त्रिकोणासन करने की प्रक्रिया और लाभ
2022-06-10 00:00:00
दैनिक जीवन में स्वस्थ शरीर के लिए सही खानपान के साथ-साथ योग और व्यायाम का भी महत्व है। ऐसा माना जाता हैं कि प्रत्येक व्यक्ति पोषक तत्वों से भरपूर आहार और नियमित योगाभ्यास का पालन करे तो वह एक लंबी आयु और रोग मुक्त शरीर प्राप्त कर सकता है। इसी क्रम में हम इस लेख के माध्यम से त्रिकोणासन करने के लाभ के बारे में चर्चा करते हैं। इस योग का निरंतर अभ्यास शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं।
क्या है त्रिकोणासन?
योगशास्त्र में वर्णित त्रिकोणासन हठ योग की श्रेणी में से एक आसन है। यह संस्कृत शब्द के दो धातु से मिलकर बना है। पहला त्रिकोण जिसका शाब्दिक अर्थ तीन कोण और दूसरा आसन जिसका मतलब मुद्रा होता है अर्थात त्रिकोणासन तीन कोणों वाली मुद्रा होती है। जिसमें शरीर त्रिकोण जैसी मुद्रा में आ जाता है। इसलिए इसे त्रिकोणासन कहा जाता हैं। इस आसन के कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह पैरों से लेकर हाथों एवं शरीर के कई अंगों को लाभ पहुंचाता है।
त्रिकोणासन करने की विधि-
-
सबसे पहले स्वच्छ वातावरण या खुले जगहों पर चटाई या दरी बिछाकर खड़े हो जाएं।
-
अब अपने दोनों पैरों के बीच 2 से 3 फुट की दूरी बनाकर हाथों को शरीर से सीधे सटाकर रखें।
-
उसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधो की उचाई तक फैलाएं।
-
अब सांस धीरे-धीरे लेते हुए दायी ओर झुकें। ध्यान रखें झुकते समय नजर सामने की ओर होनी चाहिए।
-
अब दाएं हाथ से दाएं पैर के उंगलियों को छूने की कोशिश करें। साथ ही बाएं हाथ को सीधा आकाश की और रखे और नजर बाएं हाथ की उंगलियों की ओर रखें।
-
फिर सांस लेते हुए अपने मूल अवस्था में आ जाएं।
-
तत्पश्चात कुछ सेकंड रूककर इस पूरी क्रिया को दाईं ओर से भी करें।
-
शरीर उठाते समय श्वास अंदर ले और झुकते समय श्वास छोड़ें।
-
त्रिकोणासन के इस चक्र को कम से कम 4-5 बार करें।
त्रिकोणासन के स्वास्थ्य लाभ-
वैसे तो त्रिकोणासन के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं
-
इस आसन को करने से कमर, पीठ, गर्दन और पैर मजबूत होते हैं।
-
यह शरीर के संतुलन को बनाए रखता है।
-
चिंता, तनाव, अवसाद एवं अन्य मानसिक संबंधी समस्याओं में कारगर हैं।
-
शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं पाचन प्रणाली को सुधारने का काम करता है।
-
मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
-
इस योगाभ्यास से शरीर का अतिरिक्त फैट बर्न होता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
-
इस आसन के नियमित अभ्यास से बच्चों की हाइट बढ़ती हैं।
-
यह आसन शरीर का स्टेमिना बढ़ाने में प्रभावी है।
-
इस आसन को नियमित रूप से करने पर फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है।
-
यह शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करता है। जिससे शरीर की आलस्य दूर होती है।
-
यह आसन दोनों प्रकार के मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के लिए काफी लाभदायक होता है।
-
यह साइटिका को ठीक करने में सहायक होता है।
-
इस योग के नियमित अभ्यास से त्वचा पर बार-बार होने वाले दानें, मुहांसे आदि त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही त्वचा चमकदार बनता है।
त्रिकोणासन करते समय बरतें यह सावधानियां-
-
पहली बार त्रिकोणासन गुरु की देखरेख में करनी चाहिए।
-
योग के दौरान शरीर के किसी भी हिस्से पर अधिक दबाव न बनाएं।
-
आसन करते वक्त अपने श्वास पर नियंत्रण रखने की पूरी कोशिश करें।
-
इस आसन की प्रक्रिया बताए गए नियमों के आधार पर ही करें।
-
शरीर में कहीं दर्द या अन्य परेशानी होने पर यह आसन न करें।
-
आसन करने के लिए सुबह या शाम कोई एक समय का निर्धारण करें।