केसर के औषधीय गुण और फायदे
2022-11-21 00:00:00
केसर, जिसे आमतौर पर ‘लाल सोना (रेड गोल्ड) के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे सैफ्रॉन कहा जाता है। केसर इरिडेसी परिवार से संबंधित एक बारहमासी पौधा है। इसकी उत्पत्ति अरबी शब्द "ज़ाफ़रान" से हुई है। आमतौर पर केसर की गिनती सबसे महंगे और लोकप्रिय मसालों की श्रेणी में होती हैं। यह क्रोकस सैटाइवस के फूल की वर्तिकाग्र (निशान) से निकाला जाता है। इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को स्वाद देने एवं कलर एजेंट के रूप में किया जाता है।
इसके अतिरिक्त केसर पाचन क्रिया,अनिद्रा और स्वस्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने का काम करता है। इसलिए आयुर्वेद में केसर को एक उत्तम औषधि माना जाता है।
केसर के पोषण गुण और महत्व-
केसर कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन सी और विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्वों का समृद्ध स्त्रोत है। इसके अतिरिक्त केसर क्रोसेटिन, क्रोसिन, सफ्रानल और केम्पेरानॉल जैसे एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है । यह सभी तत्व कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं के इलाज में मदद करते हैं।
आयुर्वेद में, केसर का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में कई तरह से किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार, केसर में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकॉनवल्सेन्ट,एंटीऑक्सीडेंट और एंटीअल्जाइमर जैसे गुण पाए जाते हैं। यह सभी गुण कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह चिंता, अवसाद, स्मृति समस्याओं, सूजन, पेट संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए अच्छा उपाय है। केसर अपने चिकित्सीय गुणों के कारण त्वचा साफ और चमकदार बनाए रखता है।
केसर के फायदे
गठिया के इलाज में सहायक
केसर में पाया जाने वाला क्रोसेटिन और क्रोसिन एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में काम करता है। जिससे गठिया के इलाज में आसानी होती है।
पाचन तंत्र के लिए उपयोगी
केसर अपने मूलक समार्जक (मुक्त कणों की सफाई) और एंटीऑक्सीडेंट प्रभावों के कारण अपच के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल केसर में यूपेप्टिक (पाचन को ठीक करने वाला) औषधीय गुण होता है। वहीं, एक अन्य शोध के मुताबिक, केसर का उपयोग गैस्ट्रिक एसिड को कम करने और पाचन तंत्र में सुधार करने में लाभकारी होता है। इसके अलावा केसर अल्सरेटिव कोलाइटिस और सीने की जलन को भी ठीक करता है।
घाव ठीक करने में कारगर
केसर का प्रयोग घाव ठीक करने के लिए भी किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण घावों को ठीक करने में सहायक होते हैं। इसके लिए केसर को पानी और हल्दी के साथ मिलाकर सीधे घाव वाली जगह पर लगाएं। ऐसा करने से घाव शीघ्र भर जाते हैं।
श्वसन संबंधी समस्याओं में फायदेमंद-
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण केसर श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा के इलाज के लिए प्रभावी औषधि मानी जाती है। इसलिए इसके नियमित इस्तेमाल से ब्रोन्कियल ट्यूब (श्वसन नलियों) में मौजूद कैटरल (श्लेष्म या म्यूकस) पदार्थ और कफ को हटाने में सहायता मिलती है। जिससे अस्थमा की समस्या कुछ हद तक ठीक हो जाती है। इसके लिए केसर मिश्रित चाय का सेवन करें। ऐसा करने से फेफड़ों से बलगम साफ होता है और अस्थमा की समस्या दूर होती है।
अनिद्रा में सहायक
अनिद्रा बहुत कष्टदायक होती है। जिससे व्यक्ति पूरे दिन थका महसूस करता है। परिणामस्वरूप उसके कार्य में रुकावट पैदा होती है। ऐसे में केसर का रोजाना सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। यह मनुष्यों में नींद लाने का काम करता है। साथ ही यह नींद के पैटर्न को भी नियंत्रित करता है और व्यक्ति को स्वस्थ और अधिक ऊर्जावान महसूस कराता है। जिससे अनिद्रा की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
कैंसर से बचाव के लिए
कैंसर से बचाव के लिए केसर का उपयोग किया जाता है। दरअसल इसमें एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त केसर में क्रोसिन नामक यौगिक मौजूद हैं, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में उपयोगी होता है। साथ ही यह सभी गुण त्वचा के कैंसर में भी सकरात्मक प्रभाव डालते हैं।
आंखों के लिए फायदेमंद
केसर में पाए जाने वाले प्राकृतिक यौगिक, रेटिनल डिजनरेशन और दृष्टि हानि जैसी समस्याओं में लाभप्रद होते हैं। यह दृश्य प्रतिक्रिया को मजबूत करता है। इसके अतिरिक्त केसर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण रेटिना स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने में सहायता करते हैं।
बालों के उपचार में उपयोगी
केसर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट क्षति ग्रस्त बालों की मरम्मत करने और उनके विकास को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। इसके लिए एक छोटा चम्मच केसर को बादाम या नारियल के तेल में मिलाकर बालों की अच्छी तरह से मालिश करें। ऐसा करने से बालों के विकास में मदद मिलती हैं। साथ ही बाल स्वस्थ्य और मजबूत होते हैं।
त्वचा की देखभाल के लिए
केसर का सामयिक अनुप्रयोग त्वचा को उज्ज्वल करता है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज और मुलायम बनाता है। इसके लिए केसर मिश्रित दूध को फेस मास्क की तरह उपयोग करें। ऐसा करने से मुंहासों और दाग-धब्बों से राहत मिलती हैं।
केसर के नुकसान
वैसे तो केसर के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। लेकिन दुर्लभ परिस्थितियों या इसका अधिक सेवन हानिकारक साबित हो सकता है,जो निम्नलिखित हैं
- केसर का अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, चक्कर आना, उल्टी, श्लेष्मा झिल्ली संबंधित समस्या हो सकती हैं। कुछ मामलों में केसर का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए विषाक्तता का कारण बन सकता है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
- निम्न रक्तचाप और हृदय रोग के रोगियों को केसर से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को केसर का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
केसर कहां पाया जाता है?
केसर मूल रूप से ग्रीस का औषधीय पौधा है और सर्वप्रथम यहीं पर इसे उगाया गया था। लेकिन वर्तमान समय में, यह मसाला मुख्य रूप से ईरान, ग्रीस, मोरक्को और भारत में उगाया जाता है। भारत में केसर मुख्यतः जम्मू और कश्मीर में उगाया जाता है।