क्रैनबेरी के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग
2022-03-17 13:10:12
क्रैनबेरी (Cranberry) एक छोटे अम्लीय जामुन के सामान फल है। क्रैनबेरी का नाम सुनने पर दिमाग में छोटे और गहरे लाल रंग के फल की इमेज (छवि) याद आती है। यह स्वाद में खट्टा और मीठा दोनों तरह का होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल जूस, जैम, चटनी आदि खाद्य पदार्थ तैयार करने में किया जाता है। इसके अलावा क्रैनबेरी का सेवन और उपयोग स्वास्थ्य लाभों की प्राप्ति और कई रोगों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
क्रैनबेरी में एंटीऑक्सीडेंट गुणों की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इस वजह से इसको कई जगह पर सुपर फूड भी कहा जाता है। इसलिए इसके जूस का प्रयोग तमाम स्वास्थ्य परेशानियों को दूर करने के लिए जाता है। क्रैनबेरी के औषधीय गुण गुर्दे की पथरी, श्वसन संबंधी विकार, पेट संबंधी विकार, हृदय रोग, मधुमेह, मूत्र पथ संक्रमण (UTI) और कैंसर जैसी बीमारियों से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। इसके अलावा यह दांतों से संबंधित समस्याओं को भी कम करने में मदद करते हैं।
क्या होती है क्रैनबेरी?
क्रैनबेरी एक छोटे गोल आकार और गहरे लाल रंग का फल होता है। इसका साइंटिफिक नेम वैक्सीनियम मैक्रोकारपन (Vaccinium macrocarpon) है। यह सदाबहार झाड़ियों में उगने वाला फल है। जिसे मुख्य रूप से उत्तर अमेरिका में उगाया जाता है। लेकिन इसकी तमाम प्रजाति पूरे विश्व में कई जगह पर उगाई जाती हैं। क्रैनबेरी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे तमाम रोगों के प्रभाव को कम करने और अच्छी हेल्थ के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्रैनबेरी में मौजूद औषधीय गुण-
क्रैनबेरी से संबंधित एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार क्रैनबेरी में एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनॉल, एंटीकार्सिनोजेन और एंटीम्यूटेजन (जीन की संरचना में होने वाले परिवर्तन को रोकने वाला गुण) मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-वायरल और न्यूरोप्रोटेक्टिव जैसे प्रभाव भी पाए जाते हैं। जो इसे सामान्य से एक खास फल बनाते हैं।
क्रैनबेरी (करौंदा) के फायदे;
मधुमेह के लिए-
मधुमेह के विषय पर ब्राजील की संस्था, डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक क्रैनबेरी के रस में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम कर, टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करते है।
प्रतिरोधक क्षमता के लिए-
अमेरिका के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में की गई रिसर्च के अनुसार, क्रैनबेरी में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा क्रैनबेरी में विटामिन-सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो संक्रमण को बढ़ने से रोकने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। इस आधार पर क्रैनबेरी को इम्यूनिटी के लिए अच्छा समझा जाता है।
मौखिक स्वास्थ्य के लिए-
क्रैनबेरी के अर्क में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं। जो पॉरफाइरोमोनस जिंजिवालिस और फुसोबैक्टीरियम न्यूक्लिएटम नामक ओरल बैक्टीरिया के गठन को रोकने का काम करते हैं। इन दोनों बैक्टीरिया को दांतों की कैविटी का मुख्य कारण माना जाता है। जिन्हें क्रैनबेरी के अर्क से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा क्रैनबेरी अर्क में एंटी माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। जो दांतों और मसूड़ों की सूजन जैसे मौखिक संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं।
त्वचा के लिए-
क्रैनबेरी में विटामिन-ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो त्वचा को ग्लोइंग बनाने का काम करता है। वहीं अमेरिका के रिसर्च इंस्टीट्यूट, डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजिकल साइंस की रिसर्च के अनुसार क्रैनबेरी में एंटी-एजिंग गुण मौजूद होते हैं। जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा क्रैनबेरी में बैक्टीरियोस्टेटिक (बैक्टीरिया के प्रभाव से बचाने वाला) गुण भी पाया जाता है। जो एरिथेमा (त्वचा पर होने वाले लाल दाने) से पीड़ित लोगों की त्वचा की स्थिति में सुधार लाने का काम करता है।
किडनी स्वस्थ के लिए-
ब्राजील के रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा की रिसर्च के मुताबिक, क्रैनबेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण क्रोनिक किडनी रोग की जटिलताएं जैसे सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा क्रैनबेरी में एंटीलिथोजेनिक (antilithogenic) प्रभाव भी पाए जाते हैं। जो कैल्शियम ऑक्सालेट यानी किडनी स्टोन की परेशानी को दूर करने में सहायता करते हैं।
स्वस्थ हृदय के लिए-
अमेरिका के रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा की रिसर्च के मुताबिक, क्रैनबेरी में मौजूद पॉलीफेनोल्स गुण एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और रक्तचाप को कम करके हृदय रोग (सीवीडी) के खतरों को कम करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त क्रैनबेरी में एंटीफ्लोमेट्री(सूजन को कम करने वाला) और एंटीथ्रॉम्बोटिक (ब्लड क्लॉटिंग को रोकने वाला) गुण भी होते हैं। जो हृदय से संबंधित कई समस्याओं के लिए लाभकारी साबित होते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए-
एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, क्रैनबेरी के जूस में प्रोएन्थ्रोसिनेनिडिन-ए (proanthrocyanidin-A) कंपाउंड मौजूद होता है। जो मूत्र पथ का संक्रमण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीएडेसन (बैक्टीरिया को रोकने वाला) प्रभाव रखता है। इस आधार पर यूटीआई और पोस्ट्राडियोथेरेपी प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करने में क्रैनबेरी लाभकारी औषधियों में से एक है।
कैंसर के लिए-
कैंसर से संबंधित एक शोध में पाया गया है कि क्रैनबेरी के अर्क में एंटीकैंसर और कीमोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। जो स्तन, प्रोस्टेट, लंग्स और कोलन के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इस आधार पर यह कहा जाता है कि क्रैनबेरी कैंसर से कुछ हद तक बचाव करने में सहायता करता है।
क्रैनबेरी के उपयोग-
- क्रैनबेरी का अचार के रूप में भोजन के साथ सेवन किया जाता है।
- क्रैनबेरी को चटनी के रूप में खाया जाता है।
- कुछ लोग क्रैनबेरी को जैम बनाकर भी खाना पसंद करते हैं।
- वहीं कुछ लोगों को क्रैनबेरी का जूस पीना अच्छा लगता है।
क्रैनबेरी के नुकसान-
- इसके अधिक सेवन से आंतों और पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है।
- क्रैनबेरी के अधिक सेवन से ऑक्सालेट स्टोन की दिक्कत हो सकती है।
- इसके अधिक सेवन से मतली, उल्टी, सिरदर्द और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- इसके गलत या अधिक इस्तेमाल से स्किन रिएक्शन जैसी समस्या भी देखने को मिल सकती हैं।