जानें, शरीर के किस हिस्से को कहते हैं पैनक्रियाज?
2022-05-25 17:52:20
पैनक्रियाज को हिंदी में ‘अग्नाशय’ कहा जाता है जो हमारे शरीर में पाचन तंत्र की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि (Gland) होती है, जो पेट के पीछे और छोटी आंत के पास स्थित होती है। यह पाचन तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System) दोनों का एक अभिन्न अंग है।
पैनक्रियाज (अग्नाशय) पाचन तंत्र के महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देता है। अग्नाशय इंसुलिन, महत्वपूर्ण एंजाइम और हार्मोन को बनाता है। उत्पन्न हुए एंजाइम और पाचक रस, अग्नाशय से निकलकर छोटी आंत (small intestine) में जाते हैं। जहां पर यह भोजन को लगातार तोड़ने का काम करते हैं। पैनक्रियाज द्वारा निर्मित हार्मोन इंसुलिन रक्त प्रवाह में मिलकर शरीर के ग्लूकोज (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करता है।
पैनक्रियाज के कार्य:
अग्नाशय के मुख्यत: दो कार्य होते हैं-
पहला, अग्नाशय भोजन का पाचन करने में मदद करता है।
अग्नाशय द्वारा उत्पन्न एंजाइम के कार्य–
- प्रोटीन को पचाने के लिए अग्नाशय ट्रिप्सिन (trypsin) और काइमोट्रिप्सिन (chymotrypsin) एंजाइम को उत्पन्न करता है।
- कार्बोहाइड्रेट तोड़ने के लिए अग्नाशय एमाइलेज एंजाइम (amylase enzyme) का उत्पादन करता है।
- फैटी एसिड, वसा और कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने के लिए अग्नाशय लाइपेज एंजाइम (lipase enzyme) बनाता है।
- रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने पर अग्नाशय बीटा कोशिकाएं (Pancreatic beta cells) लगातार इंसुलिन जारी करती हैं। जिससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है।
अग्नाशय द्वारा उत्पन्न इंसुलिन का कार्य–
- इंसुलिन यकृत (liver) द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद करता है और तनाव या व्यायाम के दौरान जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो यह ग्लाइकोजन (glycogen) के रूप में प्राप्त किया जाता है।
- रक्त शर्करा का स्तर गिरने पर अग्नाशयी अल्फा कोशिकाएं (pancreatic alpha cells) ग्लूकागन हार्मोन (glucagon hormone) जारी करती हैं, जो शुगर (sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ग्लूकागन (glucagon) की मदद से ही यकृत (liver) में ग्लाइकोजन, ग्लूकोज में टूट जाता है और रक्त प्रवाह में जाकर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य कर देता है।
पैनक्रियाज से संबंधित रोग:
पैनक्रियाज में कोई भी समस्या आने पर शरीर प्रभावित होता है। अग्नाशय द्वारा भोजन ठीक से अवशोषित न कर पाने पर पाचन एंजाइम का उत्पादन पूर्ण रूप से नहीं हो पाता। जिससे दस्त और वजन घटाने जैसी समस्याओं की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा पैनक्रियाज द्वारा कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करना मधुमेह रोग को जन्म देता है। क्योंकि शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज का अवशोषण (Absorption) नहीं हो पाता। जिससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।
स्थायी अग्नाशयशोथ (Chronic pancreatitis)–
पैनक्रियाज में सूजन आने को पैंक्रियाइटिस (अग्नाशयशोथ) कहते हैं। यह एक गंभीर पेट दर्द होता है। छोटे गैल्स्टोन (Small gallstones) के अग्नाशयी नलिका में फंसने और शराब का अत्यधिक उपयोग पैंक्रियाइटिस होने के सामान्य कारण हैं। किसी व्यक्ति में बार-बार तीव्र अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) होने पर स्थायी अग्नाशयशोथ विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे स्वस्थ को नुकसान होता है। यह ज्यादातर मध्यम-आयु वर्ग के पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।
अग्नाशय का कैंसर (Pancreatic cancer)–
जब अग्न्याशय में सामान्य कोशिकाएं असामान्य कोशिकाओं में बदल जाती हैं और उनकी नियंत्रण से ज़्यादा वृद्धि होने लगती है, तब अग्नाशय का कैंसर होता है। अत्याधिक धूम्रपान करने या अधिक मात्रा में शराब पीने से पैनक्रियाज (अग्नाशय) कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सामान्यत: इस कैंसर में एबडोमेन के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द होता है और तेजी से वजन कम होने की दिक्कतें, पीलिया, नाक से खून आना, उल्टी होना जैसी शिकायत होती हैं।
अग्न्याशय में गड़बड़ी के कारण मधुमेह होना-
मधुमेह टाइप 1 एक स्वप्रतिरक्षित (autoimmune) बीमारी है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली जब पैनक्रियाज (अग्नाशय) में उपस्थित बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। जिससे इंसुलिन का निर्माण रुक जाता है, जो मधुमेह का कारण बनता है।
मधुमेह टाइप 2 तब होता है, जब शरीर की मांसपेशियां, वसा और यकृत कोशिकाएं ग्लूकोज को संतुलित करने या अवशोषित करने में असमर्थ हो जाती हैं। जिसकी वजह से पैनक्रियाज ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करने के लिए अतिरिक्त इंसुलिन का उत्पादन करता है। लेकिन एक समय के बाद पैनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाता और शरीर में रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।
पैनक्रियाज ठीक करने के घरेलू उपाय:
- पैनक्रियाज के उपचार के लिए ब्रोकोली बहुत ही उत्तम औषधि है। ब्रोकोली के अंकुरों में फायटोकेमिकल (Phytochemicals) गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर युक्त सेल्स से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं।
- पैनक्रियाज में होने वाली समस्याओं को दूर करने और इसके उपचार के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से ग्रीन-टी का सेवन करें। क्योंकि ग्रीन-टी में मौजूद तत्व पैनक्रियाज कोशिकाओं को कम या न के बराबर पनपने देते हैं।
- एलोवेरा पैनक्रियाज के इंफेक्शन में बहुत ही फायदेमंद है। इसे पैनक्रिऑटिक कैंसर के उपचार के लिए भी उत्तम माना जाता है। इसलिए नियमित रूप से एलोवेरा के जूस का सेवन करने से इंफेक्शन में लाभ मिलता है।
- संतुलित भोजन करके और धूम्रपान तथा शराब के सेवन से दूर रहकर अग्नाशय को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
- पैनक्रियाज को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। अधिक मात्रा में पानी पीना पैनक्रियाज को स्वस्थ रखने में सहायक है।
- जिन्सेंग एक जड़ी बूटी है, जो हमारे शरीर में बाहरी तत्वों के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति का निर्माण करती है। यह जड़ी बूटी भी पैनक्रियाज को काफी हद तक स्वस्थ रखने में मदद करती है।
पैनक्रियाज का आधुनिक इलाज:
इंसुलिन (Insulin)-
पैनक्रियाज द्वारा इंसुलिन न बना पाने पर इंसुलिन के इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। इसके लिए इंसुलिन को प्रयोगशाला में बनाया जाता है और पशु स्रोतों से भी प्राप्त किया जाता है।
स्यूडोसाइट सर्जरी (Pseudocyst surgery)-
कई बार, पैनक्रियाज छद्मकोश (pancreas Pseudocyst) को हटाने के लिए सर्जरी के रूप में लेप्रोस्कोपी (बिना कोई बड़ा चीरा लगाए) या लैपरोटोमी (एक बड़ी चीरा) की आवश्यकता हो सकती है। पैनक्रियाज छद्मकोश अग्नाशयी एंजाइम, रक्त, और नेक्रोटिक ऊतक (necrotic tissue) के तरल पदार्थ का संग्रह कोष है। यह आमतौर पर पैनक्रियाज में सूजन की जटिलताओं का कारण होता है।
पैनक्रियाज प्रत्यारोपण (Pancreas transplantation)–
पैनक्रियाज प्रत्यारोपण एक सर्जरी है, जिसमें मृत व्यक्ति के स्वस्थ पैनक्रियाज को मधुमेह या सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाले किसी व्यक्ति में प्रत्यारोपण कर दिया जाता है।