साबूदाना के फायदे, उपयोग और दुष्प्रभाव
2022-08-01 00:00:00
साबूदाना को सागु, राबिया, साक्षक और सागो के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का टैपिओका मोती अर्थात सफेद मोतियों जैसा खाने योग्य पदार्थ है। यह प्रायः कसावा की जड़ से निकाले जाने वाले स्टार्च से बनता है। चूंकि कसावा की जड़ स्टार्च से भरपूर होती है। प्रारंभिक अवस्था में यह तरल पदार्थ के रूप में होता है। फिर इसे मशीनों की मदद से ठोस मोतियों यानी छोटे-छोटे दानों का रूप दिया जाता है। कसावा की खेती भारत, दक्षिण अमेरिका और वेस्ट इंडीज में व्यापक रूप से किया जाता है।
साबूदाने में मौजूद उच्च स्टार्च इसमें एक उत्कृष्ट गाढ़ापन बनाती है। यह पौष्टिक गुणों से भरपूर है और कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत के रूप में कार्य करता है। साबूदाने को पकाने के बाद इसका आकार दो गुना हो जाता है। जिसके कारण यह चबाने में मुलायम और नरम लगता है।
आयुर्वेद में साबूदाना का महत्व
आयुर्वेद के अनुसार साबूदाने के नियमित उपयोग से ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है। यह पित्त दोष को संतुलित करने का काम करता हैं। इसलिए जो लोग कमजोर हैं और उनमें ऊर्जा की कमी है। खासकर उन्हें साबूदाने का सेवन एक अच्छा उपाय माना जाता है।
साबूदाना का पौष्टिक तत्व
साबूदाना पौष्टिक रूप से मूल्यवान होता है क्योंकि इसमें मुख्य घटक के रूप में स्टार्च मौजूद है। इसके अतिरिक्त साबूदाने में कई ऐसे खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के दृष्टिकोण से बहुत जरुरी होते हैं। जिसमें कैलोरी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, जिंक, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, थायमिन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 6 शामिल हैं। साबूदाने में जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसमें ग्लूटेन की मात्रा नहीं होता हैं। इसलिए यह उन लोगों के लिए उपयुक्त आहार है, जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी है।
साबूदाना के फायदे
- ऊर्जा स्तर बढ़ाने में सहायककभी-कभी व्यायाम करने या अधिक काम करने से शरीर थक जाता है। जिसकी वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। इस दौरान पौष्टिक आहार लेना बेहद जरुरी होता हैं। जो शरीर को ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करता है। इसलिए सेहतमंद ब्रेकफास्ट में साबूदाना शामिल करना अच्छा विकल्प माना गया हैं। इसमें मिलने वाली एनर्जी शरीर को पूरे दिन एक्टिव रखने में मदद करती है। क्योंकि साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा पाई जाती है जो ऊर्जा का एक अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा साबूदाना में विटामिन बी, ज़िंक, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पौष्टिक आहार पाए जाते हैं जो शरीर में एनर्जी देने में सहायक होते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मददगारसाबूदाना शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद करता है। साबूदाना का यह प्रभाव एमाइलोज की उपस्थिति के कारण होता है।
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में कारगरसाबूदाना में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो चयापचय के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं। जिससे शरीर का वजन कम होता है। इसके अतिरिक्त साबूदाना गैस और सूजन से छुटकारा दिलाने में मदद भी करता है।
- कब्ज दूर करने में लाभप्रदपाचन तंत्र से जुड़ीं कई समस्याओं में साबूदाने का सेवन लाभप्रद होता है। दरअसल साबूदाना में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पाचन तंत्र के कार्यप्रणाली को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा साबूदाना अपने लघु गुणों के कारण कब्ज को ठीक करता है। यह मल को ढीला करके आसानी से पास करने में मदद करता है। इसलिए बेहतर स्वाथ्य के लिए साबूदाने के नियमित सेवन की सलाह दी जाती है।
- उच्च रक्तचाप के लिएसाबूदाने का सेवन उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसमें मौजूद फाइबर, पोटैशियम और फास्फोरस रक्तचाप को कम करने का काम करता है। इसके अतिरिक्त यह उच्च रक्तचाप का कारण बनने वाली भावनाओं को नियंत्रित करके राहत प्रदान करता है।
साबूदाना के दुष्प्रभाव
वैसे तो साबूदाना खाने के लिए सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। लेकिन कच्चे या अधपके साबूदाने का सेवन गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। कच्चे साबूदाने के सेवन से निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं
- दस्त।
- उल्टी होना।
- हेपेटोटॉक्सिसिटी- यकृत की क्षति।
इसमें सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड होता है जो साबूदाने के कच्चे रूप में पाया जाने वाला एक रसायन है। यह रासायनिक यौगिक मनुष्यों में साइनाइड विषाक्तता पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है।
यह कहां पाया जाता है?
साबूदाना दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है। आमतौर पर यह एक उष्णकटिबंधीय कसावा के पौधे से निकाले जाने वाला खाद्य स्टार्च है। इसलिए यह सदियों से उष्ण कटिबंध में रहने वाले लोगों का मुख्य भोजन रहा है।