क्या होता है दांत का फोड़ा?जानें इसके कारण,लक्षण और घरेलू उपचार
2022-05-24 13:51:02
दांत का फोड़ा पस (Tooth Abscess) का समूह होता है। जो जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। यह विभिन्न कारणों से दांत के विभिन्न क्षेत्रों में फोड़ा हो सकता है। जाड की टिप पर पेरिअपिकल फोड़ा होता है, जबकि दांत की जड़ के बगल के मसूड़ों मे पेरिओडोन्टल फोड़ा होता है। पेरिअपिकल दांत का फोड़ा आमतौर पर एक अनुपचारित दांत की कैविटी, चोट या पहले कभी दांत में होने वाले बदलाव के कारण होता है। दंत चिकित्सक दांत के फोड़े को हटाने के लिए उस जगह को साफ करते हैं और संक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिए उसका इलाज करते हैं। डॉक्टर रुट कैनाल के इलाज द्वारा भी दांत ठीक कर सकते हैं।लेकिन कुछ स्थितियों में दांत को बाहर निकालने की आवश्यकता भी पड़ जाती है। दांत के फोड़े का इलाज न कराना कई बार गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है।
दांत में फोड़े के लक्षण-
दांत में जब फोड़ा होता है, तो दांत और मसूड़ों का दर्द धीरे-धीरे जबड़ा, कान और गर्दन तक पहुंच जाता है। जिससे दांत या मसूड़े में फोड़ा निकल जाता है। अत:उसमें तेज दर्द होता है।
- कुछ भी खाने पर संक्रमित जगह पर दर्द होना।
- संवेदनशील दांत।
- मुंह में गंदे स्वाद वाले तरल पदार्थ का स्त्राव।
- सांसों में बदबू।
- मसूड़ों में लालिमा और दर्द।
- अस्वस्थ महसूस करना।
- मुंह खोलने में तकलीफ होना।
- प्रभावित क्षेत्र में सूजन।
- चेहरे पर सूजन।
- दांतों में अनपेक्षित दर्द होना।
- अनिद्रा की समस्या।
- कुछ निगलने में परेशानी होना।
- बुखार।
दांत में फोड़ा के कारण-
- मसूड़ों की बीमारी।
- मुंह की सफाई ठीक से न करना।
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना।
- टूटा हुआ दांत।
- मसूड़ों में सूजन और जलन।
- दांतों में संक्रमण बैक्टीरिया।
- कार्बोहाइड्रेट युक्त तथा चिपचिपे पदार्थ को अधिक मात्रा में खाना।
दांत के फोड़े का इलाज-
दांत के फोड़े के लक्षण दिखते ही डेंटिस्ट को दिखाएं।उसी से पता चलेगा कि फोड़े और संक्रमण की स्थिति कैसी है और किस विधि से दंत के फोड़े को ठीक किया जाएगा। डॉक्टर दांत के फोड़े का इलाज निम्नलिखित प्रक्रियाओं द्वारा करते हैं।
- रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root canal treatment) से दांत या मसूड़े के अंदर की खाली जगह को भरते हैं।
- अगर खाली जगह नहीं भरी जा सकती तो डॉक्टर उस दांत या मसूड़े को निकाल कर इलाज करते हैं।
- इनिशिएशन और ड्रेनज (Initiation and drainage) विधि अपनाई जाती है। इससे मसूड़े में एक छोटा सा कट लगाते हैं और पस को बाहर निकालते हैं। लेकिन यह एक अस्थायी समाधान है।
दांत में फोड़े का घरेलू उपचार-
लहसुन
लहसुन बैक्टीरिया को मारने के लिए एक प्राकृतिक हथियार है। कच्चे लहसुन का रस संक्रमण को मारने में मदद करता है। यदि दांत में बहुत अधिक दर्द हो रहा हो तो कच्चे लहसुन की एक कली लें। इसे पीसें और निचोड़करइसका रस निकालें। इस रस को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। यह घरेलू उपचार दांत के दर्द में जादू की तरह काम करता है।
लौंग का तेल
लौंग का तेल भी संक्रमण रोकने में सहायक होता है।यहदांतों के दर्द में तथा मसूड़ों की बीमारी में अच्छा उपचार है। उपयोग हेतु थोड़ा सा लौंग का तेल लेकर धीरे धीरे ब्रश करें। प्रभावित क्षेत्र में इसे लगाते वक्त अतिरिक्त सावधानी रखें। बहुत अधिक दबाव न डालें तथा अपने मसूड़ों पर धीरे धीरे मालिश करें अन्यथा अधिक दर्द होगा। मसूड़ों पर लौंग के तेल की कुछ मात्रा लगाएं तथा धीरे धीरे मालिश करें।
आईल पुलिंग
यह घरेलू उपचार बहुत ही सहायक होता है। इसमें आपको सिर्फ नारियल के तेल की आवश्यकता होती है। इस्तेमाल हेतु एक टेबलस्पून नारियल का तेल लें और इसे मुंह में चलाएं। इसे निगले नहीं, इसे लगभग 30 मिनिट तक अपने मुंह में रखें रहें। फिर इसे थूक दें और मुंह धो लें। ऐसा करने पर निश्चित रूप से आराम मिलता है।
पेपरमिंट आईल
दांत के दर्द में पेपरमिंट आईल जादू की तरह काम करता है। उपयोग हेतु पहलेअपनी उंगलियों के पोरों पर कुछ तेल लें और फिरइसे धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र पर मलें। इससे दांत के दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।
नमक
तुरंत आराम पाने के लिए थोड़ा सा नमक गुनगुने पानी में मिलाएं और इस पानी से गरारे करें। ऐसा करने पर पहले थोड़ा दर्द महसूस होगा परंतु उसके बाद कुछ आराम मिलेगा। इसे कई बार दोहराएं। इससे दर्द लगभग 90% तक कम हो जाएगा।
टी बैग
टी बैग एक अन्य घरेलू उपचार है। हर्बल टी बैग को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे पस के कारण होने वाले दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।
ओरेगानो आईल
ओरेगानो आईल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी वायरल गुण होते हैं। यह घरेलू उपचार में बहुत प्रभावकारी होता है विशेष रूप से दांतों और मसूड़ों की बीमारियों में।
ऐप्पल सीडर विनेगर (एसीवी)
दांतों में पस होने पर ऐप्पल सीडर विनेगर एक अन्य प्रभावशाली उपचार है। इसके लिए एक टेबलस्पून एसीवी लें। इसे कुछ समय के लिए अपने मुंह में रखें और फिर इसे थूक दें। इसे निगलें नहीं। इससे प्रभावित क्षेत्र रोगाणुओं से मुक्त और दर्द कम हो जाएगा।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
दांत और मसूड़ों का दर्द धीरे-धीरे जबड़ा, कान और गर्दन तक पहुंचने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।