ब्रोकली के प्रकार, फायदे और उपयोग
2022-05-24 16:39:36
ब्रोकली गोभी की प्रजाति की सब्जी होती है। जो कई गुणों से भरपूर होती है। इसलिए ब्रोकली को सुपरफूड भी कहते हैं। जो स्वास्थ्य लाभों के चलते काफी लोकप्रिय है। शरीर को डिटॉक्सीफाई करने, सौंदर्य को बढ़ाने और तमाम बीमारियों को ठीक करने के लिए ब्रोकली को फायदेमंद माना जाता है। ज्यादातर लोग इसका सेवन सब्जी, सलाद और जूस के रूप में करना पसंद करते हैं। ब्रोकली को आयरन, तांबा और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत समझा जाता है। वहीं इसमें फोलिक एसिड मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, आयोडीन, नाइट्रेट, फास्फोरस, विटामिन सी, विटामिन बी1, बी2 और सोडियम जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं। जो शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाने, स्टेमिना बढ़ाने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, मसल्स को मजबूत करने और कई अन्य रोगों को दूर करने में मदद करते हैं। यह सभी तत्व ब्रोकली को एक सेहतमंद सब्जी बनाते हैं।
ब्रोकली के प्रकार-
उत्पादन और कलर के आधार पर ब्रोकली का विभाजन किया गया है, जो निम्नलिखित हैं -
केलाब्रेसी ब्रोकली (Calabrese broccoli)-
ब्रोकली की इस प्रजाति का नाम इटली के कालाब्रिया के नाम पर पड़ा है। क्योंकि यहां पर ठंडियों के मौसम में ज्यादातर इस प्रजाति का उत्पादन होता हैं। इसका ऊपरी भाग गहरा हरे रंग का होता है। इसके अलावा केलाब्रेसी ब्रोकली ठंड के दिनों में या ठंडी जगह पर उगाया जाता है।
ब्रोकली रेब (Broccoli rabe)-
इसे ब्रोकली रॉब के नाम से भी जाना जाता है। यह पालक की तरह पत्तेदार होती है।
ब्रोकोफ्लॉवर (Broccoflower)-
यह ब्रोकली ज्यादातर फूलगोभी की तरह दिखती है। यह स्वाद में भी फूलगोभी जैसी होती है।
अंकुरित ब्रोकली (Sprouting broccoli)-
अंकुरित ब्रोकली का ऊपरी भाग फैला हुआ होता है और इसमें कई डंठल भी होते हैं।
गई-लन ब्रोकली (Gai-lan)-
गई-लन ब्रोकली को चायनीज ब्रोकली के नाम से भी जानी जाती है। क्योंकि इसका अधिकांश उत्पादन चीन के क्षेत्रों में होता हैं। यह लंबी और पत्तेदार होती है। इसके अलावा गई-लन ब्रोकली में सामान्य ब्रोकली की तुलना में ज्यादा पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
पर्पल कॉलीफ्लॉवर ब्रोकली (Purple cauliflower)-
यह ब्रोकली का एक प्रकार है जो बैंगनी रंग की होती है। इस किस्म की ब्रोकली का उपयोग अधिकांश अमेरिका और यूरोप देशों में किया जाता है।
ब्रोकली के फायदे;
वजन को कम करने के लिए-
ब्रोकली में विटामिन सी एवं फाइबर होता है। जो बॉडी के अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करता है। दरअसल ब्रोकली में मौजूद विटामिन सी वसा के जमाव को रोककर चयापचय में सुधार करता है। इसलिए वजन कम करने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में ब्रोकली को शामिल करना चाहिए।
पाचन के लिए-
ब्रोकली पाचन और गैस जैसी पेट की समस्या के लिए लाभकारी होती है। ब्रोकली का सेवन डाइजेस्टिव जूस को उत्तेजित कर पाचन क्रिया में सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करता है। जिससे शरीर के पाचन तंत्र कार्यों में सुधार होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए-
ब्रोकली इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) को बढ़ावा देती है। ब्रोकली में सल्फोराफेन और विटामिन सी मौजूद होते हैं। जो प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त ब्रोकली में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण कई तरह के बैक्टीरिया को दूर कर, शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
आंखों के लिए-
शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होना सामान्य बात है लेकिन कम उम्र में ही ऐसा होने लगे तो इसका मतलब है, शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना। खासकर, विटामिन-ए, सी और ई की। जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है। ऐसे में ब्रोकली का सेवन आंखों को स्वस्थ रखने का काम करता है, क्योंकि इसमें विटामिन-ए पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। इसके अतिरिक्त ब्रोकली में ल्यूटिन और जियाजैंथिन जैसे गुण भी होते हैं। जो आंखों के लिए सबसे उत्तम पोषक तत्व माने जाते हैं। यह उम्र के साथ होने वाले कमजोर दृष्टि की समस्या को भी कम करने में मदद करता है।
दिमाग के लिए-
ब्रोकली दिमाग को तेज रखने और याददाश्त मजबूत करने में भी मदद करती है। ब्रोकली में मौजूद बायोएक्टिव घटक दिमाग को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा ब्रोकली में विभिन्न तरह के विटामिन होते हैं, जिससे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम होता है। इसी वजह से ब्रोकली का सेवन याददाश्त को मजबूत करने में सहायता करती है।
ब्लड शुगर के लिए-
ब्रोकली का इस्तेमाल डायबिटीज के लिए अच्छा होता है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा ब्रोकली में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो ब्लड ग्लूकोज और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। इसी वजह से ब्रोकली मधुमेह की समस्या में आराम देने का काम करता है।
कोलेस्ट्रॉल के लिए-
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का कारण बनता है। लेकिन इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए ब्रोकली काफी मददगार सबित होता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की रिपोर्ट के अनुसार आहार में मौजूद फाइबर टोटल कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करते हैं। इस रूप में ब्रोकली एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का काम करती है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में-
ब्रोकली में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स जैसे तत्व शरीर को डिटॉक्स करके कई रोगों को पैदा होने से रोकते हैं। साथ ही यह रक्त शुद्ध करने में मदद करते हैं। इसलिए ब्रोकली का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
संभोग और शुक्राणु के लिए-
ब्रोकली में कामोत्तेजक (aphrodisiac) गुण पाए जाते हैं। जो संभोग की इच्छा को बढ़ा सकते हैं। ब्रोकली के पोषक तत्वों में विटामिन-सी और लाइकोपीन जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं। यह पुरुषों के वीर्य की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। इससे पुरुषों का यौन जीवन पहले से बेहतर हो सकता है। इसके अलावा ब्रोकली में मौजूद विटामिन-ई और बीटा-कैरोटीन का मिश्रण शुक्राणुओं को नष्ट होने से बचाने का काम करते हैं।
शरीर के पीएच स्तर के लिए-
सही मात्रा में प्रोटीन एवं विटामिन न लेने से शरीर में पीएच स्तर असंतुलित हो जाता है। लेकिन पीएच स्तर का सामान्य रहना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में ब्रोकली का सेवन करना एक अच्छा उपाय है। क्योंकि इस सब्जी में एल्कलाइन होता है, जो एसिडिक पदार्थ को शरीर से बाहर निकालता है और पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
एनीमिया के लिए-
एनीमिया के समय शरीर में आयरन की कमी होने लगती है। जिसके कारण शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता। ऐसे समय में रोगी को आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। चूंकि ब्रोकली को आयरन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसलिए ब्रोकली का सेवन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाकर शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।
कैंसर के लिए-
ब्रोकली से संबंधित एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इसमें सल्फोराफेन यौगिक पाया जाता है। जो शरीर में फेफड़े और स्किन कैंसर को विकसित होने से रोकने का काम करता है। ब्रोकली के सेवन से शरीर में ब्लड कैंसर की आशंका भी कम होती है।
गर्भावस्था में फायदेमंद-
गर्भावस्था में ब्रोकली का सेवन करना लाभकारी होता है। क्योंकि यह फोलेट का अच्छा स्रोत है। जिसे गर्भावस्था के समय जरूरी विटामिन माना जाता है। दरअसल फोलेट भ्रूण के विकास, उसकी रीढ़ व मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। वहीं शिशु में जन्म के दौरान होने वाली विकृतियों की संभावना को भी कम करता है। इसलिए गर्भावस्था में ब्रोकली का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है।
हड्डियों और दांतों के लिए-
ब्रोकली को खाने से हड्डियां और दांत मजबूत रहते हैं। दरअसल ब्रोकली विटामिन-के, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती है। यह तत्व हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने का काम करते हैं। इसलिए जिन लोगों की हड्डियां और दांत कमजोर हैं उन्हें अपने आहार में ब्रोकली का सेवन करना चाहिए।
एलर्जी के लिए-
एलर्जी होने के कई वजह होती हैं लेकिन उनमें से एक है प्रोटीन की कमी भी है। चूंकि ब्रोकली में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इसलिए इसके सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है और कोशिकाओं में एंटीऑक्सीडेंट बनने लगता है। जिससे यह किसी भी तरह की एलर्जी के इलाज में काम करता है।
त्वचा को जवां रखने के लिए-
ब्रोकली समय से पहले नजर आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को कम करती है। दरअसल ब्रोकली में विटामिन-सी और सल्फोराफेन उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इस प्रभाव के चलते ब्रोकली फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों के प्रभाव को कम कर, त्वचा को लंबे समय तक जवां रखने में मदद करती है। इसके अलावा ब्रोकली कोलेजन की मात्रा को नियंत्रित कर, झुर्रियों को दूर करने में भी सहायता करती है। इसलिए ब्रोकली का इस्तेमाल बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने के लिए किया जा सकता है।
बालों के विकास के लिए-
बालों के झड़ने और गंजेपन की समस्या का मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की कमी का होना होता है। ऐसे में पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन जरूरी है और इनकी पूर्ति हरी सब्जियां के सेवन से हो सकती है। हरी सब्जियों में भी ब्रोकली को जरूर अपने आहार में शामिल करें। क्योंकि ब्रोकली में विटामिन-बी और विटामिन-सी पाए जाते हैं। जो एलोपेसिया (बाल झड़ने) की परेशानी को कम कर, बालों के विकास में मदद करते हैं।
ब्रोकली का उपयोग-
- ब्रोकली को सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे चिकन और अंडे के साथ भी बनाया जा सकता है।
- ब्रोकली का सूप बनाकर या उबालकर भी खाया जा सकता है।
- फिटनेस के शौकीन इसे सलाद के रूप में उपयोग करते हैं।
- ब्रोकली को अंकुरित करके भी इसका सेवन किया जाता है।
- ब्रोकली को पास्ता और नूडल्स में मिक्स करके उपयोग किया जाता है।
ब्रोकली के सेवन हेतु सावधानियां-
- चूंकि ब्रोकली में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। इसलिए इसके अधिक सेवन से मतली, उल्टी और पेट फूलने जैसी परेशानी पैदा हो सकती है।
- कुछ लोगों को ब्रोकली खाने पर एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसलिए जिन लोगों को ब्रोकली के सेवन के हल्की भी दिक्कत हो, उन्हें दोबारा ब्रोकली का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान ब्रोकली का सेवन कम मात्रा में या चिकित्सक परामर्शानुसार करें।