अनार बीज का तेल और इसके फायदे एवं नुकसान
2022-03-17 15:02:51
अनार के बीज का तेल एक शक्तिशाली और सुगंधित तेल है। इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि यह तेल अनार के बीज से तैयार किया जाता है। इससे कई प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद जैसे- शैंपू, साबुन, मॉइस्चराइजर्स आदि बनाए जाते हैं। यह तेल डिफ्यूजर और अरोमा थेरेपी में भी उपयोग किया जाता है। दरअसल अनार के बीज में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन-सी, टेकोइक एसिड, फ्लेवोनोइड, ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। औषधीय रूप में इसका उपयोग झुर्रियां, छालरोग (Psoriasis), त्वचा की सूजन, मुहांसे, बालों में रूसी, बालों का झड़ना, खराब कोलेस्ट्रॉल और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली आदि के इलाज में किया जाता है। अनार का वैज्ञानिक नाम प्यूनिका ग्रेनेटम (Punica granatum) है।
आयुर्वेद में अनार बीज के तेल का महत्व -
आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनार के तेल का अधिक महत्व है। इसमें मुख्य रूप से विटामिन सी, पेक्टिन, स्टेरोल्स, अल्कलॉइड और टैनिन पाए जाते हैं। जो प्राकृतिक स्किनकेयर में अच्छे परिणामों की प्राप्ति के लिए उपयोग किए जाते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक में अनार का एसेंशियल ऑयल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। यह डायबिटीज को नियंत्रित रखता है। इसमें शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल निकालने के गुण होते है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से पेट के कीड़े, लीवर की समस्या, खून को साफ करना और त्वचा संबंधित समस्याएं कम होती हैं। अनार बीज के तेल में कुछ उपयोगी घटक होते हैं। इनमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, अमीनो एसिड, जस्ता, और ट्रिप्टोफैन आदि शामिल हैं। इसके अलावा अनार के छिलके में भी एंटीबैक्टीरिया तत्व होता है। जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है।
अनार बीच तेल के फायदे;
स्वस्थ और चमकती त्वचा बनाए रखना-
अनार बीज के तेल में विभिन्न फैटी एसिड की श्रृंखला होती है। इस श्रृंखला में संयुग्मित लिनोलेनिक एसिड और ओलिक एसिड शामिल हैं। जो त्वचा कोशिका झिल्ली की रक्षा और खाल बाधा कार्य के रख-रखाव में मदद करते हैं। अनार बीज के तेल में विटामिन बी 1, बी2, सी, पोटेशियम और मैग्नीशियम सहित फाइटो-पोषक तत्व होते हैं। इसके अतिरिक्त त्वचा संबंधित समस्याओं के लिए अनार बीज का तेल एक लोकप्रिय घटक है। इस तेल में पाए जाने वाले विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने और बेहतर त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं।
संक्रमण, एलर्जी और सूजन में लाभप्रद -
अनार के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो संक्रमण, एलर्जी और सूजन को रोकने में सहायक होते हैं। यह तेल परजीवी संक्रमण जैसे टेपवर्म (tapeworm) और रिंगवर्म (Ringworm) से छुटकारा पाने में सहायता करता है। अनार एसेंशियल ऑयल त्वचा को हाइड्रेट और पोषण करने के लिए त्वचा में गहराई से अवशोषित करता है। जिससे त्वचा कोमल और मुलायम बनी रहती है।
बालों के लिए लाभप्रद -
अनार के बीजों में विटामिन ए, बी, ई, के, जिंक, सल्फर, प्रोटीन और ओमेगा 3 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट बाल एवं त्वचा को पोषण और मॉइस्चराइज देने का काम करते हैं। इस प्रकार अनार का तेल क्षतिग्रस्त बालों की मरम्मत करने में सहायता करता है। अनार का तेल सिर की खुजली, परतदार त्वचा और रूसी का इलाज करता है। इस तेल के प्रयोग से बाल मजबूत, घने और स्वस्थ बनाते हैं।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित करने में मददगार -
अनार का तेल ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड से समृद्ध होता है। जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर को संतुलित बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह तेल शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा अनार का तेल मोटापा, मधुमेह, दिल का दौरा और अन्य हृदय रोगों में भी कारगर साबित होता है।
उच्च रक्तचाप में लाभदायक है-
अनार बीज के तेल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और बायोएक्टीव पॉलीफेनॉल्स (Bioactive compounds) उच्च रक्तचाप (Hypertension), हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। 2014 में फ़यटोथेरपी अनुसंधान में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अनार का रस उच्च रक्तचाप वाले लोगों की हृदय संबंधी बीमारियों से रक्षा करता है।
जोड़ों और गठिया के दर्द को कम करने में मददगार-
अनार बीज के तेल में एंटीऑक्सीडेंट तत्व की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिए यह तेल गठिया इलाज के लिए कारगर साबित होता है। इस तेल के इस्तेमाल से हाथ-पैरों के दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
मुहांसों के लिए लाभदायक है-
अनार बीज के तेल में मौजूद जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मुहांसों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा करते हैं। साथ ही लोगों की ऑयली स्किन में तेल के स्तर को सामान्य रखता है। इस प्रकार यह तेल मुहांसों और उसके निशान को ठीक करने में मददगार साबित होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है-
अनार विटामिन-सी से परिपूर्ण होता है। इसलिए यह प्रतिरक्षा गतिविधियों के लिए भी प्रभावी है। इसलिए अनार तेल के प्रयोग से शरीर को कई बाहरी तत्वों से बचाया जा सकता है।
वजन कम करने में सहयोगी है-
अनार बीज के तेल में उत्तेजक गुण पाए जाते हैं। जो चयापचय को ठीक करके फैट को कम करने और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाकर वजन घटाने में सहायता करते हैं। इससे शरीर फिट रहता है।
कैंसर के इलाज में कारगर है-
अनार बीज के तेल में मौजूद प्राथमिक सक्रिय घटक (पुनिसिक एसिड) स्तन कैंसर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह तेल कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से रोकता है। इस तेल में पाए जाने वाले फैटी एसिड, ओमेगा-5, जैसे तत्व भी कैंसर के उपचार में सहायता करते हैं।
अनार बीज तेल के नुकसान
- कम रक्तचाप से पीड़ित लोगों को अनार बीज के तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह उच्च रक्तचाप के रोगियों द्वारा रक्तचाप कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- यह संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में एलर्जी पैदा कर सकता है।
- अनार बीज के तेल का अधिक उपयोग करने से मतली, उल्टी, दस्त, पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- गर्भवती महिला इस तेल का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
कहां पाया जाता हैं अनार?
भारत में अनार के वृक्ष हर जगह पाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर अनार की खेती पश्चिमी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों पर होती है। भारत के अलावा ईरान और अफगानिस्तान में भी अनार की खेती की जाती है।