जानें बादाम के फायदे, उपयोग और नुकसान
2022-05-25 17:53:25
जानें बादाम के फायदे – बादाम एक ऐसा पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जिसमें स्वास्थ्य को सुधारने के साथ-साथ कई बीमारियों की रोकथाम के भी गुण पाए जाते हैं। विज्ञान के अनुसार बादाम विटामिन-ई और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स का सबसे अच्छा स्रोत है। बादाम को अंग्रेजी में आलमंड (almond) कहा जाता है। बादाम का प्रयोग ड्राई फ्रूट्स के अलावा कई मीठे पकवानों में स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
बादाम क्या है?
जानें बादाम के फायदे – बादाम एक सूखा मेवा (Dry Fruit) है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, लोहा, वसा और फास्फोरस होने के कारण यह बहुत ही पौष्टिक होता है। बादाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है। बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी के लिए यह लाभप्रद है। बादाम का वृक्ष लगभग 8 मीटर तक ऊंचा और मध्यम आकार का होता है। इसके फूल का रंग सफेद या हल्का लाल होता है। इसको सूखे फल के तौर पर खाया जाता है।
आयुर्वेद में बादाम का महत्त्व-
जानें बादाम के फायदे – आयुर्वेद के अनुसार बादाम एक ओजस (ताकत) पैदा करने वाला खाद्य पदार्थ है। जो पाचन को भी ठीक रखता है। बादाम के सेवन से ‘पित्त दोष’ कम होता है और त्वचा में चमक आती है। पित्त ही शरीर में पाचन और चयापचय (Metabolism) को कंट्रोल करता है। इसलिए बादाम के नियमित सेवन से शरीर के बायोकेमिकल फंक्शन ठीक से काम करते हैं।
बादाम के औषधीय गुण-
यह मस्तिष्क को सक्रिय बनाता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है। अपने इन्हीं गुणों के कारण बादाम को एक आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। दिमाग की याददाश्त बढ़ाने के लिए डॉक्टर इसे खाने की सलाह देते हैं। इसमें सोडियम न होने के कारण यह ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए भी अत्यंत सहायक होता है। इसके इलावा बादाम खाने से मधुमेह, पथरी, एनीमिया आदि गंभीर समस्याओं में भी लाभ मिलता है।
बादाम खाने के फायदे
तेज दिमाग के लिए फायदेमंद है बादाम–
दिमाग के लिए बादाम को “सर्वोत्तम आहार” माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई न केवल दिमाग की सतर्कता को बढ़ाता है बल्कि संज्ञानात्मक गिरावट (cognitive decline) को रोकने में भी कारगर है। बादाम याददाश्त को बरकरार रखने में भी सहायक है। जिंक (zinc) बादाम में भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। जो हानिकारक आक्रमणों से दिमाग की कोशिकाओं को बचाता है। बादाम का सेवन दिमाग में होने वाले फेनिलएलनिन पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease) को रोकने का काम करता है। इससे डोपामाइन (dopamine) और एड्रेनालाईन (adrenaline) जैसे मस्तिष्क के रसायनों (brain chemicals) के उत्पादन में भी मदद मिलती है। मस्तिष्क के यह रसायन ध्यान और स्मृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
जन्म दोष को रोकने में सहायक है बादाम–
बादाम में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो होने वाली संतान को हृष्ट-पुष्ट बनाता है। गर्भवती महिला द्वारा बादाम का सेवन करने से शिशु में होने वाले विकारों अथार्त फिर जन्म दोष को होने से रोकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार में बादाम को अवश्य शामिल करना चाहिए।
हड्डियों की मजबूती में लाभदायक है बादाम–
बादाम में फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज आदि खनिज पदार्थ होते हैं। जो हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और अन्य हड्डी से संबंधित रोगों से बचने के लिए साबुत बादाम या बादाम वाला दूध पीना फायदेमंद होता है। बादाम के तेल से छोटे बच्चों की मालिश करने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं।
खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने में सहायक है बादाम –
खराब कोलेस्ट्रॉल (एल.डी.एल) का स्तर नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से बादाम खाना अच्छा रहता है। इससे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ावा मिलता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के अनुसार बादाम के सेवन से एल.डी.एल कोलेस्ट्रॉल को 15 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
मधुमेह में असरदार है बादाम –
बादाम मधुमेह को नियंत्रित करता है। यह उच्च रक्तचाप से होने वाली समस्याओं पर भी अंकुश लगाता है। बादाम में पाए जाने वाले पदार्थ- स्वस्थ वसा (fat), फाइबर, विटामिन, ग्लूकोज के अवशोषण (absorption) और प्रसंस्करण (processing) को नियमित करते हैं। जो मधुमेह से बचाव में मदद करते हैं।
त्वचा को पोषित रखने में कारगर है बादाम –
बादाम का सेवन त्वचा को पोषित, और सुन्दर बनाता है। यह त्वचा को झुर्रियों से बचाता है। इसके तेल को त्वचा पर लगाने से सनबर्न और अन्य त्वचा संबंधित विकार खत्म होते हैं। इसके तेल से स्किन ऑयली नहीं बनती और पिम्पल्स का खतरा भी कम रहता है।
बादाम के प्रकार-
बादाम की मुख्य रूप से दो प्रजातियां पाई जाती हैं। पहली मीठे (sweet almond) और दूसरी कड़वे बादाम (bitter almond)। केवल मीठे बादाम को ही खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। क्योंकि कड़वे बादाम में साईनोजेनिक ग्लाइकोसाइड-अमाईगडेलिन (amygdalin) विषैला पदार्थ पाया जाता है, जिस कारण यह जहरीला होता है। इसलिए कड़वे बादाम का प्रयोग केवल बाहरी उपयोग के लिए किया जाता है।
बादाम के सेवन का तरीका
- रातभर पानी में भिगोकर अगली सुबह बादाम को छिलकर खाया जाता है। यह बादाम खाने का सबसे अच्छा तरीका है।
- मिल्क शेक में डालकर बादाम का सेवन किया जाता है।
- मिठाइयों में बादाम का प्रयोग किया जाता है।
- केक और अन्य खाद्य पदार्थों में भी बादाम का उपयोग किया जाता है।
बादाम के नुकसान;
कई बार बादाम का सेवन शरीर को निम्न प्रकार के नुकसान पहुंचा सकता है-
- बादाम का अधिक सेवन एलर्जी का कारण बनता है।
- बादाम का अधिक सेवन करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है। जो घमौरी, मुंहासे, फूंसी, छाले आदि का कारण बनता हैं।
- इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसलिए बादाम का अधिक सेवन पेट में गैस, ऐंठन और सूजन जैसी समस्या पैदा कर सकता है।
- गर्भवती महिला को बादाम का सेवन डॉक्टर के परामर्शानुसार करना चाहिए।
कहां पाया जाता है बादाम?
एशिया में बादाम का उत्पादन भारत, ईरान, जापान, मस्कट, शीराज, सउदी अरब जैसे अनेक देशों में किया जाता है। भारत में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक बादाम का उत्पादन होता है।