Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

जानें, गैस्ट्राइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

जानें, गैस्ट्राइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-05-24 16:27:16

आधुनिक समय में बहुत-सी बीमारियां मनुष्य के शरीर को घेर रही हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है बदलता परिवेश और गलत खान-पान। इसमें जंक फूड का अधिक सेवन, शारीरिक श्रम में कमी और बढ़ते तनाव का होना शामिल है। इन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी है गैस्ट्राइटिस की समस्या। जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। आजकल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में गैस्ट्राइटिस (गैस) की समस्या देखने को मिलती है।

 
क्या होती है गैस्ट्राइटिस?

गैस्ट्राइटिस पेट से जुड़ी समस्या होती है। यह पेट के परत (म्‍यूकोस) में सूजन के कारण होती है। दरअसल म्‍यूकोस में पाए जाने वाले सेल, एसिड और एंजाइमों का उत्‍पादन करते हैं। जो भोजन को पचाने में सहायक और भोज्य पदार्थ के छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करते हैं। लेकिन गैस्ट्राइटिस होने पर इस क्रिया में परेशानी होने लगती है। जिससे पेट में एसिड, हार्मोन और म्यूकस का  उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है। परिणामस्वरूप पेट में सूजन, जलन और बेचैनी होने लगती है। यह अचानक तेज और धीरे (क्रोनिक) या दोनों तरह से हो सकता है।

 
क्या होते है गैस्ट्राइटिस के लक्षण?

गैस्ट्राइटिस के विभिन्न लक्षण व्यक्तियों में अलग-अलग दिखाई देते हैं। लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण भी होते हैं, जो लगभग हर किसी व्यक्ति में देखने को मिलते हैं। जोकि इस प्रकार हैं:

  • पेट में सूजन और दर्द होना।
  • खट्टी डकार आना।
  • बेचैनी या बेहोशी होना।
  • चक्कर आना।
  • दिल की धड़कन का तेज होना।
  • भूख न लगना।
  • जी मिचलाना या उल्टी होना।
  • हिचकी आना।
  • पेट में जलन या पेट गड़बड़ होना।

गैस्ट्राइटिस के कुछ अन्य जटिल लक्षण भी देखने को मिलते हैं। जो इस प्रकार हैं

  • खून की उल्टी होना।
  • मल से तेज बदबू आना।
  • हमेशा पेट भरा सा महसूस करना।
  • तेज घबराहत या बेचैनी होना।
  • मल में खून आना।
क्या होते है गैस्ट्राइटिस होने के कारण?

गैस्ट्राइटिस हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से पेट की म्यूकस लाइनिंग में रहता है। जो पेट में इंफेक्शन पैदा करता है। यह इंफेक्शन प्रदूषित भोजन और पानी के कारण होता है। इसके अलावा भी ऐसे कई अन्य कारण हैं, जिनसे लोग गैस्ट्राइटिस की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में-

 
  • अधिक शराब का सेवन करने पर।
  • खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने पर।
  • गैस बनाने वाला भोजन जैसे सेम, मटर, केक, खट्टा फल, फूल गोभी, बंद गोभी आदि का सेवन करने पर।
  • भारी भोजन का सेवन करने पर।
  • सही समय पर भोजन न करने पर।
  • ज्यादा तेल एवं मिर्च मसाले का सेवन करने पर।
  • एस्पिरिन और एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं अधिक उपयोग करने पर।
गैस्ट्राइटिस के प्रकार
एक्यूट गैस्ट्राइटिस (तीव्र जठरशोथ)

इस प्रकार के गैस्ट्राइटिस से पीड़ित व्यक्ति का अचानक पेट फूलने लगता है। एक्यूट गैस्ट्राइटिस की समस्या नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या शराब का सेवन करने वाले लोगों में अधिक पैदा होती है। जो घरेलू उपचार के दौरान ठीक हो जाती हैं। 

 
क्रोनिक गैस्ट्राइटिस

क्रोनिक गैस्ट्राइटिस को पुरानी गैस्ट्राइटिस के नाम से भी जाना जाता है। इसमें पेट फूलने के साथ पेट के ऊपरी परत में सूजन आ जाती है। इस प्रकार के गैस्ट्राइटिस से पेप्टिक अल्सर, खून की कमी, आंतरिक रक्तस्राव, गैस्ट्रिक कैंसर, किडनी की समस्याएं आदि होने लगती हैं। जो उपचार के बिना ठीक नहीं हो सकती है।

 
इरोसिव गैस्ट्राइटिस

इरोसिव गैस्ट्राइटिस में पेट फूलना सामान्य बात है। इसके अलावा इसमें ज्यादा सूजन नहीं होती है। लेकिन यह पेट की परत में अल्सर और रक्तस्राव का कारण बन सकता है। 

 
गैस्ट्राइटिस के समय ध्यान रखें यह बातें:
  • ताजे फल एवं सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
  • अधिक फाइबर युक्त आहार जैसे फलियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • तले-भुने एवं जंक फूड के सेवन से बचें।
  • भोजन को चबाकर खाएं।
  • भोजन करते समय पानी न पिएं।
  • अल्कोहल या शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
  • नियमित रूप से सुबह टहलें और व्यायाम करें।
गैस्ट्राइटिस के घरेलू इलाज
गुनगुना पानी

गुनगुना पानी पीने से पाचन के साथ अपच से होने वाले पेट दर्द में भी राहत पहुंचाता है। इसके अलावा गैस्ट्रिक की समस्या अधिक होने पर गर्म पानी में जीरा उबालकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।

 
नींबू पानी

नींबू में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो एक प्रकार से एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। शोधकर्ताओं के अनुसार नींबू में पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड गैस की समस्या का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करता है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर सेवन करें।

 
नारियल का पानी

गैस्ट्राइटिस की समस्या में नारियल का पानी पीना अच्छा विकल्प है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गतिविधि होती हैं। जो गैस बनने की समस्या में आराम पहुंचाती हैं।

 
एलोवेरा जूस

एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। इसलिए यह गैस्ट्राइटिस जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं। इसलिए अपने डेली रूटीन में एलोवेरा जूस पीना बेहद फायदेमंद होता है। 

 
अजवाइन

अजवाइन में थाइमोल की मात्रा ज्यादा होती है। जो गैस्ट्रिक रस के स्राव को बढ़ाता है। साथ ही भोजन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में सहायता करता है। जिसके कारण मल को त्यागने में आसानी होता है। परिणामस्वरूप कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।

 
हींग का सेवन

हींग पाचन संबंधी समस्याओं को निपटने में मदद करती है। इसके लिए चुटकी भर हींग का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ पीने से अपच जैसी समस्याएं का खात्मा होता है। इसके अलावा हींग का सेवन पाचन तंत्र से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही यह पाचन प्रक्रिया को नियंत्रित और पेट के पीएच स्तर को सामान्य रखती है।

 
सौंफ

पेट में दर्द, सूजन, आफरा, गैस और एसिडिटी जैसी तमाम बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। इन रोगों से निजात पाने के लिए घरेलू उपाय, जिनमें सौंफ एक बेहतर विकल्प है। सौंफ का चूर्ण बनाकर इसका गुनगुना पानी के साथ सेवन करने से पेट संबंधित विकार दूर होते हैं।

 
काली मिर्च 

आयुर्वेद में काली मिर्च गैस्ट्रिक समस्याओं का प्रभावी इलाज माना जाता है। काली मिर्च शरीर में लार और गैस्ट्रिक जूस की मात्रा को बढ़ाती है। जिससे पाचन क्रिया आसानी से होती है और गैस्ट्रिक से छुटकारा मिलता है।

 
पुदीने का तेल

पुदीना तेल का प्रयोग लंबे समय से पाचन तंत्र को बेहतर कर दस्त, गैस, कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता रहा है। इसके अलावा पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) के उपचार हेतु भी किया जाता है। इसके लिए 2 या 3 बूंद पुदीने के अर्क को आधे गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

 
छाछ

छाछ का सेवन पाचन तंत्र को ठीक करता है। क्योंकि इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड पाया जाता है। जो गैस्ट्राइटिस जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसके अलावा इसका काले नमक के साथ सेवन करने से पेट की जलन और अपच को दूर करने में भी मदद मिलती है।

 
अदरक

अदरक के रस में गर्म पानी और शक्कर मिलाकर पीने से गैस और एसिडिटी जैसी तमाम बीमारियां दूर होती हैं। आयुर्वेद में इस मिश्रण को पेट संबंधित रोगों को दूर करने में कारगर माना जाता है। इसके अलावा अदरक वाली काली चाय को भी एसिडिटी के लिए पीया जा सकता है।

You Should Check This Out

Udar Saffa Powder 100gms x 2

4.8
|
259 Reviews
₹498 ₹399 20% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: