एक शोध के अनुसार केला, मेलाटोनिन (एक प्रकार का हार्मोन) से समृद्ध होता है और मेलाटोनिन नींद में सुधार करने का काम करता है।जिससे अनिद्रा की समस्या में कुछ हद तक राहत मिलती है।

 
अनिद्रा के लिए कैमोमाइल-

अनिद्रा के घरेलू उपचार के रूप में कैमोमाइल की चाय का सेवन किया जाता है। यह हर्बल टी अनिद्रा में फायदेमंद साबित हुई है। इसके अलावा, यह चिंता और बुरे सपनों से भी छुटकारा देने में भी मदद करती है। नींद से जुड़े विकारों का इलाज करने के लिए इस खास चाय का सेवन किया जाता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में भी कैमोमाइल मेंनींद को बढ़ावा देने वाले गुण का पता चलता है। जिस आधार पर इसे अनिद्रा में फायदेमंद माना जाता है।

 
शहद और दूध-

स्वास्थ्य के लिए शहद के फायदे और दूध के लाभ तो हैं ही, लेकिन अगर इन दोनों को मिला दिया जाए, तो इसकी गुणवत्ता और बढ़ जाती है। वहीं, शहद-दूध का उपयोग अच्छी नींद के लिए सहायक होता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी से इस बात की पुष्टि होती है। इस रिसर्च में हृदय रोग के मरीजों को शहद-दूध का सेवन कराया गया।जिसके बाद उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार देखा गया। इस स्टडी के अनुसार यह प्रमाणित हुआ है कि अनिद्रा में शहद-दूध का सेवन उपयोगी है।

 
ग्रीन टी-

नींद आने की दवा के लिए भी ग्रीन टी का सेवन किया जाता है। यह नींद न आने की समस्या से छुटकारा पाने का एक कारगर घरेलू तरीका है। ग्रीन टी एक खास अमीनो एसिड एल-थिएनाइन से समृद्ध होती है।जो नींद को बढ़ावा देने का काम करती है। हालांकि, ध्यान रहे कि लो कैफीन युक्त ग्रीन टी का ही सेवन करें।

कब जाएं डॉक्टर के पास?
  • हीन एकाग्रता होने पर।
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता काम होने पर।
  • याददाश्त कमज़ोर होने पर।
  • कुसमायोजित (uncoordinated) महसूस होने पर।
  • ज़रूरत से ज्यादा चिड़चिड़ापन होने पर।

उपयुक्त लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

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