जानें, मुलेठी के औषधीय महत्व और फायदे
2022-05-24 12:04:45
प्राचीनकाल से ही औषधीय पेड़-पौधों का उपयोग शरीर के विभिन्न समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है। खासकर आयुर्वेदिक उपचार में इसका विशेष स्थान है। ऐसा ही एक पौधा मुलेठी है, जो शरीर के लिए बहुत लाभप्रद मानी जाती हैं। आमतौर पर मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा है। यह ज्यादातर सड़क के किनारे, बाग-बगीचों, पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलता है। आयुर्वेद में मुलेठी पौधे के तने की छाल सहित सुखाकर उपयोग किया जाता है। क्योंकि इसके तने कई औषधीय गुण से भरपूर होते हैं। जिस कारण यह कई आयुर्वेदिक उपचार में काम आते हैं। इसका स्वाद मीठा होता है। यह दांतों, मसूड़ों और गले के रोग के लिए बहुत लाभकारी है। इसी वजह से मुलेठी का उपयोग कई तरह के टूथपेस्ट बनाने में भी किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ग्लाइसीराइजा ग्लबरा (Glycyrrhiza glabra) है।
मुलेठी के फायदे-
श्वसन विकारों में लाभप्रद-
सर्दी, खांसी, दमा, गले में खराश एवं अन्य सांस संबंधी परेशानियों में मुलेठी एक औषधि की तरह काम करती है। दरअसल, मुलेठी में मौजूद एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण सांस संबंधी विकारों एवं बलगम के कारण होने वाले रोगाणुओं से लड़ते हैं। साथ ही मुलेठी एंटी ऑक्सीडेंट से समृद्ध है। जो ब्रोन्कियल नलिकाओं के सूजन को कम करने और वायुमार्ग को शांत करने में मदद करती है। इसके लिए मुलेठी जड़ की चाय का सेवन अच्छा उपाय है।इसके अलावा मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करना भी श्वसन संबंधी समस्याओं में लाभप्रद होता है।
मौखिक स्वास्थ्य के लिए-
मुलेठी में मौजूद जीवाणुरोधी एवं रोगाणुरोधी गुण दांतों की सड़न को रोकने का काम करता है। साथ ही इसमें मौजूद मैग्नीशियम मसूड़े की सूजन और पेरिओडोन्टाइटिस (मसूड़ों से जुड़ा संक्रमण) से होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है। इसलिए दातों और मसूड़ों को स्वस्थ्य रखने के लिए मुलेठी की जड़ के अर्क का इस्तेमाल टूथपेस्ट बनाने में किया जाता है। इसके अलावा मुलेठी की नरम लकड़ी का उपयोग दातुन के रूप में करना लाभप्रद होता है।
कैंसर रोधी गुण-
आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी में कैंसर से लड़ने वाले पर्याप्त गुण मौजूद हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, मुलेठी में गुण पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं से डी.एन.ए. को बचाते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को भी कम करते हैं। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार मुलेठी का सेवन प्रोस्टेट कैंसर से बचाने का काम भी करते हैं। इस स्थिति में मुलेठी को पानी के साथ चबाकर सेवन करना लाभदायक होता है।
लिवर के लिए फायदेमंद-
मुलेठी हेपेटाइटिस, पीलिया, नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर जैसे यकृत बिमारियों के इलाज में सहायक होती हैं। दरअसल, इसमें एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद हैं, जोहेपटोप्रोटेक्टिव की तरह काम करते हैं। यह लिवर को किसी भी प्रकार के क्षति से बचाता है। इसके अतिरिक्त मुलेठी हेपेटाइटिस की वजह से होने वाली लिवर में सूजन को भी कम करता है।
पाचन के लिए फायदेमंद-
मुलेठी की जड़ कब्ज, गैस, एसिडिटी, सीने में जलन एवं पेट के छाले जैसी समस्याओं के इलाज में मददगार होती है। इसमें पाए जाने वाला हल्का रेचक प्रभाव मल को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा मुलेठी में मौजूद एंटी बैक्टीयल एवं एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पेट के संक्रमण और सूजन से बचाने एवं रोकने का काम करते हैं। इसके लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच मुलेठी पाउडर को डालें। 10 मिनट के ढ़ककर रखें और फिर छान लें। अब इस पानी को सप्ताह में 2 से 3 बार पिएं। ऐसा करने से पेट संबंधी समस्याएं दूर होती है। साथ ही पाचन क्रिया दुरुश्त होती है।
सूजन को दूर करने में सहायक-
शरीर में आई किसी भी तरह के सूजन को ठीक करने के लिए मुलेठी कारगर औषधी है। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के द्वारा की गई एक शोध के मुताबिक, मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद है। जो शरीर पर आई किसी भी प्रकार के सूजन से छुटकारा दिलाता है। इसके लिए मुलेठी के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करना फायदेमंद होता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद-
मुलेठी का सेवन मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। दरअसल, इसमें ग्लाइसीराइजिक एसिड (Glycyrrhizic acid) नामक कार्बनिक यौगिक मौजूद है। जो मुख्य रूप से न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण को प्रदर्शित करता है। यह मस्तिष्क को सुचारु रूप से चलाने का काम करता है। इसके अलावा मुलेठी में पाए जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव और सूजन के कारण होने वाली क्षति से बचाता है। इसलिए मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के लिए मुलेठी जड़ की चाय का सेवन करें। इसके अलावा मुलेठी चूर्ण को सब्जी के साथ भूनकर सेवन किया जा सकता है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर-
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए मुलेठी एक प्राकृतिक उपचारक है। इस पर किए गए एक शोध के अनुसार मुलेठी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इम्युनिटी इफेक्ट पाया जाता है। जो प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी सिस्टम) पर सकरात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए मुलेठी की जड़ से बने चाय का सेवन करना लाभदायक होता है। इसके अलावा मुलेठी के छोटे-छोटे टुकड़ों को चबाकर सेवन करना भी हितकर है।
पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए-
मुलेठी का चूर्ण पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में मददगार हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, मुलेठी की जड़ या तने का सेवन व्यक्ति के पूरे शरीर को प्रभावित करता है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है, जो प्रजनन क्षमता के लिएबहुत जरुरी है।
रजोनिवृति (मेनोपॉज) की समस्या में लाभप्रद-
रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज ऐसी स्थिति है, जब महिलाएं की आयु 45 से 55 वर्ष की हो जाती है। इस दौरान महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। जिससे महिलाओं में हॉट फ्लैश (Hot Flash) के लक्षण जैसे चेहरे, गर्दन या सीने पर गर्माहट का अहसास होने लगते हैं। ऐसे में मुलेठी पाउडर का सेवन लाभकारी होता है। दरअसल, मुलेठी में फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) नामक गुण मौजूद होते हैं। जो हार्मोनल असंतुलन को ठीक करते हैं। जिससे रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली परेशानी जैसे शरीर की गर्माहट, रात को पसीना, अनिद्रा, डिप्रेशन, योनि का सूखापन जैसी लक्षण को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुलेठी में मौजूद विटामिन बी, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को विनयमित करते हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
मुलेठी त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं जैसे एक्जिमा, कील-मुहांसे, चकते, रैसेज, फोड़े-फुंसी के इलाज में कारगर होती हैं। जब मुलेठी को क्लींजर या टोनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो हाइपर पिग्मेन्टेशन एवं डार्क सर्किल की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही ऐसा करने से दाग-धब्बें हट जाते हैं और चेहरे पर निखार आती है। इसके अलावा मुलेठी गुलाब जल या दूध में मिलाकर पेस्ट के रूप में लगाने से स्किन को ठंडक मिलती है। जिससे खुजली और लालिमा दूर हो जाती है।
बालों के लिए लाभकारी-
त्वचा के अलावा बालों की समस्या में भी मुलेठी की जड़ लाभदायक है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। जिससे गिरते बालों का इलाज करने में आसानी होती है। इस पर किए गए शोध के अनुसार, मुलेठी की जड़ से प्राप्त हाइड्रो अल्कोहलिक अर्क में हेयर रिग्रोथ प्रभाव होता है। वहीं, एक अन्य शोध के मुताबिक, मुलेठी युक्त शैंपू के इस्तेमाल से बाल घने एवं मजबूत बनते हैं। साथ ही स्कैल्प से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है।
मुलेठी के उपयोग-
- मुलेठी की जड़ को पीसकर चूर्ण के रूप में सेवन किया जाता है।
- इसके पाउडर को गुनगुने पानी में घोलकर सेवन किया जाता है।
- मुलेठी पाउडर को दूध के साथ सेवन किया जाता है।
- इसके पाउडर को गुलाब जल या दूध में मिलाकर फेस मास्क के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
- मुलेठी चूर्ण को नींबू के रस के साथ पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाया जाता है।
- मुलेठी के छोटे-छोटे टुकड़ों को रात में पानी में भिगोकर रखें। और अगली सुबह इस टुकड़ों को पीसकर उसमें से रस निकालकर सेवन कर सकते हैं।
मुलेठी के नुकसान-
- मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिनिक एसिड प्रचूर मात्रा में पाई जाती है। जिस वजह से कुछ दवाओं के साथ इसका सेवन करने से शरीर में पोटैशियम के स्तर में कमी हो सकती है। परिणामस्वरूप हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- इसका अधिक मात्रा में सेवन ब्लड प्रेशर का खतरा हो सकता है।
- गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को इसका सेवन निषेध है।