जानें, कैमोमाइल चाय और इसके फायदों के बारे में
2022-05-24 16:25:23
चाय हमारे दैनिक जीवन के जरूरी पेय पदार्थों में से एक है। आज बाजार में तमाम तरह की चाय मौजूद हैं। इनमें साधारण चाय से लेकर लेमन टी, ग्रीन टी, मिंट टी, जिंजर टी, ब्लैक टी आदि शामिल हैं। इन्हीं चाय में एक कैमोमाइल टी भी है। जिसका नाम आज से पहले, बहुत लोगों ने सुना भी नहीं होगा। लेकिन कैमोमाइल टी एक हर्बल चाय है। जो बॉडी के लिए स्वास्थ्य लाभों का खजाना है। यह चाय कैमोमाइल नाम के फूलों से तैयार की जाती है। कैमोमाइल चाय में एंटी-स्पाज्मडिक (antispasmodic) और एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं। जो तनाव को कम करने, नींद को नियंत्रित करने, त्वचा की रक्षा करने और मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन (menstrual cramps) को शांत करने करने का काम करते हैं। इसके अलावा यह चाय इम्यूनिटी को बूस्ट करने और पेट की सूजन को कम करने में भी मदद करती है।
क्या है कैमोमाइल टी?
कैमोमाइल टी को कैमोमाइल नाम के फूलों से तैयार किया जाता है। यह एस्टरेसिया परिवार से संबंधित पौधा होता है। इस चाय को तैयार करने के लिए पहले कैमोमाइल फूलों को सुखाया जाता है, उसके बाद उन्हें पानी में उबाला जाता है। पुरातन काल से कैमोमाइल चाय को चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके अलावा कैमोमाइल के फूलों को भी आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार एवं प्रलेप (poultices) के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।
आज कई बाजार और मॉल्स में कैमोमाइल चाय के टी बेग्स आसानी से मिल जाते हैं। जिनका उपयोग ग्रीन टी की तरह ही किया जाता है। कैमोमाइल चाय सुखद स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के कारण वर्षों से इस्तेमाल की जाने वाली औषधि है। इस चाय में फ्लेवोनोइड, एंटीइंफ्लेमेटरी, शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और हीलिंग गुण जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें पोटेशियम, विटामिन ए, कैलोरी, फ्लोराइड, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, फोलेट और कैल्शियम आदि की मात्रा भी पाई जाती हैं। चूंकि यह सभी गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण और फायदेमंद होते हैं। इसलिए आज इसका सेवन एक औषधीय पेय के रूप में भी किया जाता है।
कैमोमाइल टी के फायदे
एंग्जायटी और बेहतर नींद के लिए
कैमोमाइल चाय में एपिजेनिन नामक फ्लेवोनोइड मौजूद होता है। जिसमें नींद का प्रभाव बढ़ाने वाले सेडेटिव प्रभाव (sedative effects) पाए जाते हैं। जो मनुष्य को अच्छी नींद देने में मदद करते हैं। इसके अलावा कैमोमाइल चाय में एंटीकन्वल्सेंट गुण भी मौजूद होते हैं। जो दिमाग को शांत कर, चिंता (एंग्जायटी) को दूर करने का काम करते हैं।
डायरिया और पेट संबंधी समस्याओं के लिए
कैमोमाइल चाय खाने को आंत तक ले जाने वाली मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करती है। जिससे व्यक्ति को पेट दर्द और गैस से राहत मिलती है। वहीं, कैमोमाइल चाय में पेट में अल्सर फैलाने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया को रोकने की भी क्षमता होती है। इसके अलावा कैमोमाइल चाय में सौंफ, मिंट, लिकोरिस और वर्वेन जैसी अन्य हर्ब को मिलाकर पीने से डायरिया को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
मधुमेह और ग्लाइसेमिक के लिए
कैमोमाइल चाय शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर, लिवर में ग्लाइकोजन के प्रभाव को बढ़ाने और लाल रक्त कोशिकाओं में सॉर्बिटॉल नामक शुगर कंपाउंड को बढ़ने से रोकती है। वहीं, यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बनाए रखती है। जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा कैमोमाइल टी, ब्लड शुगर के बढ़ने से अग्न्याशय की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाली क्षति से बचाने का काम भी करती है। यह शरीर के खराब कॉलेस्ट्रोल (LDL) को कम और इंसुलिन के प्रभाव बढ़ाने का काम करती है। इस प्रकार यह चाय ग्लाइसेमिक नियंत्रण में भी सहायता करती है।
क्रोनिक इन्फ्लेमेशन और कैंसर के लिए
क्रोनिक इन्फ्लेमेशन (Chronic inflammation) शरीर के अंदर की उस सूजन को कहते है, जो टिश्यू या सेल्स को नुकसान पहुंचाकर कैंसर जैसे रोग का मुख्य कारण बनती है। शरीर में यह सूजन आमतौर पर नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से होती है। जिसे रोकने या नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी एंटीइन्फ्लेमेटरी एजेंट की जरूरत होती है। चूंकि कैमोमाइल चाय में फ्लेवोनोइड एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंट मौजूद होता है। जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभाव को कम करने और इन्फ्लेमेशन से आराम दिलाता है। इस प्रकार यह चाय कैंसर के उपचार में भी मदद करती है।
हड्डियों के लिए
बढ़ती उम्र के कारण ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होना एक सामान्य प्रक्रिया है। जो अधिकांश लोगों के साथ होती है। इस बीमारी में हड्डियां पोषण खोकर कमजोर हो जाती है। जिससे हड्डियों का आसानी से टूट जाने का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को बढ़ने से रोकने या बचने के लिए सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलेटर (selective estrogen receptor modulators) का उपयोग किया जाता है। जिसके लिए कैमोमाइल टी को भी इस्तेमाल में लाया जाता है। क्योंकि इसमें एंटी-एस्ट्रोजेनिक प्रभाव पैदा करने वाले गुण मौजूद होते हैं। जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं।
स्वस्थ दिल के लिए
शरीर में कोलेस्ट्रॉल और खून में शुगर का बढ़ना, हृदय रोग के मुख्य कारण होते हैं। इसलिए हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर नियंत्रित रखने सलाह दी जाती है। इसके लिए कैलोमाइल टी का सेवन करना अच्छा माना जाता है। क्योंकि यह चाय बढ़े हुए ब्लड शुगर और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने का काम करती है। जिससे हृदय विकार का खतरा कम हो जाता है।
त्वचा के लिए
कैमोमाइल टी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो त्वचा पर पड़ने वाले रैशेज, सनबर्न और कई प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। इसके अलावा यह एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण त्वचा की सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं।
कैमोमाइल टी के नुकसान
- जिन लोगों को डेजी परिवार के फूलों से एलर्जी है। उन्हें कैमोमाइल टी के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि उन्हें इससे भी एलर्जी हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं को भी कैमोमाइल टी से दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि गर्भावस्था में इस चाय का सेवन करने से यूरिन मसल्स टाइट और गर्भ में पल रहे भ्रूण को नुकसान हो सकता है।
- कैमोमाइल चाय रक्त को पतला करती है। इसलिए खून को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन करने वाले लोगों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।