Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

गले की खराश के लक्षण, कारण और उपचार

गले की खराश के लक्षण, कारण और उपचार

2022-05-24 17:04:05

आधुनिक जीवन शैली एवं प्रदूषित वातावरण के चलते संक्रमण का होना आम बात है। जिसके कारण लोगों को सर्दी, जुकाम और फ्लू (इन्फ़्लूएंज़ा) जैसी बीमारियां आसानी से घेर लेती है। यह अक्सर गले में खराश होने, गले की जलन, खुजली आदि का कारण बनते हैं। गले में खराश की परेशानी किसी भी इंसान को हो सकती है। यह एक संक्रमण है। जिसे बदलते मौसम का संकेत मानकर नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। इस परेशानी से खाने, पीने और निगलने में असुविधा होती है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से गले में खराश के इलाज के विभिन्न कारणों, लक्षणों, निदान और उपचार पर बात करते हैं।

 
गले की खराश के लक्षण

ज्यादातर मामलों में गले की खराश में सामान्यतः सर्दी एवं जुकाम जैसे लक्षण होते हैं। सर्दी के अन्य लक्षणों में नाक का बहना, आंख की लालिमा एवं खुजली आदि होना शामिल हैं। गले में इस प्रकार की खराश कुछ वायरस के कारण भी होती है। जो लगभग एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। गले में खराश होने के मुख्य दो कारण हैं। पहला जीवाणु (Bacteria) द्वारा और दूसरा विषाणु (virus) द्वारा। आइए चर्चा करते हैं इन्हीं कारणों से होने वाले लक्षणों के बारे में;

 
वायरस के कारण होने वाले गले की खराश के लक्षण-
  • गले में हल्का या बिल्कुल दर्द न होना।
  • निगलने में हल्की तकलीफ होना।
  • कभी-कभी गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • हल्का बुखार का आना।
  • वायरस के कारण 4-5 दिनों तक गले में खराश होना।
  • सर्दी के सामान्य लक्षण जैसे नाक का बहना, आंख की लाली और साइनस के कारण नाक का बंद होना आदि।
 
बैक्टीरिया के कारण होने वाले गले की खराश के लक्षण-

सामान्यतः बैक्टीरिया के कारण होने वाली गले की खराश वायरस की अपेक्षा अधिक गंभीर होती है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए इसका उपचार चिकित्सक की देख-रेख में एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाना चाहिए। गले की खराश जैसी समस्याएं लगभग एक-तिहाई बच्चों में बैक्टीरिया की वजह से ही होता है। आइए नजर डालते हैं इन लक्षणों के बारे में ;

 
  • गले में अत्यधिक या असहनीय दर्द का महसूस होना।
  • निगलने में अत्यधिक तकलीफ होना।
  • गले की सूजी हुई लसीका ग्रंथि का दिखाई देना।
  • तेज बुखार का आना।
  • गले के अंदरूनी हिस्से में मवाद या टॉन्सिल पर सफ़ेद निशान का दिखाई देना।
  • दो सप्ताह से भी अधिक समय तक आवाज में भारीपन रहना।
  • सामान्य रूप से इस प्रकार की खराश को ठीक होने में अधिक समय का लगना।
क्या होते हैं गले की खराश के कारण?

गले में खराश निम्न कारणों से हो सकती है। जिसका हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

  • गले का संक्रमण।
  • गले की एलर्जी।
  • गले में नमी का कम होना।
  • धूम्रपान करना।
  • टॉन्सिल की दिक्कत का होना।
  • चिल्लाने या आवाज़ दबाने से।
  • रासायनिक धुएं या वायु प्रदूषण में सांस लेने से।
गले की खराश के बचाव एवं घरेलू उपचार-
  • अच्छे से आराम करें।
  • प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। गले के दर्द और पतले बलगम से राहत पाने के लिए चाय और सूप जैसे गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें। 1 कप गर्म पानी में ½ चम्मच नमक मिलाकर गरारे करें।
  • गले में खराश होने पर लोज़ेंज या हार्ड कैंडी चूसें।
  • धूम्रपान न करें और सेकंड-हैंड (दूसरे द्वारा पी जाने वाली सिगरेट इत्यादि के) धुएं से बचें।
  • गले में खराश होने पर शहद युक्त मिश्रित चाय शुष्क गले के लिए अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह गले की परेशानी को कम करने में मदद करती है। इसलिए गले में खराश और खांसी होने पर यह चाय (शहद युक्त मिश्रित चाय) कारगर साबित होती है।
  • सेब का सिरका गले में खराश और खांसी के लिए अच्छी दवाओं में से एक है। क्योंकि इसमें एसिटिक एसिड होता है जिसमें एंटीमाइक्रोबियल होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से लड़ता है।
  • गले की खराश के लिए काली मिर्च से बनी चाय का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। जो एक प्राकृतिक दर्द निवारक होता है। जो गले की खराश और दर्द से राहत दिलाता है।
  • जायफल और बरगामोट के तेल में कैफीन होता है। जिसका ठंडा, सुखदायक और ताजा प्रभाव होता है। जो गले की खराश से राहत देता है। इसलिए गले में खराश होने पर जायफल या बरगामोट तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। जो गले की सूजन और दर्द को दूर करता है। इसलिए किसी भी रूप में अदरक का इस्तेमाल करना गले की खराश के लिए फायदेमंद होता है।
  • एक कप पानी में नीम की 4-5 पत्तियों को उबालकर पीना, गले के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बदलते मौसम में शरीर को होने वाली दिक्कतों से बचाने का काम करते हैं। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाती है। इसके लिए वेदोबी तुलसी ड्रॉप्स का भी उपयोग किया जा सकता है। जो खांसी और गले की खराश को ठीक करने का एक हर्बल फार्मूला है।
  • इसी प्रकार नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से तैयार किया गया वेदोबी क्यूरा एक हर्बल उपाय है। जो सर्दी, खांसी और गले की खराश को दूर करता है। इसके अलावा यह प्रभावी रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है।
 
इन परिस्थितियों में डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें-
  • सांस लेने में तकलीफ होने पर।
  • निगलने में गंभीर समस्याएं होने पर।
  • 100.5 डिग्री F या 38 डिग्री C से ऊपर बुखार होना पर।
  • सोने में कठिनाई होने पर।
  • शरीर पर चकत्ते होने पर।
  • लक्षण शरीर में दर्द, खांसी और फ्लू जैसे दिखाई देने पर।
  • गले में दर्द या सूजी हुई लसीका ग्रंथियां दिखाई देने पर।
  • पेट में दर्द, मतली, उल्टी आदि होने पर।

You Should Check This Out

Tulsi Drops (pack of 2)

4.9
|
360 Reviews
₹998 ₹499 50% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: