इलायची के प्रकार और हरी इलायची के फायदे
2022-05-24 16:26:39
बिरयानी हो, खीर हो, मिठाई हो या खाने पीने की कोई अन्य डिश! सभी में खुशबू और टेस्ट बढ़ाने के लिए इलायची का उपयोग किया जाता है। इलायची का ज्यादातर प्रयोग मसाले और माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। वहीं, चाय की सुगंध को बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इलायची के गुण केवल व्यंजनों की खुशबू बढ़ाने या मुंह की बदबू दूर करने तक ही सीमित नहीं है। इसके अलावा भी इलायची सर्दी-खांसी, उल्टी, पाचन और मूत्र से जुड़ी समस्याओं आदि के उपचार में बहुत कारगर है।
इलायची के प्रकार
इलायची दो प्रकार की होती है। पहली छोटी इलायची और दूसरी बड़ी इलायची। छोटी इलायची का उपयोग मुंह की बदबू दूर करने, मिठाई, चाय, खीर और अन्य व्यंजनों हेतु किया जाता है। जबकि बड़ी इलायची का इस्तेमाल मसालों के रूप में होता है। छोटी और बड़ी दोनों इलायची में रंग, स्वाद और आकार का अंतर होता है। जहां छोटी इलायची हरे रंग की होती है। वहीं बड़ी इलायची का रंग काला होता है। इनके रंगों के आधार पर कुछ जगहों पर लोग इन्हें काली इलायची और हरी इलायची के नाम से भी जानते हैं।
हरी इलायची के पोषक तत्व
हरी इलायची में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर, पोटैशियम, और फास्फोरस आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनके अलावा भी इलायची में बहुत से ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
छोटी इलायची के फायदे
पाचन के लिए
गलत खराब-खानपान अनुचित जीवनशैली के कारण आज हर व्यक्ति अपच, एसिडिटी, गैस और कब्ज़ की परेशानी को झेलते हैं। ऐसे में हरी इलायची का उपयोग कब्ज़ और एसिडिटी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। क्योंकि छोटी इलायची में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव और स्टोमैकिक (भूख को बढ़ावा और पाचन में सुधार) गुण मौजूद होते हैं। जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और पेट की जलन को कम करने का काम करते हैं। जिससे एसिडिटी, अपच, कब्ज और अन्य पेट संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है।
भूख बढ़ाने के लिए
छोटी इलायची से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है। जिससे शरीर का मेटाबोलिज्म ठीक ढंग से काम करता है। परिणामस्वरूप भूख बढ़ती है। इसलिए जिन लोगों को भूख कम लगती है, उन्हें छोटी इलायची का सेवन जरूर करना चाहिए।
मौखिक स्वास्थ्य के लिए
डेंटल रिसर्च जर्नल के मुताबिक हरी इलायची के बीज तेल में एंटीसेप्टिक (बैक्टीरिया नष्ट करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। जो मुंह में दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है। इस आधार पर हरी इलायची मौखिक इन्फेक्शन को दूर कर, मुंह की बदबू को दूर करने भी मदद करती है।
डायबिटीज के लिए
बीएमसी कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन एंड थेरेपीज द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार हरी इलायची में एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। जो शरीर में इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर, बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। इसलिए हरी इलायची को टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए अच्छा माना जाता है।
एंग्जायटी के लिए
एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार छोटी इलायची चिंता और तनाव को कम करने में सहायता करती है। इसलिए एंग्जायटी से राहत पाने के लिए छोटी इलायची को अच्छा माना जाता है।
याददाश्त के लिए
एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार छोटी इलायची में मौजूद औषधीय गुण कुछ नया सीखने और याददाश्त बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। इसलिए चाय या अन्य खाद्य सामग्री में इसका उपयोग किया जाता है।
बॉडी डिटॉक्स के लिए
हरी इलायची शरीर में मौजूद विषैले और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक छोटी और बड़ी दोनों इलायची में पानी के सहारे शरीर की अशुद्धी को बाहर निकालने की क्षमता होती है। इसलिए हरी और बड़ी दोनों इलायची को शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त रखने करने के लिए अच्छा माना जाता है।
छोटी इलायची का उपयोग
- छोटी इलायची का इस्तेमाल पुलाव, बिरयानी, खीर जैसे व्यंजनों में किया जाता है।
- हरी इलायची का इस्तेमाल मिठाइयों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- हरी इलायची का प्रयोग चाय में डालकर भी किया जाता है।
- छोटी इलायची पाउडर का इस्तेमाल गुनगुने पानी और शहद के साथ भी किया जाता है।
हरी इलायची के नुकसान
- हरी इलायची हाई ब्लड शुगर को कम करने में मदद करती है। इसलिए लो शुगर वाले लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- चूंकि छोटी इलायची पाचन तंत्र में सुधार करने का काम करती है। इसलिए इसका अधिक सेवन करने से दस्त की शिकायत हो सकती है।