अधोमुखश्वानासन करने के नियम, लाभ और सावधानियां
2022-05-25 00:00:00
अधोमुखश्वानासन बच्चों से लेकर बुजुर्ग यानी सभी लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके निरंतर अभ्यास से पैरों, बाजुओं और कंधों को मजबूती मिलती है। यह आसन का अभ्यास सिर और मस्तिष्क में रक्त को प्रवाहित करने में मदद करता है। इसके अलावा अधोमुखश्वानासन योग शरीर में ऊर्जा पैदा करके शरीर को गर्माहट प्रदान करती है । जिससे कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं।
अधोमुखश्वानासन क्या है?
अधोमुखश्वानासन सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से एक मुद्रा होती है। यह आसन मध्यवर्ती स्तर की योग की श्रेणी में आता है। जिसमें शरीर की आकृति अंग्रेजी शब्द के उल्टे "V" आकार की स्थिति जैसी हो जाती है। यह योगासन संस्कृत के चार शब्दों से मिलकर बना है। पहला अधो जिसका मतलब नीचे या आगे की ओर झुका हुआ, दूसरा मुख का अर्थ मुंह, तीसरा श्वान का मतलब कुत्ता और आसन यानी मुद्रा होती है। अर्थात इस आसन के योगाभ्यास के दौरान व्यक्ति के शरीर की आकृति उसी तरह बन जाता है, जैसे कुत्ता आगे झुककर अपना शरीर बनाता है। इसलिए इसे अधोमुखश्वानासन कहा जाता है। अधोमुखश्वानासन को अंग्रेजी में डाउन वर्ड फेसिंग डॉग पोज़ (Downward Facing Dog Pose) के नाम से जाना जाता है।
अधोमुखश्वानासन करने के लाभ-
●इस योगाभ्यास से पैरों, बाजुओं और कंधों को मजबूती मिलती है।
●यह आसन पीठ, कुल्हें, बांहों और कंधें की पेशियों में खिंचाव प्रदान करता है।
●यह मुद्रा सिरदर्द, अनिद्रा और थकान से छुटकारा दिलाती है।
●अधोमुखश्वानासन पेट के अंगों को उत्तेजित करके पाचन तंत्र में सुधार करता है।
●यह आसन शरीर को सक्रिय करता है।
●रोज़ाना अधोमुखश्वानासन का निरंतर अभ्यास शारीरिक थकान, चिंता और तनाव को कम करता है।
●यह आसन हृदय को स्वस्थ्य रखने एवं हृदय संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए बेहद लाभदायक है।
●अस्थमा, साइनस, उच्च रक्तचाप, फ्लैट पैर और साइटिका के लिए अधोमुखश्वानासन चिकित्सकीय उपाय है।
अधोमुखश्वानासन करने की प्रक्रिया-
●सर्वप्रथम फर्श या समतल जगह पर योग मैट बिछाकर उसपर मार्जरीआसन की मुद्रा में आ जाएं।
●इस मुद्रा में आप घुटनों के बल होते हैं। दोनों हाथ जमीन पर टीके होते हैं। साथ ही पीठ एकदम सीधी रहती है।
●अब अपने हाथों पर भार डालते हुए पहले दाएं पैर फिर बाएं पैर को पीछे ले जाएं।
●साथ ही अपने हिप्स कूल्हों(hips)को ऊपर उठाएं। सुनिश्चित करें कि एड़ियां जमीन पर नीचे रहें।
●अब अपने बाजुएं को सीधा रखें। साथ ही पीठ को सीधा रखते हुए छाती को जितना संभव हो जमीन की ओर ले जाएं।
●इस अवस्था में छाती और कंधों पर खिंचाव महसूस होगा।
●अब अपने दृष्टि को अपने नाभि पर केंद्रित करें।
●इस मुद्रा में कम से कम 5 बार सांस ले और छोड़ें ताकि आप इस मुद्रा में करीब 1 मिनट तक रह सकें।
●इस अभ्यास को अपनी क्षमतानुसार करें।
अधोमुखश्वानासन करते समय बरतें यह सावधानियां-
●इस आसन को करते समय अपने शरीर पर अधिक दबाव न बनाएं।
●अधोमुखश्वानासन को अपनी क्षमता से अधिक न करें।
●पीठ में किसी भी तरह का चोट या तीव्र दर्द होने पर इस आसन को न करें।
●कार्पल टनल सिंड्रोम से ग्रसित व्यक्ति अधोमुखश्वानासन करने से बचें।
●गर्भवती महिलाएं इस आसन का अभ्यास न करें।
●अधोमुखश्वानासन