क्या होता है अडूसा? जानें इसके औषधिय गुण और फायदे
2022-05-24 18:49:25
अडूसा क्या है?
अडूसा एक झाड़ीदार औषधीय पौधा है। इसके फूल सफेद होते हैं। इसे वासा और मालाबार नट भी कहा जाता है। अडूसा का वैज्ञानिक नाम जस्टिसिआ अधाटोड़ा (Justitia adhatoda) है। आयुर्वेद में अडूसा के फूल, पत्तियों और जड़ों का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। यह कफ को पिघलाकर शरीर से बहार निकलने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त अडूसे का इस्तेमाल बुखार, ख़ासी, पीलिया आदि बीमारियों में भी किया जाता है। अडूसे दमा जैसी गंभीर बीमारी के असर को भी कम करता है।
क्या हैं अडूसा के औषधिय गुण?
आयुर्वेद के अनुसार अडूसा में एंटी-डायबिटिक, एंटी-एलर्जिक, एंटी-अल्सर, एंटीऑक्सीडेंट (फ्री रेडिकल्स दूर करने वाला), एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) और क्विनोलिन एल्कलॉइड एवं वासिसीन गुण पाए जाते हैं। इसलिए अडूसा को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। अडूसा मुख्य रूप से सिरदर्द, पाइल्स, मूत्र और आंखों से संबंधित रोगों में बेहद लाभदायक होता है।
अडूसा के फायदे;
अडूसा का प्रयोग कई प्रकार की बीमारीयों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं। दरअसल अडूसा में बहुत से एंटीऑक्सिडेंट और खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ के लिए बेहद प्रभावी और लाभकारी होते हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ अन्य फायदों के बारे में-
मधुमेह के लिए है फायदेमंद-
मधुमेह से बचाव के लिए अडूसा एक उपयोगी औषधि है। क्योंकि अडूसा में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा को कम करके मधुमेह में लाभ पहुंचाते हैं।
सर्दी-जुकाम में असरदार-
अडूसा सर्दी-जुकाम में फायेदा करता है। दरअसल इसमें एंटी-एलर्जिक और एंटीट्यूसिव (कफ से बचाव) गुण होते हैं। जो कोल्ड (सर्दी–जुकाम) को दूर करने में सहायक करते हैं। इसके अतिरिक्त अडूसा अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (श्वासनली का रोग) जैसी सांस संबंधी बीमारियों में भी मदद करता है।
अल्सर के लिए फायदेमंद-
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की रिपोर्ट के अनुसार अडूसा के पत्तों में एंटीअल्सर गुण पाए जाते हैं। जो पेट और मुंह के अल्सर (छाले) को कम करने का काम करते हैं।
सूजन के लिए लाभदायक-
अडूसा सूजन की समस्या के लिए लाभकारी होता है। क्योंकि अडूसा में मौजूद वासिसीन (एल्कलॉइड) में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होता है। जो सूजन से होने वाली समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
लीवर के लिए लाभप्रद-
लीवर की सेहत के लिए अडूसा एक अच्छी औषधि है। दरअसल अडूसा में मौजूद इथाइल एसीटेट में हेपाटोप्रोटेक्टिव (लीवर को नुकसान से बचाने वाला) गुण होता है। जो लीवर को स्वस्थ रखने का काम करता हैं।
त्वचा के लिए असरदार-
अडूसा त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। घाव के लिए अडूसा की पत्तियों का लेप लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त अडूसा की पत्तियों के काढ़े से स्केबीज और अन्य त्वचा संबंधी दिक्कते भी ठीक होती हैं।
पेट के लिए फायदेमंद-
अडूसा का प्रयोग डाइजेशन से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। अडूसा के इस्तेमाल से कब्ज, पेट की गैस और पेट फूलना जैसी दिक्कते ठीक होती हैं। साथ ही यह बवासीर (piles) में भी लाभकारी होता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल के सुधार में उपयोगी-
अडूसा शरीर में मौजूद एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करके एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में सुधार करता है। जो डायबिटीज और हार्ट के मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
गठिया दर्द में आरामदायक-
गठिया दर्द और सूजन को कम करने के लिए अडूसा का उपयोग करना अच्छा होता है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी (सूजनरोधी) गुण होते हैं। जो अर्थराइटिस (गठिया) की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त अडूसा के पत्तों का पेस्ट भी सूजन को जल्दी ठीक करता है।
स्ट्रेस को कम करने में कारगर-
अडूसा का उपयोग सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद है। दरअसल इसके प्रयोग से मस्तिष्क में सेरोटोनिन (हैप्पी हॉर्मोन) केमिकल रिलीज होता है। जो स्ट्रेस को दूर करके मूड को फ्रेश करने का काम करता है। इसके अतिरिक्त अडूसा याददाश्त के लिए भी लाभदायक होता है।
अडूसा के उपयोग के लिए सावधानियां;
- लो ब्लड शुगर की समस्या से ग्रस्त लोग अडूसा से परहेज करें।
- अडूसा का अधिक सेवन न करें। क्योंकि इससे पेट में जलन, मतली और उल्टी की समस्या पैदा हो सकती है।
- बच्चों को इसका सेवन न कराएं।
- अन्य दवाओं के साथ अडूसा का सेवन न करें।
- अडूसा रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को कम करता है। इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों को इसका उपयोग सतर्कता के साथ करना चाहिए।
- गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के समय अडूसा के सेवन से बचना चाहिए।
- स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) कराने वाली महिलाएं इसके सेवन से पहले चिकित्सक का सलाह अवश्य लें।
कहां पाया जाता है अडूसा?
अडूसा सफ़ेद फुल वाला एक सदाबहार झाड़ी पौधा है। जिसकी ऊंचाई 2.2 से 3.5 मीटर तक होती है। यह स्वयंजात उगने वाला