जामुन के पोषक तत्व, फायदे और उपयोग
2022-05-24 16:41:18
लोग अपने पसंद के मौसम और उस मौसम के फलों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। ब्लैकबेरी भी वैसा ही एक फल है। जिसे सामान्य भाषा में जामुन कहा जाता है। यह गर्मी के मौसम में शुरू होकर बरसात में मिलने वाला फल है। इस फल का रंग काला या गहरा गुलाबी होता है। जामुन का फल रस और बहुत सारे औषधीय गुणों से युक्त होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य की दृष्टि से आयुर्वेद में भी किया जाता है। आयुर्वेद में जामुन के फल, पत्ते, छाल एवं बीजों अर्थात गुठली का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। इसके अलावा कुछ घरों में जामुन का उपयोग स्नैक्स (नाश्ते) और सिरके (vinegar) के रूप में भी किया जाता है। जामुन रोजेशिया परिवार से संबंध रखता है। जिसकी ज्यादातर खेती उत्तरी अमेरिका और प्रशांत महासागर वाले क्षेत्र में होती है। जामुन में तमाम पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। जो कई रोगों के इलाज में फायदा करते हैं।
जामुन के पोषक तत्व-
रसीले और स्वादिष्ट जामुन में फ्रक्टोज, राइबोफ्लेविन, निकोटिन एसिड, ग्लूकोज, विटामिन-सी, ए, फोलिक एसिड, पोटैशियम सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा जामुन की छाल और शाखाओं में गैलिक एसिड, टैनिन, फाइटोस्टेरॉल, रेसिन आदि प्रभाव मौजूद होते हैं। जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। इसके साथ ही जामुन के बीज में गैलिक एसिड, ग्लाइकोसाइड और जम्बोलिन भी पाए जाते हैं। जो कई रोगों के इलाज में मदद करते हैं।
जामुन के फायदे-
एंटी इंफ्लेमेटरी के लिए-
जामुन से संबंधित एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार ब्लैकबेरी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। जो इंफ्लेमेटरी से संबंधित तमाम परेशानियों को दूर करने में मददगार साबित होता है।
ओरल हेल्थ के लिए-
जामुन के अर्क को माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण मौजूद होते हैं। जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करते हैं। इसलिए ब्लैकबेरी का प्रयोग ओरल हेल्थ के लिए किया जा सकता है।
फैट कम करने के लिए-
जामुन में एंथोसायनिन प्रभाव मौजूद होता है। जो चर्बी को कम करने में मदद करता है। इसलिए जामुन का सेवन फैट को कम करने में मदद करता है।
आंखों के लिए-
जामुन आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन-ए आंखों की रोशनी में सुधार करने का काम करता है। इसके अलावा जामुन में विटामिन-सी, ई और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं। इसलिए आंखों की अच्छी सेहत के लिए जामुन एक अच्छा विकल्प है।
मस्तिष्क के लिए-
जामुन में दिमाग को स्वस्थ रखने वाले कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन पोषक तत्वों में मुख्य रूप से विटामिन सी और कई तरह के पॉलीफेनॉल्स शामिल हैं। जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मददगार सिद्ध होते हैं। इसके अलावा जामुन में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। जो उम्र के साथ कमजोर होती याददाश्त को बढ़ाने का काम करते हैं।
हृदय स्वास्थ्य के लिए-
जामुन में एंथोसायनिन और फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं। जो हृदय से जुड़ी समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। इसलिए जामुन का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
हड्डियों के लिए-
जामुन में फेनोलिक पाए जाते हैं। जो हड्डियों को होने वाले नुकसान से बचाने का काम करते हैं। इसलिए हड्डियों की अच्छी सेहत के लिए कई तरह के पोषक तत्वों से युक्त जामुन का सेवन करना एक बेहतर विकल्प है।
कैंसर के लिए-
जामुन में एंटी-कैंसर प्रभाव पाया जाता है। जो कैंसर के जोखिमों को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा जामुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री-रेडिकल्स को खत्म करने का काम करते हैं। जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बनता है। इस लिहाज से जामुन का सेवन ब्रेस्ट कैंसर, एसोफैगस कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के खतरों को कम करता है।
बालों के लिए-
जामुन में विटामिन- ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, आयरन, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं। जो बालों को मजबूत बनाने और उनके विकास में सहायता करते हैं। इसलिए जामुन खाने के फायदों में काले, लंबे और घने बाल भी शामिल हैं।
त्वचा के लिए-
जामुन के इस्तेमाल से त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। क्योंकि जामुन में विटामिन- ए, बी 6, सी, ई और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो त्वचा को जरूरी पोषण देने का काम करते हैं।
जामुन का उपयोग-
- पके हुए जामुन को धोकर सीधे खाया जा सकता है।
- केक बनाते समय भी उसमें जामुन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नाश्ते में जामुन का सेवन नट्स के साथ मिलाकर किया जा सकता है।
- जामुन का सेवन जूस के रूप में भी किया जा सकता है।
- ब्लैकबेरी को दूध में मिलाकर स्मूदी (Smoothie) बनाई जा सकती है।
जामुन के नुकसान-
जामुन के वैसे तो कोई नुकसान नहीं देखे गए हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में या अधिक मात्रा में इसका उपयोग नुकसानदायक साबित हो सकता है। जैसे-
- चूंकि जामुन में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। इसलिए इसके अधिक सेवन से मतली, उल्टी, और दस्त जैसी परेशानी पैदा हो सकती है।
- जामुन का अधिक सेवन करने पर बदहजमी या फूड पॉइजन की परेशानी भी हो सकती है।
- कई बार जामुन बिना ठीक से धोए खाने पर एलर्जी की समस्या हो सकती है।