जानें, हींग के फायदे और उपयोग
2022-05-24 16:31:52
सभी घरों में सब्जियों एवं दालों में हींग का उपयोग किया जाता है। यह भोजन की खुशबू और स्वाद को बढ़ा देती है। इसके अलावा भी हींग के अनेक ऐसे स्वास्थ्य लाभ हैं। जिसके कारण हींग का इस्तेमाल लगभग हर किचन में किया जाता है। हींग खाने को जल्दी पचाने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त हींग उल्टी, पेट दर्द और अन्य पेट संबंधी समस्याओं को कम करने का काम भी करती है। इसलिए आयुर्वेद में हींग को एक उत्तम दर्जे की औषधि माना जाता है।
क्या होती है हींग?
हींग की कई प्रजातियां होती हैं। इसका पौधा 1.5 से 2.4 मीटर ऊंचा और सुगंधित होता है। यह कई वर्षों तक हरा-भरा रहता है। इसका तना कोमल होता है। इसके तने में ढेर सारी डालियां होती हैं। इसके तने और जड़ में चीरा लगाकर राल या गोंद प्राप्त किया जाता है, जिसे हींग कहते हैं। आमतौर पर हींग गहरे लाल एवं भूरे रंग की होती है। इसे भारत में कई नामों से जाना जाता है। इसे तमिल भाषा में पेरुंगायम, तेलगु में इंगुवा, मलयालम में कायम, मराठी में हींगा, कश्मीर में यांग के नाम से जाना जाता है।
हींग के फायदे;
पाचन क्रिया में सुधार-
हींग पाचन संबंधी समस्याओं को निपटने में मदद करती है। हींग का सेवन पाचन तंत्र से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे अपच जैसी समस्याएं होती हैं। यह पाचन प्रक्रिया को नियंत्रित और पेट के पीएच स्तर को सामान्य रखती है।
पेट विकारों में पहुंचाए राहत-
पेट में दर्द, सूजन, आफरा, गैस और एसिडिटी जैसी तमाम बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। इन रोगों से निजात पाने के लिए घरेलू उपाय के रूप में हींग एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए गुनगुने पानी के साथ हींग का सेवन करने से पेट संबंधित विकार दूर हो जाते हैं। इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि हींग में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं। जो दर्द निवारक के रूप में काम करते हैं। इसलिए हींग का सेवन पेट के दर्द को कम करता है। इसके अलावा हींग गैस्ट्रिक रस के स्राव को बढ़ाती है और भोजन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में सहायता करती है। जिसके कारण मल को त्यागने में आसानी होती है। परिणामस्वरूप कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लिए-
ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे श्वसन की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी हींग का सेवन अच्छा होता हैं। इन समस्याओं के उत्पन्न होने का मुख्य वजह श्वसन नली में सूजन का होना है। हींग में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी- बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से बचाने और इम्यूनिटी को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा हींग में एंटीअस्थमा प्रभाव होता है। जो श्वसन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और अस्थमा जैसी समस्याओं को कम करता है।
ठंड से बचाव-
हींग के गुणों में ठंड से बचाव भी शामिल है। हींग में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी- बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण ठंड से बचाने में मदद करते हैं। इसके लिए गुनगुने पानी में चुटकी भर हींग डालकर पीने से शरीर को ठंड से राहत मिलती है। इसके अलावा यह बलगम को मुंह से निकालकर ऊपरी श्वसनतंत्र को साफ करने का काम भी करती है।
सिरदर्द में असरदार-
हींग के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिरदर्द में असरदायक होते हैं। यह सिर की रक्त वाहिकाओं में आई सूजन को कम करने में सहायता करते हैं। इसके लिए गुनगुने पानी में हींग डालकर पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
वजन को कम करने में सहायक-
हींग के पानी का सेवन शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। जो पेट के मोटापे को नियंत्रित रखने का काम करता है। दरअसल एक उच्च चयापचय दर का मतलब बेहतर वजन घटाने से होता है। इसलिए वजन को कम करने के लिए प्रतिदिन सुबह हींग के पानी का सेवन करना एक उत्तम उपाय है।
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में-
हींग कई तरह के शारीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर करने में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, हींग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट याददाश्त की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा हींग ऑक्सीडेटिव डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम भी करती है। जिससे डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस, कार्डियोमायोपैथी, कैंसर और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी कई अन्य समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। इसलिए हींग का सेवन शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
एंटीफंगल के रूप में-
हींग फंगस की समस्या में फायदेमंद होती है। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, हींग में एंटीफंगल गतिविधि पाई जाती है। जो शरीर में ट्राइकोफाइटन के विरुद्ध काम करती है। दरअसल ट्राइकोफाइटन एक तरह का फंगस होता है। जो त्वचा में खुजली और दाद (रिंगवार्म) का कारण बनता है।
एंटीडायबिटिक के रूप में-
एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, हींग के अर्क में एंटीडायबिटिक एक्टिविटी पाए जाती है। जो मधुमेह से प्रभावित पैंक्रिअटिक बी सेल (अग्नाशय के कोशिकाओं) के विरुद्ध सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा हींग रक्त शुगर को कम करने और सीरम इंसुलिन लेवल को बढ़ाने का काम करती है। इसलिए हींग का सेवन मधुमेह के लिए एक अच्छा विकल्प है।
पीरियड्स दर्द से राहत-
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कमर और पेट के निचले हिस्से के दर्द से छुटकारा पाने के लिए हींग एक बेहतरीन उपाय है। यह रक्त को पतला करने का काम करती है। साथ ही शरीर में रक्त के प्रवाह को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है। जिससे पीरियड्स के दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए हींग मिश्रित गुनगुने पानी पानी का सेवन करना चाहिए।
त्वचा के लिए लाभप्रद-
हींग का उपयोग त्वचा के लिए लाभप्रद होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक रिसर्च से पता चलता है कि हींग में फेरुलिक एसिड मुख्य रूप से पाया जाता है। जो एक तरह का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। शोध में यह भी पाया गया कि फेरुलिक एसिड चोट को ठीक करने वाली कोशिकाओं को सक्रिय करता है। साथ ही त्वचा को सूरज की यूवी किरणों से बचाता है। इसके अलावा त्वचा को जलन और डैमेज से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
कैसे करें हींग का सेवन?
- हींग को गुनगुने पानी में मिलाकर, सेवन किया जाता है।
- हींग का इस्तेमाल सब्जी बनाते समय किया जाता है।
- दाल में तड़का लगाने के लिए हींग का प्रयोग किया जाता है।
- हींग का उपयोग अचार के मसाले का स्वाद बढ़ाने में किया जाता है।
- इसे शहद और अदरक के रस में मिलाकर, सेवन किया जाता है।
- हींग को गुड़ के साथ मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
हींग के नुकसान-
- हींग की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका अधिक सेवन, पाचन संबंधी समस्या और हार्ट बर्न का कारण बन सकता है।
- हींग का अधिक सेवन करने से त्वचा पर दाग, धब्बे और रैशेज होने लगते हैं।
- अतिसंवेदनशीलता (हाइपर-सेंसिटिविटी) की समस्या वाले व्यक्ति को हींग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- इसकी अधिक मात्रा का सेवन मुंह में सूजन की वजह बन सकती है।
- हींग का अधिक उपयोग करने से सिरदर्द भी हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को हींग के अधिक सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि यह रक्त संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं।