चमेली तेल के फायदे और उपयोग
2022-05-24 15:01:03
चमेली एक सफेद रंग फूल होता है। जिसकी भीनी-भीनी और मीठी खुशबू मन और दिमाग को सराबोर करने लगती है। चमेली की खुशबू के अलावा इसके सेहतमंद गुण आयुर्वेद में कई रोगों के लिए औषधी का काम करते हैं। इसलिए इसके फूल, पत्ते और जड़ का प्रयोग औषधि बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। जो सिरदर्द, कानदर्द से लेकर योनी शिथिलता को कम करने में मददगार साबित होते हैं। चमेली फूल के अलावा इसके तेल का प्रयोग भी कई वर्षों से सेहत, त्वचा और बालों से जुड़ी परेशानियों के लिए किया जाता रहा है।
चमेली के तेल के फायदे-
एंटीसेप्टिक के लिए-
चमेली के तेल में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाले) गुण पाए जाते हैं। जो बैक्टीरिया की सक्रियता को खत्म करने में मदद करते हैं। इसलिए चमेली के तेल को बॉडी पर एंटीसेप्टिक लोशन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिप्रेशन को दूर करने के लिए-
चमेली के फूल को अपनी मनमोहक खुशबू के लिए जाना जाता है। इसके तेल की इसी सुगंध के कारण इसे डिप्रेशन के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चमेली पर थाईलैंड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार इसके तेल से की गई एरोमाथेरेपी डिप्रेशन के रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करती है। जिससे व्यक्ति में खुशी के भाव का संचार होता है। इसलिए चमेली के तेल को डिप्रेशन में लाभकारी माना जाता है।
ब्लड प्रेशर के लिए-
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में जिक्र मिलता है कि चमेली पौधे के एरियल पार्ट (पौधे का वह हिस्सा जो हवा में हो, जैसे फूल और पत्तियां) में एंटी-हाइपरटेंसिव (उच्च रक्तचाप को कम करने वाला) गुण पाए जाते हैं। चूंकि चमेली का तेल इसके फूलों से ही तैयार किया जाता है तो इन गुणों का चमेली के तेल में होना भी स्वाभाविक है। इसलिए चमेली के तेल को बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कारगर माना जाता है।
मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए-
एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मेनोपॉज (मासिक चक्र का बंद होना) की समस्या से ग्रस्त महिलाओं में इस बदलाव के लक्षणों को एरोमाथेरेपी की मदद से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। जिसमें चमेली के तेल का नाम सबसे पहले आता है। इसलिए मेनोपॉज की स्थिति के लिए चमेली के तेल को मददगार माना गया है।
एंटी इंफ्लेमेटरी के लिए-
चमेली तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होते हैं। जो इसकी पत्तियों के अर्क में होते हैं। इसलिए चमेली के तेल और इसकी पत्तियों के अर्क, दोनों को सूजन से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चमेली का तेल हर तरह की शारीरिक सूजन को दूर करने में कारगर साबित होता है।
मुंह के संक्रमण के लिए-
चमेली के तेल में एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण पाए जाते हैं। जो मुंह की सफाई और मुंह के संक्रमण से राहत दिलाने में मददगार साबित होते हैं।
चमेली तेल के पौष्टिक तत्व-
- ग्लाइकोसाइड
- फ्लेवोनॉयड
- सैपोनिंस
- टैनिन्स और फेनोलिक यौगिक
चमेली तेल का उपयोग-
- चमेली तेल को त्वचा पर मालिश करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- चमेली तेल को सिर पर लगाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
- मुंह के संक्रमण को दूर करने के लिए चमेली तेल को माउथवाश की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
- चमेली तेल को कुछ लोग रूम डिफ्यूजर के लिए इस्तेमाल करते हैं।
चमेली के तेल के नुकसान-
- कुछ लोगों को चमेली के तेल से त्वचा संबंधित एलर्जी हो सकती है।
- आरामदायक और उत्तेजक प्रभाव के कारण चमेली तेल के अधिक उपयोग से बचना चाहिए।