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त्रिफला: एक महाऔषधि

त्रिफला: एक महाऔषधि

2022-08-16 00:00:00

प्राचीनकाल से ही कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में अपने औषधीय गुणों के कारण किया जाता रहा है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में त्रिफला भी शामिल है। त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया मिश्रण है। यह आयुर्वेदिक मिश्रण तमाम बीमारियों के रोकथाम एवं इलाज के लिए प्रभावी होता है। आइए, इस लेख के माध्यम से एक नजर डालते है कि त्रिफला किन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलकर बना है और इससे क्या स्वास्थ्यवर्धक लाभ प्राप्त होते हैं। इसमें शामिल जड़ी-बूटियां निम्न हैं:

  • आंवला (एम्बिलिका ओफ्फिसिनलिस)-आंवला को आमलकी के नाम से जाना जाता है। इसमें शीतलन प्रभाव होता है, जो पित्त को नियंत्रित करता है। साथ ही यह यकृत और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यप्रणाली में सुधार करता है।
  • बिभीतकी (टर्मिनलिया बेलेरिका)यह कफ दोष को शांत करने के लिए बहुत अच्छा घटक है। आयुर्वेद के अनुसार बिभीतकी में ग्लूकोसाइड, गैलिक एसिड, टैनिन, इथाइल गैलेट जैसे जैविक यौगिक मौजूद होते हैं। इसी कारण बिभीतकी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होती है।
  • हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला)-हरीतकी प्रकृति से गर्म होती है, जो त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) के लिए अच्छी मानी जाती है। यह अपने "पाचक" गुणों के लिए जाना जाती है। इसके अलावा हरीतकी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालती है और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।

त्रिफला का महत्व-

आयुर्वेद में, त्रिफला अपने रसायन गुणों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका अर्थ है कि यह मिश्रण शरीर के स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को बनाए रखने के साथ-साथ बीमारियों को रोकने में अत्यंत प्रभावी है।

त्रिफला में कार्बोहाइड्रेट, खनिज, सोडियम, विटामिन, फाइबर, गैलिक एसिड, चेबुलाजिक एसिड और चेबुलिनिक एसिड जैसे यौगिक पाए जाते हैं। यह सभी यौगिक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

त्रिफला के फायदे-

  • हृदय समस्याओं को कम करने में सहायक-त्रिफला में ओलिक और लिनोलिक यौगिक की उच्च मात्रा होती है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करती है। लिनोलिक तेल एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है। जबकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है।
  • पाचन तंत्र के लिए लाभदायक-त्रिफला एक रेचक के रूप में काम करता है। यह पाचन प्रक्रिया को बढ़ाकर भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है। यह चयापचय में सुधार करता है और पाचन क्षमता को बढ़ाकर अमा को कम करता है। इसलिए पाचन या आंतों की समस्या वाले लोगों के लिए प्रतिदिन सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करना फायदेमंद होता है।
  • कब्ज में असरदार-त्रिफला कब्ज जैसी समस्याओं में असरदायक होती है। क्योंकि यह अपने रेचक गुणों के कारण आंतों में संचित अपशिष्ट पदार्थों को हटाता है। इस प्रकार यह मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए कब्ज से छुटकारा पाने के लिए रोजाना रात को 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिएं।
  • प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में कारगर-त्रिफला चूर्ण में विटामिन सी और पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है। त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव गतिविधि के रूप में काम करता है। जिसके कारण यह रोगाणुओं से लड़ने और शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने में मदद करता है।
  • सूजन को कम करने में मददगार-कभी-कभी शरीर में खराब प्रतिरक्षा क्षमता या पोषण की कमी के कारण किसी व्यक्ति की आंतरिक और बाहरी अंगों में सूजन आ जाती है। ऐसे में त्रिफला का नियमित सेवन प्रभावी होता है। दरअसल त्रिफला में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
  • वजन कम करने में सहायक-त्रिफला बेली फैट को बर्न करके वजन कम में मदद करता है। दरअसल त्रिफला में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
  • कैंसर से बचाव के लिए-त्रिफला चूर्ण में कैंसर रोधी गुण मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त त्रिफला में कीमोप्रोटेक्टिव, रेडियोधर्मी और एंटीनोप्लास्टिक प्रभाव होते हैं। यह सभी प्रभाव कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
  • त्वचा के लिए लाभदायक-त्रिफला चूर्ण त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए लोकप्रिय घटक हैं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट और फाइटो केमिकल त्वचा को फिर से जीवंत, मॉइस्चराइज़ और मुलायम बनाता है। इसके अलावा त्रिफला पिगमेंटेशन और मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है।
  • बालों को पोषण देने में सहायक-त्रिफला बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। दरअसल शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण बाल झड़ते या गिरते हैं। चूंकि त्रिफला में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होती है, इसलिए इससे बालों का गिरना कम होता है। इसके अतिरिक्त मैग्नीशियम मोटे और स्वस्थ बालों को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके अलावा त्रिफला में मौजूद बहेड़ा अपने रुखे (सूखे) और कषाय (कसैले) गुणों के कारण रूसी को भी नियंत्रित करता है।

तत्रिफला के नुकसान-

त्रिफला का सीमित मात्रा में सेवन सुरक्षित है लेकिन इसका अधिक सेवन हानिकारक प्रभाव डालता है जो निम्नलिखित हैं:

  • त्रिफला चूर्ण को अधिक मात्रा में सेवन करना सुस्ती और निर्जलीकरण का कारण बनता है।
  • बच्चों को इस पाउडर की एक चुटकी से अधिक न दें क्योंकि इससे दस्त और पेट की अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए।

यह कहां पाया जाता है?

त्रिफला दक्षिणी एशिया और भारत की निचली पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में पाया जाता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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