कलौंजी एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे
2022-05-24 18:54:14
अपने स्वाद और सुगंध के कारण कलौंजी तेल विभिन्न व्यंजनों के रंगत को बढ़ाता है। कलौंजी के तेल का इस्तेमाल सरसों, सौंफ और जीरा जैसे अन्य सीजनिंग के साथ मिलाकर किया जाता है। भारत में इसका अधिकतर उपयोग अचार बनाने में किया जाता है।
क्या है कलौंजी एसेंशियल ऑयल?
कलौंजी रनुनकुलेसी प्रजाति का झाड़ीय पौधा है। इसका वानस्पतिक नाम निजेला सेटाइवा है। जो लैटिन शब्द नीजर (काला) से बना है। यह एक प्रकार का बीज होता है। जो काले रंग का होता है। इसका पेड़ लगभग 20 सेमी से 30 सेमी का होता है। कलौंजी एसेंशियल ऑयल कलौंजी के बीज को भाप आसवन (स्टीम डिस्टिलेशन) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है। काली कैरवे, काला जीरा, काले प्याज के बीज आदि कलौंजी के अन्य नाम हैं।
आयुर्वेद में कलौंजी के एसेंशियल तेल का महत्व -
कलौंजी एसेंशियल ऑयल एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है और शरीर को रोगमुक्त बनाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक में कलौंजी एसेंशियल ऑयल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसमें शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल निकालने के गुण होते है। यह डायबिटीज को भी नियंत्रित रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से पेट के कीड़े, लीवर की समस्या, खून को साफ करना, त्वचा संबंधित समस्या कम होती हैं। कलौंजी एसेंशियल ऑयल में फैटी एसिड, विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। इसमें लगभग 26% कार्बोहाइड्रेट, 17% प्रोटीन, 57% वसा और तेल शामिल हैं।
कलौंजी एसेंशियल ऑयल के फायदे-
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में-
कलौंजी में अधिक मात्रा में ऑक्सीकरणरोधी (antioxidant) पाया जाता है। जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से बचाता हैं। जिससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ती। इसके अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों (free-radicals) से होने वाली क्षति से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही यह ब्लड ट्राइगलिसराइड को कम करके दिल संबंधित बीमारियों से भी बचाता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद -
कलौंजी के तेल में रोगाणुरोधी और एंटी इंफ्लेमेंटरी प्रभाव होते हैं। जो त्वचा की स्थिति जैसे मुंहासे, एक्जिमा, सामान्य शुष्क त्वचा और सोरायसिस के इलाज में मदद करते हैं। यह तेल मुंहासे और मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरियाओं से लड़ता है और स्वाभाविक रूप से स्वच्छ, स्पष्ट, चिकनी और चमकदार त्वचा प्रदान करता है।
संधिशोथ (गठिया के) लक्षणों में सुधार-
कलौंजी तेल में विशेष रूप से एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर की सूजन को दूर करने में लाभप्रद साबित होते हैं। इसके अलावा कलौंजी तेल का सेवन करने से गठिया में होने वाले सूजन भी कम होती है।
कैंसर को रोकने में सहायक-
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के वजह से अनेक परेशानियां उत्पन्न होती हैं। जिनमें कैंसर भी शामिल है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स की समस्या को कम करते हैं। इसके अतिरिक्त कलौंजी में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं। जो शरीर में कैंसर को बढ़ने से रोकने में सहायता प्रदान करता है।
सिर दर्द के लिए फायदेमंद -
कलौंजी का तेल सिर दर्द के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक उपाय है। जो शरीर को बिना नुकसान पहुचाएं सिर दर्द में तुरंत राहत देता है। कलौंजी का तेल थाइमोक्विनोन से भरपूर होता है। जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
अस्थमा के लक्षणों में कमी-
काले बीज के तेल में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाया जाता है। जो अस्थमा के लक्षणों में सुधार करता है। इस तेल का प्रभाव श्वासनली में सूजन और जलन (ब्रोंकाइटिस) के लक्षणों को कम करने में भी सहायता करता है।
पेट की समस्याओं को कम करता है-
एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी के कारण यह तेल कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पेट दर्द और ऐंठन से राहत दिलाने में भी मदद करता है। इसके अलावा कलौंजी का तेल पेट की सूजन, गैस और अल्सर से भी राहत दिलाने में कारगर है।
वजन घटाने में सहायक-
कलौंजी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। जो वजन को कम करने में सहायता करता है। कलौंजी का तेल मोटापा और टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को कम करने में भी मदद करता है।
कलौंजी एसेंशियल ऑयल के घरेलू उपचार -
- प्रतिदिन काली चाय में आधा चम्मच कलौंजी तेल डालकर सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है।
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी तेल डालकर, दिन में दो बार लेने से रक्तचाप सामान्य रहता है।
- कलौंजी के तेल का शहद और गर्म पानी के साथ सेवन करने से उल्टी की समस्या कम होती है।
- मसूड़ों में सूजन होने पर कलौंजी के तेल का सेवन करना अच्छा रहता है। इससे दांत भी मज़बूत होते हैं।
- 2 चम्मच नींबू के रस में कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह-शाम चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे खत्म होते हैं और चेहरा उज्ज्वल बनता है।
- फ़टी एड़ियों पर कलौंजी एसेंशियल ऑयल लगाने से स्किन मुलायम होती है।
कब न करें कलौंजी एसेंशियल का सेवन?
- कलौंजी में ब्लड प्रेशर को कम करने वाला गुण पाया जाता है। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- पित्त दोष (गर्मी बर्दाश्त) से पीड़ित व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- पेट में तेज जलन होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।