Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

जानें, कद्दू के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

जानें, कद्दू के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

2022-05-24 15:00:54

प्रकृति ने स्वास्थ्य से संबंधित हर छोटी बड़ी परेशानी से लड़ने के लिए कई तरह की चीजे प्रदान की हैं। जिनमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है। इन्हीं प्रकृति प्रदत्त उपहारों में एक कद्दू भी हैं। जिसे कदीमा या कुष्मांडा के नाम से भी जाना जाता है। कद्दू को अंग्रेजी में पंपकिन (Pumpkin) कहते हैं। इस सब्जी में 'पेट' से लेकर दिल एवं त्वचा तक की कई बीमारियों के इलाज की क्षमता होती है। शायद इन्हीं खूबियों की वजह से कद्दू को प्राचीन काल से ही गुणों की खान माना जाता है।

 
आयुर्वेद में कद्दू का महत्व-

कद्दू हर उम्र के लोगों की सेहत के लिए अच्छा होता है। यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है। जिससे शरीर को कई तरह के रोगों से बचाव करने में सहायता मिलती है। इसमें शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल निकालने के भी गुण होते हैं। यह डायबिटीज को भी नियंत्रित रखता है। इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट भी होते है। जो कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से पेट के कीड़े, लिवर की समस्या, खून को साफ करना, त्वचा संबंधित समस्यां आदि कम होती हैं। कद्दू में कुछ उपयोगी घटक होते हैं। जिनमें ओमेगा 3, ओमेगा 6 फैटी एसिड, अमीनो एसिड, जस्ता, और ट्रिप्टोफैन आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन ए, सी और ई आदि भी भरपूर मात्रा में होते हैं। वहीं, कद्दू के छिलके में भी एंटीबैक्टीरिया तत्व होता है। जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है। इन्हीं गुणों से भरपूर होने के कारण कद्दू को आयुर्वेद में उत्तम दर्जे की औषधि माना गया है। 

 
क्या होते हैं कद्दू के फायदे?
ह्रदय को स्वस्थ्य बनाये रखने में सहायक-

कद्दू हृदय को स्वस्थ रखने में बेहद लाभदायक होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो हृदय प्रणाली की रक्षा करने में सक्षम होते हैं। यह हृदय पर ऑक्सीडेशन से होने वाली क्षति पर रोक लगा कर हृदय रोगों को बढ़ने से पहले ही रोक देते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन एवं पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने का काम करते हैं। जो स्वथ्य हृदय के लिए बहुत ज़रूरी होता है।

 
कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित करने में मददगार-

ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइटोस्टेरॉल से समृद्ध, कद्दू शरीर में इष्टतम कोलेस्ट्रॉल स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। इसके यह गुण उपचार के लिए शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर (एचडीएल) को बढ़ाते हुए खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर (एलडीएल) को कम करने और इसके अवशोषण को बाधित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कद्दू का सेवन करने से मोटापा, मधुमेह, दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय रोगों में फायेदा होता है।

 
इम्यूनिटी के लिए लाभप्रद-

कद्दू यानी पंपकिन रोग-प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता को बढ़ाता है। एक जर्नल पेपर के अनुसार, कद्दू में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है। जिसका इम्यूनिटी बूस्ट करने में अहम रोल होता है। विटामिन सी के अतिरिक्त इसमे मौजूद विटामिन ए और ई भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहयोग करते हैं। इसलिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में कददू को ज़रूर शामिल करें।

 
पाचन तंत्र के लिए-

कद्दू का सेवन पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। कद्दू में फाइबर की उच्‍च मात्रा पाई जाती है। जो पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में सहायक होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से कब्‍ज, दस्‍त और पेट की ऐंठन जैसी समस्‍याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

 
आंखो के लिए फायदेमंद-

एक शोध के अनुसार, कद्दू का सेवन आंखों के लिए लाभकारी होता है। इसमें मुख्य रूप से बीटा-कैरोटीन पाई जाती है। जो  एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कद्दू में तमाम विटामिन एवं खनिज पाए जाते हैं। जो डिजनरेटिव नेत्र रोग (उम्र बढ़ने के साथ होने वाले लक्षणों) से बचाने में मदद करते हैं।

 
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक-

रक्तचाप को नियंत्रित करने में कद्दू का सेवन लाभकारी होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, 100 ग्राम कद्दू में 340 मिलीग्राम पोटेशियम पाया जाता है। पोटेशियम शरीर में संतुलन तत्व के रूप में कार्य करता है। जो मांसपेशियों और मस्तिष्क की तंत्रिका गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। यह रक्त परिसंचरण में भी मददगार साबित होता है। यह मांसपेशियों की ऐंठन से भी राहत दिलाता है। एक नियमित आधार पर पोटेशियम का सेवन, मस्तिष्क स्ट्रोक के खतरे को रोकता है। क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करता है। इसप्रकार कद्दू उच्च रक्तचाप की रोकथाम और उपचार के लिए अच्छा होता है।

 
कैंसर को रोकने में सहायक-

कद्दू के बीजों के गैर कार्सिनोजेनिक लक्षण कैंसर की समस्या से निपटने में मदद करते हैं। क्योंकि कद्दू के बीजों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कैंसर विरोधी गुण प्रदर्शित करते हैं। साथ ही हानिकारक बाहरी जोखिम पैदा करने वाले कैंसर से शरीर की रक्षा करने में भी मदद करते हैं। इस प्रकार यह एंटीऑक्सिडेंट विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे प्रोस्टेट और स्तन कैंसर के इलाज और रोकथाम में प्रभावी रूप से सहायक होते हैं।

 
किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार करने में-

कद्दू के बीजों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट किडनी स्टोन, बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय की उच्च गतिविधि आदि जैसे किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने और रोकने में मदद करते हैं। जिससे किडनी की सही कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है।

 
त्वचा हेतु कद्दू के फायदे-
मुंहासों को कम करने के लिए-

कद्दू में कई तरह के विटामिन्स पाए जाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन बी 3 एक तरह से एंटी-माइक्रोबियल का गुण प्रदर्शित करता हैं। जो मुंहासे और उसके बैक्टीरिया से लड़कर स्किन को पिम्पल्स से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त कद्दू के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों की सूजन को कम करने का काम करते हैं। इसके लिए कॉटन (रुई) की सहायता से कद्दू के तेल को संक्रमित हिस्से पर लगाना चाहिए।

 
झुर्रियों को कम करने के लिए-

कद्दू में विटामिन-ए पाया जाता है। जो झुर्रियों और महीन रेखाएं जैसे बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। इसके लिए कद्दू का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और कुछ देर बाद ठंड़े पानी से धो लें। ऐसा करने से यह त्वचा के छिद्रों को खोलता है। साथ ही स्किन के ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी मदद करता है।

 
त्वचा का रंग साफ करने के लिए-

कई बार धूप और यूवी किरणों की वजह से त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है। ऐसे में कद्दू के पेस्ट का इस्तेमाल करना त्वचा के लिए अच्छा होता है। क्योंकि कद्दू में मौजूद विटामिन-सी स्किन को साफ करने में सहायता करता है। दरअसल विटामिन-सी स्किन पर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। जो डिपिगमेंटेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने और त्वचा का रंग साफ करने में मदद करता है। इसके लिए कद्दू के तेल की कुछ बूंदों को हथेली में लेकर चेहरे और स्किन की अच्छे से मसाज करें।

 
फेस मास्क हेतु-

कद्दू का पेस्ट, नींबू का रस और शहद को मिलाकर फेस पैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कद्दू में विटामिन-सी और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो स्किन को यूवी रेडिएशन से बचाने, डर्मेटाइटिस और इन्फ्लेमेशन जैसी समस्याओं को दूर करने और लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

 
कद्दू को किन-किन रूपों में उपयोग किया जाता है-
  • कद्दू का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है।
  • कुछ लोग कद्दू को दूध में मिलाकर खीर के रूप में सेवन करते हैं।
  • कुछ जगहों पर कद्दू के लड्डू भी बनाए जाते हैं।
  • कद्दू को चटनी के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • बच्चों के लिए कद्दू में गुड़ को मिलाकर कपकेक बनाया जा सकता है।
कद्दू के नुकसान-
  • कई लोग कद्दू और इसके परिवार से संबंधित खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसलिए उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए। अन्यथा एलर्जी हो सकती है।
  • कद्दू में मूत्र वर्धक गुण पाए जाते हैं। इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
  • इसमें फाइबर की उच्‍च मात्रा पाई जाती है। इसलिए कुछ लोगों को कद्दू का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, ऐंठन, दस्त आदि समस्‍याएं हो सकती हैं।
  • गर्भावस्‍था या स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को कद्दू या इसके के बीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। या डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।
  • लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए कद्दू का सेवन उपयुक्त नहीं है। क्‍योंकि इसमें उच्‍च रक्‍तचाप को कम करने वाले गुण मौजूद हैं।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: