मटर के अनसुने और अनदेखे फायदे एवं उपयोग
2022-11-29 00:00:00
सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में कई तरह की सब्जियां देखने को मिलती हैं। मटर भी ठंड के समय मिलने वाली लोकप्रिय सब्जियों में से एक हैं। इसका उपयोग कई प्रकार के स्वादिष्ट एवं लजीज व्यंजन बनाने में किया जाता है। चाहे मटर पनीर हो या वेज बिरयानी, पुलाव या पराठा। इन सभी पकवान का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी सी मटर ही काफी है । लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि मटर का इस्तेमाल सिर्फ खाने तक सीमित है। क्योंकि मटर कई तरह की शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है। इसमें कई ऐसे औषधीय गुण मौजूद है जो शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आयुर्वेद में भी इसके पौष्टिक गुण हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं।
मटर क्या है?
मटर दाल की श्रेणी में आता है और विश्व भर में इसका सेवन किया जाता है। इसलिए जायकेदार एवं स्वादिष्ट व्यंजनों में मटर का अहम स्थान है। इसके पत्ते बड़े आकार के होते हैं। मटर की फली आकार में लगभग 2-4 इंच लंबी होती है जिसमें कई सारे बीज लगे होते हैं। इसके अंदर के दानों का उपयोग खाने के रूप में किया जाता है।
मटर के पौष्टिक तत्व-
मटर में तमाम एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं। साथ ही हरी मटर में प्रोटीन, सोडियम, विटामिन सी, आयरन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और कैल्शियम होता है। इसके अलावा मटर में पाए जाने वाले कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट जैसे कैटेचिन और एपिकेचिन, फेनोलिक एसिड और सैपोनिन जैसे फ्लेवनॉल्स पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं। इन्हीं गुणों के कारण हरी मटर को सुपर फ़ूड कहा जाता है।
मटर के फायदे
वजन कम करने के लिए-
फाइबर युक्त आहार को भोजन का अपचनीय हिस्सा माना जाता है। क्योंकि इसे पचने में अधिक समय लगता है। दरअसल मटर में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसलिए इसके उपयोग से पेट लंबे समय तक भरा-भरा सा लगता है और व्यक्ति को भूख का अहसास भी नहीं होता है। यहीं कारण है कि मटर वजन घटाने में मदद करता है। इसके अलावा, उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ वसा के जमाव को रोककर चयापचय में सुधार करता है।
मधु शर्करा को नियंत्रित रखने में सहायक-
मटर में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह की समस्या में फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को रोकने वाला) गुण संयुक्त रूप से बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए मटर बहुत ही लाभकारी भोजन माना जाता है।
प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में कारगर-
मटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त हरा मटर आयरन, जिंक, कॉपर और मैंगनीज से समृद्ध हैं। यह सभी तत्व शरीर को तमाम रोगों से बचाने में सहायता करते हैं।
आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद
मटर विटामिन ए से भरपूर हैं, जो बेहतर दृष्टि के लिए एक प्रमुख तत्व माना जाता है। यह विटामिन आंख की सतह को हानिकारक मुक्त कणों से बचाने और म्यूकोसल स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
रक्तचाप को करे नियंत्रित-
रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में हरा मटर को शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है। क्योंकि यह फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह सभी तत्व रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत को चौड़ा करने में मदद करते हैं। साथ ही इसे संकुचित होने से बचाते हैं। जिससे रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है।
हड्डियों की मजबूती के लिए
हड्डियों के निर्माण के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। साथ ही विटामिन K हड्डियों संरचना को बनाए रखने का काम करता है। यह सभी विटामिन मटर में प्रचुर मात्रा में होती है। इसमें मौजूद विटामिन K शरीर की हड्डियों के संरचनात्मक घनत्व को बढ़ाने के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। यह हड्डियों में कैल्शियम की मरम्मत में मदद करता है। जिससे शरीर से कैल्शियम का निष्कासन कम हो जाता है।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद-
हरा मटर फाइबर से समृद्ध है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। यह डाइजेस्टिव जूस को उत्तेजित कर पाचन क्रिया में सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे शरीर के पाचन तंत्र के कार्य में सुधार होता है।
बालों के विकास के लिए-
हरा मटर का सेवन बालों के विकास के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन और जिंक पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी तत्व बालों को मजबूत बनाने और उनके विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
ब्रोंकाइटिस के इलाज में सहायक-
मटर एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं जो ब्रोंकाइटिस के इलाज में उपयोगी होते हैं।
मटर के हानिकारक प्रभाव
मटर के अधिक सेवन से शरीर पर कुछ हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। जिसमें शामिल निम्नलिखित हैं:
- मटर विटामिन K का अच्छा स्त्रोत है। चूंकि विटामिन K स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। लेकिन शरीर में विटामिन K के उच्च स्तर से रक्त का पतलापन और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है। जिससे धीमी गति से घाव भरने और अत्यधिक रक्त स्राव का कारण बन सकता है।
- मटर में उच्च फाइबर होता है जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अधिक फाइबर युक्त भोजन करने से वजन बढ़ जाता है।
- कच्चे हरे मटर में लेक्टिन नामक पदार्थ होता है, जो गैस और सूजन का कारण बनता है।
यह कहां पाया जाता है?
हरा मटर नम और ठंडी जलवायु में सबसे अच्छी तरह से फलती-फूलती है। भारत में यह महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और बिहार में पाया जाता है।