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कमल एक दिव्य सौंदर्य और पवित्रता का प्रतीक

कमल एक दिव्य सौंदर्य और पवित्रता का प्रतीक

2022-09-27 00:00:00

कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है। हिंदी में इसे "कमल" और संस्कृत में "पद्मिनी" के नाम से जाना जाता है। यह एक पवित्र पौधा है, जो दिव्य सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक है। इसे भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी को चढ़ाया जाता है। कमल के सभी भाग जैसे पत्ते, फूल, बीज, फल और प्रकंद खाने योग्य होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम निलम्बो न्यूसीफेरा (Nelumbo nucifera) है।

कमल का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इसे विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे "कमल", तमिल में "थमराई, तावरई", तेलुगु में "तमारा पुव्वु" और मलयालम में "तमारा" आदि नामों से पुकारा जाता हैं।

कमल का महत्व-

कमल के प्रजातियों को रंगों के आधार पर विभाजित किया गया हैं। यह प्रायः लाल, सफेद और नीले रंग के समान गुण वाले होते हैं। आयुर्वेद में, सफेद कमल को "पुंडरीका" लाल कमल को "कोकनाडा" और नीले कमल को "इंदिवेरा" कहा गया है। पुंडरीका पित्त और रक्त दोष को संतुलित करने के लिए उत्तम उपाय है।

इसके बीजों में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, सोडियम, जिंक और विटामिन (बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी9, सी, ई) होते हैं। कमल में बायोएक्टिव घटक जैसे एल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा कमल कसैले, मूत्रवर्धक, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-डायबिटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक, एंटी-इस्किमिया, एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीपाइरेटिक , हेपटोप्रोटेक्टिव जैसे औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।

कमल के स्वास्थ्य लाभ-

  • रक्तस्राव को नियंत्रित करने में सहायक-कमल में कषाय गुण मौजूद हैं। साथ ही इसमें अच्छी मात्रा में फाइटोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं, जो रक्त के थक्कों के निर्माण में सहायक हैं। जिससे चोट या घावों को शीघ्रता से ठीक करने में मदद मिलती है। कमल का यह गुण शरीर में अधिक रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। इस प्रकार बवासीर से रक्त आने, अधिक मासिक धर्म प्रवाह और नाक से रक्त आने जैसी समस्याओं में सहायक होता है।
  • दस्त को रोकने में मददगार- कमल में हेपटोप्रोटेक्टिव, कार्डियोवास्कुलर, एंटीस्पास्मोडिक और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं। इसलिए दस्त के समय इसका उपयोग किया जाता है। यह मल त्याग की प्रक्रिया को कम करता है। साथ ही यह छोटी आंत में द्रव के संचय को रोकता है। इस प्रकार कमल दस्त को नियंत्रित करने में उपयोगी है।
  • पाचन क्रिया को सुधारने में कारगर-अपच के इलाज में कमल कारगर साबित होता है। दरअसल कमल में एल्कलॉइड और एंटीस्पास्मोडिक गुण मौजूद होते हैं। यह पाचन में मदद करता है और शरीर में गैस को बनने से रोकता है। इसमें मौजूद सभी तत्व पाचन तंत्र में सुधार कर, शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
  • सूजन को कम करने में सहायक-कमल अपने एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों की उपस्थिति के कारण सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। यह घटक सूजन वाले ऊतकों को शांत करते हैं। जिससे सूजन कम होती है।
  • त्वचा के लिए फायदेमंद-कमल के फूल का अर्क त्वचा को उज्ज्वल करने और एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। यह मेलेनिन (जो त्वचा को काला करता है) और झुर्रियों के निर्माण के लिए जिम्मेदार एंजाइम को रोकता है।
  • कमल की पंखुड़ियों से बना लेप सिर दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी होता है।
  • दाद और अन्य त्वचा रोगों के इलाज के लिए इसके जड़ों से बने चूर्ण का उपयोग पेस्ट के रूप में किया जाता है।
  • कमल की पंखुड़ियों का उपयोग खाद्य पदार्थों को सजाने के लिए किया जाता है।
  • खूनी बवासीर के उपचार में कमल के कलियों काशहद या मक्खन के साथ सेवन किया जाता है।
  • कमल के चूर्ण को गाय के दूध या घी में पकाकर सेवन करने से लालिमा, रक्तस्राव, दर्द और घाव से छुटकारा मिलता है।
  • खांसी के इलाज के लिए कमल के बीज के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन किया जाता है।

कमल का उपयोग करते समय बरतें यह सावधानियां एवं दुष्प्रभाव-

आमतौर पर कमल का सेवन सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, इसका अधिक सेवन करने से कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके सेवन से होने वाले कुछ दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • उल्टी या मतली आना।
  • चक्कर आना।
  • त्वचा में खुजली होना।
  • गले में सूजन होना।
  • गर्भावस्था और सर्जरी से पहले इसका सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।

यह कहां पाया जाता है?

सामान्यतः कमल पूरे भारत में पाया जाता है। लेकिन अधिकतर यह बाढ़ के मैदानों और डेल्टा क्षेत्रों में देखने को मिलता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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