भिंडी के फायदे और नुकसान
2022-05-24 12:48:32
भिंडी हर भारतीय रसोई में प्रमुख रूप से पाई जाने वाली सब्जी है। स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ छोटी-सी भिंडी में कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। यह कई बीमारियों से बचाव में मददगार होती है। जो शरीर को स्वस्थ रखने का काम करती है। भिंडी अंगुली के समान लंबी होती है।जिस कारण इसे लेडी फिंगर भी कहा जाता है। भिंडी का पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के और फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के अंदर सफेद रंग के गोलाकारचिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर भिंडी विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (लिनोलेनिक और ओलिक एसिड) जैसे अहम पौष्टिक तत्वों से संपन्न होती है। इसमें पॉलीफेनोलिक यौगिक, कैरोटीन, फोलिक एसिड, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-सी और अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह कार्डियोप्रोटेक्टिव, रीनल प्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटी-कैंसर, एनाल्जेसिक, एंटी-अल्सर, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफेटिग गुण से भी भरपूर होती है। इसमें पाए जाने वाले यह सभी औषधीय गुण और पौष्टिक तत्व सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
भिंडी के फायदे-
मधुमेह (diabetes)-
मधुमेह की समस्या एक आम समस्या है।जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर के बढ़ने के कारण होती है। भिंडी का उपयोग इस समस्या को कुछ हद तक कम करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार भिंडी में एंटी डायबिटीज और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं।जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। भिंडी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है।जिस वजह से इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाला फाइबर रक्त के ग्लूकोज को नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है। इसी वजह से मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भिंडी उत्तम आहार होती है।
पाचन शक्ति के लिए-
भिंडी के औषधीय गुण पाचनतंत्र को सुधारने में मदद करते हैं। भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है और फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। फाइबर का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने के साथ ही इससे जुड़ी अपच की समस्या को दूर करने में भी मददगार साबित होता है।
हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक-
हृदय रोग की समस्या को कम करने के लिए भी भिंडी का उपयोग किया जाता है। इस विषय पर कई शोध हुए हैं। इन शोध के अनुसार भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। फाइबर का सेवन सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।जिससे कोलेस्ट्रॉल संबंधी हृदय रोग की आशंका कम होती है।
कैंसर की रोकथाम के लिए-
भिंडी में मौजूद फाइबर कोलन कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक रोकने में मदद करता है। वहीं, एक शोध में पाया गया कि भिंडी में एंटी-ट्यूमर गुण भी पाए जाते हैं।जो स्तन कैंसर को बढ़ाने वाले सेल्स को रोकने में फायदेमंद होते हैं।
नोट: भिंडी का सेवन सिर्फ कैंसर से बचने में कुछ हद मदद करता है। यह कैंसर का इलाज नहीं है।
कब्ज के लिए-
कब्ज की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसमें मल त्यागने में कठिनाई होती है। जिसके कारण पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो जाती हैं। भिंडी का सेवन कब्ज के लिए रामबाण का काम करता है। भिंडी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है।जो आहार को पचाकर कब्ज जैसी समस्या से निजात दिलाने में मदद करती है। ऐसे में भिंडी के रूप में फाइबर का सेवन करना कब्ज के लिए अच्छा होता है।
आंखों के लिए-
अच्छी सेहत के साथ ही भिंडी का उपयोग आंखों की बेहतर रोशनी के लिए भी किया जाता है। भिंडी में बीटा कैरोटीन, जो शरीर में जाकर विटामिन-ए में परिवर्तित हो जाता है।यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में फायदेमंद साबित होता है। इसके साथ ही भिंडी का उपयोग दृष्टि में सुधार और आंखों से संबंधित कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
वजन कम करने के लिए-
भिंडी का उपयोग वजन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार भिंडी में गुड कार्ब्स और वसा जैसे पोषक तत्व होते हैं।जो वजन को नियंत्रित करने में मददकरते हैं। इसके अलावा, शोध में यह जानकारी भी दी गई कि भिंडी में पाए जाने वाला फाइबर मोटापे को कम करने के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा, भिंडी में एंटी-ऑवेसिटी गुण भी पाया जाता है। यह गुण शरीर के अतिरिक्त वजन को कम करने के साथ ही मोटापे को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
त्वचा के लिए भिंडी-
सेहत और आंखों के साथ ही भिंडी का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है। भिंडी में विटामिन-सी पाया जाता है।जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह शरीर के टिश्यू यानी ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए मददगार साबित होते हैं। इसके साथ ही भिंडी का सेवन त्वचा को फिर से जवान बनाने में भी सहायक होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन, जो विटामिन-ए का मुख्य रूप होता है। यहत्वचा की सेहत को बढ़ाने के साथ ही इससे जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद होता है।
बालों के लिए भिंडी-
बालों के लिए भिंडी का उपयोग हेयर कंडीशनर के रूप में किया जाता है। साथ ही यह स्कैल्प के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजर भी साबित होती है। भिंडी का उपयोग स्कैल्प की खुजली, जूं और रूसी की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार बनाने में मदद करता है। भिंडी में पाए जाने वाला विटामिन-सी बालों को फिर से नया जीवन प्रदान करता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर-
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शरीर को कई तरीके से नुकसान पहुंचाने का काम करता है।जिसमें कैंसर, गठिया, ऑटोइम्यून विकार और हृदय रोग शामिल हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कुछ हद तक कम करने में भिंडी का उपयोग कारगर साबित होता है। क्योंकि सूखी भिंडी के छिलके और बीजों के पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है।इसीलिए कहा जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए भिंडी को इस्तेमाल में लाए जाना चाहिए।
भिंडी का उपयोग-
- कई स्थानों पर भिंडी का अचार बनाया जाता है।जोकि बहुत लोकप्रिय भी है।
- भिंडी का उपयोग आलू के साथ स्वादिष्ट सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके अलावा भिंडी को कई दूसरी सब्जियों के साथ भी बनाया जाता है।
- बेक्ड और कुरकुरी भिंडी की सब्जी भी कई स्थानों पर चाव से खाई जाती है।
- हेयर पैक के रूप में इसका उपयोग बालों और त्वचा के लिए भी किया जाता है।
- डॉक्टर के परामर्श पर भिंडी के पाउडर का सप्लिमेंट (Okra supplement) लिया जाता है।
भिंडी के नुकसान-
अगर भिंडी का सीमित मात्रा में उपयोग कियाजाए, तो शरीर को भिंडी के फायदे मिल सकते हैं। वहीं, भिंडी का अधिक मात्रा में सेवन या इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं-
त्वचा के घाव-
भिंडी से निकलने वाले प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम के संपर्क में आने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं। सेंसिटिव त्वचा पर इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें।
गुर्दे की पथरी का कारण-
भिंडी में ऑक्सालेट्स नामक यौगिक की मात्रा होती है। शरीर में इसकी अधिकता होने से गुर्दे की पथरी हो सकती है। इसलिए अगर कोई गुर्दे की पथरी से पीड़ित है,तो भिंडी का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से ज़रूर परामर्श लें।
पेट की समस्या-
बहुत अधिक भिंडी खाने से कुछ लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि भिंडी कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध होती है। इसलिए इसके अधिक सेवन से दस्त, गैस, ऐंठन और आंतों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है।
ज्यादा गाढ़ा हो सकता है खून-
भिंडी में विटामिन-के पाया जाता है। यह शरीर में खून को गाढ़ा (कोएग्युलेशन) करने का काम करता है। इसलिए जो लोग रक्त को गाढ़ा करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं।उन्हें भिंडी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।