जानें, अलसी के औषधीय गुण और उपयोग के बारे में
2022-05-25 17:54:44
अलसी के औषधीय गुण – घर में बनने वाले कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में अलसी का इस्तेमाल किया जाता है। अलसी के छोटे-छोटे बीजों में बहुत से ऐसे गुण और पोषक तत्व होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों से आराम दिलाने में सहायता करते हैं। जिस कारण अलसी को आयुर्वेद में उत्तम दर्जे की औषधि माना जाता है।
क्या है अलसी और ये कहां पाया जाता है?
अलसी के औषधीय गुण – अलसी मुख्य रूप से समशीतोष्ण (सामान्य तापमान वाले) जगह पर पाए जाने वाला एक रेशायुक्त पौधा हैं। जिसे “तीसी” के नाम से भी जाना जाता है। इसके बीजों का प्रयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है।
जो शरीर की सूजन, गठिया दर्द और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। अलसी की पैदावार मुख्य रूप से भारत ,अर्जेंटीना, अमेरिका आदि देशों में होती है। मेडिकल साइंस के अनुसार, अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे बड़ा स्रोत है। जो शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। अलसी को अंग्रेजी में फ्लैक्स सीड्स (Flax seeds) कहते है।
आयुर्वेद में अलसी का महत्व-
आयुर्वेद में अलसी को सुपरफूड कहा जाता है। क्योंकि इसमें एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटिक, उच्चरक्तचापरोधी (Antihypertensive), एंटीट्यूमर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाले गुण पाए जाते हैं। आमतौर पर आयुर्वेद में अलसी के बीज, तेल, पाउडर और आटे का प्रयोग किया जाता है। अलसी का सेवन करना सांस, कंठ (गला), कफ, पाचन रोग आदि बीमारियों में फायेदा करता हैं।
अलसी के प्रकार–
अलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। पहली भूरी अलसी और दूसरी पीली या सुनहरी अलसी। अलसी के इन दोनों प्रकारों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और पोषक तत्व बराबर मात्रा में पाए जाते हैं
क्या हैं अलसी के फायदे?
अलसी निम्नलिखित बिमारियों में लाभदायक होती है-
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक–
एनसीबीआई के शोध के मुताबिक अलसी शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ब्लॉकेज को निकालकर ह्रदय संबंधी रोगों की संभावना को कम करती हैं। साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ाती है।
हृदय के लिए फायदेमंद–
अलसी हृदय की नसों में पैदा होने वाले अवरोध (Atherosclerosis) को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने का काम करती है। अलसी में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के हार्मोन को नियंत्रित करते हैं। साथ ही कोशिकाओं को भी स्वस्थ रखने में सहायक करते हैं।
डायबिटीज में पहुंचाए राहत–
अलसी में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला प्रभाव मौजूद होता है। दरअसल अलसी में मौजूद फाइबर और म्यूसिलेज (गोंद जैसा पदार्थ) शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित करता है। जिससे शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है। परिणामस्वरूप डायबिटीज (मधुमेह) की समस्या ठीक होने लगती है।
पाचन में सहायक-
अलसी में घुलनशील फाइबर होता है, जो आंतों और पाचन-क्रिया में बेहद लाभदायक होता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अलसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी (gastrointestinal -motility) में भी सहायक होती है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी वह प्रक्रिया है, जिसके तहत खाद्य पदार्थ संपूर्ण पाचन प्रक्रिया से होकर गुजरता है।
कब्ज में असरदार–
अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो मल को ढिला करके कब्ज की समस्या निजात दिलाता है। इसलिए कब्ज की समस्या में अलसी एक बेहतर विकल्प है।
बालों को स्वस्थ रखने में सहायक–
अलसी का तेल बालों को मजबूती और विकास प्रदान करता है। साथ ही गंजापन और बाल झड़ने की समस्या को कम करता है। इसलिए बालों के लिए अलसी का उपयोग करना लाभदायक होता है।
ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में कारगर–
अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर संयुक्त रूप से ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक करते हैं।
क्या हैं अलसी के दुष्प्रभाव?
निम्नलिखित परिस्थितियों में अलसी का प्रयोग निषेध हैं;
- अलसी में ब्लड प्रेशर को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अलसी डायबिटीज (मधुमेह) को कम करती है। इसलिए लो ब्लड शुगर वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए हैं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण अलसी खून जमने की प्रक्रिया को धीमा करती है। इसलिए खून को पतला करने वाली दवाओं के साथ अलसी का सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।